Top 31+ Poem On Environment In Hindi | पर्यावरण पर सुंदर कविता

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Poem On Environment In Hindi | पर्यावरण दिवस पर सर्वश्रेष्ठ कविता (Paryavaran Par Kavita) आओं हम सब मिल कर धरती को हरा भरा बनाएं | Environment day poem in hindi

पर्यावरण हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। यह हमारे चारों ओर की प्राकृतिक संसाधनों, वनस्पति, पशु-पक्षियों और मानवीय जीवन की आवश्यकताओं का मूल स्रोत है। पर्यावरण का संतुलन बनाए रखना और उसकी सुरक्षा और संरक्षण करना हमारी जिम्मेदारी है।

पर्यावरण में हमारे जीवन की सुरक्षा और कल्याण के लिए कई प्रभावी कार्रवाइयाँ होनी चाहिए। प्रदूषण कम करना, वनों की संरक्षण करना, जल संरक्षण करना, वायुमंडलीय परिवर्तनों के प्रभावों को समझना, और प्राकृतिक संसाधनों का उचित उपयोग करना इनमें से कुछ महत्वपूर्ण कार्रवाइयाँ हैं।

प्रदूषण एक मुख्य पर्यावरणीय मुद्दा है जो हमारे स्वास्थ्य, जीव-जंतुओं और पृथ्वी के लिए नुकसानदायक होता है। वायु, जल और धरती के प्रदूषण के कारण वनस्पतियाँ और जनजातियाँ नष्ट हो रही हैं और जीव-जंतुओं की संख्या भी घट रही है। हमें प्रदूषण को कम करने के लिए वाहनों में प्रदूषण नियंत्रण, ध्वनि प्रदूषण का प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण यंत्रों का उपयोग आदि कार्रवाइयाँ करनी चाहिए।

वनस्पतियाँ पर्यावरण के संतुलन और स्थिरता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। वनस्पतियों से हमें ऑक्सीजन, शितलता, वनस्पति संवर्धन, जल संचयन, ध्वनि प्रशंसा, और जैविक विविधता की सुरक्षा मिलती है। हमें वनों की संरक्षण के लिए वृक्षारोपण, वन्यजीव संरक्षण, और अवैध कटता के खिलाफ कार्रवाइयाँ लेनी चाहिए।

जल संरक्षण हमारे पर्यावरण का महत्वपूर्ण हिस्सा है। जल हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे संरक्षित रखना आवश्यक है। हमें जल संरक्षण के लिए बारिश के पानी का संचय करना, जल संरक्षण के उपाय अपनाना, जल संयंत्रों का उपयोग करना, और जल संचयन के लिए जागरूकता फैलानी चाहिए।

वायुमंडलीय परिवर्तनों को समझना और उनके प्रभावों के सामर्थ्य को समझना पर्यावरण के लिए जरूरी है। वायुमंडल के अनुरूप जीने के लिए हमें ग्लोबल वार्मिंग, हवा प्रदूषण, ओजोन संरक्षण आदि को समझना और इन परिवर्तनों को नियंत्रित करने के उपाय अपनाना चाहिए।

प्राकृतिक संसाधनों का उचित उपयोग करना पर्यावरण के लिए आवश्यक है। हमें पेड़-पौधों का संरक्षण करना, प्रदूषण नियंत्रण करना, जल संरक्षण करना, और पृथ्वी के संसाधनों का उचित उपयोग करना सीखना चाहिए।

इस प्रकार, पर्यावरण हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमें इसकी सुरक्षा और संरक्षण करने के लिए कार्रवाइयाँ उठानी चाहिए। हमारी जिम्मेदारी है कि हम पर्यावरण की देखभाल करें और इसे स्वच्छ, सुरक्षित और स्थायी रखें।

