Top 51+ Best Poem On Mother In Hindi | मेरी प्यारी माँ पर सुंदर कविता

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Inspirational Poem On Mother In Hindi मदर्स डे पर पढ़िए (Mothers Day Poem In Hindi) माँ पर लिखी Shailesh Lodha की यह मार्मिक कविता आपके आंखों में आंसू छलका देंगी।

मशहूर टीवी कलाकार, लेखक और कवि शैलेश लोढ़ा ने साहित्य जगत के मंच पर माँ पर बेहद मार्मिक कविता सुनाई। उन्होंने जब माँ नहीं होती तो क्या होता है, इस प्रसंग को कविता के माध्यम से व्यक्त किया। उन्होंने अपने अभिव्यक्ति में कहा कि जब माँ होती है तब उसके होने का अहसास नहीं होता। उसके नहीं रहने पर हर पल हम उसे अपने पास ढूंढते हैं। हर तरक्की आज मुझे छूकर जाती है, पर मां आज तेरी बहुत याद आती है। आज के पोस्ट में शैलेश लोढ़ा की मार्मिक कविता भी शेयर किया गया है जिसे पढ़ने के बाद आपके आंखें नम हो जाएगी।

यदि विश्व में माता का कोई अस्तित्व नहीं है तो हमारी भी कोई अस्तित्व नहीं है। अगर माता न होते तो हम और अन्य कोई मनुष्य इस कर्मभूमि रूपी संसार में जन्म नहीं ले सकता। भारत ही एक ऐसा देश है, जहां कि संस्कृति में माता को ईश्वर यानि देवी का रूप का दर्जा दिया गया है।

सर्वतीर्थमयी माता, मातरं तस्मात् सर्वयत्नेन पूजयेत्।।

माता में सभी तीर्थों का वास है और माता सर्वदा पूजनीय हैं अर्थात माता का आदर भूमंडल के समस्त तीर्थों की परिक्रमा का फल देता है। अर्थात् जिसने माता का आदर किया है, उसने पृथ्वी के सभी तीर्थों का आदर कर लिया है।

अपनी माँ को असहाय छोड़ कर तुम्हें कभी मुक्ति नहीं मिलेगी। तुम्हारी मुक्ति तभी मिल सकती हैं जब निश्वार्थं भाव से और सच्चे मन से अपनी माँ की सेवा करो यही तुम्हारी मुक्ति की द्वार है। इसलिए हमें हर दिन माता का सम्मान करना चाहिए। हमने भी माता के सम्मान में सुंदर कविता – Poem On Mother In Hindi साझा किया गया है।

