1000+ Majedar Paheliyan in Hindi with answer | हिंदी पहेली उत्तर सहित (2023)

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हमारे जीवन में पहेलियाँ का एक अहम हिस्सा होता है। क्योंकि पहेलियाँ के माध्यम से हमारी बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। हम यहां पर 1000+ मजेदार हिंदी पहेलियाँ (Hindi Paheliyan) का संग्रह आप लोगों के लिए साझा किया जा रहा है। यहां पर जो पहेलियां प्रस्तुत किया जा रहा है, एक प्रकार से प्रचलित और नई लेखों के साथ बताया जा रहा है।

पहेलियाँ एक प्रकार का मनोरंजक कार्य हैं, जिन्हें हम आमतौर पर Riddles के रूप में जानते हैं। ये पहेलियाँ हमारी सोच और ताकत को परीक्षण करने का एक बढ़िया तरीका हैं। पहेलियाँ विभिन्न प्रकार की होती हैं, जैसे कि चार सवालों का उत्तर ढूंढना, अन्यों की दिमागी क्षमता का अनुमान लगाना और चतुराई और हास्यास्पद उत्तरों को खोजना।

पहेलियाँ हमारी भाषा, सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना को बढ़ावा देती हैं। इन्हें हल करने के लिए हमें तर्क और विचारशक्ति का उपयोग करना पड़ता है। यह एक मनोविज्ञानिक प्रक्रिया होती है जो हमारे मस्तिष्क की सक्रियता बढ़ाती है और हमारे मानसिक तत्वों को सुधारती है।

पहेलियाँ आमतौर पर मनोहारी और मजेदार होती हैं, और हमें नई सोच के द्वारा नए और अद्भुत उत्तर खोजने का मौका देती हैं। ये उत्तर हमें अज्ञात का पर्दाफाश करने में मदद करते हैं और हमें खुशी और संतुष्टि महसूस कराते हैं। पहेलियाँ बच्चों के साथ खेलने के लिए अद्भुत और मनोरंजक होती हैं, जो उनकी सोचने और समस्याओं को हल करने की क्षमता को विकसित करती हैं।

यहां पर Riddles For Kids In English तर्कशक्ति पर आधारित मजेदार हिंदी पहेलियाँ दिया गया है, झटपट इन्हें गए हैं। इन्हें पढ़िए, समझिए और झटपट दीजिए जवाब। हम यहां पर बिना देरी किए इन कठिन पहेली को बुझें। अपने दोस्तों और परिजनों के साथ हिंदी पहेलियाँ (Hindi Paheliyan) का संग्रह अधिक से अधिक शेयर करें ताकि उन्हें भी इस पोस्ट के बारे में पूरी जानकारी मिल सके।

Hard Dimagi Paheliyan In Hindi With Answer

चार कुआं बिन पानी,

चोर 18 बैठे लिये एक रानी।

आया एक दारोगा लाल,

कुएं में दिया सबको डाल।

उत्तर :- कैरमबोर्ड

तीन अक्षर का मेरा नाम,
पहला कटे तो राम-राम।

दूजा कटे तो फल का नाम,

तीजा कटे काटने का काम।

उत्तर :- आराम

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एक सींग का है चौपाया,
मोटी उसकी खाल।

खाल से किसी जमाने में,

बनती थी ढाल।

उत्तर :- गैंडा

चासनी में डूबा रहता,
किये बगैर मैं हल्ला।

बंगाल की हूँ एक मिठाई, कहते मुझको।

उत्तर :- रसगुल्ला

प्यारा सुंदर पक्षी हूँ मैं,
तुंरत मुझे लो पाल।

हरे रंग की काया मेरी,

चोंच है मेरी लाल।

उत्तर :- तोता

पक्षी हूँ मैं अजब निराला,
मैं नहीं हूँ उड़ने वाला।

प्यारे बच्चों ध्यान लगाओ,

झट से मेरा नाम बताओ।

उत्तर :- शुतुरमुर्ग

धन दौलत से बड़ी है यह,
सब चीजों से ऊपर है यह।

जो पाये इसे पंडित बन जाये,

इसे बिन पाये मूर्ख रह जाये।

उत्तर :- विद्या

चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।

कितनी भी स्वादिष्ट सब्जी,

मुझ बिन होती बेकार।

उत्तर :- नमक

जन्म के बाद आता हूँ,
मरने के पहले जाता हूँ।

क्रोध में रगड़ा जाता हूँ,

भोजन खूब चबाता हूँ।

उत्तर :- दाँत

सिर पर ताज, गले में थैला,
मेरा नाम बड़ा अलबेला।

उत्तर :- मुर्गा

लोहे को मैं ढूढ़ निकालूँ,
लकड़ी से मैं हारा।

“क” मेरा अंतिम है अक्षर,

नाम है मेरा न्यारा।

उत्तर :- चुम्बक

काली है पर काग नहीं,
लम्बी है पर नाग नहीं।

बल खाती है ढोर नहीं,

बांधते है पर डोर नहीं।

उत्तर :- चोटी

कही जाती है ‘रेडियम महिला’
मिला दो बार नोबल सम्मान

नाम बता दो इस महिला का

तो समझू मैं तुम्हें बुद्धिमान।

उत्तर :- मैडम क्यूरी

दो अक्षर का मेरा नाम,
आता हूं खाने के काम।

उल्टा लिखकर नाच दिखाऊं,

फिर क्यों अपना नाम छिपाऊं?

उत्तर :- चना

पांच अक्षर का मेरा नाम,
उल्टा-सीधा एक समान।

दक्षिण भारत में रहती हूं,

बोलो तो मैं कैसी हूं?

उत्तर :- मलयालम

तालाब की ओर जाते हुए
शेर को 6 हाथी दिखे।

हर हाथी की पीठ पर दो बंदर थे

और हर बंदर के हाथ में एक तोता था।

बताओ, कुल कितने जानवर

तालाब की ओर जा रहे थे।

उत्तर :- सिर्फ एक यानी शेर, क्योंकि वही

तालाब की ओर जा रहा था।

डगमग-डगमग हिलता-डुलता
सागर की लहरों पर चलता,

जल सेना का साथी सच्चा

नाम बताओ उसका बच्चा।

उत्तर :- पानी का जहाज़

मोटर, साइकिल या हो कार,
मेरे बिना सभी बेकार।

गोल-गोल मेरा आकार,

गली, सड़क करूँ मै पार।

उत्तर :- टायर

सर है, दुम है
मगर पांव नहीं हैं,

पेट है, आंख है

मगर कान नहीं हैं।

उत्तर :- सांप

20 .भूमि की मैं उपज बढ़ाऊं

बिना आंख के मैं चल पाऊं

गरमी में मैं न आऊं नजर

भूमि ही है मेरा घर।

उत्तर :- केंचुआ

प्रथम कटे तो बने कीमत,
खा कर बढ़ाओ हिम्मत,

बीच काट कर बना लो दवा,

सिरदर्द को करो छूमंतर।

उत्तर :- बादाम

काला रंग मेरी है शान,
सबको देता हूं मैं ज्ञान।

मुझ पर करते शिक्षक काम,

नाम बताकर बनो महान।

उत्तर :- ब्लैक-बोर्ड

ठंडी हवा संदेश लाती,
तब में हूँ धरती पर आती।

बच्चों के मन को अति भाती,

किसानों को भी खूब सुहाती।

उत्तर :- वर्षा

दो भाई है, एक रंग-रूप,
दोनों में है पटती भी खूब।

यदि एक गुम हो जाता,

दूसरा कोई काम न आता।

उत्तर :- जूता

बतलाओ ऐसी दो बहनें,
संग हंसती, संग गाती हैं।

उजले-काले कपड़े पहने,

पर मिल कभी न पाती हैं।

उत्तर :- आंखें

सरसर सरपट दौड़ लगाती
ना धुआं ना शोर मचाती,

धीरे-धीरे मंजिल पाती

नहीं किसी से होड़ लगाती।

उत्तर :- साइकिल

मीठी जिसकी बोली,
रंग है जिसकी काली।

कुहू कुहू आवाज निकाले,

है लगती निराली।

उत्तर :- कोयल

रंग-बिरंगी पंखों वाली,
मेघ देख नृत्य दिखाए।

कृष्ण मुकुट में सजे,

जल्दी कोई नाम बताए।

उत्तर :- मोर

उदभव मेरा सब कोई ना जाने,
अंत ना मेरा देखा।

गणित की आकृति हूॅं मैं,

बच्चों कहते मुझको।

उत्तर :- रेखा

कौए से जंग जीत लिया,
ऐसी है जिसकी कहानी।

तनिक भी घमंड नहीं,

करें अलग दूध और पानी।

उत्तर :- हंस

जादू के डंडे को देखो,
कुछ पीए न खाए।

नाक दबा दो तुरंत,

रोशनी चारों ओर फैलाए।

उत्तर :- टॉर्च

तनी है चादर जिसके ऊपर,
पड़ने ना दे पानी हम पर।

उत्तर :- छाता

पितर का तर्पण खाए,
बोले अपनी बात।

कांव-कांव करता रहे,

काले रंग की जात।

उत्तर :- कौआ

राजा के बाग में नहीं,
पर राजकीय कहलाए।

मानुष बोली बोले,

अपनी पहचान बतलाए।

उत्तर :- मैना

दिन को जो आराम करें,
रात में करें सैर।

बच्चों को दूध पिलाए,

लटके उल्टे पैर।

उत्तर :- चमगादड़

सात दिनों में आता हूं
छुट्टी संग में लाता हूं

बच्चे हो या दफ्तर वाले

सबको मौज कराता हूं।

उत्तर :- रविवार

खुशबू है पर फूल नहीं,
जलती है पर ईर्ष्या नहीं।

उत्तर – अगरबत्ती

एक बहादुर ऐसा वीर,
गाने गाकर मारे तीर।

उत्तर :- मच्छर

तीन पंखो वाली तितली,
घर घर मे टंगी ये रहती।

उत्तर :- पंखा

नदी किनारे खड़ा रहे,
मारे एक-टक नैन।

जब तक मीन न पकड़े,

न मिले उसे चैन।

उत्तर :- बगूला

जब भी लिखना होता किसी को,
मैं बनती हूँ उनकी सखी सहेली।

जब भी कोई मुझको काटे भाई,

मैं हो जाती हूँ नई-नवेली।

उत्तर :- पेंसिल

इचक दाना बीचक दाना,
दाने ऊपर दाना।

छज्जे ऊपर मोर नाचे,

लड़का है दीवाना।

उत्तर :- अनार

बचपन होता हरा-हरा,
बुढ़ापा होता पीला

सारे फलों का राजा, वह

सचमुच होता बड़ा रसीला।

उत्तर :- आम

सीधी होकर नीर पिलाती।
उल्टी होकर दीन कहलाती।।

उत्तर :- नदी

एक छोटे कद का जानवर,
कहते कम अक्ल का।

पर होता मेहनतकश,

घोड़े का हमशक्ल का।

उत्तर :- गधा

अंडा बिके बीच बाजार,
दर्जन भर सौ पचास।

बन तंदूरी और कबाब,

स्वाद लगे खासम-खास।

उत्तर :- मुर्गी

एक तालाब रस भरा,
बेल पड़ी लहराए।

फूल खिला बेल पर,

फूल बेल को खाए।।

उत्तर :- दीया और बाती

धरती पर खड़ा मै रहता,
सबको हूं जीवन मै देता।

गन्दी हवा को सोख मैं लेता,

शुद्ध हवा बदले में देता।

उत्तर :- पेड़

जंगल का हूँ मैं मेहमान,
देख मुझे सब होते हैरान,

ऊँची गर्दन, लम्बी टाँगे,

क्या नाम है मेरा?

उत्तर :- जिराफ

अश्व की सवारी,
भाला ले भारी।

घास की रोटी खाई,

जारी रखी लड़ाई।

उत्तर :- महाराणा प्रताप

Majedar Paheliyan In Hindi With Answer
सिर संग भी है नाता मेरा,
बिस्तर से भी नाता।

बोझ उठा कर आपका मैं,

मीठी नींद सुलाता।।

उत्तर :- तकिया

तीन अक्षरों का नाम,
उल्टा-सीधा एक समान।

नदी-ताल की आन,

राष्ट्र की है एक शान।

उत्तर :- जलज

फल के अन्दर बिस्तर अपना
छिपे -छिपे हम सोए रहते

मिट्टी में मिलकर हम उग आते

बताओ तो हम क्या हैं?

उत्तर :- बीज

देखी रात अनोखी वर्षा,
सारा खेत नहाया।

पानी तो पूरा शुद्ध था,

पर पी ना कोई पाया।।

उत्तर :- ओस

बत्तीस ईंटों के दुर्ग के भीतर,
छिपी एक महारानी।

हंसकर बोले, दिलों को जीते,

ऐंठे तो याद आए नानी।

उत्तर :- जीभ

काठ की कठोली,
लोहे की मथानी।

इसे दो-दो आदमी मथे पर

मक्खन दही न आनी।

उत्तर :- आरी

नींद में मिलूं जागने पर नहीं,
दूध में मिलूं पानी में नहीं,

दादी में हूं, नानी में नहीं,

कूदने में मिलूं, भागने पर नहीं,

झट से बताओं मेरा नाम।

उत्तर :- ‘द’ अक्षर

चार खंभे चलते जाएं,
सबसे आगे अजगर।

पीछे सबके सांप चल रहा,

फिर भी तनिक नहीं है डर।

उत्तर :- हाथी

अंत नहीं तो फौज समझिए,
आदि नहीं तो बन गया नानी।

देश प्रेम के लिए न्यौछावर,

उनकी बड़ी महान कहानी।

उत्तर :- सेनानी

कौन सा यन्त्र किसी को,
पसन्द नहीं आता?

उत्तर :- षडयंत्र

शब्द एक ही मतलब दो,
एक भाषा एक रहने को।

उत्तर :- बंगला

तीतर के दो आगे तीतर,
तीतर के दो पीछे तीतर।

आगे तीतर पीछे तीतर,

बोलों कितने तीतर?