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पर्यावरण

Poem On Environment In Hindi

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इंसान की देखो कैसी माया,

पर्यावरण को खूब सताया।

देश को आगे ले जाने,

पेड़ काट उन्हें खूब रुलाया।

देश में अनेक कारखाने खुलवाये,

पर नदियों में गंदे जल बहाये।

देखो प्रकृति कैसे असंतुलित हो गई,

ठंडी में गर्मी और गर्मी में बारिश हुई।

हुआ बादलों में धुओं का बसेरा,

पता नहीं अब कब होगा शुद्ध सवेरा।

जंगल नष्ट कर जानवरों को बेघर कर दिए,

अपने स्वार्थ में पर्यावरण नष्ट कर दिए।

पेड़ काटने एक आदमी आया,

धूप है कहकर उसी के छाँव में बैठ गया।

पेड़ बचाओ कहते हम थकते नहीं,

और एक इंसान को पेड़ काटने से रोकते नहीं।

बातों पर अमल कर,

प्रदूषण को दूर भगाएँ।

चलो शुद्ध और,

स्वस्थ पर्यावरण बनाएँ।

-लवली यादव

 

पर्यावरण सुरक्षा

Poem On Environment In Hindi

पर्यावरण सुरक्षित रखना है कर्त्तव्य हमारा।

क्षिति, जल, पावक, गगन, पवन मिल,

पर्यावरण सजाते।

सफल सृष्टि के संचालन को,

ये सन्तुलित बनाते।।

वातावरण विशुद्ध न रुकने दे विकास की धारा।

पर्यावरण सुरक्षित रखना, है कर्त्तव्य हमारा।।

जल, ध्वनि, वायु प्रदूषण सब पर,

करना हमें नियंत्रण।

वृक्ष काटकर हम विनाश को,

दें न खुला आमंत्रण।।

हो परिवेश हमारा पावन, यही एक हो नारा।

पर्यावरण सुरक्षित रखना है कर्त्तव्य हमारा।।

जीव-जन्तुओं की रक्षा का,

हम दायित्व निभायें।

उनके प्रति अपने अन्तर में,

करुणा भाव जगायें।।

कोई प्राणी कष्ट न पाये, हम लोगों के द्वारा।

पर्यावरण सुरक्षित रखना है कर्त्तव्य हमारा।।

क्षरण न हो ओजोन परत का,

हो कल्याण भुवन का।

मानवता का रहे निहित हित,

लक्ष्य बने जीवन का।।

रहे संयमिता धरा, सिन्धु,

नभ सुखमय हो जग सारा।

पर्यावरण सुरक्षित रखना, है कर्तव्य हमारा।।

-विनोद चन्द्र पाण्डेय

 

धरती हरा भरा बनाएं

Poem On Environment In Hindi

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आओ हम सब मिल कर

धरती को हरा भरा बनाएं।

कम से कम एक पेड़

अपने हाथों से लगाएं।

गर्मी सूखा आक्सीजन से,

हम सब छुटकारा पाएं।

बाग बगिचा जंगल,

मिल जुल कर लगाएं।

विश्व पर्यावरण दिवस का,

आओ हम मान बढ़ाएं।

अपने स्कूल कालेज में,

एक एक पेड़ लगाएं।

सड़को के किनारे फिर से,

हम नया पेड़ लगाएं।

हर मुसीबत से हम,

मिल कर छुटकारा पाएं।

छांव और ठंडी हवा,

खूब देते हमको पेड़।

हम सब की सारी मुसीबत,

हर लेते हैं पेड़।

पांच जून को हर साल,

विश्व पर्यावरण दिवस है आता।

पेड़ लगाने की घूम,

हर जगह मच जाता।

-बद्री प्रसाद वर्मा

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पर्यावरण-संरक्षण

Environment day poem in hindi

हम जिस ‘भौगोलिक’ स्थिति में,

जीवन-यापन करते हैं।

‘बुधियों’ ने दी संज्ञा उसे,

जिसे पर्यावरण हम कहते हैं।।

विधि के अनमोल-खजाने में,

हर प्राणी का हिस्सा है।

रवि, शशि, तारे, अम्बर औ वन,

सब कहते अपना किस्सा है।।

कलयुग-कल, वाहन-वाष्पो से,

सारे जग में है छाया धुआँ ।

जो जीवन-दायनी थी वायु,

उसमें है कैसा यह जहर घुलाँ?

