Top Best 27+ Pariyon Ki Kahani | परियों की जादुई कहानियाँ

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Pariyon Ki Kahani:- परियों की कहानी हमें हमारे पुराने ग्रंथों, लोककथाओं और किस्सों से प्राप्त होती है। परियाँ स्वर्गीय संसार से आती हैं और मानवों के बीच खुशी और सुंदरता लाती हैं। ये सुंदर दिव्यात्मा परी जीवन के प्रतिदिन की परेशानियों से हमें राहत देती हैं।

परियों की कई तरह की कथाएं होती हैं। वे बांटती हैं, आशीर्वाद देती हैं और लोगों की मदद करती हैं। ये दिव्य रूप वाली परियाँ सपने में आकर अपनी आशीर्वाद देती हैं और लोगों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

परियाँ हमेशा सच्चे दिल से विनम्रता और प्यार के साथ काम करती हैं। वे अच्छा कर्म करने को प्रोत्साहित करती हैं और बुराई से लड़ने में हमारी मदद करती हैं। परियाँ भी खुशियों का प्रतीक होती हैं और हमें इंसानियत, सौंदर्य और शांति की महत्वपूर्णता सिखाती हैं।

परियों की कहानियों में हमें अनंत उमंग, आशा और सपनों की दुनिया का अनुभव होता है। इन कहानियों से हमें यह सिख मिलती है कि जीवन में खुशी का स्रोत हमारे अंदर है और हमें सदैव निरंतर प्रेम, सदभाव और सच्चाई के साथ रहना चाहिए।

वनमाला परी और दानव

Pariyon Ki Kahani

बहुत समय पहले, एक जंगल में एक सुंदर परी रहती थी जिसका नाम था “वनमाला”। वनमाला बहुत मासूम और खिलखिलाती थी, और उसकी एक हँसी से सभी को प्यार हो जाता था। वह जंगल की सभी परियों की दिलदार थी और उसकी मित्रता बहुत प्रसिद्ध थी।

एक दिन, जंगल में एक भयंकर दानव आया और वहां का शांति और सुकून बिगाड़ दिया। दानव जंगल की परियों को बहुत डराया और उन्हें उत्साहहीन बना दिया। वनमाला भी बहुत घबराई और डर गई। वह सोचने लगी कि क्या करे, कैसे इस दानव से बचे।

फिर, वनमाला ने दूसरी परियों के पास गई और उनसे सलाह ली। परियों ने कहा, “वनमाला, अपने भय को दूर करने के लिए अपने आप में विश्वास करो। तुम भयानक नहीं, बल्कि बहादुर हो। अपने सामर्थ्य पर विश्वास रखो और उस दानव को परास्त करो।”

वनमाला ने अपनी मित्रों की सलाह मानी और अपने भय को हराने के लिए आत्म-विश्वास से भर गई। वह बहादुरी से दानव के सामने खड़ी हुई और उसे विजयी बनाने के लिए अपनी शक्ति का इस्तेमाल किया।

वनमाला और दानव के बीच मुठभेड़ हुआ। परंतु वनमाला के अद्भुत साहस और सामर्थ्य ने उस दानव को हरा दिया। जंगल की परियों को देखकर बड़ा ही आनंद हुआ और वे वनमाला की बधाई देने लगीं।

इस दिन से, वनमाला जंगल की सबसे प्रशिद्ध और बहादुर परी बन गई। उसकी आत्म-विश्वास और साहस की कहानी पूरे जंगल में फैल गई। वनमाला ने सभी को यह सिखाया कि भय के सामने आत्म-विश्वास का महत्व क्या है।

इस कहानी से हमें यह सबक मिलता है कि हमें अपने आत्म-विश्वास पर विश्वास करना चाहिए और भय के सामने बहादुरी से खड़े होकर समस्याओं का सामना करना चाहिए। जब हम अपने अंदर छिपी खुदरा साहस को जागृत करते हैं, तो हम सभी परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं और सफलता की ऊंचाइयों को छुए सकते हैं।

