10+ भारतीय संविधान पर सुंदर कविता | Samvidhan Diwas Par Kavita

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Poem On Constitution of India in Hindi :- भारतीय संविधान दुनिया के सबसे बड़े संविधानों में से एक है। यह भारत के निर्माण के समय बनाया गया था। भारतीय संविधान को स्वतंत्रता के बाद 26 नवंबर 1949 को स्वीकृत किया गया था और 26 जनवरी 1950 को लागू हो गया था। भारतीय संविधान ने भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसमें संविधान के निर्माण से लेकर इसके उपयोग तक का विस्तृत विवरण है।

भारतीय संविधान भारत की अद्वितीय पहचान है। इसे एक शक्तिशाली और विश्वसनीय देश का संविधान माना जाता है। भारतीय संविधान में संरक्षित अधिकारों की सूची दुनिया के किसी भी संविधान से अधिक है। इसमें स्वतंत्रता, समानता, न्याय, स्वास्थ्य, शिक्षा और धर्मनिरपेक्षता जैसे मूल्यों को संरक्षित किया गया है।

भारतीय संविधान द्वारा भारत को एक डेमोक्रेटिक देश के रूप में प्रतिबद्ध किया गया है। भारत का संविधान उसकी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने, दलितों, अशक्तों, पिछड़ों और अन्य समाज के वर्गों को उनके अधिकारों से जोड़ने और समानता के लिए लड़ाई लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 

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संविधान, भारत का परिचय

Poem On Constitution of India in Hindi

 

 

भारत ने 1949 मैं संविधान को अपनाया,

संविधान दिवस राष्ट्रीय कानून के रूप में मनाया,

डॉ. भीमराव अंबेडकर ने सबसे बड़ा संविधान तैयार किया,

और जिसके हकदार थे हम, वह अधिकार दिया।

 

लगभग 2 साल 11 महीने और 17 दिन,

मैं हुआ संविधान तैयार,

26 नवंबर को कर लिया इसको स्वीकार,

विभिन्न वगों के बीच, अंतर को कर दिया बराबर,

कर दिया इसका अंत, समानता को प्रदान कर।

 

हमारे भारत के संविधान का मुखौटा,

ना इसमें कोई बड़ा, ना तो कोई छोटा,

पूरे देश के नागरिक है एक समान,

आज भी उसे लागु ना करके, कुछ लोग कर रहे हैं अपमान।

 

इस संविधान ने रखा है देश को एकजुट,

देश की तरक्की के लिए, है यह सबसे महत्वपूर्ण,

26 जनवरी 1950, मैं यह प्रभाव में आया,

हमारे भारत में, यह गणतंत्र दिवस लाया।

 

समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, अखंडता को जोड़ा,

प्रगति की आवश्यकता को हमारे संविधान ने किया पूरा,

पर दुख इस बात का,

अभी भी बहुत से लोगों को नहीं है इसकी जानकारी,

और कहते हैं गरीब जनता बेचारी।

 

चलो जानते हैं क्या है संविधान,

बचाए और करें सभी का सम्मान,

पढ़े और समझे, हमारे सभी अधिकार,

बहुत सारी मुश्किलों के बाद,

हुआ यह हमारे लिए स्वीकार।

 

भीमराव अंबेडकर जी का करें धन्यवाद,

उनकी वजह से हम हैं, असमानता से आजाद,

296 लोगों ने मिलकर लगाई संविधान की जड़े,

इसे पढ़कर और समझकर, हम भी आगे बढ़े।

 

संविधान सिर्फ एक किताब नहीं,

इसमें सरकार के दायरा तय करने वाली,

हर एक बात है कही, संविधान का उल्लंघन,

करने की किसी को नहीं है आजादी,

वरना वह कहलाएगा, एक अपराधी।

 

हमारे देश के,

हर एक नागरिक को इसके बारे में जानना चाहिए,

इसके हर एक पन्ने को समझ कर, सभी को समझाइए,

चलो आज ही पढ़ते हैं, हमारे संविधान की किताब,

सम्मान, समानता, यह सभी है,

हमारे अधिकार ना की एक ख्वाब।

 

इसमें दिया है, सामाजिक आर्थिक और

राजनीतिक रूप से, हर एक को एक जैसा अवसर,

बंधुत्वता को बढ़ाने के लिए, नहीं छोड़ी कोई कसर,

हमारा देश, नहीं है किसी के अधीन,

समाज के कल्याण के लिए, काम कर रहा है यह हर दिन।

 

हम सभी को है 18 साल के बाद,

अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार,

सभी के वोट का महत्व है बराबर और स्वीकार,

एक मजबूत राष्ट्र, हम सब मिलकर बनाते हैं,

इंसानियत, संविधान, शिक्षा के बारे में,

सभी पढ़ते और पढ़ाते हैं।

 

हर नागरिक को बुनियादी हक देने वाला संविधान,

सभी को मिलता है, इसमें अवसर एक समान,

किसी की मानहानि किए बिना,

हर व्यक्ति अपनी बात रख सकता है,

बहुत सी बातें, हमारा भारतीय संविधान कहता है।

 

