Top 39+ Best Hindi Poem For Class 4 | लोकप्रिय हिंदी कविता कक्षा 4

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Here I am sharing the Top 39+ Best Hindi Poem For Class 4 in which very valuable thought is presented by the poet. In this article, we shall discuss Hindi Poems for Class 4 with morals for kids. Hindi has an extensive assemblage of poems. Poems play a very crucial role in any language.

आज के लेख में 4th Class के लिए सबसे अच्छी कविता साझा कर रहा हूँ जो साधारण भाषा में अद्भुत और दिलचस्प है। यह कविता पढ़ने में बहुत ही आकर्षक है। इन कविताओं की सबसे अच्छी बात यह है कि बच्चे इसे आसानी से समझ सकते हैं और साथ ही साथ आसानी से इस कविता को याद भी कर सकते हैं। कविताएँ हमें खुद बेहतर समझने और दूसरों की भावनाओं के बारे में जानने का एक कला हैं।

बच्चों को आमतौर पर नैतिकता और मूल्यों पर आधारित कविता पढ़ना पसंद करते हैं। हम यहां पर कुछ गिने चुने बेस्ट कविता 4th Class के लिए साझा कर रहे हैं। शायद यह कविता बच्चों को पसंद आएं।

यहां पर हिंदी में सुंदर कविताओं का एक विशाल संग्रह प्रस्तुत किया गया है। 4th Class के लिए कविताएं बच्चों को प्राकृतिक सुंदरता और परिवेश की कला सिखाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। कविता के अंदर आमतौर पर अपने अपने विचार होते हैं। जों कविता यहां पर प्रस्तुत किया गया है, वह प्राकृतिक सुंदरता और हमारे आस-पास के वातावरण की सराहना करने में मदद करती है।

Hindi Poem For Class 4

 

माता-पिता

Poem For Class 4

 

हर सुबह उठो तो सबसे पहले,

मां-बाप के पैर को छुआ करो।

जिस मां-बाप ने तुझको जन्म दिया,

उनके लिए हर सुबह दुआ करो।।

 

जब मां-बाप आशीर्वाद दे देते हैं,

बच्चों का जन्म संवरता हैं।

मां-बाप की सेवा करने से,

हम सब का कर्म निखरता हैं।।

 

मां-बाप की दृष्टि है जो कि,

हम सब इस सृष्टि में जीवित है।

वरना हम सब इस पृथ्वी पर,

छड़ मात्र के लिए ही निहित हैं।।

 

मां-बाप को कमजोर मत समझो,

वो हम सब के लिए रक्षक है।

हम सब को दुख हो जाता है,

वो उस दुख के भी नष्टक है।।

-मोहित शर्मा

 

भारत देश हमारा है

Hindi Poem For Class 4

 

सारे जग में सबसे प्यारा,

भारत देश हमारा है।

झीलें, पर्वत और कहीं पर,

पावन गंगा धारा है।

 

कभी दीवाली ईद मुबारक,

होली का त्योहार यहाँ।

भिन्न-भिन्न ऋतुओं का संगम,

बोलो मिलता और कहाँ।

 

अलग-अलग भाषाएँ, बोली, 

रुप रंग न्यारे-न्यारे। 

फिर भी भारत के नर-नारी, 

रहते हैं मिलकर सारे।

 

कश्मीर सा स्वर्ग यहाँ पर, 

सुन्दर नदियाँ नाले हैं। 

जन्म लिया है इस धरती पर, 

हम सब किस्मत वाले हैं।

-महेन्द्र जैन

 

गुरु महिमा

Hindi Poem For Class 4

 

गुरु की महिमा निशि-दिन गाएँ,

हर दम उनको शीश नवाएँ।

जीवन में उजियारा भर लें,

अंधकार को मार भगाएँ।

 

सत्य मार्ग पर चलना बच्चो,

गुरुदेव हमको सिखलाएँ।

पर्यावरण बिगड़ न पाए,

धरती पर हम वृक्ष लगाएँ।

 

पानी अमृत है धरती का,

बूंद-बूंद हम रोज बचाएँ।

सिर्फ जिएँ न अपनी खातिर,

काम दूसरों के भी आएँ।

 