उत्तर :- तीन

घर हैं चौंसठ, बत्तीस हम,
सोलह सफेद, काले सोलह।

आठ-आठ अफसर दोनों,

आठ-आठ सेवक हैं साथ।

श्याम-श्वेत से वर्गों में,

खूब लड़े और दे दें मात।

उत्तर :- शतरंज के मोहरे

वन में काटो, वन में छांटो,
वन में हुए हार-श्रृंगार,

एक बार जल में उतरे,

पुनः न देखे घर बार।

उत्तर :- नौका

खड़ी है तो खड़ी है,
बैठी है तो खड़ी है।

उत्तर :- गाय की सींग

कौआ आसमान में उड़ता,
मगर रहता कहा?

उत्तर :- पानी में

एक प्लेट में दो अण्डा,
एक गर्म एक ठण्डा।

उत्तर :- सूरज और चन्दा

लाल है पर सेब नहीं,
बहादुर है पर सिपाही नहीं।

शास्त्री है पर पंडित नहीं,

जो बताए वो मूर्ख नहीं।

उत्तर :- लाल बहादुर शास्त्री

एक क्लास में सोहन का स्थान,
ऊपर से सातवां है, और नीचे से छब्बीसवां है,

तो बताइए क्लास में कुल कितने स्टूडेंट हैं?

उत्तर :- 32

एक शब्द अंग्रेजी का,
दस अक्षर होते जिसमें।

पाँच व्यंजन हैं शामिल,

पाँच स्वर भी होते जिसमें।

उत्तर :- PRECAUTION

करती नहीं सफर दो गज,
फिर भी दिन भर चलती है।

रसवंती है, नाजुक भी,

मगर गुफा में रहती है।

उत्तर :- जुबान

झुकी कमरे का बूढ़ा,
जहां ठहर जाए।

वहीं पर भाषा रुके,

सवाल उभर जाए।

उत्तर :- प्रश्नवाचक चिह्न (?)

तीन अक्षर का मेरा नाम,
उल्टा-सीधा एक समान।

सुभाष चन्द्र का मैं हूं गांव,

जल्दी बताओ मेरा नाम?

उत्तर :- कटक

काँच से बनती हैं,
सुन्दर आकर्षक चमकीली।

मम्मी की कलाई में सजती,

लाल, हरी, नीली, पीली।

उत्तर :- चूड़ियाँ

चिड़िया सी आंगन में चहके,
फुलवारी सा जिससे घर महके।

अपनी होते हुए पराई।

क्या कुछ कुछ समझ में आई।

उत्तर :- बिटिया

एक कटोरी चूने के पानी को,
अगर मुँह से फूंका जाय.

मुँह से निकली कौन -सी गैस,

जिससे पानी दुधिया हो जाय?

उत्तर :- कार्बन डाइ ऑक्साइड

कांटों से निकले,
फूलों में उलझे।

नाम बताओ तो समस्या सुलझे।।

उत्तर :- तितली

रूई जैसा लगता,
फिर भी रूई नहीं।

भरा लबालब पानी,

फिर भी रूई नहीं।

उत्तर :- बादल

एक चीज है ऐसी भैया,
मुंह खोले बिन खाई जाए।

बिन काटे और बिना चबाए,

खानी पड़े रुलाई आए।

उत्तर :- पिटाई

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एक साथ आए दो भाई,
बिन उनके दूर शहनाई।

पीटो तब वह देते संगत,

फिर आए महफिल में रंगत।

उत्तर :- तबला

दो पैरों का मैं हूँ घोड़ा,
चलता हूँ पर थोड़ा-थोड़ा।

जो भी मेरे बीच में आया,

झट-से काटा, फट-से तोड़ा।

उत्तर :- सरौता

बिल्ली की पूँछ हाथ में,
बिल्ली रहे इलाहाबाद में।

उत्तर :- पतंग

जो तुझ में है, वह उसमें नहीं,
जो झण्डे में है, वह डण्डे में नहीं।

उत्तर :- ‘झ’

ना तो पंख हैं ना ही तो पैर हैं,
फिर भी चलती पानी में।

सबको उनकी मंज़िल पहुँचाती,

ज़िक्र भी आता कहानी में।

उत्तर :- नाव

एक किले के दो ही द्वार,
जिसके सैनिक लकड़ीदार।

दीवार से टकरा गए,

तो खतम उनका संसार।

उत्तर :- माचिस

मोहन ने स्कूल जाने के रास्ते में,
अपने दाईं ओर कुल 35 पेड़ गिने।

लौटते हुए उसने अपनी बाईं ओर 35 पेड़ गिने,

बता सकते हो कि उसने कुल कितने पेड़ गिनें?

उत्तर :- 35 ही पेड़ गिने,

क्योंकि जो पेड़ स्कूल जाते समय दाईं ओर थे,

वही लौटते समय बाईं ओर थे।

ऐसी कौन सी वस्तु है,
जो पैदा होते ही

उड़ने लगती है?

उत्तर :- धुंआ

छोटी दुम, लंबी है गर्दन,
भागे रेत में करता मर्दन।

उत्तर :- ऊँट

पेट में अंगुली,
सिर पर पत्थर,

झटपट बताओ इसका उत्तर।

उत्तर :- अंगूठी

ऐसी कौन सी जगह है,
जहाँ पानी है,

लेकिन जगह नहीं है?

उत्तर :- आँखों में आंसू

दुम काटो तो काट के रख दें,
कटे पेट तो फलों में श्रेष्ठ।

सिर काटो तो हे भगवान,

थकान मिटाना मेरा काम।

उत्तर :- आराम

ऐसी कौन सी वस्तु है,
जिसे पिसते हैं, काटते हैं,

और बाँटते हैं लेकिन खाते नहीं हैं?

उत्तर :- ताश

पेड़ बहुत नीचा है,
उस पर चढ़ा नहीं जा सकता

उसमें तलवार हैं,

लेकिन वह काट नहीं सकती

उसकी सौ नाकें हैं,

लेकिन वह सूंघ नहीं सकती

उसके पास बल्ला है,

जिससे खेला नहीं जा सकता।

उत्तर :- अनानास

एक चतुर कारीगर,
बनाता बिना ईटों के घर।

बिना खिड़की की सफेद दीवारें,

उन्हें तोड़ दो तो बन जाएँ कपड़े?

उत्तर :- रेशम का कीड़ा

तीन अक्षर का उसका नाम,
आता है जो खाने के काम।

अन्त कटे तो हल बन जाए,

मध्य कटे तो हवा बन जाए।

उत्तर :- हलवा

मैं तीन अंकों की संख्या,
सोचो तो मैं कौन हूँ

मैं ठग-बदमाशों की संज्ञा,

बूझो तो मैं कौन हूँ।

उत्तर :- 420

बूझो बच्चों एक पहेली,
काली थाल की गोरी सहेली,

घूम-घूम कर नाच दिखाती,

फूल के मैं कुप्पा हो जाती।

उत्तर :- रोटी

बत्तीस पीपल के एक ही पत्ती।
उत्तर :- दांत और जीभ

बीस मार्च को दिवस मनाते,
चहक-चहक इठलाऊँ।

दाना-पानी लोग न रखते,

क्या पीऊं क्या खाऊ।

उत्तर :- गौरैया

Hard Dimagi Paheliyan In Hindi With Answer
सबसे छोटी जीव कहलाऊँ,
घर घर में मैं पाई जाऊँ।

मीठा मेरा प्रिय आहार,

मेहनत करना मेरा काम।

उत्तर :- चींटी

किस देश का राष्ट्रीय ध्वज
सीधा हो या उल्टा एक समान होता है?

उत्तर :- जापान का राष्ट्रीय ध्वज

सीधा और उल्टा होने पर एक समान दिखाई देता है

घर हैं कि डिब्बे, लोहे के पांव।
जल्दी बताओ उस बस्ती का नाम।

उत्तर :- रेलगाड़ी

प्रथम काट कर ‘कड़ी’ हूं मैं,
मध्य काटकर लड़ी’ हूं मैं

अंत काटकर किस्मत हूं,

फिर भी चूल्हे में पड़ी हूं मैं।

उत्तर :- लकड़ी

पूछ कटे तो सिया,
सिर कटे तो मित्र।

मध्य कटे तो खोपड़ी,

पहेली यह विचित्र।।

उत्तर :- सियार

एक तिहाई पर है जमीन
दो तिहाई पर पानी,

हरा नीला रंग है मेरा,

जरा बताओ गुड़िया रानी।

उत्तर :- पृथ्वी

बालक में मैं इक बार,
बलशाली में आऊँ दुबारा।

नहीं मिलूँगा तुम्हें बजट में,

बताओ तो मैं कौन हूँ यारा।

उत्तर :- ‘ ल ‘ वर्ण

हरी थी मन भरी थी,
राजा जी के बाग में,

दोशाला ओड़े खड़ी थी।

उत्तर :- भुट्टा

वह कौन है
जिसका सिर नहीं है,

फिर भी वह टोपी पहनता है।

उत्तर :- बोतल

तीन अक्षर का मेरा नाम
अंत कटे तो आग बनूं मैं

मध्य कटे तो आरा कहलाऊं।

उत्तर :- आगरा

दिन को सोए, रात को रोए,
औरों के लिए, जीवन खोए।

उत्तर :- मोमबत्ती

प्रथम नहीं तो गज बन जाऊं,
मध्य नहीं तो काज।

लिखने-पढ़ने वालों से कुछ,

छिपा न मेरा राज।

उत्तर :- कागज

तीन पैर जिसके,
थोड़ा-थोड़ा खिसके,

चौबीस घंटे करे काम,

करे नहीं तनिको आराम।

उत्तर :- घड़ी

उल्टा करो नदी की धारा,
सीधा रखो तो देवी।

पीताम्बर के साथ रहूं मैं,

नाम बताओ मेरा।

उत्तर :- राधा

तीन अक्षर का नाम मेरा,
ग्रीष्म ऋतु में मेरा काम।

प्रथम हटा दो सफर करूं,

अंत हटा दो ‘डफर’ बनूं।

उत्तर :- सुराही (राही यात्री को कहते हैं और सुरा

पीकर बुद्धिनाश होता है)

काले तन का राजा हूं,
लाल पानी पीता हूं।

उत्तर :- मच्छर

एक पहेली मैं बुझाऊं,
सिर को काट नमक छिड़काऊं।

उत्तर :- खीरा

दो इंच का मनीराम,
दो गज की पूंछ।

जहां चले मनीराम,

वहां चले पूंछ।

उत्तर :- सुई-धागा

एक महल में रस भरा,
देख उसे मैं तो डरा।

खाए तो भी कैसे खाए,

द्वार-द्वार पर लगा पहरा।

उत्तर :- मुधमक्खी का छत्ता

वर्गाकार खेत में होते,
बीस कुशल मजदूर।

खेत के हर कोने में,

होते कुएँ दूर-दूर।

उत्तर :- कैरम बोर्ड

वह कौन-सी वस्तु है जो सूखे
कपड़े उतारकर गीला पहनती है?

उत्तर :- कपड़े सुखाने की रस्सी

काशी में मैं रहू अकेला,
कलकत्ता में दो-दो।

दिल्ली में नहीं पाओगे तुम,

कानपुर में खोजो।

उत्तर :- ‘क’ अक्षर

जंगल का में नही हूँ राजा,
लेकिन मेरी शक्ति आपार।

अति फुर्तीला धावक हूँ मैं,

खाल हमारी चित्ती दार।

उत्तर :- चीता

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की डोरी थी,
जिनके हाथों में शौर्य और वीरता झलकता इनके हर बातों में।

अपने लाल को बांध पीठ पर अंग्रेजों के छक्के छुड़ाए,

मनु नाम की थी वो बेटी जिसने अंग्रेजो को रूलाए

बताओ मैं कौन हूं?

उत्तर :- रानी लक्ष्मीबाई

मध्य हटे तो कल बन जाता,
अंत हटे तो कम।

राष्ट्रीय पुष्प सब कहते मुझको,

याद करो हरदम।

उत्तर :- कमल

1 रूपए की 40 चिड़ियां,
3 रूपया का एक कबूतर,

5 रूपए का 1 मुर्गा तो

बताओ 100 रूपया में 100 पक्षी कैसे आएंगे?