तोड़ दी परंपराएँ, करें सारे बदलाव,

हमारे संविधान ने, मिटा दिए बहुत से घाव,

हमारे राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत को इसमें दर्जा मिल गया,

दुनिया का सबसे बड़ा संविधान,

भारत का संविधान बन गया।

-डॉ. माध्वी बोरसे

 

हमारा संविधान

Samvidhan Diwas Par Kavita

 

 

हो गया देश आजाद, कितने सालों के बाद,

पर नही था आबाद, देश उजड़ा पाया।

देना था अब आकार, नयी बने सरकार,

था देश बड़ा लाचार, मार्ग नया बनाया।।

 

बन जाये संविधान, हो गणतंत्र महान,

मिले न्याय को जान, कानून पनपाया।।

विश्व मे एक मिसाल, है लचीला व विशाल।

प्रसाद ने ये कमाल, जग को दिखाया।।

 

क्या अमेरिका क्या फ्रांस, नही किसी के भी पास,

न हो कोई उदास, समान वासी सभी।

अंबेडकर ने गढ़ा, था एक नया रंग चढ़ा,

हर शब्द सोना मढ़ा, न मिटे छाप कभी।।

 

लोकतंत्र बने शान, प्रजा में ही बसें जान,

चाहे रंक या महान, वतन बढ़े तभी।।

मौलिक हो अधिकार, या अस्पृश्यता विचार,

दूर शोषण की मार, दिखे विधान सभी।।

 

वतन को मिला रूप, खिली सुनहरी धूप,

व्यवस्थित और अनूप, सबके दिल बसा।।

था बस एक शरीर, प्राण को रहा अधीर,

मिली आत्मा भी रुचिर, सुंदर खाका कसा।।

 

है अद्भुत बेमिसाल, हुए बहत्तर साल,

बखूबी हुआ बहाल, नही कोई ऐसा।।

माने है सारा संसार, इसमें खूबी हजार,

कितनें देशों का सार, शान्त सागर जैसा।।।

-सुमति श्रीवास्तव

 

हमारा संविधान है सबसे प्रिय

Poem On Constitution of India in Hindi

 

 

हमारा संविधान है सबसे प्रिय,

जो न्याय की देने वाला है सबको सही।

स्वतंत्रता के लिए जब संग्राम हुआ,

हमारे समस्त देशवासियों ने मिलकर संविधान बनाया।

 

इसमें लिखे हैं अनेक अधिकार, स्वाभिमान,

स्वतंत्रता और भाईचारे के साथ जीने का अधिकार।

भारतीय संविधान है उन्नति का प्रतीक,

सबके लिए समान होना इसमें लिखा है अधिक।

 

हर व्यक्ति के लिए समान अधिकार हैं,

धर्म, जाति और लिंग के आधार पर.

कोई फर्क नहीं होना चाहिए इन से,

हमारा संविधान हमारा संजीवनी वृक्ष है

 

सबके लिए सुरक्षित जीवन जीने का आधार है।

हम सब मिलकर रखेंगे संविधान का सम्मान,

और भारत को बनाएंगे आगे बढ़ने का आधार हम।

 

 

हमारा संविधान है

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हमारा संविधान है विश्व का अद्भुत विलक्षण,

समाज में भाईचारे का बढ़ाता ये तत्व संविधान।

अधिकारों का संग्रह है संविधान में समाहित,

जिससे होता समानता, नहीं होता भेदभाव समाज में भरी।

 

धर्म, जाति, भाषा व जनगणना के आधार पर,

होता नहीं भारत में जातिवाद का कोई अधिकार।

जो संविधान में लिखे हैं अधिकार, वे अपनाकर,

जीवन का रंग बदल सकते हैं,

बना सकते हैं समाज को नया नया।

 

स्वतंत्रता और अधिकारों का ये संग्रह है संविधान,

जो न्याय से भरपूर, होता सभी के लिए समान।

अब हमें संविधान को निभाना होगा ठान,

और समाज में फैलाना होगा स्वतंत्रता, समानता,

और भाईचारा का ज्ञान।

 

 

भारत की संविधान है

Samvidhan Par Kavita

 

 

भारत की संविधान है हमारी शान,

जो देता है सबको अधिकारों का अमूल्य वरदान।

स्वतंत्रता के लिए लड़े हम संघर्ष से अनेक,

पर बनी संविधान की ये महिमा अपूर्ण नहीं अनेक।

 

इसमें लिखे हमारे अधिकार,

जिनके बिना नहीं हो सकता समाज का विकास सार।

जाति, लिंग, धर्म के आधार पर जब नहीं होता भेदभाव,

तभी तो समाज होता है समृद्ध और समान।

 

समानता, स्वतंत्रता, भाईचारा है संविधान की शान,

जो बनाता है हमारे देश को महान।

संविधान है आज हमारे जीवन का आधार,

जो देता है सबको एक समान अधिकार।

 