परियों की कहानी

Pariyon Ki Kahani

एक समय की बात है, जब पृथ्वी पर नहीं, बल्कि स्वर्ग में भी जीवन बहुत सुखद था। वहां सभी परियों का नगरी नाम “परिलोक” था। यहां के परियों का आकर्षण पृथ्वीवासियों की तरह था, क्योंकि वे न सिर्फ सुंदर दिखती थीं, बल्कि अपने अद्भुत कला और गुणों से भी परिपूर्ण थीं।

परिलोक की सबसे सुंदर और प्रसिद्ध परी का नाम था “रमा।” उनके सभी साथियों ने उन्हें बहुत पसंद किया और रमा भी सभी के प्रति बहुत सम्मान और प्रेम रखती थीं। उनके पास एक खास मित्र भी था जिसका नाम “वरुण” था। रमा और वरुण का दोस्ती नाजुक और गहरी थी।

परंतु एक दिन, परिलोक में कुछ अंधकार छा गया। रमा ने धीरे-धीरे महसूस किया कि लोग उन्हें अधिक ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्हें दिल भर आया और वे वरुण के पास गईं। रमा ने वरुण से कहा, “क्या हो रहा है? लोग मुझे क्यों भूल रहे हैं? क्या मैं कुछ गलत कर रही हूँ?”

वरुण ने प्यार से रमा के हाथ पकड़े और कहा, “ये अंधकार नए समय के आने का संकेत है। वक़्त बदल रहा है और हमें भी अपने अनुभवों से सीखना होगा। लोग व्यक्तियों की खोज में हैं और वे अपने आप को खोज रहे हैं। आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, रमा।”

रमा ने वरुण के शब्दों को समझा और उन्हें धन्यवाद दिया। उस समय से, रमा ने नई दिशा और नई उत्साह के साथ जीना शुरू किया। वे अपनी कला को और अधिक निखारने लगीं और दूसरों को भी प्रेरित करने लगीं।

वहां के लोग रमा के प्रति फिर से आकर्षित हो गए और रमा के प्रति प्रेम भर दिल से उनका स्वागत किया। रमा का अनुभव उन्हें एक महान परियों के बारे में सोचने को प्रेरित करता था और उन्हें यह अहसास हुआ कि सच्चे सौंदर्य की पहचान आंतरिकता में छिपी होती है। moral education

इस कहानी से हमें यह सबक मिलता है कि व्यक्ति की सच्ची पहचान उसके गुणों और आचरण से होती है, बाहरी रूप व दिखावे से नहीं। अपने भीतर के सौंदर्य को उजागर करना हमें सबसे ख़ास बनाता है।

सुनहरी झील

Pariyon Ki Kahani

बहुत पुराने समय की बात है, एक सुंदर जंगल में एक सुनहरी झील थी। वहां पर अनेक परियों का वास था, जो अपनी आकृति और सौंदर्य से प्रसिद्ध थे। परिलोक की रानी ने एक परी को जंगल की इस झील का नियंत्रण करने का दौरा दिया। इस परी का नाम था “सुरबिता।”

सुरबिता बहुत खुश थी, क्योंकि वह जंगल की सबसे खास और प्रशिद्ध झील का संचालन करने को चुनी गई थी। उसे लगता था कि वह जंगल की सबसे अधिक शक्तिशाली और सर्वश्रेष्ठ परी हो गई है। उसकी अभिमानी भावना और दर्पण उसे अन्य परियों से दूर रखते थे।

एक दिन, एक गरीब यात्री वहां आया और झील के किनारे खड़ा होकर उसकी सुंदरता का आनंद लेने लगा। सुरबिता ने यात्री को देखा और उसे घमंड से देखा। उसे लगा कि यह आम व्यक्ति उसके समृद्ध और शानदार जीवन को नहीं समझ सकता।

यात्री ने देखा कि सुरबिता उसे अवश्य देख रही है, लेकिन उसके चेहरे पर घमंड नहीं, बल्कि शांति और अनुभव की भावना है। यात्री ने प्यार से सुरबिता के पास जाकर पूछा, “आप इस जंगल की रानी हो, ना?”