उत्तर :- 80 चिड़िया= 2 रूपए

1 कबूतर= 3 रूपए

19 मूर्गी = 95 रूपए

100 पक्षी = 100 रूपए

भारत की मैं रक्षा करता,
चार अक्षर का मेरा नाम।

पर्वतों का मैं हूँ राजा,

बड़ा सरल है मेरा नाम।

उत्तर :- हिमालय

मुर्गी अंडा देती है,
गाय दूध देती है।

तो ऐसा कौन है जो

अंडा भी देता है और

दूध भी देता है।

उत्तर :- दुकानदार

धीरे-धीरे वह चलता है
पेड़ों पर भी चढ़ता है

ओढ़े इक काली रजाई

मजे से खाये रस-मलाई।

उत्तर :- भालू

रक्त से सना हूं,
दो अक्षर का नाम है।

बहादुर के पहले, जवाहर के बाद,

यह मेरी पहचान है।

उत्तर :- लाल

ऐसी कौन-सी चीज है,
जो जागे रहने पर ऊपर रहती।

है और सो जाने पर

नीचे गिर जाती है।

उत्तर :- पलक

काली हूं पर कोयला नहीं,
लंबी हूं पर डंडी नहीं।

डोर नहीं पर बांधी जाती,

मैया मेरा नाम बताती।

उत्तर :- चोटी

छीलो तो छिलका नहीं,
काटो तो गुठली नहीं।

खाओ तो गूदा नहीं।

उत्तर :- बर्फ

रात दिन है मेरा, घर पर तुम्हारे डेरा,
रोज मीठे गीतों से करती नया सवेरा।

उत्तर :- गौरैया

पचास और पचीस, में क्या अंतर है।
उत्तर :- ई की मात्रा

एक गिरस्थन ऐसी देखी,
चूल्हा करे ना चक्की।

भर-भर घड़े चासनी रखती,

अपनी धुन की पक्की।

उत्तर :- मधुमक्खी

ऐसी कौन-सी चीज है
जो इंसान के लिए नुक्सानदायी है,

लेकिन लोग उसे फिर भी पी जाते हैं।

उत्तर :- गुस्सा

हम मां-बेटी, तुम मां-बेटी एक बाग में जाएं।
तीन नींबू तोड़ कर साबुत-साबुत खाएं।

उत्तर :- नानी, मां और बेटी

हरी थी मन भरी थी, लाख मोती जड़ी थी।
लाला जी के बाग में दुशाला ओढ़े खड़ी थी।

उत्तर :- भुट्टा

हरी डंडी, लाल कमान,
तौबा-तौबा करे इंसान।

उत्तर :- मिर्च

बच्चों से प्यार करें, गुलाब रखे हमेशा। प्रथम प्रधानमंत्री बने, बताओ कौन है ऐसा?
उत्तर – जवाहरलाल नेहरू

दो उंगली की है सड़क,
उस पर रेल चले बेधड़क,

लोगों के है काम आती,

जरूरत पड़ने पर खाक बनाती।

उत्तर :- माचिस

फली नहीं पर फल कहाऊं,
नमक-मिर्च के संग सुहाऊं,

खाने वाले की सेहत बनाऊं,

सीता मैया की याद दिलाऊं।

उत्तर :- सीताफल

जा जोड़ें तो जापान,
अमीरों के लिए है यह शान,

बनारसी है उसकी पहचान।

उत्तर :- पान

दिखता नहीं है पर पहना है,
हर नारी ने यह गहना।

उत्तर :- लज्जा

डिब्बा देखा एक निराला,
न ढक्कन न ताला,

न पेंदा न ही कोना,

बंद है उसमें चांदी-सोना।

उत्तर :- अंडा

ऐसी कौन सी चीज है?
जिसे आप दिनभर उठाते

और रखते रहते हैं,

उसके बिना हम कहीं जा भी नहीं सकते।

उत्तर :- कदम

ऐसी कौन-सी चीज है
जो जून में होती है दिसम्बर में नहीं।

आग में होती है, पानी में नहीं।

उत्तर :- गर्मी

तीन अक्षर का मेरा नाम,
आगे से पढ़ो या पीछे से पढ़ो,

उसका मतलब एक समान।

उत्तर:- जहाज

लाल डिब्बे में है पीले खानें,
खानों में है लाल-लाल मोती के दाने।

बताओ क्या?

उत्तर :- अनार

ऐसी कौन-सी चीज है,
जो आंखों के सामने आते ही

आंखें बंद हो जाती हैं।

उत्तर :- रोशनी

हाथ आए तो सौ-सौ काटे, थक जाए पत्थर चाटे।
उत्तर :- चाकू

एक माता के दो पुत्र,
दोनों महान अलग आकृति,

भाई-भाई से अलग,

एक ठंडा तो दूसरा आग।

उत्तर :- सूरज और चांद

भूख लगे तो खा सकते हैं,
प्यास लगी तो पी सकते हैं,

ठंड लगे तो जला सकते हैं।

उत्तर :- नारियल

वह कौन-सी चीज है,
जो उजाले में दिखती है।

काले रंग की होती है,

अंधेरे में छुप जाती है।

उत्तर :- परछाई

कमर बांधे घर
में रहती, सुबह-शाम

जरूरत पड़ती, बताओ वह क्या है।

उत्तर :- झाड़ू

वह कौन-सा मुख है,
जो सुबह से लेकर शाम तक

आसमान की तरफ देखता है।

उत्तर :- सूरजमुखी

एक फूल यहां खिला,
एक खिला कोलकाता,

अजब-अजूबा हमने देखा,

पत्ते के ऊपर पत्ता।

उत्तर :- फूलगोभी

ऐसी कौन-सी चीज है
जो इंसान के लिए नुक्सानदायी

है, फिर भी उसे पी जाते हैं।

उत्तर :- गुस्सा

काले घोड़े पर सफेद सवारी,
एक उतरे न तभी दूसरे की बारी।

उत्तर :- तवा और रोटी

अंधेरे में बैठी एक रानी,
सिर पर है आग,

और तन पर है पानी।

उत्तर :- मोमबत्ती

बिना पैर के चलती रहती,
हाथों से अपना मुंह है पोंछती,

बताओ कौन?

उत्तर :- घड़ी

बाहर से हरा,
अंदर से पीले मोती के दाने,

सब लोग हैं, इसके दीवाने।

उत्तर :- भुट्टा

ऐसी कौन-सी चीज है
जिसे उपयोग करने से पहले

तोड़ना पड़ता है।

उत्तर :- अंडा

आज के लिए बहुत है उपयोगी,
कल होते ही बन जाता रद्दी।

उत्तर :- अखबार

वर्ष के कौन से महीने में
28 दिन आते हैं?

उत्तर :- वर्ष के हर महीने 28 दिन आते हैं

मैं देता हूं सबको ज्ञान,
काला रंग है मेरी शान।

उत्तर :- स्याही

मेरी गर्दन है पर सिर नहीं,
बताओं मैं कौन हूं?

उत्तर :- बोतल

बूझो तुम यह पहेली,
जब भी छिलोगे मुझे,

मैं हो जाती हूं नवेली।

उत्तर :- पैंसिल

ऐसा क्या है ?
जो आप का अपना है लेकिन

उसका इस्तेमाल आप से ज्यादा दूसरे करते हैं।

उत्तर :- आपका नाम

कश्मीर का इतिहास है जिसमें,
ऐसी पुस्तक न्यारी।

कल्हण ने लिखा है जिसको,

याद करे दुनियाँ सारी।

उत्तर :- राजतरंगिणी

तीन अक्षर ऐसे मिल जाएं, ऐसे यंत्र का नाम बनाएं।
जिससे दूरी घटती जाती,

गुल्लो अपनी मंजिल पाती।

उत्तर :- पहिया

अंत हटे तो बनूं मैं कौआ,
प्रथम हटे तो हाथी।

सभी लोग मुझपर लिखते,

बोलो मेरे साथी।

उत्तर :- कागज

मेरे बिना प्रकृति कहाँ,
हरा भरा मैं दिखता।

फल फूल और शुद्ध हवा,

मैं ही तो देता?

उत्तर :- वृक्ष

ऐसा आसन एक अनोखा,
जीवन लंबा करने वाला।

तन मन अपना स्वस्थ बनाओ,

नाम बताओ सोनू, लाला।

उत्तर :- प्रणायाम

ऐसे आकाशीय पिंड,
गैस से जो सब बनते।

स्वयं का ऊष्मा प्रकाश है,

नभ में खूब चमकते।

उत्तर :- तारा

एक अनोखा है चौपाया,
भारी भरकम उसकी काया।

नहीं सवारी का कुछ काम,

पानी ही है उसका धाम।

उत्तर :- दरियाई घोड़ा

मेरी पूंछ पर हरियाली,
तन है मगर सफेद।

खाने के हूं काम आती,

अब बोलो मेरा भेद।

उत्तर :- मूली

ऊपर से कुछ हरा-भरा,
अंदर से है भरा-भरा

छिलके दूर हटा लो जी,

बीज नहीं है खा लो जी।

उत्तर :- केला

काला हूँ मतवाला हूँ,
और मधुर रस वाला हूँ।

तीन वर्ण का नाम बना,

मध्य हटा तो जान बना।

उत्तर :- जामुन

बचपन में तो भाए सबको,
किन्तु जवानी में खूंखार

देख बुढ़ापा उसका बच्चो!

संध्या, नमन करे संसार ।।

उत्तर :- सूर्य

ऐसी कौन सी चीज है जो
गर्म करने पर जम जाती है।

उत्तर :- अंडा

सिर पर उसके देखा मटका,
मटके को घर लाकर पटका।

कुछ को खाया, कुछ को फेंका,

मटके का पानी भी गटका।

उत्तर :- नारियल

सूर्य मेरे पिता,
वर्षा की बूंदें माता।

झुका धनुष सा मेरा अंग,

मेरे कपड़ों में सातों रंग।

उत्तर :- इन्द्रधनुष

जैसे को तैसा बताए,
नहीं तनिक भी वह छिपाए।

यदि गिर जाए जमीन पर,

चूर-चूर हो जाए।

उत्तर :- दर्पण

लाल रंग की गेंद,
मोती भरे हजार।

शबनम जैसा चमके,

भीतर से रसदार।

उत्तर :- अनार

सीधा अगर पढ़ो जो मुझको,
काट-काट खाकर मुस्काओं।

उल्टा अगर पढ़ो तो मिलकर,

रक्षाबंधन पर्व मनाओ।

उत्तर :- खीरा

ऐसा कौन सा फल है
जो कच्चे में मीठा लगता है और

पकने के बाद खट्टा या कड़वा लगता है?

बताओ कौन?

उत्तर :- अनानास

बताओ, कौन-सा जानवर है,
जो सोते समय भी जूते

पहनकर रखता है।

उत्तर :- घोड़ा

हर पल जो मुस्काए
सदा सबके मन को भाए।

जो कांटो के संग जीवन बिताए,

बतलाओ वो क्या कहलाए?

उत्तर :- गुलाब का फूल

पगड़ी ओढ़े पगड़ी छोड़े,
कैसा मुर्दा आया।

पड़ा धरा पर नाच दिखाए,

अजब है इसकी काया।

उत्तर :- लट्टू

जिसने घर में खुशी मनाई,
मुझे बांध कर करी पिटाई।

मैं जितनी चीखी-चिल्लाई उतनी

ही कस कर मार लगाई।

उत्तर :- ढोलक

फल नहीं पर फल कहाऊं,
नमक मिर्ची के संग सुहाऊं।

खाने वाले की सेहत बढ़ाऊं,

सीता मैया की याद दिलाऊं।

उत्तर :- सीताफल ( यह एक सब्जी है)

गोल-गोल से छोटे फल हम,
जो भी खाये वो माने।

खाने लगो, ढेर से खा जाओ,

स्वाद बस लोमड़ी जाने।

उत्तर :- अंगूर

मीठे-मीठे गीत सुनाती,
मेरी बोली सबको भाती।

कोई ढूँढ़ ने मुझको पाता,

झट पत्तों में मैं छिप जाती।

उत्तर :- कोयल

सात गांठ की रस्सी
गाठ गाठ में रस,

उसका उत्तर जो बतायें

भैया देगे रुपया दस।

उत्तर :- जलेबी

एक मुर्गा आता है
चल चल कर रूक जाता है,

चाकू लाओ गर्दन काटो

फिर चलने लग जाता है।

उत्तर :- पेन्सिल

लाल-पीला, सफेद-गुलाबी,
रंग जिसका बड़ा अनूप।

चाचा नेहरू को था प्यारा,

कांटो के संग खिलता खूब।

उत्तर :- गुलाब के फूल

देख सूरज की जो रोशनी
अपनी गर्दन को है मोड़े,

उस फूल का नाम बतलाना

पाप लगे जो उसको तोड़े।

उत्तर :- सूरजमुखी

छोटी-छोटी कलियां जिसकी,
दिन को लगती बड़ी सयानी।

रात को बिखराती खुशबू,

मन को लुभाती बड़ी सुहानी।

उत्तर :- रातरानी

Funny Hindi Paheliyan With Answer
प्रथम कटे तो लीन हो जाऊँ,
मध्य कटे चावल बन जाऊँ,

अंत कटे तो भार हो जाऊँ,

किसी देश का नाम कहाऊँ।

उत्तर :- भारत

वह क्या है,
जिसे खाते ही आप लाल हो जाते हैं और

पीते ही शांत?

उत्तर :- जब आप गुस्से में होते हैं तो लाल हो जाते हैं

लेकिन जब आप गुस्से में कोई प्रतिक्रिया नहीं देते हैं तो

शांत हो जाते हैं

हमने देखा ऐसा बंदर,
उछले जो पानी के अंदर।

उत्तर :- मेंढक

सावन माह का उपहार है,
रिश्ते-नातों का आधार है।

भाई-बहन का प्यार है,

बूझो कौन- सा त्योहार है?

उत्तर :- रक्षाबंधन

पंख नहीं उड़ती हूं पर,
हाथ नहीं लड़ती हूं पर।

उत्तर :- पतंग

वैसे मैं काला, जलाओ तो लाल,
फेंको तो सफेद, खोलो मेरा भेद।

उत्तर :- कोयला

शरीर का ऐसा कौन सा अंग है,
जो बचपन से बूढ़े होने तक कभी नहीं बढ़ता?