माँ

Poem On Mother In Hindi

माँ गंगा की निर्मल धारा,

माँ अमृत का मीठा प्याला।

माँ की ममता का छोर नहीं,

माँ के जैसा कोई और नहीं।

माँ ही दुर्गा की शक्ति है,

माँ ही काली कल्याणी है।

माँ ही अक्षत माँ ही रोली,

माँ ही पूजा की थाली है।

माँ ही कुंकुम माँ ही चंदन,

माँ फूलों की फुलवारी है।

माँ ही धरा है माँ ही अंबर,

माँ में स्वर्ग समाया है।

माँ ही सीता माँ ही लक्ष्मी,

माँ में राधा देखी है।

माँ ही काशी माँ ही काबा,

माँ ही मथुरा प्यारी है।

माँ ही मंदिर माँ ही मस्जिद,

माँ में ही गुरुद्वारा है।

माँ के जीवन में जब आया,

जीवन माँ का भी मुस्काया।

माँ का मैं संसार हूँ प्यारा,

माँ में मैंने सब कुछ पाया।

धरती जितनी गहरी है माँ,

अम्बर जितनी ऊँची है।

माँ का कर्ज उतार न पाया,

अपने को कमजोर ही पाया।

माँ से बड़ा न बन पाऊँगा,

उनका बच्चा बना रहूँगा।

-निर्मला मून्दड़ा

माँ

Poem On Mother In Hindi

Poem On Mother In Hindi

प्यारी जग से न्यारी माँ,

खुशियाँ देती सारी माँ।

चलना हमे सिखाती माँ,

मंजिल हमें दिखाती माँ।

सबसे मीठे बोल है माँ,

दुनिया में अनमोल है माँ।

खाना हमें खिलाती है माँ,

लोरी गाकर सुलाती है माँ।

प्यारी जग से न्यारी माँ,

खुशियाँ देती सारी माँ।

-साक्षी पत्रवाणी

माँ

Shailesh Lodha Poetry On Mother

Poem On Mother In Hindi

माँ होती है सबसे प्यारी,

सबसे प्यारी, सबसे न्यारी।

सुबह से लेकर शाम तक,

निभाती है हर जिम्मेदारी।

रोज सुबह जल्दी उठ जाती,

काम करके वह थक जाती।

शिकन नहीं चेहरे पर आती,

खुश होकर सारे गम छुपाती।

रोज मुझे स्कूल पहुँचाती,

छुट्टी होने पर घर भी लाती।

घर के सारे काम समेट कर,

होमवर्क भी खुद करवाती।

दोस्त बनकर साथ निभाती,

बहन बनकर प्यार लुटाती।

पापा बनकर ज्ञान सिखाती,

हर रिश्ते को बखूबी निभाती।

-नंदिनी राजपूत

मेरी प्यारी माँ

Small Poem On Mother In Hindi

गंगा की निर्मल धारा है माँ,

धूप में पेड़ की छाया है माँ।

जीवन है, समस्त संसार माँ,

चरणों में स्वर्ग का द्वार है माँ।

इस दुनिया में सबसे न्यारी माँ,

मेरी माँ है कितनी प्यारी माँ।

दुनिया से अनमोल है माँ,

खाना हमें खिलाती है माँ।

हर रोज सुनाती लोरी मुझे माँ,

कभी ना करती आनाकानी माँ।

चलना हमें सिखाती माँ,

मंजिल हमें दिखाती माँ।

-सुनीता साहू

माँ

Short Poem On Mother In Hindi

वो रात-रात भर जाग कर,

मुझे गोद में झुलाना।

खुद गीले में सो जाना,

और मुझे सूखे में सुलाना।

मेरे दिल की बातों को,

मेरे चेहरे से जान जाना।

मेरी एक फरमाइश पर,

पसंद का खाना बनाना।

अपनी इच्छाओं को दफन कर,

मेरे ख्वाब सजाना।

मुझे दर्द होने पर,

वो तेरी आंखों में आंसू आ जाना।

तुझसा ना कोई दूजा,

मैंने इस जहां में पाया है।

मां एक तू ही है,

जिसने निस्वार्थ प्यार लुटाया है।

-सपना यदु

माँ

Poem On Maa In Hindi

Poem On Mother In Hindi

सबसे है प्यारी जग से है न्यारी,

सबसे अनमोल होती है माँ।

खुद के अरमानों को भूल,

ढेर सारी खुशियाँ देती है माँ।

उंगली पकड़कर चलना सिखाती,

थपकी देकर सुलाती है माँ।

माफ कर सब गलतियों को,

लोरी गाकर सुनाती है माँ।

चले अगर गलत राहों पर तो,

हाथ पकड़ मंजिल दिखाती है माँ।

कभी खुद गीले में सो कर,

सूखे में बच्चों को सुलाती है माँ।

लाख तकलीफें सह कर भी,

बच्चों पर ममता लुटाती है माँ।

-पुष्पलता साहू

