13+ दिल छू लेने वाली दादा-दादी पर कविता | Best Poem On Grandparents In Hindi

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Poem On Grandmother In Hindi :- आज हम यहां 13+ दिल छू लेने वाली दादा-दादी पर कविता | Best Poem On Grandparents In Hindi पर दादा दादी पर बहुत ही सुंदर और प्यारी प्यारी कविता आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत करने जा रहा हूं।

दादी अम्मा

Poem On Grandparents In Hindi

दादी अम्मा आओ ना

कहानी हमें सुनाओ ना।

गुमसुम मत रहा करो

मन की बातें कहा करो।।

हम साथी, सखी-सहेली

खुद को न समझो अकेली।

पापा जब देर से आएँ

कुछ मीठी डाँट लगाएँ।।

मम्मी को पास बुलाना

बात पते की जरा बताना

बलदाऊ राम साहू

मेरे नाना

Poem On Grandparents

अच्छे प्यारे मेरे नाना,

चश्मा सदा लगाते हैं।

कुर्ता धोती सदरी पहनें,

मस्तक तिलक बनाते हैं।

सिर के बाल सफेद हुए हैं,

छड़ी हाथ में रखते हैं।

बच्चों को वह दोस्त मानकर,

प्यार सभी से करते हैं।

जल्दी उठते सुबह सदा ही,

रोज घूमने जाते हैं।

बाहर रखते साफ सफाई,

झाडू स्वयं लगाते हैं।

कभी कहानी कहते हैं वह,

कविता कभी सुनाते हैं।

कभी पढ़ाने लगते हमको।

कभी लाड़ लड़ाते हैं।

खेल खिलाते कभी सभी को,

हँसते और हँसाते हैं।

कहते बच्चो छुओ हमें तुम

फिर वह दौड़ लगाते हैं।

नहीं कभी बेकार बैठते,

काम समय पर करते हैं।

बच्चों को वह पास बुलाकर,

कान में कुल्लू करते हैं।

कैलाश त्रिपाठी

मेरी प्यारी नानी माँ

Grandparents Day Poem In Hindi

मेरी प्यारी नानी माँ

मेरी प्यारी नानी माँ,

प्यारी-प्यारी नानी माँ ।

प्यारी-प्यारी नानी माँ,

मैं हूँ तेरी नानी माँ।

क्यों तो धूप निकलती है?

हवा यह कैसे चलती है?

कैसे बर्फ पिघलती है?

क्यों तो धरती हिलती है?

मुझे बताओ नानी माँ,

मेरी प्यारी नानी माँ।

आता सूरज धूप निकलती,

वायुदाब से हवा है चलती।

बढ़े ताप तो बर्फ पिघलती,

है भूकंप से धरती हिलती।

तुझे बताती नानी माँ,

तेरी प्यारी नानी माँ।

पेड क्यों मित्र हमारे हैं?

ये तारे कितने सारे हैं?

फूल क्यों न्यारे-न्यारे हैं?

क्यों बच्चे सब को प्यारे हैं?

मुझे बताओ नानी माँ,

मेरी प्यारी नानी माँ।

पेड़ से चलती साँसें हमारी,

तारों को गिनना दुश्वारी।

वर्णक से छवि फूल की न्यारी,

बच्चों की हैं बातें प्यारी।

तुझे बताती नानी माँ,

तेरी प्यारी नानी माँ।

क्या यह दुनिया गोल है?

पानी क्यों अनमोल है?

किससे बना यह ढोल है?

कैसे खुलती झूठ की पोल है?

मुझे बताओ नानी माँ,

मेरी प्यारी नानी माँ।

हाँ! यह दुनिया गोल है,

जीवन देता पानी यह अनमोल है।

लकड़ी खाल से बना यह ढोल है,

सच से खुलती झूठ की पोल है।

तुझे बताती नानी माँ,

तेरी प्यारी नानी माँ।

राजबाला धैर्य

बाबा

Heart Touching Poem On Grandparents In Hindi

बाबा, अब घर आए हो,

बोलो क्या क्या लाए हो?

पेन्सिल, कॉपी, मेरा बस्ता,

तीखी भुजिया, गुझिया खस्ता,

ये सब कहाँ छिपाए हो,

बोली क्या-क्या लाए हो?

मिल तारे, चंदा मामा,

पिला कुर्ता और पजामा,

झोले में क्या भर पाए हो,

बोलो क्या क्या लाए हो?

मुनिया की गुड़िया, उसका गुडडा,

मोटी सेठानी, उसका मुढढा,

लाए पर, ना बतलाए हो,

बोलो क्या क्या लाए हो?

भावना मिश्रा

कहती है दादी

Poem On Grandparents In Hindi

चटर-पटर मत खाना भैया,

यह बतलाती हैं दादी।

खटर-पटर मत करना भैया

यह समझाती हैं दादी।

इधर-उधर मत जाना भैया,

यह सिखलाती हैं दादी।

पटर-पटर मत कहना भैया

यह गुर सिखाती हैं दादी।

मन में रखना नेक इरादे

हरदम समझती हैं दादी।

बलदाऊ राम साहू

 

नानी का घर

Poem On Grandparents

गर्मी की छुट्टी जब आए

नानी घर की याद दिलाए

झूम के गाए बचपन सारा

नानी का घर सबसे प्यारा ।

खेल खिलौनों में खो जाएं

रोज़ नए फल बाग़ से लाएं

देखें चिड़िया घर का नज़ारा

नानी का घर सबसे प्यारा ।

तेज हवा में पतंग उड़ा कर

गौरैया को रंग लगाकर

सबने मिलकर झूला डाला

नानी का घर सबसे प्यारा ।

खट्टा मीठा लगे अमावट

सच्चा प्रेम है बिना मिलावट

कितना सुंदर नदी किनारा

नानी का घर सबसे प्यारा ।

हर्षिता सिंह

दादा जी की जेब

Poem On Grandparents In Hindi

दादा जी की जेब,

दादा जी के कुर्ते में,

तीन तीन हैं जेब,

अगल बगल और ऊपर जेब!