उत्तर :- केवल आंख ही वह अंग है जो कभी नहीं बढ़ती है

घेरदार है लहंगा उसका,
एक टांग से रहे खड़ी।

सबको उसी की इच्छा होती,

हो बरखा या धूप कड़ी।

उत्तर :- छतरी

जिसने घर में खुशी मनाई,
मुझे बांध कर करी पिटाई।

मैं जितनी चीखी-चिल्लाई उतनी

ही कस कर मार लगाई।

उत्तर :- ढोलक

बच्चो, मेरे पास आओ,
मैं हूँ कौन मुझे बताओ।

मछली, मेंढक मेरे अंदर,

कमल खिलते कितने सुंदर,

गाँव भर के आऊँ काम,

तीन अक्षरों का मेरा नाम।

अब तो मेरा नाम बताओ,

नहीं पता तो नहाने जाओ।

उत्तर :- तालाब

दाने-दाने गिनती जाती,
दादी अम्मां रोज फिराती।

उत्तर :- माला

तीन भुजाएँ इतराती आईं,
जुड़कर बच्चो क्या कहलाई।

तीन कोण हैं बच्चो उसमें,

शीर्ष तीन हैं उस आकृति में।

उत्तर :- त्रिभुज

तीन अक्षर का मेरा नाम,
मेहनत करना मेरा काम।

सर्दी गर्मी या हो बरसात,

काम करूँ मैं हर दिन-रात।

प्रथम हटे तो बनता सान,

कहते मुझको लोग।

उत्तर :- किसान

अंत कटा तो ‘पपी’ रहा,
कुछ भी मतलब नाय।

आदि काटकर ठीक है,

पीता-पीता जाए।

मध्य कटे झट जान लो,

तुरंत ‘पता’ लग जाए।

उत्तर :- पपीता

मैं हूं एक अनोखी चीज,
मुझको नहीं किसी से खीज।

पर जो कोई मुझे छुए,

चारों खाने चित्त गिरे।

उत्तर :- बिजली

मैं हूं हरी, मेरे बच्चे काले।
मुझे छोड़, बच्चों को खा ले।

उत्तर :- इलायची

बचपन जवानी हरी भरी,
बुढ़ापा हुआ लाल,

हरी थी तब फूटी थी जवानी,

लेकिन बुढ़ापे में मचाया धमाल।

उत्तर :- मिर्ची

गलती को में खूब मिटाती,
घिसते-घिसते खुद घिस जाती।

बच्चों की में पक्की मित्र,

मिटा-मिटा बनवाती चित्र।

उत्तर :- रबड़

तम को दूर भगाने वाला, तीन अक्षर का मेरा नाम।
प्रथम हटे तो “पक”बन जाता,

नाम बताओ भोलू राम।

उत्तर :- दीपक

तीन अक्षर का मेरा नाम।
जीवन लेना मेरा काम।

प्रथम कटे रोना बन जाऊँ।

मध्य कटे कोना कहलाऊँ।

उत्तर :- कोरोना

पेट में से निकाली,
कमर में से मारी।

क्षण भर में,

फैली है उजियारी।

उत्तर :- माचिस

हरदम मेरे साथ में रहती,
जो मैं करता वही ये करती।

नित्य नए ये खेल दिखाती,

पल में बड़ी-छोटी हो जाती।

उत्तर :- छाया

याद सुबह मैं आता हूँ।
दाँतों को चमकाता हूँ।

करके अपना कार्य समय से

दिनभर फिर सुस्ताता हूँ।

उत्तर :- टूथब्रश

चार अक्षर का मेरा नाम
खबरें देना मेरा काम,

रोज सवेरे घर पर आता,

बाल कहानी, कविता, लाता।

उत्तर :- अखबार

चौकी पर बैठी एक रानी,
सिर पर आग बदन में पानी।

उत्तर :- मोमबत्ती

जो करता है वायु शुद्ध,
फल देकर जो पेट भरे।

मानव बना है उसका दुश्मन,

फिर भी वह उपकार करें।

उत्तर :- पेड़

एक अनोखा पक्षी देखा
तालाब किनारे रहता

चोच सुनहरी जग-मग करती

दुम से वह पानी पीता।

उत्तर :- दिए की बाती

चार अक्षर का मेरा नाम
टिम-टिम तारे बनाना काम।

शादी उत्सव या हो त्योहार

सब जलाएं बार-बार।

उत्तर :- फुलझड़ी

खट्टा मगर रसीला हूँ,
ऊपर से हरा या पीला हूँ।

गर्मी में मेरी आती बहार,

लगा दूँ रस की धार।।

उत्तर :- नींबू

बहुत साधारण था व्यक्तित्व
कहते थे सभी बाबा उनको।

संविधान निर्माता थे वह

बताओ क्या नाम है उनका।

उत्तर :- भीम राव अंबेडकर

प्रथम काट कर कड़ी हूँ मैं
मध्य काटकर लड़ी हूँ मैं।

अंत काटकर किस्मत हूं

फिर भी चूल्हे में पड़ी हूं मैं।

उत्तर :- लकड़ी

जब भी आए होश उड़ाए,
फिर भी कहते हैं कि आए?

उत्तर :- नींद

घुसा आंख में मेरे धागा, दर्जी के घर से मैं भागा।
उत्तर :- बटन

बादल बरसे बिजली चमके,
या बरसे अंगारा।

मातृभूमि की रक्षा खातिर,

बीते जीवन हमारा।

उत्तर :- फौजी

सउमा मेरा उल्टा नाम
कम्प्यूटर पर करता काम।

उत्तर :- माउस

अपनी पृथ्वी के भीतर जल
और खनिज चट्टानें,

करते रहते हलचल हरदम

वह जाने अनजाने।

उनकी हलचल या टक्कर से

ग्राम नगर मिट जाते।

बोलो क्या कहते हैं उसको

जिससे सब घबराते?

उत्तर :- भूकंप

तीन अक्षरों का शब्द
आदि कटे से गरदन प्यारी।

मध्य कटे से संक्षेप बने,

अंत कटे से बने तरकारी।

उत्तर :- सागर

सब सोयें पर यह न सोयें।
चोर भाई की आंखें रोयें।

उत्तर :- स्ट्रीट लाइट (चौराहे की लाईट)

डिब्बे में डिब्बा,
डिब्बे का गांव।

चलती-फिरती बस्ती

लोहे के पांव।

उत्तर :- रेलगाड़ी

एक लाठी की सुनो कहानी,
भरा इसमें मीठा पानी।।

उत्तर :- गन्ना

बच्चे भी कहते हैं मामा,
बूढ़े भी कहते हैं मामा।

दीदी भी कहती है मामा,

बोलो कौन से मामा?

उत्तर :- चंदा मामा

कम्प्यूटर का ‘की’ कहलाता
मुझसे अक्षर, अंकन आता।

उत्तर :- कीबोर्ड

गुलाबी नगर सदियों से,
सबके मन को भाता।

हवामहल के कारण ही,

वो पहचाना जाता।

उत्तर :- जयपुर

कद लंबा और रूप गोल है,
आए काम जब आती रात।

रोती जलती खड़ी-खड़ी,

कभी न पूछे कोई बात।।

उत्तर :- मोमबत्ती

ऊपर से नीचे बहता हूँ,
हर बर्तन को अपनाता हूँ।

देखो मुझको गिरा न देना,

वरना कठिन हो जाएगा भरना।।

उत्तर :- द्रव्य

तन है अनोखा बांस का,
किंतु होते इसमें छेद।

निकले सुर सुरीले सदा,

सब बताओ जल्दी भेद।

उत्तर :- बांसुरी

दादी-नानी का यह धन।
बच्चों का खुश कर दे मन।

उत्तर :- कहानी

काली-काली एक चुनरिया,
जगमग-जगमग मोती।

आ सजती धरती के ऊपर

जब सारी दुनिया सोती।।

उत्तर :- तारों भरा आकाश

हरा हूं, पर पत्ता नहीं।
नकचली हूं पर बंदर नहीं।

बूझो तो जरा मेरा नाम सही।

उत्तर :- तोता

पहले भरते पेट हमारा
फिर कर देते खाली।

बहुत सरल है बूझो

मैं क्या कहलाती?

उत्तर :- थाली

Dimagi Majedar Paheliyan In Hindi With Answer – बाल पहेलियाँ बूझो तो जानें
मिर्ची खाता सब दोहराता,
प्यार सभी का पाता हूं।

हरे बदन पर लाल चोंच है,

सबका मन हरषाता हूं।।

उत्तर :- तोता

गोल है पर गेंद नहीं,
पूंछ है पर पशु नहीं।

पूंछ पकड़कर खेलें बच्चे,

फिर भी उसके आंसू न निकले।

उत्तर :- गुब्बारा

पत्ते के अंदर है बंद,
स्वादिष्ट जैसे कलाकंद।

बाजार हो या मेला,

खाया जाता है अकेला।

उत्तर :- केला

बापू के नाम से हुई,
इस शहर की पहचान।

गुजरात की राजधानी,

नगर है बड़ा महान।

उत्तर :- गांधीनगर

कौन-सा जीव
हर चीज का स्वाद जीभ से नहीं,

अपने पैरों से लेता है?

उत्तर :- तितली

उस नारी का यह सिंगार,
सिर पर नथुनी, पेट पर धार।

गुफा उसकी रहती बहुरंगी,

पांव नहीं पर चाल बेढंगी।

उत्तर :- कृपाण

जितना आगे बढ़ोगे उतना
पीछे छोड़ते जाओगे,

बूझो तो जाने ?

उत्तर :- कदम

सफेद तन हरी पूंछ,
न बुझे तो नानी से पूछ?

उत्तर :- मूली

दो अक्षर का उसका नाम,
हिमालय से वह निकलती,

पाप सभी के धोती।

उत्तर :- गंगा

कौन-सा ऐसा फल है जिसमें
छिलका और बीज नहीं होता है?

उत्तर :- शहतूत एक ऐसा फल है जिसमें

बीज और छिलका नहीं पाए जाते हैं,

ऐसी कौन सी चीज है
जो लड़की का नाम भी है

और सुंदर भी?

उत्तर :- काजल, पायल तथा बिंदिया

वो ऐसी कौन सी चीज है
जो सभी लोग रात को

निकाल कर सोते हैं?

उत्तर :- चश्मा या भारी कपड़े

ऐसी कौन सी चैन है
जिसे हम खोल या बंद नहीं कर सकते ?

उत्तर :- जैकी चैन

ऐसी क्या चीज है,
जो ऊपर जाती है, नीचे आती है,

फिर भी एक समान रहती है?

उत्तर :- यह चीज है सीढ़ी

मैं एक आदमी को
दो बना देता हूं मै कौन हूं?

उत्तर :- आईना

ऐसा कौन सा फल है
जिसको सीधा करने पर

लड़की का नाम आता है?

उत्तर :- खीरा (खीरा को सीधा करने पर राखी होता है।)

ऐसी कौन सी जगह है
जहां 100 लोग जाते हैं और 101 लोग आते हैं?

उत्तर :- बाराती

ऐसी कौन सी चीज है
जो पैदा होते ही बिना पैरों के उड़ना शुरू कर देती है?

उत्तर :- धुआं

वह कौन सा जीव है
जो बच्चा पैदा करने के बाद मर जाता है?

उत्तर :- बिच्छू एक ऐसा जीव है

जो अपने बच्चे को जन्म देने के बाद मर जाता है।

कौन सी चीज है
जो पानी के अंदर खाते हैं?

उत्तर :- गोता

कौन से देश में रात
सिर्फ 40 मिनट की होती है?

उत्तर :- नार्वे, दुनिया का वो देश है

जहां 40 मिनट की रात होती है

ऐसी कौन सी ऐसी चीज है
जो खींचने से छोटी होती है?

उत्तर :- बीड़ी और सिगरेट

चिंकी के पिता के 5 बच्चे हैं –
चिंकु, मिंटु, टिंकु, सुनूं तो,

बताओं पांचवे बच्चे का नाम क्या है?

उत्तर :- चिंकी

घर की डॉक्टर, घर की रानी
बीच चौक में लगे सुहानी?

उत्तर :- तुलसी

एक गुफा, दो रखवाले। दोनों मोटे-दोनों काले। उत्तर :- मूंछे
बीन बजाते आता हूं, खून पिए उड़ जाता हूँ।
उत्तर :- मच्छर

काली हूं मैं काली हूं,
काले वन में रहती हूं,

खाती नहीं हूं दाना भी,

बस लाल पानी पीती हूं।

उत्तर :- जू

हाथ-पैर में पड़ी जंजीर,
फिर भी दौड़ लगाती।

टेढ़े-मेढ़े रास्तों से,

गाँव-गाँव घूमती।

उत्तर :- साइकिल

आंखें मूंद के खाते हैं,
और खाकर पछताते हैं।

जो कोई पूछे क्या था वो,

तो कहते शरमाते हैं।

उत्तर :- धोखा

आज यहां, कल वहां रहे,
नहीं किसी के पास रुके।

और रुक जाए किसी के घर,

तो फिर घुमा देता है सर।

उत्तर :- पैसा

कठोर हूं पर पहाड़ नहीं,
जल है मगर समुद्र नहीं।

जटाएं हैं पर योगी नहीं,

मीठा है मगर गुड़ नहीं।

उत्तर :- नारियल

तीन रंगों का सुंदर पक्षी,
नील गगन में भरे उड़ान,

सब की आंखों का है तारा,

सब करते इसका सम्मान।

उत्तर :- तिरंगा (राष्ट्रीय ध्वज)

पैर नहीं तो नग बन जाए,
सिर न हो तो ‘गर’।

यदि कमर कट जाए मेरी,

हो जाता हूं ‘नर’।

उत्तर :- नगर

पानी से वह बन जाती,
दुनिया को है चमकाती,

जमकर है सेवा करती,

क्रोधित हो जीवन हरती,

सभी घरों में रहती है,

पर आती-जाती रहती।

उत्तर :- बिजली

पीली-हरी हवेली एक,
उसमें बैठे कालू राम।

पेट साफ करता हूं मैं,

सूझो तो जरा मेरा नाम।

उत्तर :- पपीता

एक मुंह और तीन हाथ,
कोई रहे न मेरे साथ।

गोल-गोल मैं चलता जाऊं,

सबकी थकान मिटाता जाऊं।

उत्तर :- पंखा

सोलह, बारह, आठ कड़ी है,
लंबी डंडी एक छड़ी है।

उत्तर :- छाता

एक महल में चालीस चोर,
मुंह काला, पूंछ सफेद।

उत्तर :- माचिस

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न काशी न काबा धाम,
जिसके बिना हो चक्का जाम।

पानी जैसी चीज है वो,

झट बतलाओ उसका नाम।

उत्तर :- पैट्रोल

एक ईंट, सौ दरवाजे,
बताओ मेरा नाम प्यारे।

उत्तर :- छननी

पीला-पीला रंग मेरा,
गोल-मटोल शरीर।

बड़े-बड़े वीरों के दांत,

करूं खट्टे महावीर।

उत्तर :- निम्बू

हरा किला है, लाल महल,
श्वेत-श्याम सब वासी हैं।

भीतर जल-थल में रहते,

बाहर से मजबूती है।

उत्तर :- तरबूज

का अक्षर पहले है आता
तुलसी, अदरक से है नाता

जो गिलोय सँग सेवन करता

रोगों से वह नित ही बचता।।

उत्तर :- काढा

सा से शुरू नाम है होता
सबको मल- मल मैं ही धोता।

उत्तर :- साबुन

बा अक्षर है पहला नाम
जल भरने के आऊँ काम।

उत्तर :- बाल्टी

नन्हीं कील को ढूंढ निकालूँ,
अजब निराली चीज।

प्लास्टिक को ढूंढ न पाऊँ,

आती मुझको खीज।

उत्तर :- चुम्बक

रात दिन है मेरा
तुम्हारे घर में डेरा।

रोज मीठे गीत से

करती नया सवेरा।

उत्तर :- गौरेया

शौ अक्षर पहले है आता
हर घर की मैं शान बढ़ाता।

उत्तर :- शौचालय

ना मारा ना खून किया।
बीसों का सर काट दिया।

उत्तर :- नाखून

जन्म तो हुआ जंगल में,
नाचे पर गहरे जल में।

उत्तर :- नौका

New Hindi Paheliyan With Answer (2023)
चाय गरम है, गरम है पानी,

दूध गरम घण्टे बीते।

चाहे दिन हो, रात हो चाहे,

बड़े मज़े-से सब पीते।

उत्तर :- थर्मस

धरती में मैं पैर छिपाता,

आसमान में शीश उठाता।

पैरों से भोजन में खाता,

क्या नाम है मेरा भ्राता।।

उत्तर :- पेड़

मैक मिलन ने युक्ति बनाई,

दो पहियों पर सैर कराई।

उत्तर :- साइकिल

Dimagi Majedar Paheliyan In Hindi With Answer – ज्ञानवर्धक बाल पहेलियाँ बूझो तो जानें
अन्त कटे कौआ बन जाए,

प्रथम कटे दूरी का माप।

मध्य कटे तो बटन का साथी,

अक्षर तीन बता दें आप।

उत्तर :- कागज

ऐसा कौन सा पक्षी है,

जो दूध देती है?

