51+ Best Poem On Independence Day In Hindi | स्वतंत्रता दिवस पर कविता [2023]

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Poem On Independence Day In Hindi :- भारत देश में स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जाता हैं। यह स्वतंत्रता दिवस हमें उन महान् स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है। जिन्होंने देश को स्वतंत्र कराने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान किया।

देश उनका ऋणी है। पराधीनता मनुष्य के लिए सबसे बड़ा अभिशाप है। पराधीनता मनुष्य को कुंठित करती है। इसलिए जिन स्वतंत्रता सेनानी ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया देश उनका कृतज्ञ है। यह हमारा दायित्व है कि हम इस स्वतंत्रता की रक्षा करें।

हमें यह आजादी देश के अनगिनत सपूतों के बलिदानों की वजह से मिली है कई ऐसे स्वतंत्रता सेनानी रहे जिन्हें हम आज तक भी ठीक से नहीं जानते। लेकिन यदि तब वे न होते तो आज हम भी न होते।

स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर हम उन सभी को नमन करते हैं। आज के पोस्ट में स्वतंत्रता दिवस पर सर्वश्रेष्ठ कविताएं, 15 अगस्त पर कविता हिंदी में आपके साथ साझा किया गया है।

Table of Contents

आजादी का अमृत महोत्सव

Poem On Independence Day In Hindi

आज हम आजादी की गाथा,

गाकर खूब सुनाएंगे।

आजादी का अमृत महोत्सव

मिल कर आज मनाएंगे।

कारगिल युद्ध की कहानी,

सबको आज सुनाएंगे।

हम शहीदों की आज,

शहादत दिवस मनाएंगे।

अग्रेजों से हमने भी,

सीना तान लड़ी लड़ाई।

फांसी के फंदे पर लटके,

और सीने पर गोली खाई।

गांधी, सुभाष, भगत सिंह की,

कुर्बानी मिलकर याद करेंगे।

वीर शिवा जी, मंगल पांडे की,

जवानी को याद करेंगे।

नेहरु और सरदार पटेल की,

आज हम गुन गाएंगे।

लेकर हाथ में तिरंगा,

आजादी का जश्न मनाएंगे।

-बद्री प्रसाद वर्मा

शहीदों की कहानी

hindi poem on independence day

Poem-On-Independence-Day-In-Hindi

शहीदों की कहानी,

आओ, सुनो मेरी जुबानी।

देश के खातिर जिसने,

दे दी अपनी जिंदगानी।

आओ बच्चों तुम्हें सुनाएँ,

उनकी अमर कहानी।

संघर्षों से नहीं जिसने,

कभी किनारा किया था।

इन्कलाव का जिसने,

सुनो नारा दिया था।

वन्दे मातरम,वन्दे मातरम,

दे गए अपनी जान की कुर्बानी।

आओ बच्चों तुम्हें सुनाएँ,

उनकी अमर कहानी।

मातृभूमि के रज से जिसने,

माथे तिलक लगाया।

फांसी के फंदे को जिसने,

हँस कर गले लगाया।

देश को आजाद कराने की,

जिसने मन में थी ठानी।

आओ बच्चों तुम्हें सुनाएँ,

उनकी अमर कहानी।

सिर पर कफन बांधे देखो,

निकल पड़े थे वीर बलिदानी।

आजादी की लड़ाई में,

कूद पड़े थे वीर सेनानी।

गुलामी की बेड़ियाँ तोड़ने की,

जिसने मन में थी ठानी।