सुरबिता ने विनम्रता से मुस्कान की और कहा, “नहीं, मैं तो सिर्फ एक साधारण परी हूँ। झील का संचालन करना मेरा कर्तव्य है, जो मुझे परिलोक की रानी ने सौंपा है।”

यात्री ने प्रशंसा भरे शब्दों में कहा, “तुम्हारा यह समर्पण और विनम्रता बहुत अद्भुत है। तुम जंगल की वासियों के लिए सच्ची रानी हो।”

सुरबिता को यात्री के शब्दों से अनुभव हुआ कि सच्चा सम्मान और ख़ासीयत उसके अन्दर छिपी है, और दिखावे व प्रदर्शन नहीं। उसकी आँखों में आंसू आ गए और वह यात्री के पास जाकर धन्यवाद दिया।

इस दिन से, सुरबिता ने अपने दर्पण और घमंड को छोड़कर सभी के साथ एकजुट होकर रहना शुरू किया। उसका दिल प्यार और अनुभव से भरने लगा और वह वासियों के प्रति दया और सेवा की भावना से भर गई।

इस कहानी से हमें यह सबक मिलता है कि अहंकार और घमंड से बचना हमारे अन्दर की सच्ची सुंदरता को प्रकट करता है और सच्चे सम्मान और महत्व को प्राप्त करता है। प्रकृति में आपार सुंदरता है, जिसे हमें आत्मसात करना चाहिए।

Pariyon Ki Kahani

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटी सी गांव में एक परी रहती थी। वह अपने आप में बहुत ही सुंदर और प्यारी थी। उसके पास सभी प्रकार की जादुई शक्तियां थीं और वह लोगों की मदद करने के लिए उन्हें उपयोग में लाती थी। उसने बहुत सारे बच्चों को खुशी और प्यार से बढ़ावा दिया और उन्हें आदर्श व्यक्ति बनने में मदद की।

परी की एक दिन यात्रा के दौरान, वह एक गहरे जंगल में पहुंची जहां वह पहली बार एक जादुई पेड़ देखी। वह पेड़ बहुत ही अद्भुत और चमत्कारी था। परी ने इस पेड़ को नजदीक से देखा और एक जादुई गहरी सुन्दरता में खो गई।

परी ने पेड़ से पूछा, “आप इतने खूबसूरत कैसे हो सकते हैं?” पेड़ ने उत्तर दिया, “मेरे रूप में सुंदरता की जड़ है, लेकिन मेरी असली खूबसूरती मेरी यह शाखाएं हैं, जो सबको धरती की ओर आकर्षित करती हैं। इन शाखाओं से मैं ऑक्सीजन उत्पादित करता हूँ, पक्षियों को आवास प्रदान करता हूँ, और मानवों के लिए संतोषजनक वातावरण पैदा करता हूँ।”

परी ने उस जादुई पेड़ की कहानी सुनकर बहुत प्रभावित हुई और वह अपनी जादुई शक्तियों का उपयोग दूसरों की मदद करने में अधिक करने का निर्णय लिया। वह लोगों के जीवन में खुशियों की बौछार बरसाने और सबकी सेवा करने के लिए निरंतर प्रयास करने लगी।

इस तरह, परी ने अपनी जादुई क्षमताओं का उपयोग करके लोगों की मदद की और सभी को प्यार और समृद्धि के साथ जीने का संकल्प लिया। उसकी सेवा और प्रेम ने लोगों के दिलों में स्थान बना लिया और वह दिन-रात खुशियों की महान खान हुई।

Pariyon Ki Kahani

बहुत समय पहले की बात है, एक प्यारी सी परी जगत में रहती थी। वह अपने आप में बहुत ही सुंदर और मधुर स्वभाव की थी। उसे लोगों की मदद करने में बड़ी खुशी मिलती थी और वह नटक आकाश में घूमती रहती थी।