मत दूषित कर अब उसको तू,

मत उसमें और ना दाग लगा।

‘गंगा’ पहले से है ‘मैली’,

अब उसमें और ना ‘मैल’ बढ़ा।।

स्वार्थी मानव का कुत्सित मन,

संहार प्रकृति का नित करता।

जब प्रकृति दिखाती रौद्र रूप,

अपनी ‘करनी’ पर वह मरता।।

‘मानव’ औ ‘प्रकृति’ की दूरी जो,

दिन प्रति दिन बढ़ती जाएगी।

आएगा, ऐसा एक दिन फिर वह,

जब ‘भूख’ स्वयं को खाएगी।।

-उमा गुप्ता

 

पर्यावरण

Environment Day Par Kavita

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वृक्ष लगाओ, पर्यावरण बचाओ,

ये संदेश फैलाना हैं।

पर्यावरण को शुद्ध बना के,

जीवन को स्वस्थ बनाना है।

मत काटो पेड़ों को तुम,

इस पर किसी का बसेरा हैं।

इसके दम पर सांसे चलती,

नित आता नया सबेरा हैं।

नयी पीढ़ी से ये अनुरोध,

सब मिलकर वृक्ष लगाओ।

पेड़ों की रक्षा तुम करके,

पर्यावरण सुरक्षा में हाथ बढाओं।

चारों तरफ हरियाली हों,

हर घर में खुशहाली हों।

सुन्दर सा एक दृश्य बनाऐ,

हर घर आँगन वृक्ष लगाऐ।

आओ पर्यावरण बचाने का,

मिलकर हम संकल्प उठाऐ।

-प्रतिभा त्रिपाठी

पर्यावरण है, तो हम हैं

Poem On Environment In Hindi

एक बात को गाँठ बाँध लें,

पर्यावरण है, तो हम हैं।

धरती माता रही कराह,

क्यों मुझको कर रहे तबाह,

मिटी जा रही हरियाली,

हुआ प्रदूषण बलशाली।

हवा में घुली विषैली गैसें,

प्राणवायु की आँखें नम हैं।

किए आचरण प्रकृति विरुद्ध,

वायु-नीर भी रहे न शुद्ध,

बढ़ता जाता वैश्चिक ताप,

उल्टे – पुल्टे क्रियाकलाप।

हरे – भरे सब पेड़ कट रहे,

नदियाँ जंगल कम हो रहे।

जीव-जन्तु भी रहे हैं घट,

कूप – सरोवर गए हैं पट।

पॉलीथिन महा दुखदायी,

कहीं न नियमित साफ-सफाई।

ऊर्जा-ईधन के बचाव के,

हितकर सफल कार्यक्रम हैं।

बंद करें भूजल का दोहन,

त्यागें विलासिता सम्मोहन,

मिलजुल पौधे नए लगाएँ,

धरा पर हरियाली वापस लाएँ।

सच्चे पर्यावरण-मित्र हित,

पाठ प्रकृति के अनुपम हैं

पर्यावरण है, तो हम हैं।

-गौरीशंकर वैश्य विनम्र

पर्यावरण को बचाना है,

Poem On Environment In Hindi

बच्चों! तुम्हें पर्यावरण को बचाना है,

अपने आसपास को रखे साफ।

सब ठीक होगा अपने-आप,

कुड़े-करकट को अब हटाना है।

बच्चो! तुम्हे पर्यावरण को बचाना है,

प्रदूषण के मुल कारण तीन,

फाइबर प्लास्टिक पालीथिन,

इन्हें उपयोग में नहीं लाना है।

बच्चों! तुम्हें पर्यावरण को बचाना है।

कभी गंदे न हों नल की नाली,