माता, पिता, गुरु, राष्ट्र की सेवा,

यह संकल्प सदा दोहराएँ।

बातें मानें गुरुदेव की,

अपना जीवन सफल बनाएँ।

-घनश्याम मैथिल

 

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तितली रानी तितली रानी

Hindi Poem For Class 4

 

तितली रानी तितली रानी,

पास मेरे तुम आओ ना।

कितने सुन्दर पंख तुम्हारे,

मुझको भी दिखलाओ ना।

 

तितली बोली दूर से देखो,

पास नहीं मैं आऊंगी।

पास अगर तुम आओगे तो,

दूर बहुत उड़ जाऊंगी।

 

पीछे-पीछे दौड़ो मेरे,

उड़ना तुम्हें सिखाऊंगी।

परीलोक में घर है मेरा,

साथ तुम्हें ले जाऊंगी।

-डॉ. जगदीश पंत

 

तिरंगा प्यारा

Hindi Poem For Class 4

 

सारी दुनिया से है न्यारा, 

अपना ये तिरंगा प्यारा,

कितनी ऊँची शान है।

हम सबका अभिमान है।

 

हाथों में जब ये झूले,

इसे देख सीना फूले,

देश में धर्म अनेक हैं।

छाया में इसकी एक हैं।

 

देश का ये सम्मान है,

हम सब की मुस्कान है,

भारत माँ की जान है।

तिरंगे का जय गान है।

 

आन में इसकी डटेंगे हम,

पीछे कभी न हटेंगे हम,

तिरंगा हमें जान से प्यारा।

तन-मन हमने इस पर वारा।

-शिवचरण सिरोहा

 

जीवन और हम

Hindi Poem For Class 4

 

जीवन में असफलताओं को

करो स्वीकार,

मत होना निराश

इससे होगा।

 

वास्तविकता का अहसास,

समय कितना भी विपरीत हो

मत डरना,

साहस और भाग्य पर।

 

रखना विश्वास,

अपने पौरुष को कर जाग्रत

धैर्य एवं साहस से,

करना प्रतीक्षा सफलता की।

 

पौरुष दर्पण है,

भाग्य है उसका प्रतिबिंब

दोनों का समन्वय बनेगा,

सफलता का आधार।

-राजेश माहेश्वरी

 

 

चंदा के घर दावत

Hindi Poem For Class 4th

 

चंदा के घर जाऊँगी मैं,

दावत खाकर आऊँगी मैं।

जब भी चंदा नभ में आता,

मुझको संदेशा भिजवाता।

 

आओ तुम मेरे घर आओ,

चंद्रलोक में खाना खाओ।

तारों के संग दौड़ लगाओ,

बादल के संग हाथ मिलाओ।

 

चंद्रकिरण संग झूला झूलो,

अंबर की फुनगी को छू लो।

कितनी बार निमंत्रण आया,

मुझको अपने पास बुलाया।

 

अब कैसे रुक पाऊँगी मैं,

चंदा के घर जाऊँगी मैं।

-डॉ. अलका अग्रवाल

 

पेड़ लगाओं

Poem On Nature For Class 4 Students

 

पेड़ लगाओ पेड़ लगाओ।

पेड़ हमें हरियाली देंगे।

जीवन को खुशहाली देंगे।।

 

खुशबू वाले पेड़ लगाओ।

वातावरण शुद्ध कर देंगे।

नई ताजगी से भर देंगे।।

 

पेड़ों को निज मित्र बनाओ।

आम, अशोक, नीम की छाया।

कर देती है शीतल काया।।

 

बचो धूप से छाया पाओ।

जीते जी ऑक्सीजन देंगे।

सूख गए तो ईंधन देंगे।

ताजी हवा दवा सी पाओ।।

-पंडित गिरिमोहन

 

गौरैया

Hindi Poem For Class 4th

 

नन्ही सी गौरैया है,

प्यारी सी गौरैया है।

घर-आँगन में फुदक रही,

भोली सी गौरैया है।

 

चिचियाती होते ही भोर,

चीं-ची, चीं-ची करती शोर।

कभी बैठ जाती मुड़ेर पर,

जाती कभी वाटिका ओर।

 

बिस्किट पाकर, खाती कुर्र।

झट से उड़ जाती है फुर्र।

छोटी मुन्नी नटखट है,

उसे देख कर देती हुर्र।

 