अब हम सब मिलकर करेंगे संविधान का सम्मान,

और बनाएंगे देश को नये नये उंचाईयों का आधार।

 

 

संविधान हमारा भारत का

Samvidhan Diwas Par Kavita

 

 

संविधान हमारा भारत का गौरव है,

जो संवेदनशील है और संवेदनहीन नहीं।

इसने हमारे अधिकारों को बढ़ाया,

और समाज में भाईचारे का पैमाना बढ़ाया।

 

जिससे होती है समानता और स्वतंत्रता,

जो होती है देश की उन्नति का आधार।

ये अमूल्य ग्रंथ है हमारी राष्ट्रीय आभूषण,

जिसमें है समाज की प्रत्येक जरूरत का समावेश।

 

जो सुनिश्चित करता है सभी के अधिकारों को,

और रोकता है उन शक्तियों को,

जो देती हैं दूसरों को कोहराम।

इस ग्रंथ में छिपी है हमारी आज़ादी की ताकत,

जो बताता है कि हमारे हक में कोई नहीं है रुकावट।

 

संविधान हमारी विरासत है,

जो हमारी आज़ादी के लिए है सबसे महत्वपूर्ण संसद।

इससे हमारी शान बढ़ती है,

और हम आत्मनिर्भर होकर दुनिया में दम बिठाते हैं।

 

हमारे देश का संविधान है

Samvidhan Diwas Par Kavita

 

हमारे देश का संविधान है गौरवशाली,

संवेदनशीलता से भरपूर, संवेदनाहीन नहीं।

यह संविधान हमारे अधिकारों का रक्षक है,

इसने बढ़ाए हमारी आज़ादी के

भावनाओं को ताकत से नहीं दबाया।

 

समाज में भाईचारे का है यह पैमाना,

सभी के अधिकारों का समान होता

जब जनता का दृष्टिकोण बदल जाता है।

जिससे निर्भीक होती है स्वतंत्रता की आहट,

जो होती है देश के उन्नति का आधार।

 

ये संविधान हमारे देश की शान है,

इसमें समाज की हर ज़रूरत की जड़ें बिखरी हुई हैं।

इससे बनता है समाज का संबल,

जो आगे बढ़कर देश को करेगा शानदार।

 

संविधान हमारी शक्ति का प्रतीक है,

जो सभी को एक साथ मिलकर देता है सबको समान दायित्व।

इसके बल पर हमारा देश आगे बढ़ता है,

और हम सब देशभक्तों का जीता जागता रूप बनते हैं।

 

 

देश का संविधान है

Samvidhan Diwas Par Kavita

 

 

देश का संविधान है वो दुलारी,

जो बताता है भारत का संघर्ष वारी।

इसने लिखा हमारी स्वतंत्रता का समाप्त,

जिससे हुआ देश में नया संवैधानिक संस्कृत।

 

हमारे संविधान में न्याय की धारा है,

जो जनता को देती है न्याय की गारंटी का वादा है।

इससे होता है समाज में समानता का उदय,

जो बनाता है भारत को दुनिया का

सबसे शानदार देश बनाने का मंत्र।

 

ये संविधान हमारे भारत का वंशज है,

जो बताता है हमारे देश के उन्नति का मार्ग है।

हमारे संविधान से होता है समाज का विकास,

जो बनाता है देश को महान और शानदार।

 

हमारे संविधान की ताकत से है देश आज़ाद,

जो बताता है देश की ताकत है संवैधानिक संस्कृत।

हमारे संविधान का ये महत्त्व अपार,

जो बताता है देश का सबसे महत्त्वपूर्ण आधार।

 

 

भारत की नागरिकता

Poem On Constitution of India in Hindi

 

 

भारत की नागरिकता का मुख्य आधार,

है हमारा संविधान दुलार।

भारत माता के सीमा से सीमा तक,

हमारा संविधान हर किसी के दिल में हो राज।

 

समानता, स्वतंत्रता, न्याय और भाईचारा,

हमारे संविधान का महत्वपूर्ण उद्देश्य है प्रगारा।

संविधान के निर्माण से पहले हमारे देश में,

बहुत सारे लोगों की आत्मा में थे विषमता के केवल संशय।

 

कुछ लोगों ने लिखा कि हम नहीं बनेंगे एक देश,

लेकिन उन्होंने नहीं समझा था कि

भारत में हमारी भाईचारे की ताकत है बेशुमार।

संविधान के निर्माण से पहले हमारे देश में,

बहुत सारे लोगों को थे असमंजस में उलझा।

 

लेकिन बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने

लिखा एक ऐसा संविधान,

जो बताता है कि हमारे देश में समानता होनी चाहिए

सबको जिससे हो देश में अखंड अखण्ड।

 

हमारा संविधान बोलता है कि

हमारे देश में होना चाहिए समानता,

जो देती है जनता को न्याय की गारंटी का भरोसा।

 

 

 

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