Top 5+ Best Kargil Vijay Diwas Poem In Hindi | कारगिल विजय दिवस पर कविता

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“वह खुन कहो किस मतलब का, जिसमें उबाल का नाम नहीं.

वह खून कहो किस मतलब का, आ सके देश के काम नहीं।”

Kargil Vijay Diwas Poem In Hindi :- प्यारे बच्चो, भारत की फौज अपने अदम्य साहस, वीरता और बलिदान के लिए जानी जाती है। इतिहास गवाह है कि भारत ने कभी भी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया, लेकिन हमारी फौज कितनी साहसी एवं मजबूत है इसको बताने के लिए हमारे पड़ोसी देश कोई न कोई मौका आज हम ऐसे ही एक प्रामाणिक युद्ध की बात करेंगे जिसमें हमारी फौज ने अपने अदम्य और वीरता प्रदर्शन किया और पूरे विश्व को अपने शौर्य से नतमस्तक कर दिया

वर्ष 1999 के मई माह में पाकिस्तान के सैनिकों और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने मिलकर भारत की वास्तविक सीमा रेखा में घुसपैठ कर भारत के लेह लद्दाख क्षेत्र की कई महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा कर लिया था. भारत के अन्य क्षेत्रों को लेह लद्दाख से जोड़ने वाली सड़क पर नियंत्रण हासिल कर घुसपैठियों ने सियाचिन ग्लेशियर पर भारत की स्थिति को कमजोर कर दिया.

यह हमारी राष्ट्रीय अस्मिता के लिये बहुत बड़ा खतरा था. संचार के माध्यमों की कमी होने के कारण भारतीय सेना को इस स्थिति की जानकारी चरवाहों से मिली. भारतीय सेना ने उस क्षेत्र को वापस अपने अधिकार मैं लेने के लिए अदम्य साहस और शौर्य परिचय दिया एवं दुर्गम चोटियों पर स्थित पाकिस्तानी सेना को भागने के लिए मजबूर कर दिया. पाकिस्तानी घुसपैठियों ने जिस क्षेत्र पर कब्जा किया था और जहाँ यह युदध हुआ वह क्षेत्र कश्मीर के कारगिल जिले में आता है अतः इस युद्ध को कारगिल के युद्ध के नाम से जाना जाता है।

कारगिल का युद्ध 2 महीने तक चला था. 26जूलाई 1999 को भारतीय सेना ने युद्ध में चलाए गए आपरेशन विजय को सफलतापूर्वक अंजाम देकर भारत की जमीन से पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार भगाया और विजयश्री हासिल की. इस जीत की याद में हर वर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है.

इस युदध मैं भारतीय सेना के 527 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे. इन सभी जवानों की वीरता की कहानियों को एक ही बार में बता पाना संभव नहीं है. इस युदध में प्राकृतिक विषम परिस्थितियों के होते हुए भी भारतीय सेना ने जिस साहस और शौर्थ का प्रदर्शन किया था वह हमेशा अविस्मरणीय रहेगा. इस युदध के वीरों के कुछ कथन जो भारत की फौज को जोश और शौर्य से ओतप्रोत कर देते हैं।

“मैं तिरंगा फहराकर वापस आऊंगा या फिर तिरंगे में लिपटकर आऊंगा, लेकिन मैं वापस

अवश्य आऊंगा.’ – कैप्टन विक्रम बत्रा

‘यदि मौत तब आती है, जब तक कि मैं अपनी रगों में बहते खुन को साबित ना कर पाऊं,

तो मैं कसम खाता हूं कि मैं मौत को मार दूंगा. –कैप्टन मनोज कुमार पांडेय

हमारा तिरंगा इसीलिए नहीं लहराता, क्योंकि हवा चलती है, बल्कि यह हर उस सैनिक की

अंतिम सांस से लहराता है जो इसकी रक्षा करने के लिए शहीद होते हैं – कैप्टन अनुज नय्यर