आओ बच्चों तुम्हें सुनाएँ,

उनकी अमर कहानी।

इनके इरादें देख फिरंगियों का,

रोम-रोम थर्राया।

भारत माँ के वीर शहिदों ने,

भारत का मान बढ़ाया।

अपनी कुर्बानी देकर उन्होंने,

दे दी हमें आजादी।

आओ बच्चों तुम्हें सुनाएँ,

उनकी अमर कहानी।

-कुमकुम कुमारी

आज पायी सच्ची आजादी

independence day poem hindi

सच्ची आजादी,

आज के दिन हमने पायी है।,

तोड़ दी है सारी बंदिशें,

खुल के दिल से,

मिलने की बारी आयी है।

चंद लोग थे मतलबी,

आपस में यह कैसी लड़ाई है।

मिल कर जीने की बारी आयी,

आज ही आजादी पायी है।

बलिदान दिया इसके खातिर

वीर जवानों ने,

उनकी रुह को तसल्ली आयी है।

आज ही आजादी हमने पायी है।

चल छोड़ चले गुजरी बातों को,

आने वाली हर खुशी अब हमारी है।

याद रहे इतना बस,

फिर कोई चूक न होने पाये।

बहुत बलिदानों के बाद,

यह आजादी हमने पायी है।

-सचिन

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पंद्रह अगस्त

independence day poetry in hindi

पंद्रह अगस्त, पंद्रह अगस्त,

आजादी का अनमोल दिवस।

जिससे पहले सब थे परवश,

अंग्रेजों का शासन कठोर।

अन्याय, दमन का सिर्फ जोर।

तब लड़कर-भिड़कर, मरकर भी,

दुश्मन को दी थी हां, शिकस्त।

आजादी की कीमत जानें,

भारत की गरिमा पहचानें।

इसका न कभी भी मान घटे,

हम जाति-धर्म में नहीं बंटें।

सब एक रहें, सब नेक रहें,

हो प्रगतिशील जनता समस्त।

अपना ध्वज फर-फर-फर फहरे,

दुनिया भारत पर गर्व करे।

कुछ नया करें, यह हो प्रयास,

हो लक्ष्य एक चतुंदिश विकास।

जो हमें तोड़ने की सोचे,

उसके मंसूबे करें ध्वस्त।

पंद्रह अगस्त, पंद्रह अगस्त।

-डॉ. नागेश पांडेय

मेरा भारत देश

15 august poem in hindi

पुण्य तिरंगा से हमें,

मिलती है पहचान।

तीन रंग मन में भरे,

देशभक्ति का मान।।

भर देता मन प्राण में,

अतुलित पावन गर्व।

जब आता है देश में,

आजादी का पर्व।।

लहर-लहर लहरा रहा,

गर्वित हो आकाश।

आज तिरंगा भर रहा,

मन में परम प्रकाश।।

केसरिया बलिदान का,

सत्य शांति का श्वेत।

हरा प्रकृति प्रतीक जहाँ,

उर्वर पोषित खेत।।

चक्र प्रतीक है धर्म का,

सद्भावों के संग।

शोभित निज ध्वज को करे,

तीनों पावन रंग।।

नित-नित यह झण्डा भरे,

तन-मन में विश्वास।

संप्रभुता का है सखा,

जन-जन को आभास।।

पुण्य तिरंगा दे रहा,

जग को शुभ संदेश।

प्रेम भाव ही बाँटता,

अपना भारत देश।।

केसर की घाटी जहाँ,

नित ही बाँटें प्यार।

और हिमालय से बहे,

पावन गंगा धार।।

वीरों की है वीरता,

ज्ञानी का शुभ ज्ञान।

परिपाटी पावन जहाँ,

भारत देश महान।।

सर्वप्रथम निज देश है,

बाकी सब कुछ बाद।

आजादी के पर्व को,

रखो प्रेम नित याद।।

-प्रेमचन्द साव

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स्वतंत्रता दिवस पर वीर रस की कविता

