Top 17+ Best Poem On Bhagat Singh In Hindi | भगत सिंह पर कविता

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Poem On Bhagat Singh In Hindi :- Shahid Bhagat Singh Poem in Hindi शहीद भगत सिंह पर कविता हिंदी में, Heart Touching Poem For Bhagat Singh in Hindi

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अनगिनत वीर योद्धाओं ने अपनी बलिदानी शहादत से देश की आज़ादी की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इनमें से एक महान योद्धा थे ‘भगत सिंह’ जिनका संघर्ष, समर्पण और वीरता किसी से कम नहीं था।

भगत सिंह ने अपने नेतृत्व में ही ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आसोसिएशन’ नामक संगठन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष करना था। उन्होंने आज़ादी के लिए सत्याग्रह, आंदोलन और उपवास जैसे माध्यमों से जन जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया।

भगत सिंह एक सच्चे देशभक्त, स्वतंत्रता सेनानी, और एक महान वीर योद्धा थे। उनका संघर्ष और त्याग आज भी हमें आज़ाद भारत की महानता को समझने में मदद करते हैं। उनके आदर्शों को अपनाकर हम सभी को देशहित में सहयोग करना चाहिए, ताकि हम एक महान भारत की नींव रख सकें।

सरदार भगत सिंह का नाम आते ही खून में गर्मी सी आ जाती है। उनका जोश, पराक्रम और मातृभूमि के प्रति प्यार जो हमेशा हम लाखों नौजवानों को देश और अपनी मातृभूमि के प्रति कर्तव्य पालन पूरी निष्ठा करने की सीख देता है।

क्रांतिकारी, देशभक्त सरदार भगत सिंह के शौर्य और पराक्रम का कोई जोड़ ना था। उनके कर्मों और बलिदान के ऊपर हम यहां पर भगत सिंह पर सुंदर कविता आपके साथ साझा कर रहे हैं।