और ताल-तलैया का पानी।

नदियों को निर्मल बनाना है,

बच्चों! तुम्हें पर्यावरण को बचाना हैं।

वनों की हरियाली सजी रहे,

पेड़ों की खुशहाली बनी रहे।

सबको एक-एक पौधे लगाना है,

बच्चों! तुम्हें पर्यावरण को बचाना हैं।

-टीकेश्वर सिन्हा

पर्यावरण

Poem On Environment In Hindi

स्वास्थ्य एवं प्रकृति की करें रक्षा,

हमें मिलेंगी जीवन की सुरक्षा।

मानव जीवन है दर्लभ,

बनावटी को न कभी समझे सुलभ।

पर्यावरण का रूप है प्राकृतिक,

इसे प्रदृषित न करें अत्याधिक।

प्लास्टिक से धरती है भरी,

जल स्तर हुई है गहरी।

शपथ लें, न करें अत्याचार,

पर्यावरण की रक्षा का हो विचार।

-धनीराम

पौधा लगाओ

Poem On Environment In Hindi

चुनिया कहती मुनिया से,

वनों को हम नहीं काटेंगे।

पेड हमारे है जीवन रक्षक,

मानव क्यों बना है भक्षक।

पर्यावरण रखता है विशुद्ध,

हवा मिलती हमको है शुद्ध।

तन मन रहता जब स्वस्थ है,

तब जीवन होता मस्त है।

नाना जी देते हैं संदेश,

करना न इससे परहेज।

एक पौधे सब है लगाओ,

सौ साल की आयु पाओं।

-आशा उमेश

पर्यावरण बचाना है,

Poem On Environment In Hindi

आओ आज कतारों में,

रोप वृक्ष हजारों में,

श्रम का बिगुल बजाना है,

पर्यावरण बचाना है।

वन परिवेश न घटने दे,

एक भी पेड़ न कटने दे।

पेड़ सभी अनमोल रतन,

आओ इसका करें जतन।

आओ आज कतारों में रोपे वृक्ष हजारों में,

श्रम का बिगुल बजाना है।

पर्यावरण बचाना है,

पेड़ की हर डाली से

प्यार करे हम हरियाली से,

कहता यही जमाना है,

पर्यावरण बचाना है।

-सरोजनी साहू

पर्यावरण गीत

Poem On Environment In Hindi

मन, आंगन निर्मल हो अपना,

पर्यावरण धवल हो अपना।

आओ जीवन ज्योति जगाएं,

वातावरण को स्वच्छ बनाएं।

पहले अपने घर से ही शुरुआत करें,

गाँव नगर की स्वच्छता की बात करें।

जिधर भी देखें एक चमक हो,

धरती का कण कण जगमग हो।

आज से अच्छा कल हो अपना,

पर्यावरण धवल हो अपना।

साफ सफाई रहेगी तो हम स्वस्थ रहेंगे,

तन्दुरुस्ती रहेगी तो हम मस्त रहेंगे।

हम खुद सुधरेंगे तो समाज सुधारेंगे,

आने वाले वक्त को आज सुधारेंगे।

सुरभित राजकमल हो अपना,

पर्यावरण धवल हो अपना।

कचरा तो खाद बनाने के काम आएगा,

फिर उवर्रक बनेगा, फूल खिलाएगा।

नयी चेतना वातावरण में लाएंगे,

नयी बहारों से घर द्वार सजाएंगे।

अब पूरा होगा ये सपना,

पर्यावरण धवल हो अपना।

-डॉ. योगेश प्रवीन

 