kavita on independence day in hindi

जहां समर्पण की गाथाएँ,

गली गली में गुंजित होती।

जहां प्रेम की कविताएं,

हृदय हृदय में संचित होती।

ग्रंथों के मंत्रों से गुंजित,

गंगा का हर घाट रखना।

देश बढ़े जितना भी लेकिन,

देश का अंदाज रखना।।

देश के कोने कोने से,

स्नेह भरे संदेशा लाएं।

जाने कितने मौसम लादे,

चलें झूमती मस्त हवाएँ।

इनकी खुशबू में ऐसे ही,

मिट्टी वाला स्वाद रखना।

देश बढ़े जितना भी लेकिन,

देश का अंदाज रखना।

मात्र नाम न मेरा परिचय,

कई हमारा परिचय गाते।

पहनावे, बोली, भाषाएं,

मिलकर अपना हाल बताते।

हम एक अनेकों रंगों में,

ऐसे भाव संभाल रखना।

देश बढ़े जितना भी, लेकिन

देश का अंदाज रखना।

यह धरती का भाग सदा,

ऋषियों के मन का आंगन था।

सदियों ने गौरव चूमा है,

मिट्टी का हर कण पावन था।

माँ की इसी धरोहर को,

उन्नति का आधार रखना।

देश बढे़ जितना भी, लेकिन

देश का अंदाज रखना।

जहां समर्पण की गाथाएँ,

गली गली में गुंजित होती। 

जहां प्रेम की कविताएं,

हदय हृदय में संचित होती।

ग्रंथों के मंत्रों से गुंजित,

गंगा का हर घाट रखना।

देश बढ़े जितना भी, लेकिन

देश का अंदाज रखना।

-संदीप द्विवेदी

विजयश्री

poem on azadi in hindi

आपसी कलह के कारण से,

वर्षों पहले परतंत्र हुआ।

पन्द्रह अगस्त सन् सैंतालीस,

को अपना देश स्वतंत्र हुआ।

उन वीरों को हम नमन करें,

जिनने अपनी कुर्बानी दी।

निज प्राणों की परवाह न कर

भारत को नई रवानी दी।

उन माताओं को याद करें,

जितने अपने प्रिय लाल दिए।

मस्तक माँ का ऊंचा करने,

को उनने बड़े कमाल किए।

बिस्मिल, सुभाष, तात्या टोपे,

आज़ाद, भगत सिंह दीवाने।

सिर कफन बांध कर चलते थे,

आज़ादी के यह परवाने।

देश आजाद कराने को जब,

पहना केसरिया बाना।

तिलक लगा बहनें बोली,

भैया, विजयी होकर आना।

माताएं बोल रही बेटा,

बन सिंह कूदना तुम रण में।

साहस व शौर्य पराक्रम से,

मार कर भगाना क्षण भर में।

दुश्मन को धूल चटा करके,

वीरों ने ध्वज फहराया था।

जांबाजी से पा विजयश्री,

भारत आजाद कराया था।

स्वर्णिम इतिहास लिये आया,

श्रद्धा से नमन कर रहा है।

भारत का यह सारा समाज,

जय हिन्द हमारे वीरों का।

सबसे सशक्त शुभ मंत्र हुआ।

पन्द्रह अगस्त सन् सैंतालीस,

को अपना देश स्वतंत्र हुआ।

-रामकिशोर शुक्ल

भारत का ‘तिरंगा प्यारा’

