Here I am sharing most beautiful Top 33+ Best Poem On Happy New Year In Hindi आज के लेख में हम यहां पर बेहतरीन नया साल मुबारक पर सुंदर कविता आप के साथ साझा कर रहा हूं।
नया साल
New Year Poem In Hindi
नया साल है, नई किरन है,
आया समय सुहाना।
आओ मिलकर नया करें कुछ,
भूल के वक्त पुराना।
पढ़ना और पढ़ाना सबको,
नई डगर दिखलाना सबको।
मेहनत और लगन से बच्चों,
अपनी मंजिल पाना।
पकड़म – पकड़ी, धमा – चौकड़ी,
झूला और हिंडोला, चकरी।
खेल कूद में प्यारे बच्चों,
तुम ना वक्त गवाना।
भटके को तुम राह दिखाना,
भूखे को भोजन करवाना।
दया-धर्म मानवता की तुम,
मिलकर ज्योति जलाना।
-मीनू सिंह
नए वर्ष का नया दिवस
New Year Poem In Hindi
नए वर्ष का नया दिवस,
चप्पा-चप्पा हरषाया।
निखरा-निखरा रूप प्रकृति का,
मंत्र मुग्ध सी काया।
कलियाँ चटखीं, फूल खिले,
पवन चली मतवाली।
पेड़ों में नव कोंपल आए,
झूमे डाली-डाली।
इतराती तितली फूलों पर,
भौंरे गुन – गुन गाते।
हर्षित धरती-पुलकित अम्बर,
पक्षी धूम मचाते।
दरिया और पहाड़ उल्लसित,
झरने झर-झर झरते।
नए वर्ष में हर पल लगते,
सजते और संवरते।
-वसीम अहमद नगरामी
नया साल
New Year Poem In Hindi
नया साल फिर हँसता आया,
नई उमंगे, खुशियाँ लाया।
दुःख, कष्ट जीवन के बीते,
संकट, विपदाओं को जीते।
पूरी होगी मन अभिलाषा,
बदलेगी जीवन परिभाषा।
नभ, धरती होंगे मधु-उत्सव,
कानों गूजेंगे खल-कलरव।
घिर आयेगी सुख की छाया,
मन आशा, विश्वास समाया।
नये वर्ष का सूरज निकला,
चिड़ियाँ हर्षित, हिम-गिरि पिघला।
झूम उठी, फूलों की डाली,
बाँट रहा, सुगन्ध वन-माली।
चमक उठेगी, सभी दिशायें,
मधुर प्रीति की धार बहायें।
शुभ नव वर्ष मित्रगण भाया,
भर जाये श्री यश की माया।
-चक्रधर नलिन
गीत खुशी के गाओ
New Year Poem In Hindi
झूमो नाचो मौज मनाओ,
गीत खुशी के गाओ।
बीत गया है साल पुराना,
नये साल का खुला खजाना।
ले लो जितना ले सकते हो,
लेकर खुशी मनाओ।
नये साल की बात नयी हो,
नया सबेरा रात नयी हो।
नये साल में सबसे हट कर,
अपना लक्ष्य बनाओ।
सागर तल में पैर जमाओ,
नभ की ऊँचाई तक जाओ।
तुमसे बड़ा नहीं है कोई,
दुनिया को दिखलाओ।
झूमो नाचो मौज मनाओ,
गीत खुशी के गाओ।
-डॉ. परशुराम शुक्ल
आया फिर नया साल
New Year Poem In Hindi
आया फिर नया साल,
खुशियों की दो ताल।
प्रेम से सबसे मिलो,
पुष्पों जैसे महको-खिलो।
मिठाइयों के भरलो थाल,
आया फिर नया साल।
अच्छे संस्कार बेड़ा पार,
भाई चारे की बनाओ कतार,
जो बने सुदृढ़ ढाल।
आया फिर नया साल,
खुशियों की दो ताल।
-ओम उपाध्याय
नए साल में
Happy New Year Poem
आओ बच्चो नाचें गाएँ नए साल में,
हर्षित मन सपने सजाएँ नए साल में।
बिना मतलब मन में चिंता क्यों पालें,