एक दिन, परी अपनी मदद के लिए धरती पर उतरी। वह एक सामान्य गांव में पहुंची और वहां एक छोटे से बच्चे को देखा जो बहुत ही उदास और अकेला था। परी ने बच्चे के पास जाकर पूछा, “क्या हुआ, तुम इतने उदास क्यों हो?” बच्चा बोला, “मेरी दोस्ती टूट गई है और मुझे अकेलापन महसूस हो रहा है।”

परी ने देखा कि बच्चे को दोस्त की आवश्यकता है और वह उसे खुश करने का प्रयास करना चाहती है। वह अपनी जादुई शक्तियों का उपयोग करते हुए एक छोटी सी खोटी निकाली और उसे बच्चे को दिया। वह खोटी बच्चे के पास पहुंची और अचानक दो दौड़ती परियों को निकालकर देखा। बच्चा खुशी से उछलने लगा और उसकी आंखों में खुशी की चमक देखकर परी भी खुश हो गई।

इस तरह, परी ने अपनी जादुई शक्तियों का उपयोग करके बच्चे की खुशी को वापस लाया और उसका अकेलापन दूर किया। उसने बच्चे को साथी बना लिया और वह दोनों साथ में खेलते, हंसते और मज़े करते रहे। परी जाती-जाती अपने घर को लौटी, लेकिन उसे अपने इस मददगार कार्य से बहुत खुशी मिली और वह दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रही।

Pariyon Ki Kahani

बहुत समय पहले की बात है, एक प्यारी सी परी जगत में निवास करती थी। वह अपनी जादुई शक्तियों से परिपूर्ण थी और लोगों की मदद करने का कार्य सदैव तत्पर रहती थी। परी का विशेष ध्यान बच्चों की तरफ था, उन्हें खुश और सुरक्षित रखने के लिए वह अपनी जादुई क्षमताओं का उपयोग करती थी।

एक दिन, उसने एक छोटे गांव में एक तंबुआ के पेड़ के पास जाकर विराम लिया। वहां पर वह एक बहुत ही उदार बच्चे को देखा जो अकेला और उदास दिख रहा था। परी ने उसकी परेशानी को देखा और उसके पास गई।

परी ने पूछा, “मेरे प्यारे बच्चे, तुम अकेले क्यों हो और इतने उदास क्यों लग रहे हो?” बच्चा रोते हुए बताया, “मेरे पास कोई दोस्त नहीं है और मैं अकेला महसूस कर रहा हूं।”

परी ने तुरंत अपनी जादुई छड़ी निकाली और एक खूबसूरत फूल को हाथ में लिया। उसने फूल को देखते ही उसे जादुई बना दिया। फूल को देखकर उसके आस-पास कई और खूबसूरत फूल उग आए। वे फूल भांति-भांति के रंगों में चमक रहे थे। बच्चा आश्चर्यचकित हो गया और उसका उदासपन दूर हो गया।

परी बच्चे को बताती है, “ये जादुई फूल दोस्ती की खास शक्ति रखते हैं। जब तुम इन्हें दूसरों को देते हो, वे भी जादुई फूल बन जाते हैं और तुम्हारे साथ दोस्ती करते हैं।” बच्चा खुशी से उछल पड़ा और जादुई फूलों को लेकर गांव के अन्य बच्चों के पास चला गया।

परी खुश हो गई क्योंकि उसने एक दोस्त को प्राप्त करवा दिया। वह बच्चे की खुशी देखकर संतुष्ट हुई और जादुई फूलों के साथ वापस अपने आकाशीय आसमान में उड़ गई। परी जानती थी कि उसका कार्य सम्पूर्ण हो गया है और उसने बच्चे को खुशी और दोस्ती का तोहफा दे दिया है।

Pariyon Ki Kahani

बहुत समय पहले की बात है, एक अद्भुत सर्दी का दिन आया। थंडी-बड़ी हवाओं के साथ छोटी-छोटी परियां आकाश में उड़ रही थीं। वे सभी सुंदर और रंगीन परियों थीं जो जगत को अपनी आदर्श और सुंदरता का प्रदर्शन करने के लिए आत्मसमर्पण से काम कर रही थीं।