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विजय दिवस

Kargil Vijay Diwas Poem In Hindi

भारत के वीर सपूतों ने हमको,

विजय का था वो दिवस दिखाया।

पराक्रम और शौर्य के बूते ही,

था अपने राष्ट्र का मान बढ़ाया।

भयावह था वो युद्ध का मंजर,

हमने पाक को सबक सिखाया।

मिली तब भारी विजय भारत को,

था पाक ख़ुद पर खूब शरमाया।

आत्मसमर्पण के साथ पाक ने,

हार को अपने उर से लगाया।

सोलह दिसंबर उन्नीस सौ इकहत्तर को हमने,

विजय दिवस का बिगुल बजाया।

स्वर्णिम विजय दिवस पर सेना ने,

तिरंगा ऊंचा शान से लहराया।

शौर्य साहस का परिचय दे भारत ने,

जीत का सेहरा अपने शीश बंधाया।

तब से भारतवासी सहर्ष मनाते,

जब भी ये शुभ दिन वर्ष में आया।

करने याद सभी शहीद सैनिकों को,

गीत देश्भाक्ति का हर जन ने गाया।

-पिंकी सिंघल

शहीदों की कुर्बानी कब तक

Kargil Vijay Diwas Poem In Hindi

कश्मीर में शहीदों की कुर्बानी से,

आँखें सबकी भर आई।

वो कल भी थे आज भी हैं,

अस्तित्व में चमक छाई।

नमन उनकी शहादत को,

शरीर देख आँखें भर आई।

जज्बा माँ का जब बोली,

भारत की रक्षा में सौं बेटे लुटाई।

भारत माँ के लाल तूने,

फ़र्ज अपना अदा किया।

जान हथेली पर लेकर,

एक झटके से दुश्मन को ढेर किया।

देश की रक्षा करते तुम,

गहरी नींद में सो गए।

पूरा भारत तुमको याद किया,

तुम शहीद हो गए।

देश की रक्षा में तुम्हारा बलिदान,

देश कभी ना भूल पाएगा।

हर देशवासी याद रखेगा तुमको,

वंदे मातरम गाएगा।

अब हर परिवार से एक बच्चा,

सेना में जाएगा।

देश की रक्षा में,

जी जान से लड़ जाएगा।

देश सुरक्षित है तुम्हारी खातिर,

अब सबको समझ आएगा।

साथियों में उर्जा भर गए,

दुश्मन अब भारत से थराएगा।

तुम जैसे बहादुरों का नाम सुन,

दुश्मन सीमा से भाग जाएगा।

हर सीमा पर हमेशा,

भारत का झंडा लहराएगा।

-किशन सनमुखदास

सीमा प्रहरी

Kargil Vijay Diwas Poem In Hindi

सैनिक को भारतमाता से अगाध

प्रेम होता है।

उसकी भुजाओं में शौर्य

का समंदर मचला करता है।

दूसरा प्रेम वह निःस्वार्थ भाव हित

स्वजनों से करता है।

प्रचंड ग्रीष्म की ज्वाला में

तपकर वह निखरता है।

सीमा प्रहरी बनकर वह

शत्रुओं से रक्षा करता है।

मातृभूमि के चरणों में निज़

तन मन धन अर्पित करता है।

-संगीता पाठक

वीर जवान

Poem On Kargil Vijay Diwas

भारत के हम वीर जवान,

आगे कदम बढ़ाएँगे।

आ जाये अगर कोई तुफान,

हम उससे टकराएँगे।

लक्ष्य न ओझल होने देंगे,

सदा कर्तव्य निभाएँगे।

प्राणों को न्यौछावर कर हम,

माँ की लाज बचाएँगे।

सीमा पर तैनात रहेंगे,

बनकर वीर सिपाही हम।

बुरी नजर जिसने डाली,

कर देंगे सीना छलनी हम।

मातृभूमि हमको है प्यारी,

शीश नवाती दनिया सारी।

इस माटी में शौर्य भरा है,

ऐसी पावन हिंद धरा है।

-आशा उमेश पान्डेय

शहीद की व्यथा

Poem On Kargil Vijay Diwas

सपनें सब परिवार के छोड़,

देश पर शहीद हुआ जवान।

माँ मान के भारत भूमि को,

कर दिया उसने सब कुर्बान।

माता की हो गई कोख सुनी,

राखी का भी नहीं रहा मान।

भाई-भाई के प्यार को तरसे,

खाली रह गया सिंदूर दान।

बाप के आंसू अब सूख गये,

पत्थर दिल बन गया बेजान।

गुड़िया रोते-रोते हुए बोली,

पापा मिलने गए हैं भगवान।

गाँव-घर-आंगन सुना हो गया,

बेटा जब छोड़ चले जहान।

करके सब अब याद उसे फिर,

कहते, बेटा था ये बड़ा महान।

लिपट के आया जब घर में,

तिरंगा बढ़ा रहा था जब शान।

सबने खुद से खुद को बोला,

बेटा हो गया माँ के लिए कुर्बान।

-सोमेश देवांगन

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