माँ

Poem On Mother In Hindi

माँ तू महान है,

बच्चों के लिए जहान है।

माँ से ही बच्चे की पहचान है,

माँ की सेवा ही इम्तिहान है।

जिसने माँ का दिल जीत लिया,

वही सबसे सफल इंसान है।

माँ चलना बोलना सिखाती,

गोद में बिठा खाना खिलाती।

अच्छे बुरे का ज्ञान कराती,

सोते वक्त लोरी सुनाती।

स्कूल के लिए तैयार कराती,

पढ़ा-लिखा कर काबिल बनाती।

बड़ा होने पर भूल न जाना,

जीवन भर सुख पहुंचाना।

बेटा होने का फर्ज निभाना,

माँ के दूध का कर्ज चुकाना।

माँ ने वारी ममता का खजाना,

गर्व करे माँ, ऐसा बन के दिखाना।

-मनोज कुमार पाटनवार

मेरी माता अनमोल नाता

Mothers Day Poem In Hindi

रखती सबका ख्याल हमेशा,

कभी न थकती मेरी माता।

बिना बोले ही सब समझती,

अजीब मंत्र है उसको आता।

जब भी मैं रूठा करती हूँ,

मुझे हँसाती मेरी माता।

दुनिया की अच्छी बातों को,

मुझे सिखाती मेरी माता।

सब कहते हैं अनपढ़ उनको,

मन कि बात पढ़ लेती माता।

मुझे सुख या दुख जब भी आए,

मेरे साथ खड़ी होती मेरी माता।

जिसने मुझे मिट्टी से इंसान बनाया,

वो है मेरी भाग्य विधाता मेरी माता।

जिससे है दुनिया में मेरा अनमोल नाता,

वो है मेरी माता, मेरी माता, मेरी माता।

-कन्याकुमारी पटेल

माँ

Poem On Maa In Hindi

माँ मेरी बड़ी निराली है,

रखती ध्यान हमेशा प्यारी है।

सुबह उठाकर नहलाती है।

कंघी कर बालों को सुलझाती है,

स्वादिष्ट भोजन बना खिलाती है।

स्कूल जाने की देती है सीख।

होमवर्क में मदद को आती है,

खेल भी मुझको करवाती है।

मुश्किल घड़ियों में समझाती है।

माँ मेरी बड़ी निराली है,

जो मेरे प्राणों से प्यारी है।

प्यार लुटाती है हर वक्त।

मां मेरी बड़ी निराली है,

गागर में सागर कहलाती है।

मां मेरी बड़ी प्यारी है।

सबकी राजदुलारी है,

रखती ध्यान हमेशा प्यारी है।

मां मेरी बड़ी निराली है।

-ऋषिता यदुराज

मेरी माँ

Poem On Maa In Hindi

सबसे पहले खूब-सवेरे,

घर में जगती मेरी माँ।

झाडू लेकर सुबह-सुबह ही,

साफ-सफाई करती माँ।

सबको खूब खिलाती लेकिन,

खुद थोड़ा सा खाती माँ।

सजी-धजी साड़ी में रहती,

दुखरा नहीं सुनाती माँ।

मुझे पढ़ाती और लिखाती,

हँसती और हँसाती माँ।

कहती रहती मन से पढ़ना

नहीं डपटती मेरी माँ।

जब तू बड़ा बनेगा बेटा,

खुश हो जाए धरती माँ।

भारत माँ की सेवा करना

सब दिन कहती मेरी माँ।

-सतीश चंद्र भगत

माँ

Maa Par Kavita In Hindi

माँ ममता की मूरत होती,

माँ होती भगवान।

माँ का स्थान अद्वितीय,

माँ गुणों की खान।

माँ शब्द में संसार बसा है,

माँ से बढ़कर कौन।

अद्भुत धैर्य वसुधा सा उनमें,

सहती रहती मौन।

माँ धूप में शीतल छाया,

स्नेह भरी पुरवाई माँ।

सर्द भोर में गुनगुनी धूप,

हर रोग की दवाई माँ।

गंगाजल सी पावन होती,

माँ पूजा की थाली।

गोद लगे सुखद बिछौना,

माँ की बात निराली।

माँ नाम समर्पण का,

वात्सल्य की निर्मल धारा।

खुश रहती सबकी खुशी में,

होती सुदृढ़ सहारा।

अमृत रस पिला बच्चों को,

वो आनंद भर देती।

दया प्रेम करुणा का पर्याय,

माँ सबसे प्यारी होती।

छलक पड़े आँखों से आँसू,

माँ की याद आते ही।

मुँह से निकलता है माँ,

चोट जरा सा लगते ही।

-अनिता चन्द्राकर

माँ

Maa Par Kavita In Hindi Short

माँ हमारी प्यारी है।

फूलों वाली क्यारी है।।

माँ हमको चलना सिखलाती।

अच्छी-अच्छी बातें बतलाती।।

माँ ही है सबसे न्यारी।

जिसमें समाहित सृष्टि सारी।।