पर्यावरण संरक्षण

Poem On Environment Day In Hindi

प्रदूषित हो रहा वातावरण,

परिवर्तित हो रहा पर्यावरण।

प्रकृति ने भी सुंदरता खोई,

जब जब वृक्ष कटे धरती रोई।

कारखानों ने नियम न माने,

नदियों में विषैले जल छोड़े।

जल ने अपनी सुचिता खोई,

स्वच्छ जल की आपूर्ति नहीं।

बीमारियाँ हर ओर घिर आईं,

अब शुद्ध हवा न मिल पाती।

साँस हमारी घुटती ही जाती,

आने वाली पीढ़ी को शायद।

प्राणवायु भी मिल पाए नहीं,

ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर।

शायद कुछ दिन वो जी पाएँ,

कार, ए.सी, फ्रीज़ चलाकर।

नित पर्यावरण का करें अहित,

अब भी न हम जाग सके तो,

समझो आनी प्रलय है निश्चित।

आओ मिलकर ये प्रण लें हम,

रक्षा पर्यावरण की करें हरदम।

-नीलम द्विवेदी

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पर्यावरण

Poem On Environment In Hindi

दोहन करते हैं प्रकृति का,

पर्यावरण दिवस मनाते हैं।

लगाते नहीं दो चार पेड़ हम,

भरपूर ऑक्सीजन चाहते हैं।

काट-काट कर वन-जंगल को,

कंक्रीटों का जंगल बनाते हैं।

बिगाड़ रहे प्रकृति का संतुलन,

हम पर्यावरण दिवस मनाते हैं।

विकास के नाम पर होती कटाई,

पेड़-पौधों की होती है छटाई।

रेष तालाब-पोखर की हो रही भराई,

तब पर्यावरण कैसे बचेगा मेरे भाई।

समतल करें नहीं अब पहाड़ कहीं भी,

फेंके नहीं कचरा कोई नदियों में भी।

पर्यावरण बचाना ही धर्म-कर्म हमारा,

इससे ही वर्तमान सबका भविष्य भी।

-दिनेश चन्द्र प्रसाद

 

पर्यावरण बचाएं

Poem On Environment In Hindi

आओ मिलकर पर्यावरण बचाएं,

आने वाले कल को सजाएं.

हरी-भरी सुगंधित वादियां सवारे,

आओ मिलकर पर्यावरण बचाएं.

वह कल-कल करती झरने,

पक्षियों की चहचहाहट.

उछलते-कूदते, तैरते जीव जंतु,

हरा भरा था जंगल,

आज सब बंजर हो गया.

सभी आज दूषित हो गया.

यह सब देन है मानव की,

आधुनिक खोज कर,

नवआविष्कार कर ली.

आज हम अपने पर्यावरण का

संतुलन बिगाड़ चुके हैं.

प्राकृतिक हवा अब दूषित हो गई,

जीवों को अब सांस लेना दुर्लभ हो रहा,

ऑक्सीजन सिलेंडर अब

मीलों से लेना पड़ रहा.

यह हमारे कर्मों का ही फल है.

अभी भी समय है संभल जाओं.

आओ मिलकर पर्यावरण बचाएं,

एक -एक पेड़ मिलकर लगाए.

पानी व्यर्थ न बहने दे,

रासायनिक चीजों से बचें,

जो हमारे जीवों का काल है.

जैविक चीज़ों का प्रयोग करें.

आओ मिलकर पर्यावरण बचाएं.

आने वाले कल को सजाएं,

हरी भरी सुगंधित, वसुंधरा सवारे.

-वसुंधरा कुर्रे

चलो मिलकर पेड़ लगाते हैं

Poem On Environment In Hindi

पर्यावरण से है जीवन,

पर्यावरण से है जीवन,

इसे अपना दोस्त बनाते हैं.

चलो मिलकर पेड़ लगाते हैं.

देती हैं साँसे जीवन को,

आओ जाने पेड़ की माया.

करती है ये शुद्ध हवा को,

देती है फल, फूल और छाया.

आओ अपने दिल में हम,

आओ अपने दिल में हम,

प्रकृति प्रेम जगाते हैं.

चलो मिलकर पेड़ लगाते हैं.

सागर, बादल, गगन प्रदूषित,

नदी, धरा और पवन प्रदुषित,

बढ़ गया है प्रदूषण इतना,

कि साँस लेना है मुश्किल.

रूठ गयी है प्रकृति हमसे,

मिलकर सब चलो मनाते हैं.

आओ चलो मिलकर पेड़ लगाते हैं.