उत्तर :- कबूतर

ऐसी क्या चीज है

जो लड़की खाती भी है,

और पहनती भी है?

उत्तर :- लौंग

वह कौन है जो सिर्फ पीटने के लिए बना है?

उत्तर :- ढोल , ढोलक

ऐसी कौन सी चीज़ है

जिसे पति ले तो पत्नी परेशान,

पत्नी ले तो पति परेशान?

उत्तर :- नशीली वस्तुओं का सेवन

ऐसा कौन सा फल है जो दो साल में पकता है?

उत्तर :- अनानास

ऐसी कौन-सी चीज़ हैं

जो लड़की शादी से पहले नहीं पहन सकती हैं?

उत्तर :- मंगलसूत्र

ऐसा कौनसा फल है

जिसको सीधा लिखने पर

लड़की का नाम आता है?

उत्तर :- सीताफल (सीता)

एक टांग से खड़ा हुआ हूं,

एक जगह पर अड़ा हुआ हूं।

भारी छाता मैंने है ताना,

सब जीवों को देता हूं खाना?

उत्तर :- पेड़

रंग-बिरंगी देह हमारी,

भरे पेट में फाहा।

जाड़े की कठिन रातों में,

सबने मुझको चाहा।

उत्तर :- रजाई

तीन अक्षर का नाम,

उलटा-सीधा एक समान।

मध्य हटाकर ‘जज’ बन जाऊं,

फिर भी झट सबको पहुंचाऊं।

उत्तर :- जहाज

प्रथम कटे तो मन बनूं,

अंत कटे मूल्य।

मध्ये कटे सुकर्म हो,

ऐसा जीत लूं सबका दिल।

उत्तर :- दामन

क्या है जो निगलें हम

उसके बिन जिंदा न रह पायें

लेकिन वह हमें निगल ले

तो हम मर जाएँ।

उत्तर :- पानी

लाल कलगी वाला,

सुबह सबको जगाता।

घर आंगन में घूम-घूमकर,

सबको भगाता।

उत्तर :- मुर्गा

हरे रंग देह और,

लाल रंग का चोंच।

खाकर मिर्च बोले,

नकल बनाए सोच।

उत्तर :- तोता

“घर” अक्षर अंतिम हैं आते,

नहा धोकर उज्ज्वल हो जाते।

उत्तर :- स्नानघर

एक हूं, मगर अनेक हूं मैं,

सौ रोगी को एक हूं मैं।

उत्तर :- अनार

देकर एक झटका,

फांसी पर लटका।

इन्कलाब का शोला,

जिंदाबाद बोला।

उत्तर :- भगत सिंह

वृक्ष पर रहता पर पंछी नहीं,

जटाएं भी हैं पर साधु नहीं,

दूध भी देता पर गाय नहीं।

उत्तर :- नारियल

तीन रंग का सुन्दर पक्षी,

नील गगन में भरे उड़ान।

यह है सबकी आँखों का तारा,

हम सब करते इसका सम्मान।

उत्तर :- तिरंगा

तीन अक्षर का मेरा नाम,

उल्टा-सीधा एक समान।

आता हूं खाने के काम,

बूझो तो भाई मेरा नाम?

उत्तर :- डालडा

तीन अक्षर का मेरा नाम,

हवा में उड़ना मेरा काम।

उल्टा-सीधा एक समान,

बूझो तो जानूं मेरा नाम?

उत्तर :- जहाज

उजली धरती काले बीज,

हमको देती सुन्दर सीख।

उत्तर :- पुस्तक

एक अनोखी लकड़ी देखी,

जिसमें छिपी मिठाई।

बच्चों जल्दी नाम बताकर,

जी भर करो चुसाई।

उत्तर :- गन्ना

प्रथम काट कर मैं ‘पकली’,

छिप-छिप जाऊं ऐसी कली।

बल खाती-सी इठलाती,

रातों में अक्सर निकली।

उत्तर :- छिपकली

दुनिया के कोने-कोने का,

घर बैठे कर लो दर्शन।

दूर-पास की सैर कराता,

बिना यान, मोटर या रेल।

मुझको कहते ‘बुद्धू बक्सा’

ऐसा भी है मेरा खेल।

मनोरंजन, शिक्षा, पिक्चर, गाना,

खेल भरे मेरे अंदर।

उत्तर :- टी.वी

घर की रखवाली करता हूं,

बिना लिए लाठी-तलवार।

जब तुम जाते चले कहीं,

मैं झट बन जाता पहरेदार।

उत्तर :- ताला

लकड़ी का एक किला है भैया,

चार कुएं हैं-बिन पानी।

उसमें बैठे चोर अट्ठारह,

संग लिए-एक रानी।

एक दरोगा-भारी भरकम,

सब चोरों को मारे।

रानी को भी कुएं में डाल,

खूब करे मनमानी।

उत्तर :- कैरम बोर्ड

पक्षी देखा एक अलबेला,

पंख बिना उड़ रहा अकेला,

बांध गले में लम्बी डोर,

नाप रहा अम्बर का छोर।

उत्तर :- पतंग

चढ़े नाक पर, पकड़े कान।

बोलो बच्चों-कौन शैतान?

उत्तर :- चश्मा

तीन मुंह की तितली,

तेल में नहा के निकली।

उत्तर :- समोसा

दो अक्षर का नाम मेरा,

रोज पड़े दुनिया को काम।

उत्तर :- चाकू

पानी पीकर हवा उगलता,

गर्मी में आता हूं काम।

सर्दी में मेरा नाम न लेना,

अब बतला दो मेरा नाम।

उत्तर :- कूलर

दिखने में मैं सींकिया पहलवान,

लेकिन गुणों में हूं बलवान।

शीतल, मधुर और तरल रसीला,

गांठ दार परिधान।

उत्तर :- गन्ना

युद्ध नहीं होता पर लड़ते राजा, वजीर।

पैदल सेना आगे चलती बिना लिए शमशीर।

उत्तर :- शतरंज

दिमागी कसरत हिंदी पहेलियाँ उत्तर सहित – Paheliyan In Hindi With Answers

छोटी सी मैं बच्ची हूँ,

राजा को भी रूला देती,

जैसे ही कोई खाए मुझे,

आँख से आँसू बहा देती?

उत्तर :- मिर्ची

लाल रंग का हूँ मकान,

बाहर से दिखता हूँ हरा,

लाल लाल मेरी दीवारें,

और अंदर काला शैतान?

उत्तर :- तरबूज

रंग भी मैं कहलाता हूँ,

फल भी मैं कहलाता,

गेंद जैसा मेरा आकार,

खट्टा मीठा मैं लगता?

उत्तर :- संतरा

फलों का हूँ मैं राजा,

पीला है मेरा रंग,

गर्मियों में आता हूं मैं,

बच्चे करते मुझे पसंद?

उत्तर :- आम

लाल दिखूं मैं बाहर से,

अंदर लाल छोटे दाने,

इन रसदार दानों के बीच,

होते हैं सफेद जाले?

उत्तर :- अनार

सभी मुझे दोष है देते,

पर मैं सबके काम भी आता?

उत्तर :- मोबाइल

अंग्रेजी में तीन अक्षरों का हूँ,

कोई भी छू नहीं सकता पर देख सकता है?

उत्तर :- सूरज (Sun), आसमान (Sky)

आसमान में रहता,

बरसात में निकलता,

सात रंगों का हूँ?

उत्तर :- इंद्रधनुष

तीन पैर का हूँ,

सभी को हवा देता?

उत्तर :- पंखा

पढ़ने-लिखने का यह स्थान,

मिले यहाँ पर अक्षर ज्ञान।

लगता जैसे पावन धाम,

शीघ्र बताओ इसका नाम?

उत्तर :- विद्यालय

नहीं चुराता इसको चोर,

दुर्बल भी बनता शहजोर।

बाँट सके न इसे परिवार,

पद, पैसा यह पालनहार?

उत्तर :- विद्या

सदा झुकाकर अपना शीश,

पाता गुरुवर से आशीष।

आज्ञाकारी यह तो शिष्य,

लगन परिश्रम गढ़े भविष्य?

उत्तर :- विद्यार्थी

प्रथम आप हैं, तब भगवान,

देते हमको अक्षर ज्ञान।

वंदनीय हैं सबके आप,

हरते सारे दुख संताप?

उत्तर :- अध्यापक

नहीं पर होते पात,

बिन मुख हमसें करतीं बात।

वर्ण, वाक्य के है भंडार,

ज्ञान, कला का यह आधार?

उत्तर :- पुस्तक

परत-परत है कोरा देख,

कलम चला लिख लो तुम लेख।

स्याही संगत भरते भाव,

कोई फाड़ बनाता नाव?

उत्तर :- कापी

काला-काला इसका रंग,

खिलता पाकर खड़िया संग।

लगे अधूरा यह बिन चाक,

कक्षा अंदर इसका धाक?

उत्तर :- श्यामपट्ट

पुस्तक-कापी रखे सँभाल,

पीठ सवारी करे कमाल।

रंग-बिरंगा इसका रंग,

पढ़ना-लिखना इसके संग?

उत्तर :- बस्ता

लिखने का होता आभ्यास,

पत्थर चौरस भरे उजास,

लिखो मिटाओ अपने ढंग,

साथ निभाए खड़िया संग?

उत्तर :- स्लेट पट्टी

हरा नीला रंग है मेरा

सबको जीवन देती हूँ।

नीला ग्रह सब कहते मुझको,

क्या तुम से कुछ लेती हूँ?

उत्तर :- पृथ्वी

अंत हटे तो “साग”बनू मैं,

मध्य हटे तो सार।

नीला नीला रंग है मेरा,

बोलो राजकुमार?

उत्तर :- सागर

तीन अक्षर का नाम मेरा,

काला मेरा रंग।

मध्य हटे तो जान बनू मैं,

बोलो राज, तरंग?

उत्तर :- जामून

प्रथम हटे तो “दाम” कहाऊं,

अंत हटे तो “बादा”,

मध्य हटे तो “बाम” बनू मैं,

बुद्धि लगाओ ज्यादा?

उत्तर :- बादाम

चार पैर है जिसके बच्चों,

फिर भी चल ना पाए।

लोग बैठते जिस पर बच्चों,

बोलो क्या कहलाए?

उत्तर :- कुर्सी

प्रथम हटे तो “कू” कहलाऊँ,

दो अक्षर का नाम।

अंत हटे तो “चा” कहलाऊँ,

अजब अनूठे काम?

उत्तर :- चाकू

दो अक्षर का नाम है मेरा,

बात सुनो तुम पूरी।

इक्कीस जून को याद करें सब,

रखो न मुझसे दूरी?

उत्तर :- योग

घर की मैं रखवाली करता,

ऐसा अजब निराला हूँ।

कुत्ता मुझको समझ ना लेना,

‘की” से खुलने वाला हूं?

उत्तर :- ताला

घर खोलूं, अलमारी खोलूँ

खोलूँ फाटक द्वार।

भरी तिजोरी को भी खोलूँ

बोलो सोच विचार?

उत्तर :- चाबी

बड़ी-ऊँची दीवारें मेरी,

एक जगह मैं रहता मौन।

रोकूँ नदियों की रवानी,

बताओं बच्चों मैं कौन ?

उत्तर :- बाध

एक पेड़ का अंग्रेजी नाम,

वह है हथेली मेरी।

शिखा रानी मनु प्रिया,

रे बूझ पहेली मेरी?

उत्तर :- पाम (Palm)

चुटकी भर डाल रानी,

बढ़िया सोच विचार।

कितनी स्वादिष्ट सब्जी,

मुझ बिन बेकार?

उत्तर :- नमक

कई रंगों में मेरा परिधान,

मैं कलगी से सर सजाऊँ।

बादल गरजे पानी बरसे,

मैं परिन्दा नाचू गाऊँ?

उत्तर :- मोर

बालक में मैं एक बार,

बलशाली में आऊँ दुबारा।

नहीं मिलूँगा तुम्हें बजट में,

बताओ मैं कौन हूँ यारा?

उत्तर :- “ल वर्ण”

500 + मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित 2023 – Majedar Paheli In Hindi With Answer

ऐसा शब्द बताइए कि
जिससे फूल, मिठाई

और फल बन जाएं?

उत्तर :- गुलाबजामुन

तीन पैर की चम्पा रानी,
रोज नहाने जाती।

दाल-भात का स्वाद न जाने,

कच्चा आटा खाती।

मध्य काट दो तो मैं ‘चला’,

प्रथम कटे जाऊं ‘कला’।

बच्चों अब तो बतला दो,

क्या है मेरा नाम भला?