अच्छे-अच्छे भाव जगाएँ नए साल में।
झूठ-फरेब, राग – द्वेष को छोड़ें हम,
राह अपनी खुद बनाएँ नए साल में।
मिलजुल कर खुशियाँ बाॅंटें, प्रीत करें हम,
कुछ नया करके दिखाएँ हम नए साल में।
बीते साल परेशान हुए, क्यों कहते हो,
नव उमंग, उल्लास जगाएँ नए साल में।
-बलदाऊ राम साहू
नववर्ष मुबारक
Happy New Year Poem
नव वर्ष मुबारक हिंदुस्तान,
हर मुखड़े पर हो मुस्कान।
नव वर्ष की हो नव प्रभात,
हो सबके लिए दाल-भात,
रात के बाद हो नव विहान।
नव वर्ष मुबारक हो हिंदुस्तान।
छल कपट झूठ का मुंह काला,
अहिंसा का हो बोलबाला,
पड़े छाला बोले कटु जुबान।
नव वर्ष मुबारक हो हिंदुस्तान।
बाधा ना आए राहों में,
मंजिल हो अपनी बाहों में,
हो निगाह में नव उड़ान।
नव वर्ष मुबारक हिंदुस्तान।
नव रंग नव उमंग हो,
नव तरंग नव प्रसंग हो,
सबको मौके मिले समान।
नव वर्ष मुबारक हिंदुस्तान।
हर आंगन आंगन गली गली,
खुशियों की महके कली कली,
मिले रोटी कपड़ा और मकान।
नव वर्ष मुबारक हिंदुस्तान।
हिंदू मुस्लिम सिख इसाई,
आपस में ना करें लड़ाई,
भाई भाई सा हो सम्मान।
नव वर्ष मुबारक हिंदुस्तान।
शिक्षा मन्त्र कल्याणकारी,
शिक्षित बने हर नरनारी,
शिक्षा से हो नव उत्थान।
नव वर्ष मुबारक हिंदुस्तान।
-भूपसिंह ‘भारती’
नया वर्ष नव प्रभात लाएगा
Happy New Year Poem
नया वर्ष यह,
नई उमंगें,
नव प्रभात लाएगा।
मिटें डर के सब अँधियारे,
दर्द हो सारे दूर हमारे।
नया जोश और नई उमंगें,
छुएँगे हम नभ के तारे।
भूलेंगे हम कड़वी बातें,
बीत गईं जो दुख की रातें।
ग़म, विषाद सब भुलाकर,
सबको साथ लाएगा।
नया वर्ष यह,
नई उमंगें,
नव प्रभात लाएगा।
ग़म के बंजर बागों में फिर,
आशाओं के फूल खिलेंगे।
बिछड़े थे जो उन सालों में,
नए बरस में फिर सब मिलेंगे।
शहरों में होगी खुशहाली,
घर-घर होगी फिर दीवाली।
हर थाली में होगी रोटी,
ऐसी खुशियाँ लाएगा।
नया वर्ष यह,
नई उमंगें,
नव प्रभात लाएगा।
-आयुष सोनी
जंगल में नया साल
Happy New Year Poem
जंगल में हुआ नया साल,
मनाने का आयोजन।
बने थे वहाँ तरह-तरह के
बहुत सारे व्यंजन।।
न्योता देने निकला सबको,
छोटा कालू बंदर।
साल नया मनाना है,
इस गुफा के अंदर।।
एक -एक करते आ रहे,
पाकर प्यारा न्योता।
हाथी घोड़ा भालू बंदर,
बुलबुल मैना तोता।।
आया भोजन में रसगुल्ला,
फिर आई रसमलाई।
खाने की तब होड़ लग गई,
छुटपुट हुई लड़ाई।।
पूड़ी सब्जी बड़े कचौरी,
और भटूरे छोले।
जल्दी – जल्दी खाए कोई,
कोई हौले-हौले।।
गाजर का हलवा जब आया,
सबका मन ललचाया।
सबकी आंख बचा भालू ने,
खूब दबा कर खाया।।
खाना-पीना हुआ खत्म जब,
लगे बजाने बाजा।
आया साल नया कह नाचे,
इस जंगल के राजा।।
लगे नाचने साथ सभी,
और गज़ब का रंग जमाया।
भोर सुहानी होने तक,
