Poem On Grandfather In Hindi :- दादा और बच्चों के बीच का रिश्ता ही कुछ अलग होता है। बच्चों को अपने दादा बहुत ही पसंद करते हैं। क्यों की वो घर में सबसे बड़े और आदरणीय होते हैं। बच्चे अपने दादा के साथ दिनभर मस्ती मजाक किया करते हैं। दादा जी को भी अपने बच्चों के साथ खुशी अपना समय गुजार दिया करते है। बच्चे हमेशा अपने दादा जी को तंग किया करते हैं। वे उम्र में बड़े होने के साथ जीवन के बारे में सही सुझाव भी दिया करते है। इसलिए बच्चे ज्यादा दादा के पास ही रहना पसंद करते हैं।
हम यहां पर दादा पर आधारित बहुत ही सुंदर और प्यारी कविता (Dada Par Kavita) आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूं।
दादा जी
Poem On Grandfather In Hindi
बार-बार बस समझाते हैं दादा जी,
गीत पुराने ही गाते है दादा जी।
गीता पढ़ते और बाँचते रामायण,
कथा-कहानी बतलाते हैं दादा जी।
दादी जी से करते हैं हँसी -ठिठोली,
हम सबका मन बहलाते हैं दादा जी।
लेकर खजाना अनुभवों का चलते हैं,
जीवन की राह सुझाते हैं दादा जी।
उनसे अपना बड़े नेह का रिश्ता है,
हँसते हैं और हँसाते हैं दादा जी।
कड़वे बोल कभी न बोलते हैं भाई,
राम नाम पर इतराते हैं दादा जी।
बरस बात तुम उलटी-सुलटी मत कहना,
बातों में ही तन जाते हैं दादा जी।
-बलदाऊ राम साहू
आ जाओ न दादा
Poem On Grandfather In Hindi
जल्दी से आ जाओ न दादा,
दूर हुए दिन हो गया ज्यादा।
सूना दिन सूनी रात हुई है,
दिनों से न मुलाकात हुई हैं।
अब न तुमको तंग करेंगे,
फिर न कभी हुड़दंग करेंगे।
सुनेंगे अब हम तेरी ही बानी,
नित सुनाना हमें नई कहानी।
पढ़ाई लिखाई लगातार करेंगे,
सपना तेरा हम साकार करेगे।
आज हम करते हैं तुमसे वादा,
जल्दी से आ जाओ न दादा।
-उत्कर्ष चन्द्राकर
हमारे बाबा
Poem On Grandfather In Hindi
हम बच्चों के प्यारे बाबा,
बस्ती भर में न्यारे बाबा।
हमको प्रातः काल जगाते,
उठ जाते भिनसारे बाबा।
भारतीयता के गुण गाते,
धोती-कुर्ता धारे बाबा।
अपने काम स्वयं करते हैं,
किसी के नहीं सहारे बाबा।
सब नन्हें मुन्नों की टोली,
प्रेम से उन्हें पुकारे बाबा।
हर पल ध्यान सभी का रखते,
घर भर के उजियारे बाबा।
सच्चाई, अनुशासन प्रिय हैं,
है आदर्श हमारे बाबा।
-गौरीशंकर वैश्य विनम्र
मेरे प्यारे दादाजी
Poem On Grandfather
अनोखा है यह रिश्ता,
अजीब यह बंधन।
दादा के चरण स्पर्श से,
सार्थक है यह जीवन।
संघर्ष की परिभाषा,
सीखी है उनसे।
धैर्य, साहस और परिश्रम की,
मिसाल वह देते।
हौसले उनके बुलंद ऐसे,
जो उम्र के मोहताज नहीं।
मेहनत करने की जिद से,
वह आते कभी बाज नहीं।
कठोर है उनका व्यक्तित्व,
पर दिल के आप सच्चे हो।
प्यारे हो आप दादा,
आप ही सबसे अच्छे हो।
मेरे दुःख से आंखें उनकी,
नम हो जाती।
मेरी खुशी से उनके,
चेहरे पर मुस्कान है छाती।
कैसा है ये दिलों का रिश्ता,
यह मैं न जानूं।
मैं भगवान आपको है मानूं,
बचपन की वे यादें।
जब दादा कहानी सुनाते थे,
हम सब उन कहानियों से,
कुछ अच्छा सीख पाते थे।
-सुब्रत नंद
बाबा
Poem On Grandfather In Hindi
बाबा, अब घर आए हो,
बोलो क्या क्या लाए हो?
पेन्सिल, कॉपी, मेरा बस्ता,
तीखी भुजिया, गुझिया खस्ता,
ये सब कहाँ छिपाए हो,
बोली क्या-क्या लाए हो?
मिल तारे, चंदा मामा,
पिला कुर्ता और पजामा,
झोले में क्या भर पाए हो,
बोलो क्या क्या लाए हो?
मुनिया की गुड़िया, उसका गुडडा,
मोटी सेठानी, उसका मुढढा,
लाए पर, ना बतलाए हो,
बोलो क्या क्या लाए हो?
-भावना मिश्रा
मेरे नाना
Poem On Grandfather
अच्छे प्यारे मेरे नाना,
चश्मा सदा लगाते हैं।
कुर्ता धोती सदरी पहनें,
मस्तक तिलक बनाते हैं।
सिर के बाल सफेद हुए हैं,
छड़ी हाथ में रखते हैं।
बच्चों को वह दोस्त मानकर,
प्यार सभी से करते हैं।
जल्दी उठते सुबह सदा ही,
रोज घूमने जाते हैं।
बाहर रखते साफ सफाई,
झाडू स्वयं लगाते हैं।
कभी कहानी कहते हैं वह,
कविता कभी सुनाते हैं।
कभी पढ़ाने लगते हमको,
कभी लाड़ लड़ाते हैं।
खेल खिलाते कभी सभी को,
हँसते और हँसाते हैं।
कहते बच्चो छुओ हमें तुम,
फिर वह दौड़ लगाते हैं।
नहीं कभी बेकार बैठते,
काम समय पर करते हैं।
बच्चों को वह पास बुलाकर,
कान में कुल्लू करते हैं।
-कैलाश त्रिपाठी
वाह! दादा क्या लेके आए
Poem On Grandfather In Hindi
वाह! दादा क्या लेके आए,
टिक कर बैठे ग्लास चढ़ाए।
खाने की कोई चीज न लगती,
गंध न कोई इससे आए।
दिन भर पन्ने रहे पलटते,
मुझको तिनके समझ न आए।
भूल गए हो भौं भौं करना,
ऐसा कैसे ये करवाए।
घर से बाहर जाना भूले,
मेरे बिस्किट ना मंगवाए।
जाने क्या रस आता तुमको,
कोई तो मुझको बतलाए।
-श्रीकृष्ण
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