निडर थे भगत सिंह

Poem On Shahid Bhagat Singh In Hindi

हँसते हँसते शूली पर चढ़ने वाले,

नज़र नहीं आते अब वैसे मतवाले।

स्वतंत्रता संग्राम के सच्चे सेनानी,

भगत सिंह थे फौलादी सीने वाले।

फिरंगियों से ऐसा जम कर युद्ध हुआ,

राजगुरु सुखदेव का सच्चा संग हुआ।

संसद में बम फेंक डरे न भागे वो,

देख वीरता उनकी दुश्मन दंग हुआ।

खुला किया विद्रोह ब्रिटिश साम्राज्य हिला,

आजादी की घुट्टी सबको दिया पिला।

युवकों के आदर्श निडर थे भगत सिंह,

सांडर्स को मारा गोरों को सबक मिला।

देश है अब आजाद स्वतंत्रता दिवस मनाएं,

वीर शहीदों को पर न कभी भुलाएं।

कायम रखना आजादी को हर कीमत पर,

प्रण कर लें जीवन भर ऐसा हम कर पायें।

-हरजीत निषाद

Poem On Bhagat Singh In Hindi

शहीद भगत सिंह

Poem On Shahid Bhagat Singh In Hindi

सुनो जम्बू के वीर लाल,

गाथा वर्णन एक भरत बाल।

रग-रग में जिसके इंकलाब,

जीवन जैसे क्रांति मशाल।

जननी जिसकी विद्यावती,

पिता सरदार किशन सिंह।

जन्मे 1907 में,

नाम पाया भगत सिंह।

बारह बरस में देख रक्तपात,

अपने ही परिवार का।

ठाना भगत ने लूँगा प्रतिशोध,

जलियाँवाला बाग का।

त्याग कर लड़कपन की अठखेलियाँ,

पोथी शुर-वीरों की पढ़ने लगा।

काटकर परतंत्रता की बेड़ियाँ,

आज़ादी का स्वप्न गढ़ने लगा।

पगड़ी बाँध, भर जोश हृदय में,

नौजवान काफिला उसने बनाया।

निराश हो चौरा-चौरी कांड से,

सशस्त्र क्रांति का मार्ग अपनाया।

क्षुब्ध हो लाला जी की हत्या से,

की प्रतिशोध की जंग शुरु।

संगठित किया क्रांति वीरों को,

प्रमुख जिनमें चंद्रशेखर और राजगुरु।

फेका बम असेम्बली में उस स्थान,

जहाँ न खड़ा था कोई इंसान।

जो स्वार्थ में बिक जाये वो देशभक्त नहीं,

जो डरकर भाग जाये ऐसा भगत सिंह नहीं।

कहकर बटुकेश्वर संग अपने पैर जमा दिए,

और इंकलाब जिंदाबाद, इंकलाब जिंदाबाद,

उद्धोष संग सारे पर्चे उड़ा दिए।

फिर आयी शाम तेईस की,

मार्च का था महीना।

सीने में भरकर जोश जोशीला,

चले जवान पहन बसंती चोला।

मौत का न था डर उनको,

भारतभूमि शीश चढ़ाने बढ़े चले।

फाँसी के फंदे को गले लगाने,

वतन के शहीदे आजम बढ़े चले।

-समीक्षा गायकवाड़

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अमर शहीद भगतसिंह

Poem On Shahid Bhagat Singh In Hindi

भारत के हो तुम भगत वीर सपूत,

आज़ादी के कर्मनिष्ठ क्रांतिकारी।

समूल उखाड़े अंग्रेज रूपी लताएं,

चीखे फिरंगी गूंज उठी किलकारी।

लेकर बंदूक और बम गोले हाथों में,

जब चलते थे गलियों में बन शेर सदृश्य।

डर के मारे तितर-बितर होते थे गोरे,

चापलूस भेड़िये हो जाते थे अदृश्य।

थर-थर कांप-कांप कर भागे अंग्रेज,

उनकी रोम-रोम जय हिंद पुकार उठती।

फिर कभी ना लौट कर आएंगे हिंद में,

गोरी मेम रोकर अपने पति से कहती।

जब तक जिंदा है भगत, राज, सुखदेव,

तब तक जन पर दमन कर ना सकेगा।

मुर्दा जन मन अब जीवित हो चुका है,

बांधकर बोरिया बिस्तर इंग्लैंड भागेगा।

गांधी अहिंसा से अब काम न चलेगा,

भगत सिंह की हिंसा तुम अपना लो।

चुन-चुन कर मारो धारदार हथियार से,

दुल्हन रूपी मृत्यु को गले लगा लो।

-अशोक कुमार यादव

भगत सिंह

Bhagat Singh Par Kavita In Hindi

भगत सिंह का जन्म था

एक दिल्ली के गाँव में,

शौर्य और साहस के प्रतीक,

थे वे देश के यशस्वी सपूत।

बचपन से ही उनका सपना था,

देश को आज़ादी दिलाने का,

बागी बने उन्होंने,

ब्रिटिश शासन के खिलाफ जंग छिड़ाने का।

लाल बल पाल और राजगुरु के साथ,

वे बने आज़ादी के सपूत,

सिपाही भगत सिंह के नाम से मशहूर,

थे वे देश के महान हीरो।

काँग्रेस की नीति से असंतुष्ट,

उन्होंने किया रेवोल्यूशनरी आंदोलन,

साजिशों में उन्होंने किया सामर्थ्य प्रदर्शन।

साँची में उन्होंने बच्चों के लिए स्कूल स्थापित किए,

विद्या का संचार कर देश को किया मुक्त।

लाहौर कांटों में उनकी शहादत हुई,

सिपाही भगत सिंह की वीरता

सभी को गर्वित कराती हुई।

उनका सपना पूरा हुआ था जब देश आज़ाद हुआ,

उनकी बलिदानी शहादत ने

देश को दिलाई आज़ादी की मित्रता।

भगत सिंह की जयंती पर, हम याद करते हैं उन्हें,

उनकी वीरता और समर्पण को, हम सदा सलाम करते हैं।

भगत सिंह की बलिदानी

Poem On Bhagat Singh In Hindi

भगत सिंह की बलिदानी यादें,

हमारे दिलों में बसी हैं आज भी।

वीरता की उनकी कहानी,

हमें प्रेरित करती है जीवन की राहों में।

लाहौर की तख्ती पर वो खड़े,

निर्भीक और निरंतर आगे बढ़ते।