Poem On Independence Day In Hindi

सूरज की लालिमा इसमें,

धरती की हरियाली जिसमें,

श्वेत चंद्र की चांदनी पर,

अशोक चक्र की गति लिए,

धर्म चक्र की गति लिए,

ये राष्ट्रीय ध्वज हमारा,

भारत का तिरंगा प्यारा,

भारत का तिरंगा प्यारा।

केसरिया में शक्ति साहस,

सत्य शांति श्वेत रंग में,

पवित्रता उर्वरता धरा की,

वृद्धि विकास है हरे रंग में,

24 तीलियों का धर्म चक्र,

जो सारनाथ से लिया गया,

जीवन है गतिशील निरंतर,

संदेश इसमें है दिया हुआ।

जीवन सरोकार तिरंगा है,

अडिग अभिमान तिरंगा है,

निज स्वाभिमान तिरंगा है,

भारत के प्राण तिरंगा है।

दसों दिशाओं मैं लहराए,

नभ विस्तार तिरंगा है,

राष्ट्रीय ध्वज देश का गौरव,

वतन श्रृंगार तिरंगा है।

भारत मां भी हर्षित होती,

जब नभ में लहराता है,

आजादी के उन्मुक्त गगन में,

हिंद का शीश फहराता है।

राष्ट्र स्वाभिमान तिरंगा है,

अडिग अभिमान तिरंगा है,

शौर्य प्रमाण तिरंगा है,

भारत के प्राण तिरंगा है।

जन-जन भारत के मिलकर,

इसका मान बढ़ाते हैं,

शासन और प्रशासन मिलकर,

नित-नित शीश झुकाते हैं,

तीन रंगों की आभा को,

जब अंबर में लहराते हैं,

शस्यशामलाम धरा वतन,

सब इसमें गौरव पाते हैं।

आरती-अजान तिरंगा है,

गुर बाणी-ध्यान तिरंगा है,

परम विश्वास तिरंगा है,

हर्ष- उल्लास तिरंगा है,

शक्ति परिणाम तिरंगा है,

भारत के प्राण तिरंगा है।

अशोक चक्र की गति लिए,

धर्म चक्र की गति लिए,

ये राष्ट्रीय ध्वज हमारा,

भारत का तिरंगा प्यारा,

भारत का तिरंगा प्यारा।।

-डा. राज सिंह

तिरंगा मेरे देश की शान

Short Independence Day Poem In Hindi

तीन रंगों से बना तिरंगा,

मेरे देश की शान है।

इसी से तो बनता,

मेरा भारत महान है।

यह तिरंगा न झुके कभी,

लाखों वीरों ने दे दी कुर्बानियां।

अंग्रेजों से लोहा लिया,

लुटा दी अपनी जवानियां।

1962 का युद्ध हो,

या हो कारगिल की,

लड़ाई इस तिरंगे की,

आबरू बचाने को,

वीरों ने अपनी जान,

थी दाव पर लगाई।

धन्य हैं वह वीर बहादुर,

जो देश पर जान लुटाते हैं।

साधारण कपड़ों में,

जाते हैं घर से तिरंगे।

में लिपटकर वापिस आते है,

इस तिरंगे की शान,

कभी न कम हो।

आओ यह प्रण लें,

यह सौगंध खाएं।

इज्जत और मान दें,

इस तिरंगे को हर घर,

इस बार तिरंगा फहराएं।

-रवींद्र कुमार शर्मा

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प्यारा देश हमारा

Poem On Independence Day

कितना प्यारा देश हमारा,

सबकी आंखों का है तारा।

आजादी के गीत सुनाता,

वीरों का इतिहास बताता।

लाल किले की प्राचीर से,

लहराता है तिरंगा प्यारा।

यहां पर झर-झर झरते झरने,

यहां पर कल-कल करती नदियां।

प्रकृति ने बड़े ध्यान से,

है देश का रूप संवारा।

कश्मीर की प्यारी धरती,

सैलानी के मन को हरती।

कितना प्यारा दृश्य यहां का,

कितना सुंदर यहां नजारा।

संगमरमर का ताजमहल,

पूर्णमासी में लगे कंवल।

देश के चौड़े माथे पर,

जगमग जैसे एक सितारा।

हिंदू-मुस्लिम, सिख-ईसाई,

हैं रहते सब बन कर भाई।

ऐसा संगम कहीं नहीं है,

अद्भुत है यह एक नजारा।

भिन्न भेष-भाषा है पर,

रहते हैं सब मिलजुल कर।

आपस में नहीं कोई झगड़ा,

बहती है यहां प्रेम की धारा।

काशी, मथुरा, बोधगया,

अजमेर और अयोध्या।

तीर्थ हैं सबकी श्रद्धा के,

इनसे जुड़ा है देश यह सारा।

