Poem On Spring Season In Hindi:- वसंत ऋतु भारत की सबसे सुंदर और प्रिय ऋतुओं में से एक है। यह ऋतु प्रकृति को नई जीवन और रंगीनता का आनंद देती है। वसंत ऋतु में पृथ्वी पर मौसम की बदलती हुई रंगबिरंगी छटा देखने को मिलती है।
वसंत ऋतु को सुंदरता, उत्साह और नयी जीवन का प्रतीक माना जाता है। इस ऋतु में पेड़-पौधे हरा-भरा होते हैं और फूलों की महक सब को आकर्षित करती है। पक्षियों का चहचहाना सुनने को मिलता है और वन्यजीवों की आवाज़ खुले आसमान में घूमती है। वसंत के मौसम में हवा सुहावनी होती है और मानव मन को प्रसन्न करती है।
वसंत के मौसम में त्योहारों का आयोजन किया जाता है। होली और वैषाखी वसंत ऋतु के मध्यांतर में मनाए जाते हैं। ये त्योहार रंगों और मुसीबतों के साथ मनाए जाते हैं और लोग आपसी मित्रता और खुशी का जश्न मनाते हैं।
वसंत ऋतु के मौसम में स्कूल और कॉलेज में छुट्टियां होती हैं और बच्चों को खेलने और आनंद लेने का समय मिलता है। लोग वसंत ऋतु में घूमने और पिकनिक करने के लिए प्राकृतिक स्थलों की यात्रा करते हैं। इससे न केवल उन्हें आनंद मिलता है बल्कि प्रकृति का आनंद भी मिलता है।
वसंत ऋतु हमें यह याद दिलाती है कि जीवन नयी उमंगों और संभावनाओं से भरा होता है। यह हमें प्रकृति की सुंदरता और अनंतता का आनंद लेने का मौका देती है। हमें वसंत ऋतु के महत्व को समझना चाहिए और प्रकृति के साथ मेल-जोल बनाए रखने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
बसंत ऋतु
Poem On Spring Season
खिल गए हैं, फूल तितली पास आई, पास कर कान में कुछ गुनगुनाई। सच बताना ऋतु है कैसी आज आई, इन्द्रधनुषी है छटा हर ओर छाई।
और खुशबू से धरा है यह नहाई, हैं सभी के मन प्रफुल्लित आज भाई। सच कहूँ ऋतु रंग की है आज आई, देख जिसको यह धरा है खिलखिलाई। |
-रमेशचन्द्र पंत
आया बसंत
Poem On Spring Season In Hindi
मन हर्ष, उमंग में, गदगद होने लगा। पेड़ नव कलश लिये। खिल उठा, पौधे भी हरियाली से, लहलहा उठे।
आसमान में भंवरा भी, गुनगुनाने लगे। अब पलाश भी खिलने को हैं। सुबह-सुबह, कोयल की कूक, सुनाई पड़ने लगी।
सब सखियां भी, मिल कर गाने लगीं। सब पर चढ़ा खुशियों का रंग। मन बसंत की भांति, खिलने लगा। |
-नितेश कुमार सिन्हा
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ऋतुओं की रानी
Spring Season Par Kavita In Hindi
धरा पर छायी है हरियाली, खिल गयी हर इक डाली-डाली। नव पल्लव, नव कोपल फुटती, मानो कुदरत भी है हंस दी।
छायी हरियाली उपवन में, और छायी मस्ती भी पवन में। उड़ते पक्षी नील गगन में, नयी उमंग छायी हर मन में।
लाल, गुलाबी, पीले फूल, खिले शीतल नदिया के कूल। हंस दी है नन्ही-सी कलियां, भर गयी है बच्चों से गलियां।
देखो नभ में उड़ते पतंग, भरते नील गगन में रंग। देखो यह बसंत मस्तानी, आ गयी है ऋतुओं की रानी। |
-सुमित्रानंदन पंत
बसंत ऋतु
Poem On Spring Season
आया बसंत झूम-झूम के, लाया हरियाली चारों ओर। खुशी मना रहा हर इक जन, नाच उठे कोयल और मोर।।
छेड़े हवाओं ने सुर ताल, भौंरों से गुंजार किया। मिलजुल करके सबने सबको, ऋतु बसंत का उपहार दिया।।
आम के पेड़ लदे बौरों से, पीले पत्ते झड़ गये सारे। कोयल रानी लगी कूकने, खुशियों ने है पंख पसारे।।
छटा देख मनमोहक झरने, बहने लगे धरा पर कल-कल। नदियां बहने लगीं तोड़ तट, कहा बसन्त ने जरा संभलकर।।