फिर सबने जश्न मनाया।।
-सोमेश देवांगन
नव जीवन नव वर्ण ले आया
Happy New Year Poem
वैभव प्रेम हर्ष ले आया।
शुभ उत्कर्ष मनों को भाया।
स्वागत है दिल से हर दिल का,
नव जीवन नव वर्ष ले आया।
शुद्ध नियम नैतिकता वाला।
मिलवर्तन मानवता वाला।
अच्छाई हम सब अपनाएं,
जीवन हो पावनता वाला।
कोई भूखा प्यासा न हो।
मन में कहीं निराशा न हो।
मिलवर्तन के साथ प्रगति हो,
बंधे उम्मीद हताशा न हो।
किरण प्रथम प्रभात की आई।
खुशियों की सौगातें लाई।
नया जोश जन जन के मन में,
देते हैं नव वर्ष बधाई।
-हरजीत निषाद
नया साल आया
Happy New year Poem In Hindi
नया साल आया,
नई खुशी लाया।
दो बधाई सभी को,
कोई नहीं पराया।।
सर्वहित शुभकामना,
शुभ मंगल याचना।
सबके प्रति मन में,
पर उपकारी भावना।।
सबके हित का भाव,
ना कोई दुर्भाव।
प्यार से रहें सब,
बने ऐसा स्वभाव।।
नई किरण नया साल,
हृदय रखें विशाल।
सबका करें भला,
सबका रखें ख्याल।।
-हरजीत निषाद
नववर्ष
Happy New Year Poem In Hindi
नववर्ष के नव पल मे,
प्रतिपल मन मे नव हर्ष हो।
उव्दवेलित हो नव चिंतन,
नव प्रस्फुटन नव उत्कर्ष हो।
निर्भय हो चिंतन कर विकसित,
नित नव मंत्र नव विमर्ष हो।
त्याग जीण-शीर्ण पुरातनता,
नव सृजन हेतु नव निष्कर्ष हो।
ऐसा ही हर पल आपका,
मगंलमय यह नववर्ष हो।
-द्रोण साहू
नए साल में
Happy New Year Poem In Hindi
नए साल में मिलजुल कर,
आओ हम तुम दीप जलाए।
आशा और विश्वास का,
मन में हम तुम आस जगाए।
नए साल में मिलजुल कर,
आओ हम तुम दीप जलाए।
बुरे दिनों को भूलकर,
शुभ दिन के सपने संजोए।
नए साल की नई सुबह,
अंतस में उजास फैलाए।
नए साल में मिलजुल कर,
आओ हम तुम दीप जलाए।
अंधकार रूपी तमस को,
पल भर में हर ले।
देश में खुशहाली हो,
चारों ओर हरियाली हो।
नए साल में मिलजुल कर,
आओ हम तुम दीप जलाए।
मन के भेद मिट जाऐ सारे,
सभी हो जाए एक दूजे के प्यारे।
गिला शिकवा न रह जाए,
दिलो की खाई है पट जाए।
नए साल में मिलजुल कर,
आओ हम तुम दीप जलाए।
देश में आई विपदा मिट जाये,
फिर कभी दुजे न आये।
प्रभु इतनी कृपा है करना,
सबको मंगल मय है रखना।
नए साल में मिलजुल कर,
आओ हम तुम दीप जलाए।
-आशा पान्डेय
नववर्ष मनाएँ
Happy New Year Poem In Hindi
नववर्ष सबके लिए बहार बन के आए,
साथ खुशियों का उपहार लेके आए।
सबका जीवन हो जगमग-जगमग,
नववर्ष सबके लिए संस्कार लेके आए।
इस नववर्ष सब गिले-शिकवे मिट जाएँ,
सब मिलकर सुंदर शुभ नववर्ष मनाएँ।
मन का अँधियारा चलो मिटाएँ,
हर्ष, उल्लास से नववर्ष मनाएँ।
नई उमंग नव एहसास जगाएँ,
आरस्य तज नव ऊर्जा संचार लाएँ।
सबको हिलमिल गले लगाएँ,
चलो खुशियों का नववर्ष मनाएँ।
-महेन्द्र साहू
नया साल
Poem On Happy New year
नया साल है, नयी बात है,