देश की खातिर सदा खड़े हैं,

दुश्मन से जो नहीं डरे हैं।

सीमा पर तैनात हैं जो,

उन्हें जान से देश है प्यारा।

-मुजलालुद्दीन खान

पर्व आजाद भारत का

Poem On Independence Day In Hindi

पर्व यह आजाद भारत का,

विश्व में मशहूर है।

सारे हिंदुस्तानी दिल से,

झंडे को देते सलामी।

प्रण करते हैं मर मिटने का,

याद करके दिन गुलामी।

इतिहास के पन्नों में यह दिन,

एक गज़ब का नूर है।

देश सजा है दूल्हे -सा,

बाजे-गाजे बज रहे।

चहुँओर हैं ढेरों खुशियाँ,

बच्चे-बूढ़े नाच रहे।

नया गीत है – नये रंग हैं,

और निराले सुर हैं।

-प्रमोद सोनवानी पुष्प

आजादी का झंडा

Poem On Independence Day In Hindi

आजादी का झंडा प्यारा,

लहर-लहर लहराएगा।

नील गगन के खूले मंच पर,

संग पवन मुसकाएगा।

तीन रंग की पहचान यही,

आन-बान-शान हमारी।

हरे रंग की हरियाली से,

मोहक छवि बढ़ती प्यारी।

केसरिया है प्रगति वाला,

बात यही बतलाएगा।

आजादी का झंडा प्यारा,

लहर-लहर लहराएगा।

रंग बीच में अटल सजा है,

श्वेत शान्ति का पैगाम,

दाग नहीं है इस पर कोई,

विश्व भर में ऊंचा नाम।

चक्र नीला चौबीस वाला,

देश वंदना गाएगा।

आजादी का झंडा प्यारा,

लहर-लहर लहराएगा।

हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई,

सभी का अभिमान यही।

विश्व विजेता रहे हमेशा,

हर मजहब का गान यही।

हिमालय से हिंदसागर तक,

हर घर में फहराएगा।

आजादी का झंडा प्यारा,

लहर-लहर लहराएगा।

-गोविन्द भारद्वाज

तुम्हें सुनाएँ

Poem On Independence Day

गाथा हिन्दुस्थान की।

यह धरती है बलिदान की।।

गुरु समर्थ की कर्मभूमि यह,

वीर शिवाजी खेला था।

अन्यायी ताकत को उसने,

तलवारों पे तौला था।।

दूध सिंहनी का लाया था,

खेला अपनी जान पर।

घाटी घाटी गूँज उठी थी,

वीर शिवा के नाम पर।।

बच्चा बच्चा जाग उठा था,

कर में तेग महान थी।

चिड़ियों से मैं बाज लड़ाऊँ,

गुरू गोविन्द की आन थी।।

दीवारों में चुने गए थे,

मुख पर शान महान थी।

बंदा का बलिदान अनोखा,

जय बोलो वीर महान की।।

आओ बच्चों! तुम्हें सुनाएँ,

गाथा हिन्दुस्थान की।

यह धरती है बलिदान की।।

क्षत्राणी दुर्गारानी ने,

अरि दल को ललकारा था।

झाँसी की रानी ने सब कुछ,

प्रिय स्वदेश पर वारा था।

बंकिम, नेताजी सुभाष का,

गूँज उठा जयकारा था।

तिलक, गोखले, गांधीजी का,

आजादी का नारा था।।

छाती पर गोली खाई थी,

जलियाँ वाले बाग में।

कफन ओढ़कर घर से निकले,

स्वतंत्रता के फाग में।।

बिस्मिल औ आजाद, भगत ने,

आहुति दे दी प्राण की।।

यह माटी चंदन है पावन,

वीरों के बलिदान की।।

आओ बच्चों! तुम्हें सुनाएँ,

गाथा हिन्दुस्थान की।

यह धरती है बलिदान की।।

-विष्णुगुप्त

तिरंगा भारत की शान

Poem On Independence Day In Hindi

तिरंगा भारत की शान है,

माँ भारती की अमिट पहचान है।

हमारे दिलों की धड़कन,

यही हमारी जान है।

हिम शिखर पर लहराता,

गौरव राष्ट्र का बतलाता।

हर हिन्दुस्तानी के दिल का,

बढ़ाता ये सम्मान है।

इसकी खातिर हर सैनिक,

दे देते अपनी जान है।

हर देशभक्त का सपना,

तिरंगे का बढ़े मान है।

जो शौर्य की गाथा रचता,

वो दहाड़ता हिन्दुस्तान है।

हर हिन्दवासी की जान,

और वतन का अभिमान है।

तिरंगा भारत की शान है,

माँ भारती की अमिट पहचान है।

-अतुल पाठक

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आजादी