सब ऋतुओं में प्रिय बसंत है, साल में आता है इक बार। सदा बसंत रहे जीवन में, ‘दीप’ सुखी हो कुल संसार।। |
-दीपक कुमार
वसंत बहार हैं बच्चे
Poem On Spring Season In Hindi
जीवन का प्रमुदित प्यार हैं बच्चे। उत्साह नवल सत्कार हैं बच्चे।। मधुरिम हास्य का उपहार बाँटत। सरिता का कलरव, धार हैं बच्चे।।
आँखों में शुभ इंद्रधनुष तैरते। अम्बर अनंत विस्तार हैं बच्चे।। खुशियों का मकरंद नेह लुटाते। मधुमास वसंत बहार हैं बच्चे।।
मानव मूल्यों के सबल संवाहक। शुभ संस्कृति के आधार हैं बच्चे।। हर दिवस उत्सव पावन बन जाता। उल्लास, उमंग, उजियार हैं बच्चे।। |
-प्रमोद दीक्षित
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बसंत
Poem On Spring Season In Hindi
शिशिर ऋतु की हुई बिदाई, बसंत आया धरा पर बधाई। मंद-मंद हवा चली गांव-गली, डाल-डाल पर कलिया खिली।
कोयल वन-आंगन कूक रही, तितली रानी हुलस रही। भौंरों का सुमधुर गीत सुन, कुमदिनी भी बिहँस रही।
हर्षित जन मन, वन-संत, आया धरा पर प्यारा बसंत। हरियाली संग खुशहाली देने, आया ऐश्वर्य – वैभव अनंत। |
-गोपाल कौशल
बसंत बहार
Poem On Spring Season In Hindi
ऋतुओं में राजा की संज्ञा है जिसे, प्रेम प्यार की मोहिनी शक्ति है जो, आम की मंजरियों का मुकुट। सरसों का पीला फूल, चारों ओर हो मौसम का खुमार, लो आ गई बसंत की बहार।
कोयल की मोर की आवाज़, ठिठुरन के अंत की नई शुरुआत। धरती भरे रंग बिरंगे फूलों से, फूलों की खुशबू से सारा माहौल, हो खुशगवार। लो आ गई बसंत की बहार।
अलसी के नीले फूल, गेहूं की पकती हुई बालियां। महुए की महक, प्रकृति को हो जैसे सोलह श्रृंगार। लो आ गई बसंत की बहार।
बसंत जितना वन का है उपवन का है, उससे कहीं ज़्यादा मन का है। मनुष्य मन की कोमल, प्रेम भावनाओं का उभार, लो आ गई बसंत की बहार। |
पुष्पा नायक
प्यारा बसंत
Poem On Spring Season In Hindi
नन्हें-मुन्नों का प्यारा बसंत, दुलारा बसंत, न्यारा बसंत।
गुनगुनी धूप और शीतल छाँव, देता है इन्हें, वो यारा बसंत।
स्वच्छ धरती और नीला अम्बर, निर्मल, पावन, उजियारा बसंत।
रंग-बिरंगे कुसुम दल लिये, खुशबू भरा गलियारा बसंत।
सूरज की भीषण गर्मी छाती, धरती से नौ-दो-ग्यारा बसंत। |
-टीकेश्वर सिन्हा
आया बसंत ऋतुराज
Basant Ritu Par Kavita
लेकर हरियाली धरा में, आया बसंत ऋतुराज। वन-उपवन में कलियाँ मुकुलित हो गई।
शुभ्र- ज्योत्स्ना सविता की, पुलकित हो गई। वृंत- तरु के झूम रहे, खुश होकर डार-डार।
खुमारी ले झूम रहा, होकर समीर मतवार। सरसों कुसुमीत हो गई, खेतों में छाई बहार।
गूंज रही उपवन में मधुमय, भौरों की गुंजार। बौराए आमतरु, पुलक उठी अमराई।
मनभावन मौसम पाकर, कोयल ने कूक लगाई। खिल उठा कमलदल, और खिल उठा पलाश।
लेकर हरियाली धरा में, आया बसंत ऋतुराज। |
-टेकराम ध्रुव
आया वसंत बहार
Spring Season Par Poem In Hindi
वसंत का बहार आया, फूलों की सौगात लाया। आमों पर मंजर छाया, कोयल का दिन बहुराया।
सुबह सवेरे सूरज की किरणें, रोशनी से धरती को नहलाया। हम बच्चों को उर्जा देकर, जीवन को बहुमुल्य बनाया।
पर्वों-त्योहार का मौसम है यह, होली से बच्चे करते हैं प्यार। इसमें बसा सपनों का संसार, दोस्तों में उल्लास देख कर।
मन ही मन मैं भी हरसायी। बैठ कर यह कविता बनायी, खुशियों की यह सौगात लाया। वसंत का बहार आया, देखो वसंत का बहार आया। |
-सफिया रुबाब
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