उत्तर :- चकला

तीन अक्षर का नाम मेरा,
हवा में जाऊं करूं सलाम।

मध्य कटे बनूं ‘कदम’,

प्रथम कटे तो कर दें तंग।

नाम बताओ मेरा तुम,

बसंत से मेरा संबंध।

उत्तर :- पतंग

अंत कटे तो कदम रखें,
मध्य कटे तो ‘डर’ बन जाऊं।

खुद न चल सकूँ,

मगर राही को मंजिल पर पहुंचाऊं।

उत्तर :- डगर

अंत कटे तो ‘सूर’ हुआ मैं,
प्रथम कटा तो धूल।

मुझसे ही हैं दिन और रातें,

जीवन का हूं मूल।

उत्तर :- सूरज

कभी रहूं तेरे पीछे,
कभी चलूं तेरे आगे।

मुझको कभी न पकड़ सके,

तू चाहे जितना भागे।

फिर भी हर पल साथ तेरे,

फिर हाथ न हो,

अंधियारे से डरती हूं,

बस उजियाले में मन लागे।

उत्तर :- परछाई

गोल-गोल मैं घूम रही,
गोल-गोल काटूं चक्कर।

सब कहते मुझको माता,

फिर भी रखें कदमों पर।

उत्तर :- धरती

गागर में जैसे सागर,
वैसे मैं मटके के अंदर।

जटा-जूट और बेढंगा,

ऊपर काला अंदर गोरा।

पानी हूं मीठा-ठंडा,

रहता हूं लम्बे पेड़ों पर।

उत्तर :- नारियल

शर्ट, कोट, कुर्ता, कमीज
सब मुझसे शोभा पाते।

न हूं मैं तो तन पर,

कपड़े धारण न कर पाते।

उत्तर :- बटन

चार पैर रखती हूं,
लेकिन कहीं न जाती हूं।

ऑफिस हो या हो संसद

हर जगह फसाद कराती हूं।

उत्तर :- कुर्सी

मध्य काट कर मली गई,
प्रथम काट कर छली गई।

पानी में रह कर सुख भोगा,

बाहर आकर तली गई।

उत्तर :- मछली

आदि कटे तो दशरथ सुत हूं,
मध्य कटे, तो ‘आम’।

अंत कटे, तो शहर बना इक,

बूझो मेरा नाम।

उत्तर :- आराम

उल्टी हो कर ‘सब कुछ होती,
सीधी रहूं तो सब को ढोती।

जल्दी से मेरा तुम बच्चो,

नाम कहो जसतस।

वरना कान पकड़ लो और

कहो तुम ‘बस’।

उत्तर :- बस

दो अक्षर की मैं बहना,
उल्टा-सीधा एक रहना।

उत्तर :- दीदी

मध्य हटाकर पूंछ हो गई,
प्रथम काटकर ‘पावर’।

चार पैर की मैं अलबेली,

घर-बार हो या दफ्तर।

उत्तर :- टेबल

हर घर से मैं नजर हूं आता,
सब बच्चों को खूब हूं भाता।

दूर का हूं लगता मामा,

रूप बदलता पर मन भाता।

उत्तर :- चन्द्रमा

चार खड़े, दो अड़े, दो पड़े,
एक-एक के मुंह में दो-दो पड़े।

उत्तर :- खाट

एक जानवर ऐसा,
जिसकी दुम पर पैसा।

उत्तर :- मोर

वह सबके आगे-आगे,
सब उसके पीछे भागे।

गोल-गोल, प्यारा-प्यारा,

रुके नहीं सरपट भागे।

उत्तर:- रुपया

वहां भी हूं, यहां भी मैं,
इधर भी हूं, उधर भी हूं।

नजर मैं आ नहीं सकती

किसी को भी जिधर भी हूं।

कर कोशिश अगर जबरन तो

आंखें बंद हो जाएं।

अगर मैं मिल न पाऊं तो

सभी बेमौत मर जाएं।

उत्तर :- हवा

वाणी में गुण बहुत हैं,
पर मुझसे अच्छा कौन?

सारे झगड़ों को टालूं

बतलाओ मैं कौन?

उत्तर :- मौन

छोटा हूं पर बड़ा कहलाऊं,
दही के तालाब में दिनभर नहाऊं।

उत्तर :- दही बड़ा

कान बड़े हैं काया छोटी,
कोमल- कोमल बाल,

चौकस इतना पकड़ न पाए कोई,

बड़ी तेज है चाल।

उत्तर :- खरगोश

खाना कभी नहीं खाता वह,
और न पीता पानी,

उसकी बुद्धि के आगे तो

हार माने हर ज्ञानी।

उत्तर :- कंप्यूटर

एक चाँद अठारह तारे,
खेलें मुन्ना- मुन्नी प्यारे।

उत्तर :- कैरम

दूर दूर की सैर कराती,
नहीं मैं कोई मोटर कार।

एक जगह पर खड़ी रहूँ मैं,

नाम बतलाओ मेरा यार।

उत्तर :- टी.वी.

न पहिए न पैर हमारे,
फिर भी चलती जाती हूँ।

कई रंग का पानी पीती,

खाना कभी न खाती हूँ।

उत्तर :- कलम

पूरे विश्व पर तना हुआ है,
ना आधार है ना खंभा

थाम कर सितारों को बैठा है,

होता है बड़ा अचम्भा।

उत्तर :- आकाश

हर भवन से मैं नजर हूँ आता,
सब बच्चों को खूब हूँ भाता।

दूर का हूँ लगता मामा,

रूप बदलता पर दिल को भाता।

उत्तर :- चंद्रमा

एक चीज ऐसी कहलाए,
हर कोई मजबूरी में खाए।

पर कैसी मजबूरी हाय,

खाकर भी भूखा रह जाए।

उत्तर :- कसम

खुली रात में पैदा होती,
हरी घास पर सोती हूं।

मोती जैसी मूरत मेरी,

बादल की में पोती हूं।

उत्तर :- ओस की बूंद

मध्य कटे तो छुरा
शीश कटे तो हारा

अक्षर होते तीन

कहते हैं इसे।

उत्तर :- छुहारा

देश का दिल बना जो,
बसा यमुना किनारे।

शहर बड़ा अलबेला,

करे सबको इशारे।

उत्तर :- दिल्ली

सबको इससे डर है लगता।
पर उजियारा इस पे हंसता।

उत्तर :- अंधेरा

दो अक्षर का मेरा नाम।
सिर पर चढ़ना मेरा काम।।

उत्तर :- टोपी

दिन में होती न पहचान।
लेकिन रात के हैं मेहमान।

उत्तर :- तारे

पन्द्रह दिन में हुआ बीमार।
पन्द्रह दिन का राजकुमार।

उत्तर :- चांद

परत-परत पर जमा हुआ है,
इसे ज्ञान ही जान।

बस्ता खोलोगे तो इसको,

जाओगे तुम पहचाना।

उत्तर :- किताब

कमर कसकर बुढ़िया रानी,
रोज सवेरे चलती है।

सारे घर में घूम-घूम के,

रोज सफाई करती है।।

उत्तर :- झाडू

ना कभी किसी से
किया झगड़ा ना कभी।

करी लड़ाई फिर भी,

होती रोज पिटाई।

उत्तर :- ढोलक

आग बरसती आसमान से,
जलने लगती धरती।

वर्षा से पहले मैं आती,

कौन ऋतु कहलाती।।

उत्तर :- ग्रीष्म ऋतु

गोल गोल आखों वाला,
लंबे लंबे कानों वाला।

गाजर खूब खाने वाला,

नाम बताओ उसका भला।

उत्तर :- खरगोश

बूढ़े- बच्चे सबका प्यारा,
छोटा हूँ पर ज्ञान पिटारा।

उत्तर :- मोबाइल

अमर जवान ज्योति जलती,
युद्ध स्मारक इसकी पहचान,

भारत के ये दिल में बसता,

जल्दी बताओ इसका नाम।

उत्तर :- इंडिया गेट

न बुलाओ, फिर भी आऊंगी,
रहूंगी साथ, किराया भी न दूंगी,

पकड़ न मुझको तुम पाओगे,

मेरे बिन कैसे रह पाओगे?

उत्तर :- हवा

बीच छत में है जड़ा,
गर्मी में आता काम।

बिजली से चलता सदा,

तन को देय आराम।।

उत्तर :- पंखा

हरी-हरी मैं उँगली जैसी,
मेरे अंदर ढेरों मोती,

सिर पर टोपी पहने रहती,

खूब स्वाद से खायी जाती।

उत्तर :- भिंडी

दो गैसों से मिलकर बनता
उनसे भिन्न तरल कहो,

कौन जो रूप बदलकर

बन जाता बादल ?

उत्तर :- जल

लहंगा उस का घेरदार,
पर एक टांग पर रहे खड़ी,

सभी करते हैं उसकी चाह,

वर्षा हो या धूप कड़ी।

उत्तर :- छाता

मेरे नाम के दो हैं मतलब,
दोनों के है अर्थ निराले।

एक अर्थ में सब्जी हूँ मैं,

एक अर्थ में पालने वाले।

उत्तर :- पालक

एक प्रतापी तेजस्वी के हैं आठ बेटे।
वे सबके-सब उसके तन से ही हैं टूटे।

वे अपने बापू के चारों ओर घूमते।

अब बोलो हम उनके कुल को,

क्या हैं कहते ?

उत्तर :- सौर मंडल

इसने दिया उसने लिया,
चलती रही हर बार।

मेरे बिना सुना लागे,

पूरा ये संसार।

उत्तर :- रुपया

पहरेदार तुम्हारे घर का,
दिन सोऊं न रात।

अंदर बाहर जाते लोग,

रखते मुझपे हाथ।

उत्तर :- दरवाजा

अड़ा हूं पड़ा हूं,
बरसों से खड़ा हूं।

आंधी और तूफानों से,

कई बार लड़ा हूं।

उत्तर :- पर्वत

एक अक्षर का नाम मेरा,
अंगारे बरसाऊं।

हवा के साथ आती हूं,

बोलो क्या कहलाऊं।।

उत्तर :- लू

आये यह तो हम न जागे।
हम जागे तो दूर ये भागे।

उत्तर :- नींद

नवाबों का शहर है वो,
तहजीब की पहचान।

गोमती किनारे बसता,

करे सबका सम्मान।

उत्तर :- लखनऊ

तम को दूर भगाने वाली,
दीपक मुझको समझ न लेना।

प्रथम अक्षर “झ “मेरा,

नाम मेरा बच्चों अब कहना।

उत्तर :- झालर

मैं सवार जल पर,
मुझपे कई लोग सवार।

चलने से पहले मांगू,

तुमसे कोई पतवार।

उत्तर :- नाव

500 + छोटी मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित – Hindi Paheliyan

मध्य कटे तो अड़ी पड़ी,
प्रथम काट दो तो नाड़ी।

अंत कटे तो ‘अना’ हुआ,

न जानूं मैं होशियारी।

उत्तर :- अनाड़ी

कटोरे में कटोरा,
बेटा-बाप से भी गोरा।

उत्तर :- नारियल

लोहे की दो तलवारें,
खूब लड़ें पर साथ रहें।

उत्तर :- कैंची

हाथी, घोड़ा, ऊंट नहीं,
खाए न चारा घास।

सदा हवा पर ही रहे,

पर कर दे मंजिल पास।

दुबली-पतली, ढांचे सी,

फिर भी लौह शरीर।

जल्दी बताओ कौन है वह,

जो बुद्धि हो वही पास।

उत्तर :- साइकिल

एक थाल मोतियों से भरा,
सबके सिर पर उल्टा धरा।

चारों ओर वह थाल फिरे,

मोती फिर भी एक न गिरे।

उत्तर :- तारे

मैं लम्बा-पतला विद्वान,
पहनूं लकड़ी का परिधान।

बच्चों को लिखना सिखलाऊं,

बोलो तो मैं क्या कहलाऊं।

उत्तर:- पैंसिल

चाय गर्म है, गर्म है पानी,
दूध गर्म, घंटे बीते।

चाहे संकट हो, रात हो चाहे,

बड़े मजे से सब पीते।

उत्तर :- थर्मस

मध्य हटाकर ‘कल’ आऊं,
प्रथम काट दो मल-मल।

अंत हटाकर ‘कम’ होऊं,

घर है मेरा जल-थल (कीचड़)।

उत्तर :- कमल

पवित्र प्यार का चिह्न हूं मैं,
गैरों को बना लूं अपना।

उल्टा कर दो सब्जी हूं,

खा सकते हो मुझे कच्चा।

उत्तर :- राखी

प्रथम काट कर ‘गाली’ है,
उसकी मां भी ‘काली’ है।

फिर भी भारतवासी है,

अपना प्यारा साथी है।

उत्तर :- बंगाली

उल्टा कर दो रंग भरूं,
सीधा रखो मैं फल हूं।

बीमारों का दोस्त हूं मैं,

देता उन्हें बहुत बल हूं।

उत्तर :- चीकू

हरी-हरी कोठी भारी,
उजली-उजली धरती।

लाल-लाल बिस्तर पर,

काली मछली सोती।

उत्तर :- तरबूज

मोटी घनी पूंछ, पीठ पर
काली-काली रेखा है।

दोनों हाथों में उसको मैंने

फल खाते देखा है।

उत्तर :- गिलहरी

पल भर में दूरी मिट जाए,
छूते ही पहिए को।

रहता घर में दफ्तर में भी,

सब कह लो, सब सुन लो।

उत्तर :- टेलीफोन

चार पांव पर चल न पाऊं,
बिना हिलाए न हिल पाऊं।

फिर भी सबको दें आराम,

बोलो क्या है मेरा नाम?