Poem On Independence

सोने के इस चिड़िया को,

अंग्रेजों ने जब देखा।

हुए लालायित पाने को,

जाल गुलामी का फेंका।

देश हमारा, सबसे प्यारा,

सोने की थी चिड़िया।

अंग्रेजों ने गुलामी की,

जंजीरों में जकड़ लिया।

गुलामी के जंजीरों में,

जकड़ा हुआ था जब भारत।

आजादी के लिए लड़ाई,

चलती रही तब अनवरत।

अंग्रेजों ने किसानों पर,

गजब जुल्म थे ढाये।

अन्न उगाते अन्नदाता,

पर हाथ नहीं कुछ आये।

अनाचार देख अंग्रेजों का,

वीरों का खून खौला।

एकजुट होकर वीरों ने,

अंग्रेजों पे हल्ला बोला।

देख भारतीयों की एकता,

अंग्रेज फिर घबराये।

फुट डालो और शासन करो

की नीति तब अपनाये।

जब तक रहे अंग्रेज वतन पर,

शोषण और अत्याचार किए।

देकर अपनी जान वीरों ने,

देश को अपनी आजाद किए।

-प्रीतम कुमार साहू

सबसे न्यारा देश हमारा

Poem On Independence Day In Hindi

यह देश वल्लभ-गांधी का है,

आजाद जैसे फौलादी का।

लक्ष्मीबाई जन्मी यहीं पर,

उड़ा था होश फिरंगियों का।

धर्मनिरपेक्ष है देश हमारा,

भारत है हमको अपने जान से प्यारा।

लोकतांत्रिक है देश हमारा,

देश हमारा है सबसे न्यारा।

भारत को सर्वश्रेष्ठ बनाना है,

सभी अपराधों से मुक्ति पाना है।

भारत को शांतिप्रिय बनाना है,

शहीद हुए यहां भारत को,

स्वतंत्र कराने को याद रखें।

हम जज्बा उनका,

दुश्मनों के छक्के छुड़ाने को।

देश से प्रेम करना सीखें,

भारत को सर्वश्रेष्ठ बनाना सीखें।

देश का आदर करना सीखें।

-सौरभ कुमार

15 अगस्त की कहानी

Poem On Independence Day In Hindi

आओ बच्चों तुम्हें बताएं,

15 अगस्त की कहानी।

जब लड़ रहे थे भारतवासी,

मार-काट और जुबानी।

आजादी के लिए चुना फिर,

15 अगस्त का दिन बलिदानी।

आधी रात को लाये,

आजादी को स्वतंत्रता सेनानी।

देश को आजादी दिलाने,

हजारों शहीद हुए स्वाभिमानी।

हार कर भाग गये सभी,

जितने थे अंग्रेज अभिमानी।

फिर भी अंग्रेजों ने,

चाल चली साथ में।

कई दिनों तक फूट डाली,

शुरू हुई देश भर में कुर्बानी।

इसलिए बांट दिया दो देशों में,

ताकि न करे कोई मनमानी।

लोग बंट गये दो हिस्सों में,

हिंदुस्तानी और पाकिस्तानी।

अलग मुल्क और संस्कृति,

चाहत थी जो बचकानी।

-जयति जैन

देश हमारा

Independence Day Poem In Hindi

पंछी लगातें जहां प्रेम का नारा,

जहां बहती गंगा की निर्मल धारा।

हमेशा चमकता जहां का सितारा,

सबसे न्यारा-सबसे प्यारा,

वह है भारत देश हमारा।

है हिमालय सिर का सरताज,

प्रकृति में छिपे जहां अनेक राज।

वास्तु कला का अनमोल नमूना,

हमारे ताजमहल का ताज,

है भारतीय होने पर हमें नाज।

फूलों की खुशबू वतन को महकाये,

हरे पौधे हरियाली की चादर बिछाये।

नदी, तालाब, झरने सुंदरता बिखराये,

सबका मन दिल जीत ले जाये,

तभी तो भारत देश स्वर्ग कहलाये।

जहां है सभी के अनेक वेश,

कोई न रखे किसी से द्वेष।

है यह गांधी-कलाम का देश,

फैलाये जो शांति के संदेश,

वही है हमारा प्यारा देश।

-अंकित कुमार

हमारा देश

Poem On Independence Day In Hindi

तीन रंगों के तिरंगे की,

शान तो देखो।

विश्व में हमारी,

पहचान तो देखो।

केसरिया बलिदान हमारा,

चक्र हमेशा चलने वाली।

सफेदगी में सादगी भरी,

हरा से हरियाली लागे।

देश में हमारे,

खुशहाली लागे।

अन्न में आत्मनिर्भर हुए,

किसानों ने साथ दिया।