-भावेश देवागंन

पर्यावरण की सुरक्षा करो

Poem On Environment In Hindi

कहीं धुंए का गुब्बार है,

कहीं बरस रहा कुहासा,

इंसान तेरे करतूत से,

प्रकृति हो गई है रूआसा.

अब भी वक्त बांकी है,

तू गलतियों को सुधार ले,

अपने आने वाली पीढ़ियों को

संकट से उबार ले.

ऐसा काम कर की

पर्यावरण का नुकसान ना हो,

बचा ले कटते वृक्षों को,

घर-कानन सुनसान न हो.

आज के स्वार्थ के लिए,

ऐ इंसान तू हत्यारा न बन,

प्राणियों से प्रेम कर,

इतना कठोर निर्दयी न बन.

वन और वन प्राणियों से ही

प्रकृति का श्रृंगार है,

पर्यावरण संरक्षित रहेगा,

तभी सुरक्षित संसार है.

-सुरेखा नवरत्न

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पर्यावरण

Poem On Environment In Hindi

पर्यावरण एक साझी संपदा है,

अब पूरे विश्व ने ठाना है।

हमारी इस पृथ्वी में,

अनेकों प्रकार के वन वायु जल

रंग-बिरंगे पशु पक्षी

लेकिन अपने स्वार्थ के लिए

इन पेड़ों को करते जा रहे हैं नष्ट।

इसे रोकना हर मनुष्य की

जिम्मेदारी है।

नहीं तो पीढ़ी दर पीढ़ी की

होनी निश्चित बर्बादी है।

यदि आप करते हो पेड़ों पर नष्ट

तो सांस लेने में होगा आपको कष्ट।

हरा भरा वातावरण

हर व्यत्ति को बनाना है,

चलो फिर नियमित रूप से

इसे आकार देने के लिए

थोड़ा सा कष्ट उठाना है।

-श्रेया गुप्ता

विश्व पर्यावरण दिवस

Save Environment Poem In Hindi

चिलचिलाती धूप उफ्फ ये चुभती गर्मी,

ये तो है ऋतु परिवर्तन के कारण ही है।

लेकिन इसके कारक हम स्वयं हैं,

प्रकृति से चल रही छेड़छाड़।

विलासिता सुख भोग की,

मानव की है अब चाह।

मानव कृत प्रदूषण की भरमार,

कटते वन बढ़ती पालीथिन।

कल-कारखानों से जनित विषाक्त कचरा,

वाहनों के द्वारा निकलता धुआँ।

ए.सी, कूलर एवम फ्रिजों द्वारा,

उत्सर्जित जहरीली गैसों का प्रभाव।

क्षरित होती ओजोन परत, पिघलते ग्लेशियर,

इन सबके पीछे सुखभोगी मानव ही है,

जो हरदम तोड़ रहा है प्रकृति के नियम।

परिणाम झेल रहा है।

भीषण ताप यदि यूं ही होता रहा।

प्रकृति के संसाधनों का अतिशय,

शीघ्र ही समझिये धरा का होगा समापन।

एक दिन धरा पर बढ़ जाएगा इतना ताप,

सब कुछ हो जाएगा समाप्त।

-डॉ मीना कुमारी

पर्यावरण

Hindi Poem On Environment In Hindi

तरक्की की दौड़ में हैवान,

बन गया है इंसान।

धरती माता का भूलकर एहसान,

कर रहा अपना ही नुकसान।

भूला नर पर्यावरण है ईश का वरदान,

नहीं कर रहा धरती का सम्मान।

नष्ट कर रहा पृथ्वी जल और वन,

पेड़ पौधे और पशुधन।

वन से संभव है जनजीवन,

हरे भरे हो जब तक वन उपवन।

तब तक है सुरक्षित सबका जीवन,

वसुधा का आवरण यह पर्यावरण।

प्रण लेकर करना होगा इसका संरक्षण,

पर्यावरण जब दूषित हो जाएगा।