माँ से मुझको जीवन मिलता।

उन्हें देखकर चेहरा खिलता।।

माँ ही है धरती का गहना।

बस सेवा उनकी करते रहना।।

-हिमांशु पांडे

मां की ममता

Maa Poetry In Hindi

माँ बड़ी प्यारी होती है,

जग मे सबसे न्यारी होती है।

अपार है माँ की ममता,

इसका कोई आकार नहीं होती है।

माँ की ममता करुणा न्यारी,

जैसे दया की चादर।

शक्ति देती नित हम सबको,

बन अमृत का गागर।

ममता का सागर है माँ,

अम्बर सा माँ का अवतार।

त्याग मूर्ति है प्रकृति सी,

धरती सा माँ का प्यार।

ईश्वर का अवतार तू ही,

तू ही जीवन का आधार।

उपकार तेरा मुझ पर है,

करूँ मै तेरी जय जयकार।

माँ का आंचल खुशियों की फुलवारी,

माँ की ममता है अपार।

माँ के चरणों में आनंद की किलकारी,

इनसे ही सबका सपना साकार।

-तुलसीराम चंद्राकर

माँ

Mothers Day Poem In Hindi

माँ ममता की चांदनी,

माँ सूरज की धूप।

वक्त पड़े ज्वाला मुखी,

वक्त पड़े नल कूप।

माँ मीरा की त्याग है,

माँ बंसी की तान।

माँ बिना जीवन लगे,

जैसे रेगिस्तान।

माँ है तो है महात्मा,

माँ है तो हम बने आत्मा।

माँ बिना जग सूना सूना,

माँ बिना न पूर्ण परमात्मा।

शुभाशीष शुभ कामना,

ममता दया दुलार।

माँ के आँचल में बसे,

सभी सुखों का सार।

-लक्ष्मी तिवारी 

माँ है बड़ी महान

Hindi Kavita On Maa

ममतामयी आंचल में खिले स्नेह के फूल,

पुत्र के प्रेम में वह सब कुछ जाती भूल।

सहे धूप अकेली वह करे पुत्र पर छांव,

पीड़ा सारी झेलकर पार लगादे नाव।

निर्मल हृदय में सदा बहे ममत्व का जल,

आंचल को न छू पाये पाप-कपट और छल।

भूखी स्वयं सोकर भी कितना रखती ध्यान,

सहती पीड़ा पुत्र की माँ है बड़ी महान।

-महेन्द्र सिंह शेखावत

प्यारी माँ

Easy Poem On Mother In Hindi

बड़े प्यार से गोदी में ले,

हमको माँ जगाती है।

मीठी-मीठी बातें करके,

माँ हमको बहलाती है।

बड़े सवेरे हमें उठाती,

उगता सूर्य दिखाती है।

फिर थोड़ा व्यायाम कराती,

रोटी हमें खिलाती है।

जब जाते हम विद्यालय,

हमें छोड़ने आती है।

निपटाकर घर के काम सभी,

हमको खूब पढ़ाती है।

अच्छा सा पकवान बनाकर,

हमको रोज खिलाती है।

संस्कारों के पाठ पढ़ाती,

हमको इंसान बनाती है।

-रीना मौर्या

माँ की ममता

Hindi Poem On Maa Ki Mamta

सब कुछ खरीद सके दौलत से,

पर माँ की ममता न कहीं बिके।

अनमोल सदैव ही माँ की ममता,

माँ की ममता न हम खरीद सके।

हम बच्चों से अपने आस लगाए,

वे जरूर बने जैसे श्रवण कुमार।

माँ जिसने हमको है जन्म दिया,

बूढी होने पर हो जाती लाचार।

आधुनिकता के मोह बन्धन में,

माँ के प्रति हम होते लापरवाह।

माँ जैसी ममता कहीं न मिलती,

सदियों से इतिहास रहा गवाह।

बूढी माँ के टूटे चश्मे को हम,

बनवाने में लगा देते कई माह।

नई गाड़ी व मोबाइल लेने में,

हम बना लेते तुरंत नई राह‌।

धन्य ! बहुत वे हैं अच्छे इंसान,

जो वृद्धाश्रम को है खोल दिए।

सम्मान मैं मन से करना चाहूँ,

वृद्धों को आश्रम में शरण दिए।

बेटा कितना भी होता खराब,

माँ देती है आँचल का प्यार।

सब रिश्तों में अनमोल है माँ,

जीवन भर करती हमें दुलार।

-लाल देवेन्द्र कुमार 

माँ

Meri Maa Poem In Hindi

काश तू फिर लौट आती माँ,

और फिर कभी ना जाती माँ।

आज तेरे आंचल में मुंह छुपाने को,

तरस रही है मेरी दुनिया।

तेरा साथ पाने से ज्यादा दुनिया में,

कुछ और नहीं है बढ़िया।

अपनी छवि मुझमें देख,

फिर आज तू हरषाती माँ।

काश! तू फिर लौट आती माँ,