मैं देता दाना-पानी।

खुश होती चिड़िया रानी।

छज्जे में घोंसला बना,

अंडों पर है निगरानी।

-गौरीशंकर वैश्य विनम्र 

 

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Class 4 Poem In Hindi

 

छोड़ो नानी मुझे भुलाना।

झूठी बातों में भरमाना।।

थाली में मत कभी दिखाना।

चांद नहीं है मेरा मामा।।

 

चन्दा मेरा मामा होता।

तब तो आना-जाना होता।।

नहीं भूलता गुड़िया लाना।

चांद नहीं है मेरा मामा।।

 

हाथ पकड़कर मुझे घुमाता।

कभी नहीं वह मुझे रुलाता।।

दिया नहीं कुरता-पाजामा।

चांद नहीं है मेरा मामा।।

 

मम्मी का भैया जो होता।

नहीं गगन में ऐसे सोता।।

कभी न करता ऐसा ड्रामा।

चांद नहीं है मेरा मामा।।

 

कभी दिन में नजर न आता।

सोता जब मैं, सिर सहलाता।।

नहीं गया उसका चिड़काना।

चांद नहीं है मेरा मामा।।

-डॉ. ब्रजनन्दन वर्मा

 

सूरज का गुस्सा

Hindi Poems For Class 4 On Nature

 

सूरज दादा का धरती पर,

देखो गुस्सा फूट रहा।

लगे आग बरसाने नभ से,

सब्र सभी का टूट रहा।

 

सूख गये सब बाग-बगीचे,

बस पेड़ों के ठूंठ खड़े।

पंछी प्यासे डोल रहें हैं,

खुश्क हुए तालाब बड़े।

 

पवन वेग की गर्मी ने तो,

जुल्म बड़ा ही ढाया है।

चमक रही है धूप जोर की,

नहीं कहीं पर छाया है।

 

कैद हुए हैं सभी घरों में,

सुंदर सदन लगते जेल।

दोपहर हुई सुनसान बड़ी,

बंद हैं आपस में मेल।

 

देख-देख कर चढ़ता पारा,

खूब पसीना छूट रहा।

सूरज दादा का धरती पर,

देखो गुस्सा फूट रहा।

-गोविन्द भारद्वाज

 

वर्षा

Hindi Poems For Class 4 On Nature

 

रिमझिम रिमझिम वर्षा आए,

गिरती बूंदे मन को भाए।

गर्मी से व्याकुल पृथ्वी को,

वर्षा सदा राहत दिलाए।।

 

चम-चम चम-चम चपला चमके,

उमड़ घुमड़ कर बादल गरजे।

जीव जंतु सब नाचे गाए,

पेड़ों के तन-मन है हरसे।।

 

निकले छाते अरु बरसाती,

जब जब भी वर्षा ऋतु आती।

बच्चों का यह मन बहलाए,

हर घर में खुशहाली लाती।।

 

सूखी धरती को सरसाए,

वर्षा अमृत जल बरसाए।

बहाकर नदियों का सब कूड़ा,

जल स्रोतों को स्वच्छ बनाए।।

-उदय मेघवाल

 

मेरे मन का फूल

Hindi Kavita For Class 4

 

रंग-बिरंगी नई किताबें,

मुझको बहुत लुभाती हैं।

कब तक खेलूँ खेल घरेलू,

नई किताबें दिला दो।

 

पेज़ देखने को वे अपने,

मुझको पास बुलाती हैं।

होशियार-से इक दर्जी से,

बढ़िया-सी इक ड्रेस सिला दो।

 

विद्यालय जाती सहेलियाँ,

मुझको बहुत सुहाती हैं।

हर बगिया में फूल खिले ज्यों,

मेरे मन का फूल खिला दो।

 

विद्यालय की मधुर घंटियाँ,

मुझको रोज़ बुलाती हैं।

-मेराज रज़ा

 

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नाचो, कूदो-गाओ

Class 4 Hindi Poem

 

झोलक-झोलक, झम्मा-झम्मा,

उइ अम्मा, उइ अम्मा।

तोता-मैना नाच रहे हैं,

छत पर छम्मा-छम्मा।

 

नाच देखकर कोयल दीदी,

दौड़ी-दौड़ी आई।

हाथ पकड़ कर कौए का भी,

खींच-खींच कर लाई।

 