वीर-जवानों से देश हमारा,

बना बहुत सशक्त।

अब तो फिर खुशहाल हुआ,

देश हमारा, भूमि हमारी।

फूलों की घाटी भी हमारी है,

धरती के स्वर्ग पर।

फिर से तिरंगा झंडा फहरायेगा।

-नितेश कुमार

स्वतंत्रता दिवस

Independence Day Par Kavita

तिरंगा हमारे देश की,

आन बान और शान है।

यही हमारी आजादी,

की पहचान है।

तिरंगे में बसता,

हमारा अभिमान है।

इसी तिरंगे के लिए,

कितने वीरों ने अपनी,

जान गवायीं है।

और इस देश को,

दुश्मनों से बचाया है।

तिरंगे के आगे हम,

शीश झुकाते।

जन गण मन का,

गीत हैं गाते।

स्वतंत्रता दिवस का,

दिन जब आता है।

हम सबमें जोश भर जाता है,

चारों और उमंग छा जाता है।

-ममता रानी

भारत के लाल हैं हम

Independence Day Par Kavita In Hindi

भारत के लाल हैं हम खेलेंगे जान पे,

पीछे हटेंगें नहीं आँधी और तूफान से,

हाथों में लेके तिरंगा निकलें शान से।

वीर भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु,

हम हैं नेताजी सुभाष के सेनानी।

वतन के वास्ते देंगे अपनी कुर्बानी,

फांसी झूले हम झूला समझकर।

अपनी ऐसी तूफानी है कहानी,

पीछे हटेंगें नहीं कभी भी हम,

किसी भी फांसी के डर से।

झांसी की रानी, इन्दिरा गांधी, किरण बेदी,

मदर टेरेसा, कल्पना चावला हम बनकर।

काम करेंगे हम सब मन से तनकर, तनकर

देश की खातिर अर्पण कर देंगें हम सब।

तन मन धन न्योछावर इस पर अपना,

शीश कटा देंगें खामोशी से हम अपना,

भारत माता की आन-बान और शान पे।

भारत के लाल हैं हम खेलेंगे जान पे,

पीछे हटेंगे नहीं आंधी और तूफान से,

हाथों में लेके तिरंगा निकलेंगे शान से।

-अलका शर्मा

चारण बनकर गाएं

Poem On Independence Day In Hindi

आओ बच्चो हम सब मिलकर,

भारत का जय-गान करें।

इसकी माटी चंदन जैसी,

झुककर इसे प्रणाम करें।।

भारत की है शान तिरंगा,

आसमान में लहराएँ।

संघर्षों की पावन गाथा,

बार-बार हम दोहराएँ।।

तीन रंग में तीन भाव हैं,

उस पर हम अभिमान करें।

जिसने भी सर्वस्व त्यागकर,

नव इतिहास बनाया है।।

समर भूमि में प्राण गँवाकर,

ध्वज का मान बढ़ाया है।

हुए शहीद देश के हित जो,

उनका हम गुणगान करें।।

देवभूमि भारत में बच्चों,

राम कोई बन आता है।

मर्यादा का पाठ पढ़ाकर,

ईश्वर का पद पाता हैं।।

अवगुण त्यागें और सभी हम,

सद्गुण का आह्वान करें।

सदाचार का राही बनकर,

हम सब भी आगे आएँ।।

भारत- भू की महती महमा,

यश-चारण बनकर गाएं।

विश्व-शांति की श्वेत पताका,

लेकर गोरव गान करें।।

-बलदाऊ राम साहू

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सर्दी ऋतुगर्मी ऋतुवर्षा ऋतु
वसंत ऋतुतितली रानीराष्ट्रीय पक्षी मोर
राष्ट्रीय फल आमकोयलफूल
पेड़सूर्यबादल
दीप उत्सव दिवालीबंदरजल
योग दिवसरक्षाबंधनचींटी रानी
स्वामी विवेकानंद जीसुभाषचन्द्र बोसलाल बहादुर शास्त्री
महात्मा गांधीडॉ भीमराव अंबेडकरसरदार वल्लभ भाई पटेल
एपीजे अब्दुल कलामबाल दिवसगाँव
नारी शक्तिगौरैयाअनमोल समय
शिक्षादादाजीदादी मां
किताबबाल कविताबालगीत
प्यारी बेटीसड़क सुरक्षागाय
रक्षाबंधनदादा-दादीतोता
आमतिरंगागुलाब का फूल
हरिवंश राय बच्चनसुमित्रानंदन पंतरेलगाड़ी
झरनाचूहामधुमक्खी
वसंत पंचमीमकर संक्रांतिहाथी
गंगा नदीहिमालय पर्वतकृष्ण जन्माष्टमी
किसानमजदूर दिवसक्रिसमस
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