और फिर कभी कभी ना जाती माँ।

देख! तेरी बनाई कृति में रंग,

कितने भर दिए मैंने,

आरजू तूने जो पाली थी।

सारी पूरी कर दी है मैंने,

अपने ही प्यारे से रूप को देख,

फिर से खिलखिलाती ओ माँ।

काश! तू फिर लौट आती माँ,

और फिर कभी ना जाती माँ।

जाने से तेरे आज मैं,

कितनी अकेली पड़ गई।

लाख चाहा मैं न रोऊँ,

फिर भी रोती रही गई।

एक बार आ के संजोने,

आंख से मोती ओ माँ।

काश! तू फिर लौट आती माँ,

और फिर कभी ना जाती माँ।

-डा.सुनीता गौड़

मेरी मां

Maa Ke Upar Kavita

मैं जब पहली बार था रोया,

तब तू मुस्काई थी।

असहाय से उस दर्द में भी तूने,

शायद खुशी की अनुभूति पायी थी।

तुझसे ही यह सारा संसार है,

तुझसे है रंग-ओ-आबशार है।

तुझसे बंधी है हर दिल की डोर,

तू ही तो जीने का आसार है।

अब जब भी हंसा मैं,

तब तू मुस्काई थी।

परवरिश जो तूने की,

आंचल में छिपा कर।

हर खुशियां दी मुझे,

तूने अपने सुख भुला कर।

इतनी मोहब्बत,

नहीं कहीं देखी मैंने,

जो तूने किया है मां

मेरी सारी गलतियां भुला कर

जब भी मैंने की

इतनी बदमाशियां

प्यार से समझाया,

फिर तू मुस्काई थी।

मैं जब पहली बार था रोया,

तब तू मुस्काई थी।

-अनुराग मिश्रा अनिल

मां

Inspirational Poem On Mother In Hindi

नींद अपनी भुलाकर,

सुलाया है जिसने।

आंसू अपने गिराकर,

सुलाया है जिसने।

दुःख मत देना,

उस खुदा की मूर्ति को।

यह संसार कहता है,

जिसको मां।

-आराध्या चौहान

माँ

Small Poem On Mother In Hindi

माँ तेरी दुनिया है प्यारी,

माँ मैं तेरी परी दुलारी।

तू है तो न कोई गम है,

माँ तू प्यारी तेरी बातें न्यारी।

तू दुनिया में हमको लायी,

पकड़ अँगुली चलना सिखलायी।

तोतली जुबान से करके बातें,

माँ-माँ कर मैं तुझे बुलाती।

माँ तू ही पृथ्वी की भगवान,

तुझमें बसते मेरे प्राण।

तेरा जीवन सदा रहे,

है तुमसे ही मेरी पहचान।

-नीरान्जलि मौर्य

माँ

Kavita On Maa

माँ तेरी यही कहानी,

तेरी दया बड़ी निराली।

अपनी कोख की छाया में, बड़ा किया,

लोरी गाकर सपनों का, संसार दिया।

जग है सोया, तू है जागी,

फिर भी कभी न थकी-हारी।

सुख-दुख सब झेल जाती,

मुझ पर आँच न आने देती।

उंगली पकड़ चलना सिखाया,

सत मार्ग का राह दिखाया।

माँ तेरी यही कहानी,

तेरी दया बड़ी निराली।

करुणा पाकर जग इतराया,

माँ ये तेरी कैसी माया।

अपने हाथों से खिलाया,

समय पड़ा तो हल चलाया।

मिला है तुझको रब का दर्जा,

करते सब सम्मान।

नारी शक्ति तू है “माँ”,

जग में बहुत महान।

-योगेश राजवाड़े

जान से प्यारी मां

Meri Maa Par Kavita In Hindi

रोज जगाती मां ही मुझको,

गरम दूध पिलाती है।

भूखी रह कर भी मां,

मुझको रोज खिलाती है।

मां के हाथों की चपाती,

कितनी अच्छी लगती है।

सब रिश्तों में होती प्यारी,

मां ही सच्ची लगती है।

दुनिया की सारी खुशियां,

पूरी मां से होती है।

रिश्तों के ताने बाने को,

मां ही खूब सजाती है।

जीवन की उलझन का हल,

केवल मां बताती है।

-शुभांगी शर्मा

मेरी मां

Short Poem On Mothers In Hindi

ईश्वर की अपार शक्ति

मेरी सांसों की शुरुआत

मेरे हृदय कर आवाज़

जीवन के सारे दर्द की दवा है जो,

वो है मेरी मां।

नौ माह कोख में भार सहे जो,

अपनी पीड़ा भूल सबका ख्याल रखे

अपनो के लिये अपना सब कुछ कुर्बान करे जो

वो है मेरी मां।

हर कदम पर प्रेरणा की स्रोत बनी जो

मायूस हो जब वापस आऊं

तो और बेहतर होने की आस जगाए