आओ खेलें धूम मचायें।
डाल डाल पर डोल डोल कर
तितली जैसा मन मुस्कायें।
पूरब दिशा में तम्बई सूरज
सोने की थाल सा,
गाँव-गाँव में सुगन्ध फैले
गंवई गमकीले गुलाब का।
नई आस है, नया उल्लास है,
मन मगन मौज मनायें।
नया साल है, नयी बात है,
आओ खेलें धूम मचाये।
डार डार पर भोर की लाली
डगर डगर पर किरन किरन,
बीत गयी है रजनी काली
सन सनासन पवन पवन।
लहर लहर पर, डगर डगर पर
नवसंगीत हम रच जायें।
नया साल है, नयी बात है,
आओ खेलें धूम मचायें।
-विद्या प्रकाश
आओ हम अभिनन्दन करें
Poem On Happy New
आओ हम अभिनन्दन करें,
नूतन वर्ष के आगमन का।
आओ हम सब वन्दन करें,
पावन दिवस की वेला का।
आओ हम सब संकल्प करें,
स्व-विकास और उन्नति का।
आओ हम सब कमर कस लें,
राष्ट्र के उत्थान और प्रगति का।
आओ हम यह स्वीकार करें,
सत्य की राह पर चलने का।
आओ हम आत्मसात करें,
अहिंसा का पालन करने का।
आओ हम सब सम्मान करें,
सद्भावना और भाईचारे का।
आओ हम सब अंगीकार करें,
राष्ट्र व राष्ट्रीयता के नारे का।
नव-वर्ष एक नव-प्रेरणा है,
कुछ नया कर गुजरने का।
हम सारी कलुषता मिटा दें,
ये सन्देशा है गले मिलने का।
-अशोक पटेल
नए वर्ष में
Poem On Happy New
आओ नव संकल्प सजाएं,
काम अधूरे हैं जो अपने-
नए वर्ष में कर दिखलाएं।
हमें देश को एक बनाना,
घर-आंगन खुशियां पहुँचाना।
हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई,
सबको अपने गले लगाना।
चलो एकता की बंसी पर-
मेल-जोल का गीत सुनाएं।
सबको शिक्षा मिले बराबर,
रहे न कोई अनपढ़ निरक्षर।
सबके मन में ज्ञान ज्योति का,
बहे अनोखा झर-झर निर्झर।
हिंसा या आतंकवाद पर-
प्रेम, शांति का लेप लगाएं।
मन के पक्के तन के कच्चे,
हम भारत माता के बच्चे।
ज्ञान और विज्ञान हमें प्रिय,
हम हैं अच्छे सीधे सच्चे।
नए वर्ष पर नव संकल्पों-
का सबको संदेश सुनाएं।
-डॉ. रोहिताश्व अस्थाना
नये साल का कदम
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नया साल है आ गया,
सबके मन को भा गया।
फूलों ने डाला है डेरा,
ठंडा मौसम छा गया।
चिंकू, रिंकू, पिंकू, मोना,
सुबह के बाद कभी न सोना।
समय-समय पर काम करो सब,
सफल सदा जीवन में होना।
मंजिल पर तुम बढ़ते जाओ,
अपनी तुम पहचान बनाओ।
नये साल ने कदम बढ़ाये,
सबको तुम फिर गले लगाओ।
फूलों जैसे खिलते जाओ,
पानी जैसे मिलते जाओ।
नाचो गाओ बांटो प्रेम,
नया साल आनंद मनाओ।
-कमल सिंह चौहान
नये वर्ष की धूप
Poem On Happy New Year
फूल पत्ते और डाली,
नये वर्ष की धूप निराली।
कलियां खिल गईं भौरे झूमें,
सूरज ने अब किरणें डालीं।
नये वर्ष का दीप जलाओ,
सबको अपने गले लगाओ।
भेदभाव न कभी करो,
बातें छोड़ो कल वाली।
जीवन में हो उल्लास नया,
शत्रु न हो कभी मित्र नया।
सुबह की किरणों संग खेलो,
