Top 19+ Best Poem On Time In Hindi | समय पर कविता

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Poem On Time In Hindi :- समय को पूंजी माना गया है। बीता हुआ समय लौटकर नहीं आ सकता है। इसलिए समय का सदुपयोग करना अनिवार्य है। सूरज से समय पालन सीखें, कैसे हर सुबह समय पर आ जाता है। अपने सभी काम समय पर करें। क्योंकि समय पर किए कार्य सफल होते हैं। इसलिए हम यहां पर कुछ शानदार और बेहतरीन कविता समय पर आपलोगों के साथ साझा कर रहा हूं।

 

poem on time in hindi

 

समय

Poem On Time

 

समय बहुत ही मूल्यवान है,

इससे बड़ा न कोई धन है।

कहलाता यह ही जीवन है,

सोना-चाँदी, हीरा-मोती।

 

नहीं कभी इनके समान है,

समय बहुत ही मूल्यवान है।

जाकर समय न वापस आता,

मनुज इसे खोकर पछताता।

 

प्रगति रोक पाया न कभी भी,

इसकी कोई यत्नवान है।

समय बहुत ही मूल्यवान है,

इसका सदुपयोग जो करता।

 

उन्नति-पथ पर वही विचरता,

जो न गँवाता कभी एक क्षण।

बन सकता वह ही महान है,

समय बहुत ही मूल्यवान हैं।

 

मूल्य तिलक ने इसका जाना,

बापू ने इसको पहचाना।

नेताजी, पटेल, दीनदयाल ने,

गुण का इसके किया गान है।

 

समय बहुत ही मूल्यवान है,

तुम पल भर मत व्यर्थ गँवाओ,

सदा काम में समय लगाओ।

 

जन्म सार्थक करो धरा पर,

कहता यह विधि का विधान है,

समय बहुत ही मूल्यवान है।

-विनोद चन्द्र पाण्डेय

 

समय

Poem On Time

 

समय बड़ी अनमोल चीज है,

जिसने इसको पहचाना।

वह ही अंकित है कर पाया,

जीवन का ताना-बाना।

 

समय एक सा सबके हित में,

ठहर-ठहर चलता रहता।

जी भर तुम उपयोग करो,

है नित्य-नित्य कहता रहता।

 

सम्मान समय का सीख गया जो,

मान स्वयं मिलता उसको।

वही श्रेष्ठ, जो कुछ कर पाया,

नहीं, पूछता जग किसको?

 

उसी समय में एक श्रेष्ठ बन,

युग को राह दिखा जाता।

किंतु उसी में एक मलिन कर,

जग को, कर धुंधला जाता।

 

समय, बंधु सच, गंगाजल है,

या समीर सौरभ वाली।

जिसने चखी, उसी ने जानी,

महिमा बस गौरवशाली।

 

समय लहर, नदिया की चंचल,

गई, हाथ से छूट गई।

किंतु सहेजा जिसने इसको,

फल दे, बन मां, रही-सही।

 

गर तुमको इतिहास बनाना,

बंधु समय का मान करो।

अपने यश से भारत माँ का,

जग में नव उत्थान करो।

-डॉ. दिनेश चमोला

समय चक्र

Poem On Time In Hindi

 

सेकण्ड से मिनट,

मिनट से घंटे बनते हैं।

चैबीस घंटे के दिन-रात,

सात दिन में सप्ताह बदलते हैं।

 

सोम, मंगल, बुध, गुरु,

शुक्र, शनि, रवि हैं दिनों के नाम।

जिसमें रहकर करते हैं,

सारे लोग अपने काम।

 

तीस, इकतीस दिन के महीने,

बारह महीनो से बनता साल।

सेकण्ड, मिनट और घंटो से,

बना है यह समय जाल।

 

तीन सौ पैसठ के बदले,

तीन सौ छैःसठ जब हो जाता है।

बढ़े हुए दिन से,

चौथा अधिवर्ष कहलाता हैं।

 