उत्तर :- चारपाई

केरल से आया टिंगू काला,
चार कान और टोपी वाला।

उत्तर :- लौंग

एक परी है पतली दुबली,
काला मुकुट पहनती।

मुकुट गंवाकर करे उजाला,

खुद अंधकार में रहती।

उत्तर :- माचिस की तीली

देश भी हूं, औजार भी हूं,
खींचो अगर तो हूं पानी।

अढ़ाई अक्षर का नाम है वो,

पूछ रही मेरी नानी।

उत्तर :- बर्मा

कठोर भी हूं और महंगा भी,
उल्टा कर दो सफर करूं।

करवा दूं सबमें झगड़ा,

मुंह में रख लो प्राण हरूं।

उत्तर :- हीरा

बड़ों-बड़ों को राह दिखाऊं,
कान पकड़कर उन्हें पढ़ाऊं।

साथ में उनकी नाक दबाऊं,

फिर भी मैं अच्छा कहलाऊं।

उत्तर :- चश्मा

गोल-गोल हूं, गेंद नहीं,
लाल-लाल हूं, फूल नहीं।

आता हूं खाने के काम,

मटर है या फिर टमटम नाम।

उत्तर :- टमाटर

जीभ नहीं है फिर भी बोले,
पैर नहीं पर जंग में डोले।

राजा-रंक सभी को भाता,

जब आता है खुशियां लाता।

उत्तर :- रुपया

प्रथम कटे, तो ‘जल’ बनकर,
मैं सबको जीवन देता हूं।

मध्य काट कर ‘काल’ बनूं,

सबका जीवन हर लेता हूं।

तीन अक्षर का मैं ऐसा,

आंखों को ठंडक देता हूं।

उत्तर :- काजल

आसमान में उड़े,
पेड़ पर घोंसला न बनाए।

तूफान से डरे,

रहने को धरती पर आ जाए।

उत्तर :- हवाई जहाज

सात रंग की एक चटाई,
बारिश में देती दिखलाई।

उत्तर :- इंद्रधनुष

एक लाठी की अजब कहानी,
उसके भीतर मीठा पानी।

उस लाठी में गांठे-दस,

जो चाहे वह पीले रस।

उत्तर :- गन्ना

एक है ठगनी करे कमाल,
दिखती हरी, लिखती लाल।

स्याही नहीं, न रंग गुलाल,

बात जरा सी लगे सवाल।

उत्तर :- मेंहदी

सब्जियों का राजा हूँ मैं,
खाए मुझको लालू , शालू।

कार्बोहाइड्रेट खूब मैं देता,

बच्चों मैं क्या कहलाता।

उत्तर :- आलू

अंदर सफेद बाहर लाल,
मैं सब्जी हूं एक कमाल।

मुझको छीलो आंसू आए,

बोलो बच्चों क्या कहलाऊ।

उत्तर :- प्याज

ना हूं फिगर, ना ही लेडी
लोग कहे मुझे लेडी फिगर।

मैं सब्जी हूँ एक निराली,

खूब विटामिन मेरे अंदर।

उत्तर :- भिंडी

तीन रंग का रूप निराला,
लहराता आसमान में।

सावधान हम सब हो जाते,

इसके बड़े सम्मान में।

उत्तर :- तिरंगा झंडा

पाषाण की आकृति में,
टोर खड़े हैं चहूं ओर।

राष्ट्र चिह्न बना अद्भुत,

नाम बताओ बिना शोर।

उत्तर :- अशोक स्तंभ

रंग-बिरंगे पंखों वाला,
प्यारा लगे सर पर ताज।

नाच दिखाएं जंगल में ये,

इस पर है सभी को नाज।

उत्तर:- मोर

जय हिंद का नारा दिया,
आजीवन किया संघर्ष तमाम।

नेताजी वो कहलाए,

बताओ जी उनका नाम।

उत्तर :- सुभाषचन्द्र बोस

चाय में डालो टेस्ट बढ़ाओ,
सर्दी-जुकाम सब दूर भगाओ।

चार अक्षर का मेरा नाम,

नाम बताओ भोलू राम।

उत्तर :- अदरक

एक किले में चोर बसे हैं,
सबका मुंह है काला।

पूंछ पकड़ कर आग लगाई,

झट कर दिया उजाला।

उत्तर :- माचिस

लाल मुँह काला शरीर
कागज को वह खाता,

रोज शाम को पेट फाड़कर

कोई उसे ले जाता।

उत्तर :- लेटर बॉक्स

हमेशा रहता खिला-खिला
कीचड़ में जिसका तल है,

राष्ट्रीय पुष्प कहलाता वो

जीवन जिसका निर्मल है।

उत्तर :- कमल

जा जोड़े तो जापान,
अमीरों के लिए है यह शान।

बनारसी है इसकी पहचान,

दावतो में बढ़ती इसकी मान।

उत्तर :- पान

बिना चूल्हे के खीर बनी,
ना मीठी ना नमकीन।

थोड़ा-थोड़ा खा गए,

बड़े बड़े शौकीन।

उत्तर :- चूना

दो अक्षर का नाम मेरा,
रोज पड़े दुनिया को काम।

उत्तर :- चाकू

कोई कहे मुझको आंसू,
कोई कहे मुझको मोती।

सरिसर्प मुझे चाट लेते,

मैं जब भी पत्तों पर होती।

उत्तर :- ओस

धूप देख मैं आ जाऊँ,
छाँव देख शर्मा जाऊँ।

जब हवा करे मुझे स्पर्श,

मैं उसमे समा जाऊँ बताओ क्या।

उत्तर :- पसीना

100 मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित – Majedar Paheliyan With Answer

एक पक्षी पर निर्जिव हूँ मैं,
आसमान की करता सैर।

एक बार जो उड़ जाऊं तो,

वापस कभी धरती पर न आऊं।

उत्तर :- गुब्बारा

कान बड़े है, काया छोटी,
कोमल-कोमल बाल,

चौकस इतना पकड़ सके न,

बड़ी तेज है मेरी चाल।

उत्तर :- खरगोश

छोटा सा मैं चीज अनोखा,
ताल किनारे रहता हूं।

मुंह से आग उगलता हूं,

पैरों से पानी पीता हूं।

उत्तर :- दीपक

रात्रि बेला के आते ही,
भरते खूब उड़ान।

जलते-बुझते दीप सरीखे,

बारिश के हम मेहमान।

उत्तर :- जुगनू

मैं कागज का ऐसा टुकड़ा,
ठुमक ठुमक कर जाऊं।

हर-शहर और गांव-गांव में

सबके संदेश पहुंचाऊ।

उत्तर :- पत्र

खुशबू उसकी सबसे न्यारी,
कलिया भी लगती है प्यारी।

फूल बड़ा ही यह है सुंदर,

गुलकंद इसका पान के अंदर।

उत्तर :- गुलाब

सूरज जैसा रूप सलौना,
क्यारी में खिले बन खिलौना।

फूल यह भी अद्भुत कहलाता,

देख सूरज को खिलखिलाता।

उत्तर :- सूरजमुखी

जिसके आँगन में जीवन संभव,
जिसको नील ग्रह सब माने।

जो सूरज के आगे-पीछे घूमें,

नाम बताओ तो हम माने।

उत्तर :- पृथ्वी

जंगल में हो या पिंजरे में,
रौब सदा दिखलाता मैं,

मासाहारी भोजन मेरा,

वनराजा कहलाता मैं।

उत्तर :- शेर

छू जाने से ही यह शारमाए,
देख रूप अपना ही इतराएं।

छोटा फूल बड़ा शर्मिला यही,

फूल बताओ ये क्या कहलाए।

उत्तर :- छुई-मुई

ऐसी क्या चीज़ है,
जो सिर्फ बोलने से ही

टूट जाती है?

उत्तर :- खामोशी

कश्मीर का फल है यह न्यारा,
हिमाचल में सभी का यह प्यारा।

हरा-लाल रंग इसका अनोखा,

लौह खनिज का अनुपम भंडारा।

उत्तर :- सेब

एक महान आदर्श शिक्षक रहे,
कुलीन व्यक्तित्व असीम-अशेष।

हर वर्ष पाँच सितंबर को,

जिनकी जयंती मनाता देश।

उत्तर :- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

पीले रंग से गहरा नाता,
मेरी रंगत सबको भाती

घरती ओढ़ती मेरी चुनरी,

वसंत ऋतु में आती।

उत्तर :- सरसों

कांटों के संग पलता हूं,
फिर भी सदा मुस्कुराता।

कई रंगों में पाया जाता,

बच्चों-बड़ों सभी को भाता।

उत्तर :- गुलाब

फूल-पत्तियों और फलों से
है गुणकारी काया।

थककर राहगीर जब आते,

पाते ठंडी छाया।

उत्तर :- पेड़

चार अक्षर से बनकर मैं तो,
आया सबके हाथ में।

बात करो या गाने सुनो,

रखना अपने साथ में।

उत्तर :- मोबाइल

मैं हूं एक ऐसा तारा,
घूप सभी को देता हूं।

सभी ग्रहों का मुखिया हूं मैं,

तुमसे कुछ न लेता हूँ।

उत्तर :- सूरज

बच्चों का मैं प्यारा मामा
दुग्ध धवल-सी मेरी काया,

घटता बढ़ता रहता हूँ में,

रूप सलोना मैने पाया।

उत्तर :- चंद्रमा

जय जवान जय किसान,
किसका था नारा?

कौन था वह ईमानदार,

देश का दुलारा?

उत्तर :- लाल बहादुर शास्त्री

मैं हूं एक अजब अचंभा,
पैर है जैसे कोई खमा,

थुलथुल काया, बड़े है कान

सूंड मेरी है पहचान।

उत्तर :- हाथी

अलग-अलग पर एक ही नाम,
रूप एक सा एक ही काम।

कुछ ना बोले लेकिन सुनते संग

हम दोनों के बीच सुरंग।

उत्तर :- कान

हरा मकान, सफेद समान,
वहाँ से निकले काला मसान,

बताओ मैं क्या हूं।

उत्तर :- सीताफल

बारह कदम चलकर रुक जाती
फिर कोई दूसरी आती

ये क्रम सदा बना रहता है

उसको मनुज क्या कहता है।

उत्तर :- साल (वर्ष)

तीन पैर का होता है वो
रहता अपने घर के अंदर

स्वागत करता सबसे पहले

गर्मी का जो है सिकंदर।

उत्तर :- पंखा

सालों साल चलता रहता हूँ,
नहीं बढ़ता पर इंच अगाड़ी।

रहता मैं कमरों के अंदर,

मुझ बिन ना चलती दुनिया की गाड़ी।

उत्तर :- कैलेण्डर

एक चले चीता की चाल,
दूजा घोड़ा होय।

तीसरा चले हाथी की चाल,

फिर भी सामना होय।

उत्तर :- घड़ी

घास खाऊँ हरी-हरी,
कान मेरे खड़े-खड़े।

नाम बताओ मेरा तुम,

और बनो होशियार बड़े।

उत्तर :- खरगोश

राष्ट्रीय एकता के माने में,
रह न सका जो मौन।

आजीवन सरदार रहा,

वह पुरुष था कौन?

उत्तर :- सरदार वल्लभ भाई पटेल

पत्थर पर पत्थर,
पत्थर पर पैसा।

बिन पानी के घर बनाए,

वह कारीगर कैसा?

उत्तर – मकड़ी

एक चीज़ का सस्ता रेट
लम्बी गर्दन, मोटा पेट,

पहले अपना पेट भरें,

फिर स बकी प्यास बुझाये।

उत्तर :- सुराही

बचपन हरा, बुढ़ापा लाल,
जो भी खाए हो बेहाल।

उत्तर – मिर्च

एक किले के दो ही द्वार,
जिसके सैनिक लकड़ीदार।

दिवार से टकरा गये,

तो खत्म उनकी कहानी।

उत्तर :- माचिस

हरा घेरा पीला मकान,
इसमें रहता काला इंसान।

उत्तर – पपीता

धूप से वह पैदा होवे,
छांव देख देख मुरझाये।

ऐरे सखी मैं तुझसे पूछूं,

हवा लगे तो मर जाये।

उत्तर – पसीना

वह कौन सी चीज़ हैं जो
एक जगह से दूसरे जगह जाती हैं,

पर अपनी जगह से हिलती नहीं।

उत्तर :- सड़क

एक कहानी मैं कहूं,
तू सुन ले मेरे पूत।

बिना परों के वह उड़ गया,

बांध गले में सूत।

उत्तर – पतंग

सुबह सुबह सबके घर जाताा,
कदम कदम हरि के गुण गाता।

पाता कुछ बहुत दे जाता,

पहेली का है किससे नाता।

उत्तर :- भिखारी

तरुवर में शान इनकी,
सकल अंग कड़वापन।

जड़ से होती औषधि,

बताओ तो बेटा चुन्नू।

उत्तर :- नीम का पेड़

वह क्या है,
जिसमें चार उंगलियां और

एक अंगूठा है,

पर उसमे जान नहीं है?

उत्तर :- दस्ताना

वह क्या है,
जिसमें बहुत सारे छेद हैं,

पर उसमें पानी रुका रहता है?

उत्तर :- स्पंज

तीन नदियों का मेल निराला,
उससे निकली न्यारी धारा,

उस धारा का नाम बताओ,

तभी बच्चों टॉफी पाओ।

उत्तर :- संगम

ऐसी कौन-सी चीज है,
जो फ्रिज में रखने के बाद भी

गरम ही रहती है?

उत्तर :- गरम मसाला

बिन पंखों के उड़ जाऊं मैं,
बच्चों को ललचाऊं।

नुकीली चीजें न भाएं,

दूर खड़ा मुस्काऊ।

उत्तर :- गुब्बारा

500 + मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित 2023 – Majedar Paheliyan In Hindi With Answer

तीन अक्षरों का मेरा नाम,
प्रथम कटे तो मैं हाथी।

मध्य कटे तो बनें काम,

अंत कटे तो मैं कौआ साथी।

उत्तर :- कागज

चासनी में डूबा रहता
किये बगैर मैं हल्ला,

बंगाल की हूँ एक मिठाई,

कहते मुझको

उत्तर :- रसगुल्ला

दृढ़ निश्चय, उर्वर साहस की,
वह कौन थी भवानी ?

मनु कहो या लक्ष्मी,

जिसकी हर युग कह रहा कहानी।

उत्तर – झांसी की रानी लक्ष्मीबाई

एक रासायनिक गैस जिसे,
सूंघने पर हँसी आती।

नाम इसका बतालाये जो,

होशियार बच्चा कहलाये वो।

उत्तर :- नाइट्रस आक्साइड

सात रंग में हूं मै सिमटी,
बारिश में अक्सर मै दिखती।

उत्तर :- इन्द्रधनुष

मुखिया हूँ मैं सभी ग्रहों का,
मुझको कहते हैं इक तारा.