उस दिन, एक खूबसूरत परी नाम लिया था जो अपनी सुंदरता और शक्ति के लिए जानी जाती थी। एक दिन जब परी आकाश में उड़ रही थी, उसने एक गहरी गुफा में एक अकेली बच्ची परी को देखा। वह बच्ची अपने खोए हुए माता-पिता की याद में रो रही थी।

परी की दया जाग उठी और उसने बच्ची के पास जाकर पूछा, “तुम अकेली क्यों हो? क्या मैं तुम्हारी सहायता कर सकती हूँ?” बच्ची ने अपनी खुशी का एक छमकता हुआ आँसू पोंछा और कहा, “मेरी माता-पिता खो गए हैं और मुझे उनकी यादों में बहुत अकेलापन महसूस हो रहा है।”

परी ने बच्ची की दुखभरी कहानी सुनकर संवेदना जागी और उसे संबल देने का निर्णय लिया। वह अपनी जादुई विशेषताओं का उपयोग करके एक परियों की सेना को बुलाती है। सभी परियां वहां पहुंचती हैं और बच्ची के लिए एक सुरक्षित और प्यारा घर बनाने में सहायता करती हैं।

परी ने बच्ची को अपने साथ लेकर उसकी देखभाल की और उसे खुश रखा। वह उसे प्यार से पालती और उसे संबलती रही। बच्ची खुशी के साथ बड़ी हुई और अपनी परी माता की तरह परी की संसार में रहने लगी।

Pariyon Ki Kahani

बहुत समय पहले की बात है, एक सुंदर जंगल में एक परी बसने आई। वह जंगल का राजा-रानी बनना चाहती थी। उसका नाम था विशाखा।

विशाखा परी को जंगल का राजा बनने का सपना था, लेकिन उसे जाना था कि इसके लिए उसको कठिनाइयों का सामना करना होगा। विशाखा ने एक चरवाहे से कहा, “मुझे जंगल के दूसरे किनारे तक ले चलो, वहां मुझे एक जादुई गहरे की तलाश है।”

चरवाहा उसे जंगल के दूसरे किनारे ले गया, जहां वह एक गुफा में पहुंची। गुफा में विशाखा ने देखा कि वहां परी गण के राजा और रानी बैठे हुए थे। उनके पास एक जादुई पत्थर भी था।

विशाखा ने पूछा, “यह पत्थर मेरी मदद कैसे करेगा?” राजा ने कहा, “इस पत्थर की शक्ति से तू जंगल के सभी परियों को एक साथ बुला सकती है, और तब तू राजा-रानी बन सकेगी।”

विशाखा ने जादुई पत्थर को लिया और सभी परियों को बुलाया। वे सभी मिलकर विशाखा को राजा बना दिया। अब जंगल की हर परी विशाखा की आदर्श बन गई और सबका सम्मान करती थी।

इस तरह, विशाखा ने अपने सपने पूरे किए और जंगल की परियों के दिलों में स्थान बनाया। वह सबके बीच में अपनी महिमा के साथ खुश रहती थी और सबका सम्मान प्राप्त करती थी।

Pariyon Ki Kahani

एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब परिवार रहता था। उस परिवार में एक छोटी सी बेटी थी जिसका नाम लिया था राधा। राधा बहुत ही प्यारी और समझदार थी।

एक दिन राधा जंगल में खेल रही थी, तभी उसने एक छोटी सी परी को देखा। यह परी बहुत खुश और रंगीन थी। वह राधा के पास आई और उसे बोली, “मैं एक जादुई परी हूँ और मैं तुम्हें एक जादुई दुनिया दिखाने आई हूँ। क्या तुम मेरे साथ आना चाहोगी?”