लोग कह गए,

बात यह अति-सुन्दर।

पूरा कर लो आपने काम,

समय चक्र के अंदर।

-रघुवंश मिश्रा

 

समय

Poem On Time

 

वह समय ही है,

जो अगर एक बार चल जाता।

बाद में वही समय,

दोबारा लौटकर नहीं आता।

 

चाहे कितना भी पैर पड़ लो,

चाहे कर लो विनती।

बीता हुआ कल,

कभी वापस नहीं आता।

 

अथर्ववेद में समय को,

कहा है विश्व का स्वामी।

समय को लेकर,

कबीर जी ने दी है अनमोल वाणी।

 

कि कल करे सो आज कर,

आज करे सो अब।

कुछ ही समय में जीवन ख़तम हो जाएगा,

क्या कर पाओगे तब?

 

मनुष्य घंटों की चिंता करता है,

पर मिनटों की नहीं करता।

जबकि एक मिनट भी जीवन में,

तबाही है ला सकता।

 

क्षण को छोटा न समझो,

यह है जग का निर्माता।

जिसने समय का किया निरादर,

समय उसे खा जाता।

 

जीवन अनमोल है,

क्षण-क्षण का है योग।

यदि सफलता प्राप्त करनी हो,

तो करो समय का सदुपयोग।

-दिब्येन्दु मंडल

 

समय

Poem On Time

 

बच्चो! समय पर दो तुम ध्यान।

समय की करो सदा पहचान।

समय पर पढ़ना, समय पर खेलना।

समय का दुरुपयोग कभी मत करना।

 

जैसे घड़ी का काम है समय दिखलाना।

वैसे तुम्हारा काम है समय का महत्व करना।

अगर समय का सदुपयोग किए तुम एक समान।

तो दुनिया में बन जाओगे महान।

-संदीप कुमार

 

वक्त

Samay Par Kavita

 

वक्त एक शिक्षा है,

वक्त एक शिक्षक है।

जो भी वक्त के साथ चला,

वक्त उसी का रक्षक है।

 

वक्त ही अच्छे बुरे दिनों में,

कैसे जीना सिखाता है।

कौन है अपना कौन पराया,

सबकी पहचान कराता है।

 

बिते कल को भूलकर आगे,

कैसे जीना है पाठ पढाता है।

बुरे कर्मों का बुरा नतीजा,

सच्चाई की राह दिखाता है।

 

कहता है वक्त तेरे अच्छे बुरे,

कर्मो के साथ मेरा नाता है।

जैसे करेगा कर्म तु जीवन में,

वैसा ही फल पाता है।

 

सुरज, चंदा तारे सब,

मेरे ही साथ में चलते है।

धरती अंबर प्रकृति सब,

मेरे इशारे पर पलते हैं।

 

बांध दिया मुझे घड़ी में डालकर,

गोल चक्कर लगाता हूं।

मै सीधी राह पर चलने वाला,

सीधा चलना ही सीखाता हूं।

 

जो चलेगा मेरे साथ,

वो कामयाब हो जाएगा।

जो करेगा नजर अंदाज मुझे,

वो जीवन भर धोखा खाएगा।

-छगनलाल मुथा

 

समय बड़ा बलवान

Poetry On Time In Hindi

माना पतझर में पते बिखर कर टूट गये,
आँधियो के दौर मे अपने जन छूट गये।
पर फिर भी गर्व है, देख भारत का गौरव,
जहाँ अन्य देश भी मदद करने को तैयार हैं।
यह क्षण भी बीत ही जायेगा,
अब का हर लम्हा इतिहास बन जाएगा।
जिसमें बीमारी की विपदा आई भारी,
हिम्मत हौसलों से वह हारी।
जीवन की मुश्किल घड़ी में,
थामे एक दूजे का हाथ।
चल पडे वे लोग सेवा में साथ,
सच बहुत बड़ी यह बात हमारी शान है।
शासन, प्रशासन तक सबको सलाम है,
आओ रखें हम थोडा और विश्वास।
बीत जायेगा यह वक्त भी,
फिर नई उमंग लिए नई कोंपलें।
डालियों को फिर हरा कर देंगी,
और हर चमन मे बहारें फूलों को महकाएँगी।
-ममता वैरागी

