गलतियों से सीखकर सफलता कैसे प्राप्त करें | Success Learning From Mistakes

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हम अक्सर ही कामयाब लोगों को देखकर एक प्रश्न बार बार पूछते हैं कि वे अपने जीवन में इतने सफल और कामयाब कैसे हुएं? इसका उत्तर है- उनके जीवन का कामयाबी का रहस्य वे अपने गलतियों से सीखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा लेते हैं। गलतियों से सीखकर सफलता कैसे प्राप्त करें | Success Learning From Mistakes आज हम इसी टापिक पर बातचीत करने वाले हैं।

जब भी गलतियां की बात कही से आतीं हैं तो हम दूसरों की गलतियां ढूंढने लग जाते हैं। हम दूसरों की बात नहीं आपकी बात कर रहे हैं। आज तक आपने कितनी गलतियां की हैं और कितनी उन गलतियों से प्रेरणा ली है। मैं उसकी बात कर रहा हूं। यहां पर एक बहुत ही रोमांचक प्रेरक प्रसंग प्रस्तुत कर रहा हूं। जिसे पढ़कर आप समझ सकते हैं कि गलतियों से सीखकर सफलता कैसे प्राप्त करें | Success Learning From Mistakes

गलतियों से सीखकर एक कदम आगे बढ़ना चाहिए : थॉमस अल्वा एडिसन

थॉमस अल्वा एडिसन हर कोई जानता है। उन्होंने ‘बिजली का बल्ब’ जैसा आविष्कार करके दुनिया को रोशन कर दिया। एडिसन बचपन से ही मेहनती और जुझारू बालक थे। उन्हें बचपन में यह कह कर शिक्षक ने निकाल दिया था कि ‘बच्चा मंदबुद्धि’ है। यह जीवन में कुछ नहीं कर पाएगा। कहा जाता हैं कि उन्होंने बल्ब का आविष्कार करने के लिए हजारों बार प्रयोग किए थे। इसी बीच एक युवक ने एडिसन से पूछा कि आप करीब एक हजार बार प्रयोग किए, लेकिन आपके सारे प्रयोग असफल हुए और आपकी मेहनत भी बेकार हो गई। क्या आपको दुख नहीं हुआ? 

एडिसन बोले- मैं नहीं समझता कि मेरे एक हजार प्रयोग असफल हुए हैं। मेरी मेहनत बेकार नहीं गई, क्योंकि मैंने एक हजार प्रयोग करके यह पता लगाया है कि इन एक हजार तरीकों से बल्ब नहीं बनाया जा सकता। लेकिन मेरा हर प्रयोग, बल्ब बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा छुपा था। और मैं अपने प्रत्येक प्रयास के साथ एक कदम आगे बढ़ता हूं। आखिरकार‌ वह दिन आया, जब एडिसन की मेहनत रंग लाई और उन्होंने बल्ब का आविष्कार करके पूरी दुनिया को रोशन कर दिया। 

सीख :- आशा की किरण को बुझने नहीं देना चाहिए। हो सकता है थॉमस अल्वा एडिसन की तरह आप भी ऐसा ही कुछ प्रयोग करें, जिससे सारा संसार जगमगा जाएं। 

कोई भी सामान्य व्यक्ति उनकी जगह पर होता तो वह तुरंत ही हार मान लेता। लेकिन थॉमस एडिसन ने अपने प्रयास जारी रखे और अपने गलतियों से सीखकर आगे बढ़ते रहें। इसीलिए आज दुनिया बल्ब के जनक के रूप में उन्हें याद करता है। 

थॉमस अल्वा एडिसन का मानना है कि- हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हार मान लेना है सफल होने का सबसे निश्चित तरीका है हमेशा एक और बार प्रयास करना।

दूसरों की सफलता से सीखने के बजाय हमें उनकी गलतियों से सीखना चाहिए।

गलतियों से सीखकर सफलता कैसे प्राप्त करें | Success Learning From Mistakes 

👉 यदि हमें जीवन में सफल होना है तो हमें अपने गलतियों से सीखकर ही सफलता प्राप्त कर सकते हैं। जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं की उसने कभी कुछ सीखने की कोशिश नहीं किया। सफलता के मार्ग पर पहुंचने के लिए हमें अपने गलतियों को स्वीकार करें और उनसे सीखे ताकि हम अपने भविष्य में खुद को बेहतर बना सकें।

यहां पर कुछ बेहतरीन टिप्स Tips बताया जा रहा है जिससें आप गलतियों से सीखकर सफलता कैसे प्राप्त करें।

भागदौड़ के जीवन में गलतियां सबसे होती हैं। जों उन गलतियों को सुधारकर आगे बढ़ें वहीं इंसान सफलता प्राप्त करता है। हम सबने सुना है कि अच्छे निर्णय अनुभव से आते हैं। अनुभव चाहे अच्छा हो या बुरा, सीखने में मदद करता है और बेहतर निर्णय लेने की क्षमता में विकसित भी करता है।