राधा ने खुशी से हां कह दी। परी ने राधा को एक जादुई उड़ने वाले चरवाहे पर बिठा दिया और उसे अपने जादुई दुनिया ले गई।

राधा ने उस दुनिया में अपार सुंदरता और आनंद देखा। वहां उसे जादुई पेड़, चमकती हुई नदियाँ, और खिलते हुए फूलों का दृश्य मिला। वहां राधा ने भी एक दिलकश बागीचा देखा, जिसमें फूलों की खुशबू और नग्नता का महकता वातावरण था।

राधा बहुत ही खुश थी और उसे यह दुनिया बहुत पसंद आई। परी ने कहा, “यह सब तुम्हारी मदद से सच होता है। तुम एक खास और प्यारी बच्ची हो जिसके द्वारा यह सब जादुई दुनिया जन्म लेती है।”

राधा खुशी से हंसी और परी को धन्यवाद दिया। वह बहुत समय तक जादुई दुनिया में खेलती और मस्ती करती रही। धीरे-धीरे, राधा ने एक जादुई घंटी बजाई और परी ने उसे वापस गांव ले आई।

राधा अपने घर वापस आकर बहुत खुश थी। उसने अपने दोस्तों को इस अनोखी जादुई यात्रा के बारे में बताया और वे सब बहुत ही आश्चर्यचकित हुए।

इस तरह, राधा ने एक यात्रा की जिसने उसे एक अलग और जादुई दुनिया का अनुभव कराया। यह उसकी जीवन की यात्रा का एक अद्वितीय अनुभव था जो उसे हमेशा याद रहेगा।

Jal Pariyon Ki Kahani

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गांव में एक नदी बहती थी। यह नदी बहुत ही सुंदर और शांतिपूर्ण थी। लोग इस नदी को बहुत प्यार करते थे और इसे अपनी देवी मानते थे।

नदी में रहने वाली तीन जलपरियाँ भी थीं। इन जलपरियों का नाम था आकांक्षा, सौरभी और मेघा। वे सभी बहुत ही सुंदर और दयालु थीं।

एक दिन, नदी के किनारे एक गरीब लड़की आई। उसका नाम था रिया। वह बहुत ही समझदार और सहज बालिका थी। वह नदी में नहाने गई और वहां जलपरियों से मिली।

आकांक्षा, सौरभी और मेघा ने रिया की मदद की और उसे अपनी मित्रता स्वीकार की। वे रिया के साथ खेलने लगीं और उसे नदी की रहस्यमय दुनिया के बारे में बताने लगीं।

वे रातों-रात चाँद के साथ उठतीं, तारों की चमक के साथ खेलतीं और नदी की लहरों के साथ नाचतीं। रिया बहुत खुश थी कि वह नदी में रहने वाली जलपरियों की मित्र बन गई है।

एक दिन, नदी में भारी बारिश हुई और नदी का पानी ऊँचा हो गया। रिया पानी में फंस गई और मुश्किल में आ गई। जलपरियों ने उसकी मदद की और उसे सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया।

इसके बाद, रिया ने नदी के साथी परियों को धन्यवाद दिया और उनकी मित्रता की महत्वपूर्णता समझाई। वे सभी मित्र बने रहे और हमेशा एक-दूसरे की सहायता करते रहे।

इस तरह, यह नदी की कहानी हमें यह सिखाती है कि अनुशासन, मित्रता और सहायता से हम अपने जीवन में सुख-शांति और आनंद का अनुभव कर सकते हैं।

Pariyon Ki Kahani

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गांव में एक परियों की समुदाय रहती थी। ये परियाँ बहुत ही सुंदर, अमर और जादुई थीं। उनका नाम था रिया, आकांक्षा और मेघा। वे गांव की हर बालिका की मदद करने के लिए प्रस्तुत रहती थीं।

एक दिन, उन्होंने गांव के एक गरीब लड़की को देखा जिसका नाम था सुमन। सुमन बहुत ही समझदार और सुंदर थी, लेकिन उसके पास सुख और सम्पत्ति नहीं थी। परियों ने सुमन के लिए एक विशेष योजना बनाई।

