Poem On Elephant In Hindi :- हम आज के इस पोस्ट में हाथी विषय पर सुंदर और बेहतरीन कविता आपके साथ साझा किया जा रहा हैं और यह कविताएं पसंद आएं तो दोस्तों के साथ साझा अवश्य करें धन्यवाद!!! हमारी सभी कविताएं पढ़ने के लिए क्लिक करें।
मोटा हाथी
Poem On Elephant
एक मोटा हाथी झूम के चला,
मकड़ी के जाल में जा के फंसा।
जाल को देखा, देख के डरा,
दूसरे हाथी को इशारे से बुलाया।
दो मोटे हाथी झूम के चले,
मकड़ी के जाल में जा के फंसे।
जाल को देखा, देख के डरे,
तीसरे हाथी को इशारे से बुलाया।
हाथी आया गाँव में
Poem On Elephant
हाथी आया गाँव में,
खड़ा है पीपल के छांव में।
शरीर है उसका बहुत बड़ा,
टहनी खा रहा है खड़ा-खड़ा।
कान है उसका चौडा़-चौड़ा,
पूछ है उसकी बहुत छोटी।
पेट है उसका भारी भरकम,
आंखें है छोटी-छोटी।
गन्ना खूब खाता है,
जोर-जोर से चिंघाड़ता है।
साथ उसके है दो महावत,
घर-घर लेकर जाते है।
लोग चढ़ावा चढ़ाते है,
हाथी को गणेशा मानते हैं।
-सुरेखा नवरत्न
हाथी
Poem On Elephant
हाथी आया झूम के,
सड़क रास्ता घूम के।
बीच सड़क पर चलता है,
नहीं पुलिस से डरता है।
उसे पत्ते पसंद है,
पसंद गन्ने कंद है।
आओ हम सलाम करें,
सूंड से प्रणाम करें।
हाथी चला बाजार,
ऊपर बैठा सवार।
-गफूर ‘स्नेही’
हाथी राजा
Poem On Elephant In Hindi
हाथी राजा निकल पड़े।
सूंड हिलाते किधर चले।।
मेरे खेत में आओ तुम।
गन्ने, पत्ते खाओ तुम।।
मस्त चाल तुम चलते हो।
भारी भरकम लगते हो।।
पाँव तुम्हारे खम्बे हैं।
कान तुम्हारे पंखें हैं।।
खाना ज्यादा खाते हो।
तोंद बढाते जाते हो।।
पहलवान से लगते हो।
पर चींटी से डरते हो।।
सुबह सवेरे उठा करो।
थोड़ी कसरत किया करो।।
मुझे पीठ पर बैठाओ।
सुन्दरवन की सैर कराओ।।
-रेनू भटनागर
हाथी आया हाथी आया
Hindi Poem On Elephant
हाथी आया हाथी आया,
मोटा ताजा हाथी आया।
मोटे मोटे पैर है इसके,
पतली पतली पूँछ है।
तेज है चिंघाड इसकी,
दूर दूर तक गूंज है।
छोटी छोटी आँखे इसकी,
चौड़े चौड़े कान है।
लम्बे लम्बे श्वेत रंग के,
दाँत इसकी शान है।
चाल में इसकी मस्ती देखो,
कैसे पैपर उठाता है।
सूंड उठाकर हमें डराया।
हाथी आया हाथी आया।
मोटा ताजा हाथी आया।
-नोरत मल
झूमता आया हाथी
Poem On Elephant
देखो झूमता आता हाथी,
पर्वत जैसी काया इसकी।
भारी भोजन खाता हाथी,
सूंढ से भोजन, सूंढ से पानी।
भर-भर सूंढ नहाता हाथी,
छोटी आंखें, कान सूप से,
दांत बड़े दिखलाता हाथी।
राजा-रानी शान समझते,
बैठा पीठ घूमाता हाथी।
अपने पर जो आ जाये तो,
सबको नाच नचाता हाथी।
-अमृत कुमार
हाथी
Hathi Par Kavita In Hindi
कदली वन में हाथी ने,
खाए केले भरपूर।
और खा गया फिर नौ कुंटल,
लड्डू मोतीचूर।
पानी पीकर तीस बाल्टा,
चला झूमता साथी।
शेर भाग कर छुपा गुफा में,
भागों आया हाथी।
तभी सामने से इक चींटी,
आती पड़ी दिखाई।
कहीं काट ना ले फिर हमको
भागे हाथी भाई।
इक नन्ही चींटी से डरता,
इतना भारी हाथी।
हंसता हरियल तोता,
हंसते हाथी के सब साथी।
-शिवचरण चौहान
करते तुम्हें प्रणाम
Poem On Elephant In Hindi
आलस हमको घेरे रहती,
ठहरे हैं सब काम।