खुद भूखी रहकर सबको तृप्ति दिलाये

जिन्दगी के हर पग पर मेरी ढाल बने जो

वो है मेरी मां।

मेरे आत्मविश्वास को प्रबल बनाए

बेसहारा हुए तो सबल बनाए

मेरे अस्तित्व की शुरुआत है

और अंत तक जिसका आशीर्वाद है

वो है मेरी मां।

-पुष्पा नायक

माँ

Poem On Maa In Hindi

दुनिया में सबसे बड़ी दौलत

होती है माँ,

बच्चों की सफलता पर निःशब्द

होती है माँ।

रोटी कपड़ा मकान में

होती है माँ,

बच्चों का छोटा-सा आसमान

होती है माँ।

क्या छांव, क्या धूप

होती है माँ,

ममता की मूरत, स्नेह का स्वरूप

होती है माँ।

बच्चे की हर हरकत को

हँस के सहती है माँ,

सुख हो या दुख हो

किसी से कोई शिकायत नहीं

करती है माँ।

बच्चे का पहला शब्द

होती है माँ,

वो पहला निश्वार्थ शब्द सुनके

कितना रोती है माँ।

दुनिया में सबसे बड़ा धन

होती है माँ,

बच्चों का पेट भरके

खुद भूखे पेट सोती है माँ।

माँ का स्थान पूरे विश्व में दूजा है,

माँ मन्दिर है, आराधना है, माँ पूजा है।

-ऋषि प्रधान

माँ

Mother Hindi Poem

फिक्र में बच्चों के कुछ,

ऐसे ही घुल जाती है।

नौजवां होते हुए भी,

बूढ़ी नज़र आती है माँ।

कब जरूरत हो,

मेरे बच्चे को इतना सोचकर।

जागती रहती हैं आंखें,

और सो जाती है माँ।

रूह के रिश्तों की ये,

गहराइयाँ तो देखिये।

चोट लगती है हमें,

और चिल्लाती है माँ।

लौटकर वापस सफर से,

जब भी घर आती है।

डालकर बाहें गले में,

सिर को सहलाती है माँ।

कर्ज हो नहीं सकता,

कभी उसका अदा।

मरते-मरते भी दुआ,

जीने की दे जाती है माँ।

मरते दम बच्चा अगर आ,

पाये ना परदेस से।

अपनी दोनों पुतलियां,

चौखट पे रख जाती है माँ।

सब्र के आगोश में,

जब थक के सो जाती है।

तब कहीं जाकर थोड़ा,

सुकून पाती है माँ।

प्यार कहते हैं किसे,

और ममता क्या चीज है।

ये उन बच्चों से पूछो,

जिनकी मर जाती है माँ।

-प्रवीण कुमार सहगल

माँ

Poem On Mom In Hindi

ओ मेरी प्यारी माँ,

ओ मेरी प्यारी माँ।

हर पल साथ रहती है मेरी माँ,

दुनिया में सबसे प्यारी है माँ।

सुख दुःख में साथ देती है माँ,

ममता का सागर होती है माँ।

भगवान का दूसरा रूप है माँ,

आदर सम्मान हमें सिखाती माँ।

अच्छी-अच्छी बात हमें बताती माँ,

प्यार सदा लुटाती है माँ।

मुसीबतें पास हमारे आती हैं,

चुटकी में माँ हल कर जाती है।

ओ मेरी प्यारी माँ,

ओ मेरी प्यारी माँ।

-सविता भूदीप

माँ का कर्ज अनमोल है

Heart Touching Poem On Mothers Day In Hindi

कर्ज तेरा मैया मैं कभी न चुका पाऊँगा।

तेरे आँचल से कभी दूर मैं न जाऊँगा।।

तन के सांचे में नौ महीने हमको ढाला हैं।

मुझको फिर जन्म दिया, प्यार से भी पाला है।।

तेरा ही दुध पीकर हम तो पड़े सोते थे।

सर पर हाथो को फेरती तो खड़े होते थे।।

मुझको दुनिया दिखाया, छोड़ के न जाऊँगा।

तेरे आँचल से कभी दूर मैं न जाऊँगा।।

मुझको उंगली पकड़ के चलना सिखाया तुमने।

मेरे आँसू जो बहे,अपने गोद उठाया तुमने।।

सपने तू रोज देखती थी मैं बड़े हो जाऊ।

खुद कि चिंता नहीं थी किस्मत सवर जाये।।

तेरी आँखों में आँसू देख नहीं देख न पाउँगा।

तेरे आँचल से कभी दूर मैं न जाऊँगा।।

होता परेशान तू सीने से लगा लेती हैं।

मरहम से लगती है,हर दर्द मिटा देती हैं।।

अपने माँ-बाप का जो दिल कभी दुखायेगा।

जिंदगी भर न तू सुख चैन कभी पाएगा।।

माँ कि ममता कभी भूल न पाऊँगा।

तेरे आँचल से कभी दूर मैं न जाऊँगा।।

-अमृता सुमन

 