बातें करो अब खुशबू वाली।
प्रेम से सबसे मिलना सीखो,
नित संयम से रहना सीखो।
भला हमेशा सबका सोचो,
रिंकू, मारिया और सैफाली।
-कमल सिंह चौहान
आया है नववर्ष
Poem On Happy New Year
खुशियों का पैगाम लिए,
आया है नववर्ष।
उमंगें हिलोरे लेती,
मन में है बहुत हर्ष ।।
उसकी कदमों की आहट सुन,
जर्रा जर्रा मुस्कुरा रहा है।
महक रही हैं वादियां,
अम्बर नेह बरसा रहा है।।
आशीष देती दिशाएं,
हो मंगलमय नववर्ष।
खुशियों के पालने में,
झूल रही हैं तितलियां।।
मौसम ने ली अंगड़ाई,
सज संवर गयी कलियां।।
गुनगुना रहे भवरें,
हो जीवन में उत्कर्ष ।।
खुशियों का पैगाम लिए,
आया है नववर्ष ।।
-मीरा सिंह ‘मीरा’
नये वर्ष में
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नये वर्ष में
कुछ नूतन हो
संकल्प हमारे।
पढ़ना, लिखना
अच्छा बनना,
मिलकर रहना
कभी न लड़ना।
सच की पूजा
करते रहना,
झरने सा
हम को है बहना।
नये वर्ष में
सब पूर्ण हो
संकल्प हमारे।
गलत राह पर
तनिक न चलना,
आये विपदा
उससे भिड़ना।
नेक इरादे
फलने वाले
रवि किरणों सा
तम से लड़ना।
नये वर्ष में
नभ को छू लें
संकल्प हमारे।
-राजेंद निशेश
नये वर्ष की बधाई
Poem On Happy New Year In Hindi
छोटू बन्दर बोला- भाई,
नये वर्ष की सबको बधाई।
हाथी, लोमड़, भालू, गीदड़,
गले मिलो सब भाई-भाई।
नया वर्ष सबको मंगल हो,
एक-दूजे को दो बधाई।
प्रण करें हम मिलकर सारे,
नहीं किसी से करें लड़ाई।
नये वर्ष की यही कामना,
जीवन में फैले खुशहाली।
नहीं किसी से वैर-भाव हो,
रैना सबकी हो उजियाली।
-महेन्द्र सिंह शेखावत ‘उत्साही’
नव पुण्य प्रण
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नया साल फिर आ गया,
आओ करें यह प्रण।
तन अपना स्वस्थ रहे,
शुद्ध हो अपना मन।
हिंसा-चोरी, पाप-छल,
दूर रहे बुराई।
सत्य कर्म पथ पर चलें,
न हो कभी लड़ाई।
अच्छाई का साथ दें,
अच्छा हमें बनना।
अच्छा जीवन का लक्ष्य,
प्राप्त हमको करना।
-महेन्द्र सिंह शेखावत ‘उत्साही’
नये वर्ष का स्वागत
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नये वर्ष का करें सभी हम,
मिलकर सारे ऐसा स्वागत।
भूलें सारे वैर भाव हम,
मन में हो प्रीत की चाहत।।
नहीं किसी का बुरा करें हम,
सीखें मानवता से रहना।
सच्ची-मीठी वाणी बोलें,
कटुवचन न कभी कहना।।
नये-नये संकल्प करें हम,
अब है आगे हमको बढ़ना।
भूखे-प्यासे दीन-दुखी की,
आगे बढ़ कर सेवा करना।।
सबके लिए हो मंगलमय इस,
नये वर्ष का इक-इक पल।
भविष्य स्वर्णिम और सुखद हो,
सबके लिए हो उज्ज्वल कल।।
-महेन्द्र सिंह शेखावत
नववर्ष की बधाई
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सूरज बाबा हुए नरम,
कपड़े पहनो गरम गरम।
मौज मस्ती संग लिए.