गलतियां तो हर किसी के व्यक्तिगत जीवन का हिस्सा होती हैं। अगर हम उन गलतियों को बाहर निकाल दें तो जीवन हमारा अंधेरा और खालिपन जैसा दिखाई पड़ता है। सफलता तभी आती है जब आप अपनी गलतियों से सीख लेते हैं और उन्हें दोहराते नहीं हैं। साइकोलॉजी भी यही कहती है कि जब भी हम कोई गलती दोहराने वाले होते हैं, उससे पहले दिमाग एक सेकंड से भी कम समय में हमें अलर्ट करता है। आइए जानते हैं कि हम कैसे अपनी गलतियों से सीखकर सफलता प्राप्त कर सकते है | Success Learning From Mistakes

1. गलतियों को स्वीकार करना :- हम अपनी गलतियों से तभी सीख पाएंगे, जब पहले हम इन्हें स्वीकार करना सीखेंगे, यह सीखने की ओर यह पहला कदम होता है। हमारे अंदर इतना तो साहस जरुर होना चाहिए कि हम गलतियों को भी सराह सकें। जब हम बचपन में स्कूल जाया करते थे तो अध्यापक महोदय भी अपनी कक्षा में यही बताते हैं कि कोई भी परफेक्ट नहीं होता है, लेकिन सफलता की ओर बढ़ने के लिए यह जरूरी होता है कि अपनी गलतियां स्वीकारें और इन्हें सुधारने के लिए काम करें, अपनी गलतियों से बचने के लिए बहाने बनाने या खुद का बचाव करने की कोशिश न करें। 

गलती का मतलब यह नहीं कि आगे प्रयास नहीं करें, बल्कि इससे सीख लेकर वही गलती दोबारा नहीं करें। किसी भी समस्या को हल तभी किया जा सकता है जब हमें पता होगा कि समस्या क्या है। इसीलिए आज से आप प्रयत्न किजिए कि हमारे जीवन में जों कुछ भी होगा तो हमें सबसे पहले उसे स्वीकार करना चाहिए। 

2. सुधार करना :- जब एक बार आप अपनी गलतियों और खामियों को स्वीकार कर लेते हैं, तो इस पर सुधार भी जरूरी हैं। यह समझने की कोशिश करें कि आपसे गलती कहां हुई है और फिर इसका हल ढूंढने की कोशिश करें। यदि आप उसी जगह पर रुके रहेंगे, तो आप खुद को वही गलती दोहराने से नहीं रोक सकते हैं। इससे बचने के लिए आपको अपनी हार्ड और सॉफ्ट स्किल को बेहतर करना होगा। सब्र रखने की और‌ ज्यादा ध्यान से काम करने की आदत बनानी होगी, गलती के सुधार के लिए आप अपने परिवार या मित्रों की मदद ले सकते हैं। 

अपने संस्थान या ऑफिस‌ में किसी मेंटर की सलाह भी इसमें कारगर हो सकती है। दूसरों से मदद लेना यदि आप किसी ऐसी परिस्थिति में हैं, जिसे आप अकेले नहीं संभाल पा रहे हैं, तो आप किसी दूसरे व्यक्ति की भी मदद ले सकते हैं। मार्गदर्शन के लिए किसी मेंटर या बुजुर्ग से सलाह ले सकते हैं। हो सकता है कि वे भी पहले ऐसी किसी परिस्थिति से गुजरे हों। ऐसे में उनकी सलाह काफी काम आ सकती है। आप उनके अनुभवों से सीख ले सकते हैं और फिर आगे बढ़ सकते हैं। 

अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को हल करने के लिए दोस्तों या परिवार की मदद ली जा सकती है। इमोशनल और मेंटल सपोर्ट आपको सीखने में मदद कर सकता है। अपनी पिछली गलतियों से सीखना और उन्हें सुधारकर काम करने से आपको जिम्मेदारी का अहसास होता है और आत्मसंतुष्टि भी मिलती है।

स्टीव जॉब्स ने कहा था कि जब आप कुछ नया करते हैं, तो‌ गलतियां होना आम है। लेकिन अच्छा‌ यही है कि जितनी जल्दी इन्हें स्वीकार कर इन्हें सुधारा जाए। यह जीवन का महत्वपूर्ण ढांचा है कि गलतियां करो, इनसे सीखो और आगे बढ़ो। गलतियां सफलता की सीढ़ी होती हैं, यदि इन्हें अच्छे से नियंत्रित किया जाए तो हमारा जीवन हमेशा प्रकाशमय की तरह उज्ज्वल दिखाई देंगा।

कुछ शब्द :-

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