माता

Poem On Mother In Hindi

माता तेरे चरणों में,

जीवन बन सुख पाता हूं।

ऋणी रहेगा यह जीवन,

माता के एहसानों का।

चलना-फिरना और बोलना,

माता ने सिखलाया है।

मीठी-मीठी लोरी गाकर,

माता ने हमें सुलाया है।

माता के आंचल में हमने,

जीवन का सुख पाया है।

गीली-गद्दी पर सोकर,

माता ने हमें सुलाया है।

जब-जब रोता तब-तब,

माता ने दूध पिलाया है।

जीवन में पग-पग पर,

माता बारम्बार तुम्हें प्रणाम।

-श्री प्रेम सिंह

 

मां तुझे प्रणाम

Small Poem On Mother In Hindi

जब भी देखता हूं,

अपने हाथों को

लिखते हुए

चलते हुए।

अपने कदमों को

बोलते हुए मुंह

और सुनते हुए कर्ण को

मां याद आती है।

मां में मैं बड़ा होता,

मां तुझे प्रणाम।

-अद्वितीय निनाद

 

मेरी माँ

Poem On Maa In Hindi

आज मै एक बात बताऊँगा,

अपनी माँ की कहानी सुनाऊँगा।

जब मैं छोटा था ऊँगली,

पकड़ चलाती थी।

अपने हाथों से खाना खिलाती थी।

मुझे पढ़ा-लिखा कर,

आत्मनिर्भर बनाया।

मुझे मेरे भविष्य को,

संवारना सिखाया।

मैं नौकरी लगा और,

भविष्य हेतु जगा।

हमेशा घर से बाहर रहने लगा।

मां घर पर आने को कहती,

पर मेरे नहीं जाने पर अकेली रहती।

मैंने बाहर ही ब्याह रचाया।

अपना अलग परिवार बसाया,

जिसके चरणों की लेनी चाहिए थी धूल,

उस माँ को मैं गया भूल।

फिर एक दिन ऐसा आया,

दुःखों का काला बादल छाया।

माँ नहीं है अब मेरे साथ में,

केवल उसकी अस्थियां है मेरे हाथ में।

-बजीर

 

माँ

Mother’s Day Poem In Hindi

इस जग में तुम से ज्यादा,

हुआ ना होगा प्यारा माँ।

तुमसे जुड़ता है रिश्ता,

इस जग से नौ माह पहले माँ।

दूध से हमको पाला माँ

अपने आँचल की छाया दे,

निवाला भी दे डाला माँ

आज तक पाला जिसने,

वो बोझ क्यों हो जाती माँ

ऐसा क्या गुनाह हुआ जो,

घर से बाहर होती माँ।

होते देखे कंगाल जो,

छोड़ के माँ को वृद्धाश्रम आए”

वो ही माला माल है जिसके,

सर पर माँ का हाथ रहे।

अपने बच्चों को दुःख देख,

खून के आँसू रोती मां।

जो बैठ पास में प्यार से बोले,

फूलों सी खिल जाती माँ।

अपने अरमां को दफन कर,

बच्चों के पूरें करती है।

ये माँ है प्यारे, माँ तो बस

माँ…ही होती है।

खुद काँटों पर चलकर के,

फूलों की राह बनाती है।

हर मुश्किल की घड़ियों में,

वो ढाल सी बन जाती है।

क्या कहुँ नहीं कोई ऐसा शब्द,

जो माँ से पहले आता हो।

बस यही दुआ करती हूँ कि,

हर जन्म इसी से नाता हो।

-सुमन ओझा

 

मां शब्द एक ग्रंथ है

Poem On Mother In Hindi

जो सुकून मां के आंचल में है,

दुनियां में और कही नही,

मां ईश्वर का रूप है।

मां एक एहसास है,

मां शब्द नहीं ग्रंथ है।

मां का रिश्ता अनमोल,

और निस्वार्थ है।

मां ममता, दया, करुणा,

संवेदना, भावना, प्यार का,

अथाह सागर है।

मां के चरणों में जन्नत है,

मां के एहसास मात्र से ही।

हृदय में प्यार व खुशी का,

संचार होने लगता है।

मां की इबादत करना,

ईश्वर की इबादत करना है।

मां प्यार त्याग तपस्या,

की जीती जागती मूरत है।

मां की ममता का,

इस दुनियां में कोई सानी नहीं।

-डॉ. शम्भू पंवार

 

माँ

Poem On Maa In Hindi

 

माँ से बढ़कर इस धरती पर,

मुझे न कोई प्यारा।

वह मुझको प्यारी है, मैं

माँ की आँखों का तारा।

जब भी गलती की है मैंने,

माँ ने उसे सुधारा।

मुझे पढ़ाती, होमवर्क भी,

करवाती है सारा।

मैं हूँ छोटी मछली जैसी,

माँ गंगा की धारा।

माँ फूलों की बगिया जिससे,

महके घर-चौबारा।

जब तक चमकें आसमान में,

सूरज, चंदा, तारा।

तब तक बना रहे धरती पर,

माँ से साथ हमारा।

-सूर्यकुमार पांडेय

 