जब जब पोता पोती ठुनकें,

जेब में उनके पैसे खनकें,

पाँच दस के सिक्के देते,

पैसों से कुरकुरे टाफी लेते!

दादा जी हमें डाँटते,

रोने लगते तब जेब दिखाते,

पुचकार पुचकार कर चुप कराते,

लाकर देते मीठे सेब!

मीठे मीठे झड़बेरी के बेर,

दादा जी लाते भरकर जेब,

नन्नू धन्नू चुन्नू मिलकर,

खाली करते दादा जी की जेब!

तोड़ मकोई भर लाते जेब,

चुप चुप हमें खिलाते खूब,

बनी रहे दादा जी की जेब,

भर देंगे वह हमारी भी जेब!!

सतीश “बब्बा”

एक थी धानी

Poem On Grandparents In Hindi

एक थी धानी

सामने आ रही थी नानी

धानी बोली – सुन मेरी नानी

मुझे सुनाओ कोई कहानी

नानी बोली सुन मेरी धानी

मुझे पिलाओ पहले पानी

फिर सुनाऊँ मैं तुम्हे कहानी

धानी ने नानी को

पिलाया पानी,

नानी ने धानी को

सुनाई कहानी

ईश्वरी कुमार सिन्हा

वाह! दादा क्या लेके आए

Poem On Dada Dadi In Hindi

वाह! दादा क्या लेके आए!

टिक कर बैठे ग्लास चढ़ाए!!

खाने की कोई चीज न लगती,

गंध न कोई इससे आए !

दिन भर पन्ने रहे पलटते,

मुझको तिनके समझ न आए!

भूल गए हो भौं भौं करना,

ऐसा कैसे ये करवाए !

घर से बाहर जाना भूले,

मेरे बिस्किट ना मंगवाए!

जाने क्या रस आता तुमको,

कोई तो मुझको बतलाए!

श्रीकृष्ण ‘जुगनू’

मेरी नानी

Grandparents Poem In Hindi

मेरी नानी प्यारी नानी

कहती थी कभी खूब कहानी

मैं सुनता था जी भर-भरके

रटता रहता नानी नानी

माँ संग जाना खूब सुहाता

तब स्कूल ना आड़े आता।

बहुत दिनों में लौट के आता

जी भर चुपड़ी रोटी खाता

पीता दूध, हो जैसे पानी

मेरी नानी प्यारी नानी

चिड़ा-चिड़िया भालू-बंदर

होते थे बातों के अंदर।

कभी राजा-रानी के किस्से

आते थे जो मेरे हिस्से

लगती रातें बड़ी सुहानी

मेरी नानी प्यारी नानी

कहती थी कभी खूब कहानी

होती अब फोन पर बातें।

बच्चे ना अब नानी के जाते

घर पर ही अब पिज्जा खाते

आज कहानी बन गई नानी

कहती थी जो कभी कहानी

मेरी नानी सबकी नानी

व्यग्र पाण्डे

 

 

दादा जी का गुस्सा

Poem On Grandparents In Hindi

आज अचानक दादा जी को

बड़े जोर का गुस्सा आया।

कितना बड़ा अनर्थ करते हो

अब तक तुम्हें समझ न आया।।

बोले दादा, तुम सब बच्चे

पानी बहुत अधिक फैलाते।

एक घुट पानी पी करके,

पूरा गिलास व्यर्थ लुढकाते।।

एक बाल्टी में नहा सकते हो

पर चार चार बाल्टी फैलाते।

घंटों जैट पम्प चला कर

सडकों पर पानी फैलाते।।

अपने माता पिता को तुम सब

पानी का महत्व क्यों नहीं समझाते।

यही चला तो एक दिन पीने का

सारा पानी खत्म हो जायेगा।।

पानी के बिना पशु पक्षी और

मानव का जीवन नष्ट हो जायेगा।

मैंने बोला सॉरी दादा जी,

अब हम ऐसा नहीं करेंगे।।

हम सारे बच्चे मिल करके

एक नयी शुरुआत करेंगे।

पानी की हर बूंद बचा कर

उसका सही उपयोग करेंगे।।

जमीला खातून

 

 

प्यारी दादी माँ

Poem On Grandparents

मेरी प्यारी दादी माँ,

प्यारी प्यारी दादी माँ।

अकेलापन जबभी सताए,

झट मुझे बुलाना दादी माँ।

साथ बैठके ढेर सारी बातें,

हम मज़े से करेंगे दादी माँ।।

बीमारी पर पूरी देखभाल,

हम मन से करेंगे दादी माँ।

डाक्टर हो या शाम की सैर,

साथ-साथ चलेंगे दादी माँ।।

उम्रभर आपने हमें है पाला,

बचपन में गिरने से संभाला।

लड़खड़ाए कदम जो आपके,

हम फट से संभालेंगे दादी माँ।।

प्यारी प्यारी दादी माँ,

मत घबराना दादी माँ।

गुलफ्शाँ

 

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