आजादी के लिए उनकी आवाज़,

शूरवीरों ने सदा याद रखी सज़ाएं।

जवानी में ही उन्होंने अपना कर्तव्य समझा,

देश की स्वतंत्रता के लिए उन्होंने बलिदान दिया।

बंदूक की गोलियों का सामना करते,

वीर भगत सिंह ने नहीं झुका।

काँग्रेस के धीरे-धीरे आने वाले मार्ग को नकारते,

सोचा नहीं कभी उन्होंने मानने का कोई भी रास्ता।

आंदोलन की गर्मी में भगत सिंह ने,

अपने देशभक्ति का परिचय दिया।

लाहौर की कैद में भी वो न रुके,

अपने लक्ष्य को पाने का था जज्बा।

गर्म लोहे की तरह थे उनके मनोबल,

जो थमने का नहीं देते थे कोई मौका।

शहीदी की राह में चलते चलते,

वीर भगत सिंह ने दिया था देश को एक नया दृष्टिकोण।

आज भी उनकी कड़ी यादें हमारे दिलों में हैं,

उनके बलिदान ने दिलाई थी आज़ादी की मित्रता की शान।

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देश के लिए त्याग दिया

Poem On Bhagat Singh In Hindi

भगत सिंह, वीर योद्धा, शूरवीर का नाम,

देश के लिए त्याग दिया था उन्होंने अपना जीवन काम।

लाहौर के कांड में, जब वे हुए फांसी पर,

बचपन से लिखी थी उनकी वीरता की कहानी बेहद प्यार।

क्रांतिकारी सोच और जागरूकता के प्रतीक,

उनकी बलिदानी शहादत से है देश की नीकी।

साजिशों में उन्होंने भाग लिया साहसी होकर,

ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ

उन्होंने आवाज़ बुलंद की सारे देश में खुदाई को जागा।

आजादी के लिए वो लड़े, दिल में था निरंतर जोश,

अपने देश के लिए उन्होंने दिखाई

अद्वितीय वीरता की बर्बादी का रास्ता।

शहीद होने की आख़िरी सूचना सुन कर भी,

थमे नहीं उनके मन में देशभक्ति का अबला-प्राण।

उनका नाम हमें आज भी गर्व दिलाता है,

उनकी वीरता और समर्पण से

हम अपने देश को सजाता है।

भगत सिंह, वीर योद्धा, हम तुम्हें नमन करते हैं,

आज भी तुम्हारी शौर्यगाथा

हमारे दिलों में बसी है और

बजती है तुम्हारी महान यादें।

भगत सिंह की कहानी

Poem On Bhagat Singh In Hindi

भगत सिंह की कहानी, एक योद्धा की जुबानी,

जिनका जन्म हुआ था, एक गांव के आस-पास।

बचपन से ही वे, थे देशभक्ति में प्यारे,

सपनों में बसी थी, आजादी की ख्वाहिश सारी।

क्रांतिकारी सोच, उनकी महान,

थे वे युवा वीर, जो करते थे दिल से आपातकाल का सामना।

लाहौर में जब, चली गई थी फांसी की खबर,

तब भी नहीं थमा था, उनके मन में राष्ट्रीय उत्साह विचार।

शौर्य और साहस का प्रतीक, थे वे शौर्य के महान,

सिपाही भगत सिंह, जिनका नाम अमर भी है बयां।

वीरता की उनकी कहानी, हर युवा को प्रेरित करे,

आज भी जिनके त्याग ने, किया देश को गर्वित करे।

आजादी की लड़ाई में, थे वे अमर योद्धा,

जिन्होंने दिखाई हिम्मत, और दी देश को एक नया मार्ग।

भगत सिंह का यह संदेश, हमें हमेशा याद रहे,

देश की आजादी के लिए, हम सबको होना तैयार रहे।

वीर योद्धा का नाम

Poem On Bhagat Singh In Hindi

भगत सिंह, वीर योद्धा का नाम,

दिलों में बसा है उनका सम्मान।

लाहौर की गलियों में उनकी शहादत हुई,

उनके बलिदान ने दिलाई,

देश को आज़ादी की मित्रता।

क्रांतिकारी सोच और आगे की दिशा,

उनकी महानता ने बदली थी जीवन की दिशा।

सिपाही भगत सिंह की वीरता की कहानी,

बच्चों के सपनों में बसी है यह कहानी।

काँग्रेस के मार्ग से असंतुष्ट होकर,

उन्होंने चुना था आज़ादी का रास्ता।

शौर्य और साहस की उन्होंने दिखाई मिसाल,

जवानी में ही उन्होंने किया था देश का समर्पण।

लाहौर के कांड में उनकी शहादत हुई,

देशभक्ति की उन्होंने परम प्राण में बसा ली।

उनके बलिदान ने जगाई थी राष्ट्रीय उत्साह,

आज भी उनकी महानता को,

हम सब समर्पित हैं।

भगत सिंह, वीर योद्धा की जयंती पर,

उनके त्याग, बलिदान और समर्पण को हम सलाम करते हैं।

वीर भगत सिंह

Poem On Bhagat Singh In Hindi

वीर भगत सिंह, आज भी जीवंत हैं,

उनकी कहानी हर दिल में बसी हैं।

लाहौर के कांड में उनकी वीरता चमकी,

ब्रिटिश राज को किया वे चुनौती देने वाले।

देशभक्ति की थी उनकी परम आगाही,

सपनों में भी था उनका देश के लिए उत्साही।

क्रांतिकारी सोच, आवाज़ बुलंद,

वीर भगत सिंह ने बदला था देश का चित्र।

सिपाही भगत सिंह, उनका यह नाम,

आज भी बच्चों के दिलों में है गहराई समान।

उनकी शहादत से देश में उठी आवाज़,

उनके बलिदान ने बढ़ाई आज़ादी की राह।

भगत सिंह, वीर योद्धा, हम तुम्हें याद करते हैं,

उनकी महानता को सदा सलाम करते हैं।

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