जुगत बताओ हाथी दादा,
करते तुम्हें प्रणाम।
सुबह-सुबह उठकर करना है,
मात-पिता का ध्यान।
“सूर्य नमन” के बारह आसन,
हैं कितने आसान।
रहना सदा निरोग अगर है,
करना प्राणायाम।
जुगत बताओ हाथी दादा,
करते तुम्हें प्रणाम।
नीड़ बनाती कैसे चिड़िया,
मधुमक्खी है छत्ता।
कैसे चूहे माँद बनाकर,
रहते हैं अलबत्ता।
ऐसी हुनर हमें क्या मालूम,
जाने अल्ला-राम।
जुगत बताओ हाथी दादा,
करते तुम्हें प्रणाम।
-पेन्टर मदन
अप्पू हाथी
Elephant Par Kavita
अप्पू हाथी स्कूल चला,
टिफिन घर पे भूल चला।
भूख लगी नानी याद आई,
कैसे करेगा अब पढ़ाई।
चूहे कूद रहे उसके पेट में,
भालू चपरासी खड़ा गेट पे।
अगड़म बगड़म मिल जाये,
खाने का तिगड़म मिल जाये।
सोच रहा था उदास बैठ के,
इक दरख्त के पास बैठ के।
दरख्त पे कुछ बन्दर आये,
उछलकूद में आम गिराये।
आम सभी थे बड़ी रसीले,
कुछ हरे थे कुछ थे पीले।
आम उठा कर लगा चूसने,
अपनी मस्ती में लगा झूमने।
अप्पू अपनी भूख मिटाकर,
पढ़ने लगा क्लास में जाकर।
-पुखराज सोलंकी
हाथी आया
Elephant Par Kavita In Hindi
ऊँचा, मोटा हाथी आया,
पापा ने उसको बुलवाया।
पंखे जैसे कान हिलाता,
रह-रह अपनी सूंड उठाता।
आगे पीछे खूब मटकता,
खंभे जैसे पैर पटकता।
पूँछ हिलाकर आता जाता,
लंबे दाँतों को चमकाता।
जब कहती है गुड़िया रानी,
सूॅंड उठाकर देता सलामी।
हौदे में वह हमें बिठाता,
हम सबको वह रोज घुमाता,
खूब मजे की सैर कराता।
-जय कुर्मी
हाथी जी को ठंड लगी
Elephant Par Kavita In Hindi
हाथी जी को ठंड लगी तो,
लगे दाँत कटकाने।
कहाँ छिपे हो सूरज दादा,
आओ तनिक बचाने।
नहीं रजाई तोसक,
ना ही हीटर की है गर्मी।
ना मफलर ना टोपी,
कोई नहीं है कोई वर्दी।
सभी जानवर छिपे गुफा में,
मुझे टहलना भाता।
गन्ने केले के लालच में,
रहा घूमता गाता।
पकड़ लिया सर्दी ने अब तो,
जकड़ गया है सीना।
खों-खों कर सिर भन्नाता है,
कठिन हो गया जीना।
बदली और हवा ने,
मेरी हालत कर दी खस्ती।
कोहरा मेरा शाप बन गया,
भूला हेकड़ मस्ती।
भालू भेड़ पहन बैठे हैं,
ऊनी शाल दुशाले।
अदरक वाली चाय भेजना,
बच्चे शिलचर वाले।
-शुभदा पाण्डेय
मस्तराम हाथी
Poem On Elephant In Hindi
फव्वारे सी सूॅंड है देखो,
खंबे जैसे पैर।
मस्त-मस्त अपनी मस्ती में,
करता है यह सैर।
छोटी सी पूंछ है देखो,
लम्बे-लम्बे दाँत।
अपनी मस्ती में रहता है,
दिन हो या हो रात।
मोटा सा शरीर है देखो,
पंखे जैसे कान।
अपनी मस्ती में चलता है,
राजा जैसी शान।
मस्तराम हाथी का देखो,
नहीं किसी से बैर।
मस्तराम को छेडो़गे तो,
होगी फिर न खैर।
-दिशा ग्रोवर
हाथी
Hathi Par Kavita In Hindi
हाथी आया, हाथी आया,
सूंड हिलाते हाथी आया।
देखो कितना है यह भारी,
आओ बच्चों करें सवारी।
जंगल में कॉलेज
Poem On Elephant In Hindi
हाथी जी हुशियार थे,
बन्दर जी थे तेज।
पर वन में देखा नहीं,
हमने इक कॉलेज।
हमने इक कॉलेज,
जानवर पढ़ते कैसे।
घोडा गधा जिराफ,
मेमने भालू भैसे।
सब सोचे कॉलेज,
बनाएँगे सब साथी।
शिक्षक होंगे ख़ास,
शेर बन्दर और हाथी।
-महेंद्र कुमार वर्मा
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Bahut sundar,
Thanks