समय

Poem On Time In Hindi

समय जो बीत जाएगा,
कभी क्या लौट पाएगा?
किसे मालूम क्या कल हो?
चलो जी लें इसी पल को।।
कि माना राह है दुर्गम,
मगर चलना हमें हरदम ।
भले कांटे मिले पग पग,
मगर हो पांव ना डगमग।।
कि माना मुश्किलें आयीं,
घटा बन के यहाँ छायीं ।
मगर बिल्कुल न घबराना,
समय से जीत है जाना।।
बहारें लौट आएंगी,
फिजाएं मुस्कुराएंगी।
तराने फिर सजाएंगे,
सुहाने गीत गाएंगे।।
-वन्दना नामदेव

वक्त की कीमत

Poem Of Time In Hindi

वक्त की कीमत को तू जान
समय की गति को तू पहचान।
न बोलो बड़बोले तुम बोल,
समय कब बदल देत भूगोल।
समय का पहिया है गतिमान,
नचाए अपनी धुरी महान।
समय हैगा बड़ा बलवान,
पछाड़े सब इसने पहलवान।
समय पर न कर तू ऐतवार,
पलट देगा कब यह पतवार।
यही है समय की रफ्तार,
न कोई थाम सका पतवार।
समय हैगा बड़ा बलवान,
इसी को तू भी ले अब मान।
समय को देव तुल्य तू मान,
समय का कर पूरा सम्मान।
बना दे राजा को यह रंक,
बजा दे कब किसकी सारंग।
पलट दे कब किसका तख्त,
इसी को कहते हैंगे वक्त।
न तू कस किसी पर कंज,
समय काट दे कब किसकी पतंग।
समय पर न कर तू गूरूर,
वक्त कर देगा कब मजबूर।
घूमता समय का पहिया,
चलाता है वह अपना राज्य।
राम को पहुंचाया बनवास,
उन्हें मिलना था जब राज्य।
-नृपेन्द्र कुमार चतुर्वेदी
 

वक्त

Poem On Time In Hindi

 
मै झुकता नहीं और थकता नहीं।
मै बुझता नहीं और मिटता नहीं।
मै वक्त, समय, क्षण, पल हूँ,
मै गतिशील कभी रूकता नही।
न अच्छा ना बुरा, न किसी से गिला।
न जग में कभी किसी से डरा।
न ऊर्जा न पदार्थ, सदा निर्विकार,
न साकार, न आकार सीमा में रहा।
परेशान के साथ परेशान ही रहा।
हमेशा उनके संग साथ ही रहा।
परेशानी में मुझको ही बुरा कहकर,
लोगों ने मुझे अपमानित किया।
जब कभी कोई मध्य में फँसा रहा।
हार -जीत के बीच डगमागता रहा।
वक्त को थमा हुआ कहकर,
मेरी गति पर प्रश्न लगाता रहा।
कोई हर्षित तो मै भी हर्षित रहा,
उनकी हर खुशी में सम्मिलित रहा।
वक्त अच्छा कहकर सम्मानित किया,
मै पंख लगा संग उड़ता रहा।
जिसने ध्यान न दिया न उससे सिला,
जिसने मान न दिया न उससे गिला।
चलता रहा बस चलता रहा,
जिसने साथ दिया उसे यश ही मिला।
-राज कुमारी गिरी
 

समय का उत्तर

Poem On Samay In Hindi

 
 