फिर दोनों ही लगे नाचने,

धुम्मा-धुम्मा-धुम्मा।

शोर हुआ छत पर तो सारे,

पंछी दौड़े आए।

 

ढोल-मंजीरा तबला-टिमकी,

बांध गले में लाए।

खूब बजा संगीत नाच पर,

ढमर-ढमर, ढम ढम्मा।

 

कुत्ते-बिल्ली गाय-बैल भी,

बीच सड़क पर नाचे।

खुशियों वाले पर्चे लेकर,

सब घर-घर में बांटे।

 

पर्चे पढ़कर नाचे दादा,

दादी बापू अम्मा।

पर्चों में यह लिखा हुआ था,

खुशियां रोज मनाओ।

 

छोड़ो दुःख का रोना-धोना,

नाचो कूदो गाओ।

धूम मची तो लगे नाचने,

सोनू मोनू पम्मा।

-प्रभुदयाल श्रीवास्तव

 

बढ़ते कदम

Easy Hindi Poem For Class 4

 

ये बढ़ते कदम चलते न रुकते कदम,

पाएंगे अपनी मंजिल।

विश्वास नहीं कम, श्रम नहीं कम,

कर्मों में हमारे दम।

 

देश हमारा उद्योग हमारा,

इस धरा के मालिक हम।

नफरत के बीज, हिंसा की ज्वाला,

नहीं सहेंगे हम।

 

भूल से हमने सीखा बहुत है,

द्विगुणित उत्साहित हम।

प्रेम भाव एक सूत्र,

कैसे टूटेंगे हम।

 

गद्दारों को बेनकाब करें हम,

देश-भक्त संतान हैं हम।

अग्र पंक्ति में सदा रहें हम,

खुशहाली रहे हरदम।

-श्याम मठपाल

 

आओ बच्चों कुछ बात बताएं

Class 4 Poem In Hindi

 

आओ बच्चों कुछ बात बताएं,

जो है एकदम सच जी।

माता-पिता की वंदन कर लें,

जो हैं हमारे रब जी।

 

बोल-वचन को मीठा रखें,

है रहना सबको संग जी।

आपस में सब मिलकर रहें,

छोड़ो कौन कहां, क्या, कब जी?

 

देखें सपना, साकार करें,

हो ऐसा हमारा हठ जी।

पाने को मंजिल, श्रम करें,

जो बने हमारा लत जी।

 

मिट्टी में रहकर, मिट्टी से खेलें,

छोड़ो अगड़म-बगड़म ‘पब्जी’।

गैरों के भी जख्म भरें,

ऐसा हो हमरा मत जी।

 

जिज्ञासा के संग बढ़ें,

होगा शांत हमारा चित्त जी।

अपने पढ़े, औरों को पढ़ाएं,

जले ज्ञान की ज्योति जग जी।

-रंजय कुमार

 

बन्दर की होली

Hindi Poem For Class 4

 

रंग-भरी पिचकारी लेकर,

पिंकू बन्दर आया।

ऊपर-नीचे उछल कूद कर,

उसने उधम मचाया।

 

उसका शोर शराबा सुनकर,

कई जानवर आए।

बड़े जानवर लगे ताकने,

छोटे सब घबराए।

 

मौका पाकर पिंकू ने झट,

सब पर डाला रंग।

उसकी ऐसी देख हरकत,

सभी जानवर दंग।।

-दीनदयाल शर्मा

 

तितली रानी

Hindi Poem For Class 4

 

तितली रानी आओ पास,

क्यों बैठी हो आज उदास।

देखो कितने प्यारे फूल,

भँवरे उन पर रहे हैं झूल।

 

चिड़िया रानी फुदक रही,

रुक-रुक के वो चहक रही।

बच्चे बजा रहे हैं ताली,

कूक रही कोयल मतवाली।

 

बोल रहे सब बोल निराले,

मुँह पर क्यों तुम्हारे ताले।

सूरज और बादलों की टोली,

खेल रहे वे आँख मिचौली।

 

हर तरफ नई उमंग है छाई,

खुशियों ने ली है अंगड़ाई।

तितली रानी तुम भी आओ,

ये अवसर ना व्यर्थ गँवाओ।

-श्रवण कुमार सेठ

 

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कौन सिखाता है चिडियों को

Hindi Kavita For Class 4

 

कौन सिखाता है चिड़ियों को,

ची-ची, चीं-चीं करना?