फिर मानव स्वस्थ कहाँ रह पाएगा,

जब हवा विषैली हो जाएगी।

प्राण दायी वायु कहाँ रह पाएगी।,

ओजोन परत फट जाएगी।

धरती सारी मिट जाएगी,

फिर बोलो कैसे जी पाओगे,

अपनी करनी पर पछताओगे।

-रमा बहेड

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पर्यावरण संरक्षण

Poem On Save Environment In Hindi

हे मानव अब तो समझो,

धरा पर अत्याचार मत करो।

पेड़ों की कटाई को रोको,

पेड़ों के महत्व को समझो।

पेड़ इस तरह काटते रहे,

तो ऑक्सीजन कहाँ से लेंगे?

पर्यावरण शुद्ध कैसे रहेगा?

प्रकृति पर अत्याचार मत करो।

जल को व्यर्थ न बहाओ,

नदियों के जल को दूषित न करो।

प्लास्टिक का परित्याग करो,

प्रकृति का संरक्षण करो।

धरा की हरियाली का संरक्षण करो,

अब हरित क्रांति लाएंगे।

जगह-जगह वृक्ष लगाएंगे,

हे मानव तुम संकल्प करो।

वर्ष में पांच वृक्ष अवश्य लगाएंगे,

स्वस्थ जीवन के लिए अब हम,

पर्यावरण का संरक्षण करेंगे।

-डॉ. शम्भू पंवार

 

पर्यावरण की व्यथा

Poem On Save Environment In Hindi

साँस थमने लगी, मर रही है हवा,

दम घुटा जा रहा, मिल रही ना दवा।

जीना दूभर हुआ, ख़तरे में ज़िन्दगी,

पेड़ सब कट गए, अब बची ना दुआ।

देख लो आज तुम, क्या से क्या हो गया,

खो गया चैन अब, सब अमन खो गया।

कट गए वन, हरापन, सभी लुट गया,

कितना सुंदर था मेरा, वतन रो गया।

हम बढ़े आगे पर, पेड़ कटने लगे,

बन गईं बिल्डिंगें, खेत घटने लगे।

यह हुई ना ख़बर, हम रहे नींद में,

अपने हाथों ही हम, अब तो मिटने लगे।

पेड़ से दोस्ती, कोई करता नहीं,

माँग धरती की कोई भी भरता नहीं।

दर्द कुदरत का, बढ़ता ही तो जा रहा,

कोई भी इसकी पीड़ा को हरता नहीं।

कहीं दरिया प्रदूषित है, कहीं तालाब हैं गंदे,

कहीं है शोर डीजे का, कहीं पन्नी के हैं धंधे।

कहीं है धूल और बढ़ता धुंआ, वाहन करें हल्ला,

हुये बहरे यहाँ, अंधे भी, देखो आज के बंदे।

-शरद नारायण खरे

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सर्दी ऋतु गर्मी ऋतु वर्षा ऋतु
वसंत ऋतु तितली रानी राष्ट्रीय पक्षी मोर
राष्ट्रीय फल आम कोयल फूल
पेड़ सूर्य बादल
दीप उत्सव दिवाली बंदर जल
योग दिवस रक्षाबंधन चींटी रानी
स्वामी विवेकानंद जी सुभाषचन्द्र बोस लाल बहादुर शास्त्री
महात्मा गांधी डॉ भीमराव अंबेडकर सरदार वल्लभ भाई पटेल
एपीजे अब्दुल कलाम बाल दिवस गाँव
नारी शक्ति गौरैया अनमोल समय
शिक्षा दादाजी दादी मां
किताब बाल कविता बालगीत
प्यारी बेटी सड़क सुरक्षा गाय
रक्षाबंधन दादा-दादी तोता
आम तिरंगा गुलाब का फूल
हरिवंश राय बच्चन सुमित्रानंदन पंत रेलगाड़ी
झरना चूहा मधुमक्खी
वसंत पंचमी मकर संक्रांति हाथी
गंगा नदी हिमालय पर्वत कृष्ण जन्माष्टमी
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