रिया, आकांक्षा और मेघा ने मिलकर उसे जादुई आईना दिया जो सब कुछ दिखा सकता था। जब सुमन उस आईने में देखी, उसे अचानक ही सब खुशियाँ, सम्पत्ति और सौंदर्य की अपार दुनिया दिखाई दी।

सुमन को बहुत खुशी हुई और उसने परियों को धन्यवाद दिया। परियों ने सुमन को यह सिखाया कि असली ख़ुशी सबके दिल में होती है और सम्पत्ति और सौंदर्य केवल बाहरी चीजें होती हैं।

सुमन ने उस जादुई आईने को साथ रखकर अब खुशी और समृद्धि की नई परिभाषा बना ली। उसने दूसरों की मदद करना, प्यार और संयम से जीना सीखा। उसका जीवन अब पूरी तरह से बदल गया और वह सबसे खुश थी।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि वास्तविक खुशी हमारे अंदर ही होती है, हमें संयम और प्रेम से जीना चाहिए और अपने दूसरों की मदद करने में संतुष्टि मिलती है।

Pariyon Ki Kahani

बहुत समय पहले, एक गहरे जंगल में एक छोटी सी परियों की समृद्धि थी। वह जंगल का नाम था “आनंद वन”। इस जंगल में अनेक परियों का बसेरा था और वे सभी एक-दूसरे से प्रेम भरे रिश्ते रखते थे। इस गुलाबी वन की एक परी का नाम था “आकृति”।

आकृति बहुत सुंदर और प्रशिद्ध थी। उसके पंख राम-रामी और उसके नग्न शरीर के बर्तन विश्वासघाती रंगों से भरे थे। आकृति का आभूषण बना हुआ था भावुकता, सादगी, और सच्चे दिल से दिया गया प्यार।

आकृति का बड़ा भाई, राजवीर, भी उससे बहुत प्रेम करता था और उसे अपनी रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहता था। आकृति भी अपने भाई से बहुत प्यार करती थी और उसकी सलाह और संबल उसके लिए अनमोल थीं।

एक दिन, आकृति और राजवीर को जंगल के बाहर जाना पड़ा, क्योंकि वहां एक विशाल झील थी, जिसमें उन्हें बहुत मजा आया। वे झील के किनारे बैठकर घूमने लगे और अपने वादियों के बारे में बातें करने लगे।

उन्होंने झील के पानी में अपनी अभिलाषा को देखा, जिसमें उनकी प्रतिबिंब चमक रही थी। आकृति ने सोचा, “क्या मेरी सारी खुबसूरती सिर्फ मेरी छाया में है?” इस ख़याल से उसका मन उदास हो गया।

राजवीर ने देखा कि उसकी बहन विचलित हो रही है और उसके दिल का हाल समझ गया। उसने प्यार से आकृति के पास जाकर कहा, “बहन, तुम्हारी ख़ूबसूरती और प्रशंसा तो तुम्हारे आत्म-विश्वास और अन्दर की सच्ची ख़ूबसूरती का प्रतीक है। तुम्हारे अंतर्दृष्टि के चमक से तुम्हारी छाया भी चमक रही है।”

आकृति ने भाई के शब्दों से प्रेरणा ली और उसके भविष्य के सपनों को पूरा करने का संकल्प किया। उसकी आत्म-विश्वास की किरणें फिर से जाग उठीं और वह परियों की रानी के रूप में अपनी सफलता के सफर पर निकली।

इस कहानी से हमें यह सबक मिलता है कि हमारी ख़ुद की ख़ूबसूरती का अहम हिस्सा हमारे अंदर की सच्ची सुंदरता है, और जब हम अपने आत्म-विश्वास के साथ प्रकाश करते हैं, तो हमारी छाया भी ख़ुशियों से भर जाती है।

Pariyon Ki Kahani परियों की कहानियों में हमें अनंत उमंग, आशा और सपनों की दुनिया का अनुभव होता है। इन कहानियों से हमें यह सिख मिलती है कि जीवन में खुशी का स्रोत हमारे अंदर है और हमें सदैव निरंतर प्रेम, सदभाव और सच्चाई के साथ रहना चाहिए।

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