कौन सिखाता फुदक-फुदक कर,

उनको चलना फिरना?

 

कौन सिखाता फुर से उड़ना,

दाने चुग-चुग खाना?

कौन सिखाता तिनके ला-ला,

कर घोंसले बनाना?

 

कौन सिखाता है बच्चों का,

लालन-पालन उनको?

माँ का प्यार, दुलार, चौकसी,

कौन सिखाता उनको?

 

कुदरत का यह खेल,

वही हम सबको, सब कुछ देती।

किन्तु नहीं बदले में हमसे,

वह कुछ भी है लेती।

 

हम सब उसके अंश,

कि जैसे तरु-पशु-पक्षी सारे।

हम सब उसके वंशज,

जैसे सूरज-चांद-सितारे।

 

बैंगन भैया

Hindi Recitation Poems For Class 4 With Lyrics

 

कुछ तो बोलो बैगन भैया,

तुम पढ़ते हो कक्षा कौन?

क्यों गुमसुम चुपचाप खड़े हो,

साध रखा है बिल्कुल मौन।

 

ए. बी. सी. डी. सीखी होगी,

सीखा होगा अ, ब,स।

तोड़ो अब तो चुप्पी भाई,

कर लो थोड़ा हा-हा- हा।

 

मैं तो सीख रहा था भैया,

क, ख, ग और ए.बी. सी.।

लेकिन मुझ को तोड़ लाई है,

डाली से गुल्ली दीदी।

 

अब बनाएगी मुझे भूनकर,

भुर्ता खट्टा और नमकीन।

और साथ में मजे-मजे से,

खा लेगी वह रोटी तीन।

 

पर मैं तो इसमें भी खुश हूं,

काम किसी के आता हूं।

नहीं भले ही पढ़ लिख पाया,

लेकिन भूख मिटाता हूं।

 

बिना टिकिट के रेल में

4th Class Poem

 

तीन छछूंदर चढ़े रेल में,

बिना टिकिट पकड़ाए।

टी टी ने जुर्माना ठोका,

रुपए साठ मंगाए।

 

तभी छछूंदर बोले दादा,

यह क्या तुम करते हो।

सांप डरा करते हैं मुझसे,

तुम क्यों न डरते हो।

 

टी टी बोला रे छछूंदरो,

सांप नहीं हम भाई।

हमें रेलवे ने भेजा है,

हम हैं टी टी आई।

 

मिल जाता है बिना टिकिट के,

अगर मुसाफिर रेल में।

जुर्माना संग टिकिट कटाता,

या जाता है जेल में।

 

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इस जाड़े को

Hindi Poem Recitation Competition For Class 4

इस जाड़े को दूर भगाओ,

सूरज भैया जल्दी आओ।

जाड़े में देखो तो कोयल,

भूल गई गाना।

 

चिड़ियों के बच्चों ने मुँह में,

न डाला दाना।

सूरज भैया आओ,

थोड़ी गर्मी ले आओ।

 

और हमारे साथ बैठकर,

पिज्जा, बर्गर खाओ।

साथ रहोगे तो जाड़े की,

दाल रहेगी कच्ची।

 

दादी का तो हाल बुरा है,

गर्मी आ जाए तो चाहे।

आसमान में जाना,

हो जाएगी अच्छी।

 

जाड़े के मौसम में लेकिन,

वापस आ जाना।

-संजीव ठाकुर

 

मुझे यकीन है कि यह लेख Top 39+ Best Hindi Poem For Class 4 आपको जरूर पसंद आया होगा। कविता के प्रति स्नेह विकसित करने में बच्चों को जरूर मददगार साबित हुआ होगा। साथ ही साथ बच्चों की मानसिकता बदलने में मदद हुआ हो। कहा जाता है कि कविता बच्चों को सरल शब्दों में विचारों और भावनाओं को सीखने का बुनियादी तरीका है जो एक नई नई लय में बुने जाते हैं और बाद में गहरे अर्थ प्रकट करते हैं। यहां तक इन सभी कविताओं को पढ़ने तक में आप सभी को धन्यवाद करता हूं।

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