सर्दी का आया मौसम।।
कुहासे की चादर लपेटे,
दिख रही नदियां सड़कें।
ठण्ड से थर थर कांप रही.
बुढ़िया दादी देखो कब से।।
सुबह की गुनगुनी धूप आयी,
आंखें खोलो छोड़ो रजाई।
करो कसरत खेलो कूदो,
बच्चों मन से करो पढ़ाई।।
मुर्गे ने है बाग लगाई,
मीठे सपनों को दो विदाई।
यह साल चला दुआएं देकर,
नववर्ष की तुम्हें बधाई।।
-मीरा सिंह ‘मीरा’
नववर्ष आया है
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बीत गया वर्ष पुराना,
नया वर्ष अब आया है।
लाया है इक नई उमंग,
जादू-सा दिल में छाया है।।
नये समय में नई सोच में,
पूरे होंगे सारे सपने।
नये दिन के साथ-साथ में,
नये-नये गुण भर ले।।
आदर्श का नव वरण कर ले।
बीते को बिसार दे भाई,
मंजिल अपनी को तय कर ले।।
दूर भगा निराशा भाव को,
आशा दीप जलाने आया।
नव किरण का गीत सुना,
ये दूर कर देता कुहासा॥
ढूंढ ले खिलती सुबह में,
कुछ पुराना कुछ नया-सा।
नववर्ष झूमता आया,
नववर्ष चहकता आया।।
नयी उमंगें नयी तरंगें,
उत्साह घनेरा लाया।
-शैलेन्द्र कुमार चतुर्वेदी
नया साल
New Year Kavita
साल पुराना चला,
कहता हुआ अलविदा।
दो हजार बाईस आया,
नयापन हे जुदा।
साल समय के साथ,
समझो चला गया।
साल नया उपलब्धियां,
लेकर आये नया।
प्रण करते हैं अब,
कोई नया काम करेंगे।
अपने हित में सदा,
अपने परिणाम करेंगे।
-गफूर ‘स्नेही’
नूतन-वर्ष
New Year Kavita In Hindi
नई उमंगें संग लाया
नूतन-वर्ष फिर आया।
बीत गया सो बीत गया
करें आज का अभिनंदन,
नये झरोखे खोलें हम
नव-भोर का करें वंदन।
उन्नति का पैगाम लाया
नूतन-वर्ष फिर आया।
उठे कदम हटें न पीछे
ऐसा संकल्प हमारा।
ऊँच-नीच का भेद मिटे
अब दूर भागे अंधियारा।
खुशियों का खजाना लाया
नूतन-वर्ष फिर आया।
अनपढ़ता का शाप मिटे
रहे न कोई दीन-दुखी,
गुरुजनों का आदर हो
हर आंगन में बसे खुशी।
नई चेतना साथ लाया
नूतन-वर्ष फिर आया।
-राजेन्द्र निशेश
नये साल का पैगाम
Naye Saal Par Kavita
नये साल का सुनो पैगाम।
ये है हम सब के नाम।
मिल-जुलकर है सदा रहना।
नये वर्ष का है कहना।
नफरत सारी भूलें हम।
प्यार बढ़ाएं छोड़े गम।
पिछली छोड़ सभी बातें।
खुशियां बांटे सौगातें।
हो न कभी भी काली रात।
चहुंओर हो नया प्रभात।
दुनिया में भाईचारा हो।
खुशियों का ‘चमन’ हमारा हो।
-जगतार ‘चमन’
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