समय को मैंने जब भी पुकारा,
समय ने कहा-मुझे पुकारते हो क्यों?
मैं तो तुम्हारे साथ था, हूँ और सदा रहूँगा।
समय को मैंने जब भी ललकारा
समय ने कहा-मुझे ललकारते हों क्यों?
मुझसे डरते रहे हो, डरते रहो।
समय को मैंने जब भी भुलाया,
वह बार-बार मेरे सामने आया।
समय ने कहा-मुझे भुलाते हो क्यों?
मुझे याद करते रहे हो, याद करते रहो।
समय को मैंने जब भी स्वीकारा
समय ने कहा-मुझे स्वीकारते हो क्यों?
मुझसे लड़ते रहे हो, लड़ते रहो।
मैंने समय से कहा-तेरा अस्तित्व तो मुझसे है।
यदि मैं न होता तो तुझे जानता कौन?
मानता कौन?
समय ने उत्तर दिया सुन-
मुझे पुकारना, ललकारना, भुलाना,
स्वीकारना
कुछ भी जरूरी नहीं है।
जरूरी है मुझे पहचानना।
-सुमन सिंह

वक्त

Hindi Poem On Time

वक्त लहरों को साहिल,
दिखाता है अक्सर।
वक्त अपना रंग,
बदलता है अक्सर।
वक्त हर किसी का गरुर,
तोड़ता है अक्सर।
वक्त शंहशाह को मजबूत,
करता है अक्सर।
कालकोठरी में बैठा जीवन के,
महासृजन को निहारता है अक्सर।
वक्त से न उलझों ए मुसाफिरों,
क्योंकि यह बड़ों बड़ों को,
धूल में मिलाता है वक्त।
इंसान की तकदीर और तासीर,
 बदलता है वक्त।
इंसान को तकरार और तहजीब,
सिखाता है वक्त।
वक्त के नासमझों के साथ,
बेदर्दी से पेश आता है वक्त।
बड़े दरख्तों को गिराकर,
नए अंकुर निकालता है वक्त।
वैशाखियों के सहारे,
चलने वालों को सिंकदर और।
सिकंदर को वैशाखियों के सहारे,
चलना सिखाता है वक्त।
वक्त से ना उलझों ए मुसाफिरों,
क्योंकि जमीन को आसमां और आसमां,
को जमीन पर लाता है वक्त।
अनमोल लम्हों को,
निगल जाता है वक्त।
बेइंतहा पीड़ा और दर्द,
दे जाता है वक्त।
हर एक की नई परिभाषा,
गढ़ता है वक्त।
गलतियों की कीमत और एहसानों का,
हिसाब मांगता है वक्त।
आँसुओं के सैलाब भी,
लाता है वक्त।
तो दुःख का दरिया भी,
सुखाता है वक्त।
धन-दौलत, शानो-शौकत को,
बख्शता नहीं है वक्त।
सत्कर्म और सद्विचार से ही,
मात खाता है वक्त।
अपने अच्छे वक्त पर ना इठला और बुरे,
वक्त पर न पछता ए मुसाफिर।
क्योंकि सब हिसाब बराबर करता है वक्त,
सबका हिसाब बराबर करता है वक्त।
-गिरधारी लाल
 

समय

Poetry On Time In Hindi

समय जीवन में है अनमोल।
गुजरता रहता है प्रति पल।।
जीवन पथ दुर्गम बहुत है मगर।
सदैव समय के अनुरूप ही चल।।
समय के रथ पर होकर सवार।
सुख समृद्धि मिले भाग्यानुसार।।
पिछड़े अगर समय से हम।
समय ना करेगा कभी इंतजार।।
समय का चक्र बड़ा महान।
बिना रुके निरंतर ही चलायमान।।
अमूल्य ओर अबंधनीय।
समय लाए जीवन में बहुत परिवर्तन।।
समय का अस्तित्व बड़ा।
समय भाग्य से है जुडा।।
समय की कीमत वो ही जानें।
जिसका दुर्भाग्य से नाता जुड़ा।।
समय से लिया निर्णय अगर।
भविष्य की न रहेगी फिक्र।।
कर्म करना है अपने हाथ।
प्रतिफल होगा ईश्वर का उपकार।।
-भगत सिंह

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