कभी चुका नहीं पाऊंगा

Poem On Mother In Hindi

 

माँ तेरी ममता का कर्ज,

कभी चुका नहीं पाऊंगा।

अगले जनम में मैं फिर,

तेरे लाल बनकर आऊंगा।

रख के नौ माह उदर में,

मेरी पग प्रहार को सही हो।

देकर नव जन्म मुझे तुम,

चिरंजीवी रहना कही हो।

प्रतीति मुझे भी होता है,

कष्ट को भुला नहीं पाऊंगा।

माँ तेरी ममता का कर्ज,

कभी चुका नहीं पाऊंगा।

उंगली पकड़कर मेरी तूने,

चलना मुझे सिखाया था।

अनदेखे जगत के दृश्यों को,

तूने मुझे दिखाया था।

गुजरे हुए पलों को स्मृति से,

मैं मिटा नहीं पाऊंगा।

माँ तेरी ममता का कर्ज,

कभी चुका नहीं पाऊंगा।

भूख से होता था बेहाल,

दौड़कर पास में आता था।

हवा देती मुझे बिजना से,

तुम्हारे हाथों से खाता था।

तुम्हारी लाड,प्यार को,

किसी को दिखा नहीं पाऊंगा।

माँ तेरी ममता का कर्ज,

कभी चुका नहीं पाऊंगा।

घर आता था देर से तो,

बहुत डांट मुझे लगाती थी।

जल्दी आ जाया करो,

यह बात हमेशा कहती थी।

देखती रहती राहों को,

किसी को बता नहीं पाऊंगा।

माँ तेरी ममता का कर्ज,

कभी चुका नहीं पाऊंगा।

मैं करता था कोई गलती,

पिता से छुपाती थी तुम।

बुरी आदत को छोड़ दो,

नैतिक सीख देती थी तुम।

रोशन करूंगा नाम तुम्हारी,

नाम डूबा नहीं पाऊंगा।

माँ तेरी ममता का कर्ज,

कभी चुका नहीं पाऊंगा।

तुम्हारी ही बदौलत मिला,

मुझे कर्तव्य आजीविका।

दूर हो गई सारी गरीबी,

रहने लगे हम सभी हर्षिता।

तुम्हारे किए उपकार को,

आजीवन डूबा नहीं पाऊंगा।

माँ तेरी ममता का कर्ज,

कभी चुका नहीं पाऊंगा।

विस्तार करेगा वंश को,

कहके कर दी मेरी शादी।

आ गई नववधू घर में,

बढ़ने लगी देश की आबादी।

रो रहे हैं बच्चे बिलख,

लोरी से सूला नहीं पाऊंगा।

माँ तेरी ममता का कर्ज,

कभी चुका नहीं पाऊंगा।

छिड़ गया घर में गृहयुद्ध,

सास-बहू की है टक्कर।

बिगुल बजा शंखनाद से,

उतरे हैं मैदान में डंटकर।

कर्मी गिनाते लाख-लाख,

गलती बता नहीं पाऊंगा।

माँ तेरी ममता का कर्ज,

कभी चुका नहीं पाऊंगा।

घर में खींचाया सीमा-रेखा,

हुई चीजों की बंटवारा।

सिर से उठा उनका हाथ,

जो थे जीवन का सहारा।

अच्छे पुत्र के दायित्व को,

अब निभा नहीं पाऊंगा।

माँ तेरी ममता का कर्ज,

कभी चुका नहीं पाऊंगा।

इस जनम में कलह से,

जननी मैं तुमसे दूर हो गया।

पत्नी की प्रेम के खातिर,

मैं बहुत मजबूर हो गया।

तुम्हारे दिल को और ज्यादा,

मैं दुःखा नहीं पाऊंगा।

माँ तेरी ममता का कर्ज,

कभी चुका नहीं पाऊंगा।

-अशोक कुमार यादव

 

मां और घर

Poem On Mother In Hindi

 

पिता काम पर जाते हैं,

विद्यालय जाता मैं,

घर पर मां होती है।

दोनों दिन भर,

सहेजते हैं एक-दूसरे को,

किचन से कमरे तक।

मां संवाद करती है,

थककर आराम करते हैं दोनों,

मेरे आने का समय।

पता है घर को,

घर मां को जगाता है,

मां घर को।

-अद्वितीय निनाद

 

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