मुझसे ही जीवन संम्भव है

करता हूँ रोशन जग सारा।

उत्तर :- सूरज

काले कपड़े कड़वी बोली
लेकिन चतुर कहलाता हूं।

पाल पराए बच्चों को में,

मूर्ख भी बन जाता हूं।

उत्तर :- कौआ

पेन नहीं-कागज नही,
पढ़ने लिखने में आता काम।

बुद्धिमान कहलाएगा वो,

जो बूझेगा मेरा नाम।

उत्तर :- चश्मा

मारे फिर भी आदर पाता,
पुलिस नहीं फिर क्या कहलाता।

उत्तर :- टीचर

लोहे के डिब्बे,
डिब्बों में सवारी।

लोहे के पथ पर,

दौड़े दुनिया सारी।

उत्तर :- रेलगाड़ी

भूरे रंग के वस्त्र पहनती,
खाने में आती मैं काम।

प्रोटीन का मुझमें भंडार,

हूं गरीब का मैं बादाम।

उत्तर :- मुंगफली

रंग नहीं है रूप नहीं है,
किंतु अनेक नाम।

जीवन मेरे बिना असंभव है

बच्चों बताओ मेरा नाम।

उत्तर :- पानी

हरा-नीला रंग है मेरा,
मुझ पर सब है रहते।

मेरे आंगन में है जीवन

मुझको क्या है कहते?

उत्तर :- पृथ्वी

गोलु से 100 रूपए के छुट्टे मांगे गए
और शर्त यह रखी गई कि

उनमें कोई भी ₹10 का नोट ना हो

लेकिन कुल 10 नोट होने चाहिए।

तो बताओ गोलु ने रुपये कैसे दिए होंगे?

उत्तर :- 50+20+5+5+5+5+5+2+2+1 रूपए के नोट

लंबाई है मेरी शान
मीठे रस की मै हूँ खान

दांतों की कसरत करवाता

मेरा नाम क्या तुम्हें है आता।

उत्तर :- गन्ना

बीसों का सर काट लिया,
ना मारा, ना खून किया।

जिसने इस पहेली को ध्यान दिया,

उसने उत्तर पहचान लिया।

उत्तर :- नाखून

एक ऐसा जीव धरती पर,
होता रस्सीनुमा बदन।

कान जिसके होते ही नहीं,

सर पर बनता फन।

उत्तर :- साँप

तीन भुजा इतराती आईं
जुड़कर बच्चों क्या कहलाई?

तीन कोण भी बच्चों उसमें,

तीन शीर्ष है उस आकृति में।

उत्तर :- त्रिभुज

हमको यह देता है ज्ञान,
इसको पढ़कर, हम बने महान।

बच्चे, बूढ़े, सब हैं पढ़ते,

बताओ-बताओ इसका नाम।

उत्तर :- पुस्तक

सर्दी आए मुझको पाओ,
जुकाम सब दूर भगाओ।

अंग्रेजों की खोज निराली,

चुस्ती-फुर्ती देने वाली।

उत्तर :- चाय

पीकर पानी पेट भर,
फेफड़े कर लूं तर।

मुंह से फिर फेंकू हवा,

ठंडा हो जाए घर।।

उत्तर :- कूलर

जून माह का तारीख एक,
प्रथम सप्ताह में रहता।

पर्यावरण सुरक्षा की बात,

हर कोई जरूर कहता।

उत्तर :- 5 जून

50 मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित – Majedar Paheliyan In Hindi With Answer

सबसे बड़ा मरुस्थल जग का,
आखिर में फिर भी हार।

बीच कटा तो सरा हो गया,

नाम बताओ जरा।

उत्तर :- सहारा

मत सोओं अब प्यारे बच्चों,
रोज जगाने आता।

सिर पर मेरे कलगी होती,

बोलो क्या कहलाता।

उत्तर :- मुर्गा

हर पल जो मुस्काए
सदा सबके मन को भाए।

जो कांटो के संग जीवन बिताए,

बतलाओ वो क्या कहलाए?

उत्तर :- गुलाब का फूल

सारी दुनिया में दिखता हूं,
धरती पे न रखता पैर।

दिन में सोता रात में जगता,

रात अंधेरी मेरे बगैर।

उत्तर :- चांद

काला मुह, लाल शरीर,
चिट्टी-पत्र को वो खाता।

रोज शाम को पेट खोलकर,

कोई उन्हें ले जाता।

उत्तर :- लेटर बॉक्स

जल से भरा एक मटका,
जो है सबसे ऊंचा लटका।

पी लो पानी है मीठा,

जरा नहीं है खट्टा।

उत्तर :- नारियल

लिखा बहुत कुछ मेरे अंदर,
भरा हुआ है ज्ञान समंदर।

अलग रूप में अलग है ज्ञान

पढ़ लिख कर सब बने महान।

उत्तर :- पुस्तक

बीमार नहीं रहती मैं,
फिर भी खाती हूं गोली।

बच्चे-बूढ़े सब डर जाते,

सुनकर मेरी बोली।

उत्तर :- बंदूक

एक महल में है,
एक प्रमुख द्वार।

जहाँ बैठी इक महारानी,

और बत्तीस पहरेदार।

उत्तर :- मुंह, जीभ और दाँत

गोल है पर गेंद नहीं,
पूँछ है पर पशु नहीं।

पूंछ पकड़कर खेलें बच्चे,

फिर भी मेरे आंसू न निकलते।

उत्तर :- गुब्बारा

सिर के नीचे दबा रहे,
पर चूं कभी न करता,

बच्चों बताओ नाम उसका

तुम्हारे संग ही है सोता।

उत्तर :- तकिया

कद के छोटे,
करम के हीन,

बीन बजाने के शौकीन,

बताओ कौन?

उत्तर :- मच्छर

बिना पैर के दौड़ लगाऊं,
टेढ़ी मेढ़ी चाल।

पानी से मैं प्यास बुझाऊं,

भागू देख के जाल।

उत्तर :- मछली

पुरुषों के है सिर पर सजती
हर रंग में हैं ये मिलती

सिक्खों का तो है यह मान

बोलो बच्चो इसका नाम।

उत्तर :- पगड़ी

ऐसी कौन सी चीज है,
जिसे जितना खींचो वो उतना ही

छोटी होती है।

उत्तर :- सिगरेट/बीड़ी

नाना ने नानी से,
बुझी एक पहेली।

सुबह आती शाम को जाती,

दुल्हन नई नवेली।

उत्तर :- सूरज

सफेद तन हरी पूंछ,
न बुझे तो नानी से पूछ।

उत्तर :- मूली

हरा हूँ पर पत्ता नही
नकलची हूँ पर बंदर नही

बूझो मेरा नाम सही।

उत्तर :- तोता

जंगल में रहता पर,
घास- फूंस न खाता।

जंगल की है शान,

राजा वो कहलाता।

उत्तर :- शेर

दुध का पोता,
दही का बच्चा।

सब पीते हैं उसे कच्चा।

उत्तर :- लस्सी

जलते दीपक उसको पाकर,
बुझने-बुझने लगते।

किंतु कोयले जलते-जलते,

उसको उगला करते।

हम सब भी निज निश्वासों से,

उसे छोड़ते रहते।

किंतु पेड़ उसको अपनाते,

कहो उसे क्या कहते ?

उत्तर :- कार्बन डाइऑक्साइड

दूर की वस्तु का दर्शन
विज्ञान का एक चमत्कार

बता रानी ! क्या है

जे एल बेयर्ड का अविष्कार ?

उत्तर ‌:- दूरदर्शन (टेलीविजन)

एक गुफा के दो रखवाले,
दोनों लंबे, दोनों काले,

बताओ क्या ?

उत्तर :- मूंछें

अगर नाक पर चढ़ जाऊं,
कान पकड़कर तुम्हें पढ़ाऊं,

अक्षर साफ तुम्हें दिखलाऊं।

उत्तर :- चश्मा

40 मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित – Hindi Paheliyan With Answer

ऐसा एक अजब खजाना,
जिसका मालिक बड़ा सयाना।

दोनों हाथों उसे लुटाए,

फिर भी दौलत बढ़ती जाए।

उत्तर :- विद्या

मैं, लिखने के आती काम,
सिखलाती मैं लिखना नाम।

अगर कभी गलती हो जाती,

मेरी साथी उसे मिटाती।

उत्तर :- पेंसिल

सबके घर में यह जाए
तीन अक्षर का नाम बताए।

शुरू के दो अति हो जाए

अंतिम दो से तिथि बन जाए।

उत्तर :- अतिथि

मध्य कटे तो बाण बने,
आदि कटे तो गीला।

तीनों अक्षर साथ रहें,

तो पक्षी बने रंगीला।

उत्तर :- तीतर

शिव की जटाओं से निकली,
भागीरथ की बेटी हूँ,

मैया कहकर मुझे पुकारें,

सबकी प्यास बुझाती हूँ।

उत्तर :- गंगा नदी

बिन पंख के उड़े आकाश,
लंबी पूंछ हमारे हाथ।

उत्तर :- पतंग

दो अक्षर का मेरा नाम,
मेरे बिन न चलता काम।

रंगहीन हूँ स्वादहीन हूँ,

हरदम आता हूँ मैं काम।

उत्तर :- पानी

एक थाल उल्टा है पड़ा,
चमकते मोतियों से है जड़ा।

उत्तर :- आसमान

बूझो भइया एक पहेली,
जब काटो तो नई नवेली।

उत्तर :- पेन्सिल

चार खम्भो पर चलता है,
हरे भरे पर पलता हैं।

बडे पात से उसके कान,

दूर से कोई ले पहचान।

उत्तर :- हाथी

लाल गाय लकड़ी खाय,
पानी पीके मर जाय।

उत्तर :- आग

छोटे बडे सभी को भाये
बुझ सके तो बूझ

गोल मटोल रंग हैं पीला

पेट मे दाढी मुंछ।

उत्तर :- आम

मै हरी मेरे बच्चे काले,
मुझे छोड़ मेरे बच्चे को खाले।

उत्तर :- इलायची

तीन अक्षर का मेरा नाम,
उल्टा सीधा एक समान।

उत्तर :- जहाज

ऊँट की बैठक,
हिरन सी तेज चाल।

वो कौन सा जानवर

जिसके पूँछ न बाल।

उत्तर :- मेंढक

भक्त उन्हें पूजते हैं,
पर वे कोई भगवान नहीं।

एक कुशल खिलाड़ी तो हैं ही,

इसमें कोई हैरान नहीं।

उत्तर :- भारतरत्न सचिन तेंदुलकर

अड़ी हूं पर पड़ी हूं,

दूर तक चली

मंजिल तक तुम्हें पहुंचाने,

धरा पर बनी हूं।
उत्तर :- सड़क

न कोई छोटी न कोई बड़ी,
सात सहेलियों की टोली

मिलकर रहते सारे,

जैसे दामन और चोली।

उत्तर :- सप्ताह के दिन

फल के अन्दर बिस्तर अपना,

छिपे -छिपे हम सोए रहते।

मिट्टी में मिलकर हम उग आते,

बताओ हम क्या हैं?
उत्तर :- बीज।

ज्ञानवर्धक बाल पहेलियाँ बूझो तो जानें – Majedar Paheliyan With Answer

1.समझदार और ज्ञानी हूँ,

पूरे जग में सानी हूँ।

‘टर’ अक्षर अंतिम हैं मेरे,

घर, ऑफिस में मेरे डेरे।

उत्तर :- कम्प्यूटर

काशी में मैं रहूं अकेला,
कलकत्ता में दो-दो।

दिल्ली में नहीं पाओगे तुम,

कानपुर में खोजो।

उत्तर :- ‘क’ अक्षर

तीन अक्षर का मेरा नाम,
गरमी देना मेरा काम।

प्रथम कटे तो घूल कहलाऊं,

अंत कटे तो सूर कहलाऊं।

उत्तर :- सूरज

एक थाल मोतियों से भरा,
सबके सिर पर औंधा धरा।

चारों ओर वह थाली फिरे,

मोती उससे एक न गिरे।

उत्तर :- आसमान

एक डिब्बे में बत्तीस दाने,
बूझने वाले बड़े सयाने।

उत्तर :- दांत

नये जमाने का बच्चा हूँ,
पर कान का कच्चा हूँ।

तुम जो कहते इस पार,

पहुँचा देता हूँ उस पार।

उत्तर :- टेलिफोन

उल्टा-सीधा एक समान?
तीन अक्षर का मेरा नाम।

मुझसे सुन्दर दिखे जहान,

जरा बताओ मेरा नाम?

उत्तर :- नयन

दिखने में वह काला है,
और जलने पर लाल।

फेंकने पर है वह सफेद,

खोलो बच्चों उसका भेद।

उत्तर :- कोयला

सोने की वह चीज है,
पर बेचे नहीं सुनार।

मोल तो ज्यादा है नही,

बहुत है उसका भार।।

उत्तर :- चारपाई

बिन तेल के जलता है,
पैर बिना वो चलता है।

उजियारे को बिखेर कर,

अंधियारे को दूर करता है।

उत्तर :- सूरज

हुगली नदी पर बना,
ऐसा है इक सेतु,

चार खंभों पर टिका हुआ

लोगों को पार कराने हेतु।

उत्तर :- हावड़ा ब्रिज

कहे लोमड़ी लगते दूर
फल है कौन बताओ हुजूर।

उत्तर :- अंगूर

कौन कुंवारा आजीवन था
किसे प्रकृति से था प्यार।

किसका साहित्य छायावाद पर

नाम बताओ, सोच-विचार।

उत्तर :- सुमित्रानंदन पंत

पंछी जैसे उड़ता जाए
ये बादल से हाथ मिलाए,

बाते करता तेज हवा से

सात समुंदर पार कराए।

उत्तर :- हवाई जहाज

पारिवारिक व राष्ट्र-भावना
किसके साहित्य में दृश्यमान

राजनीति में रही सक्रिय

ओज-वीर उसकी पहचान।

उत्तर :- सुभद्रा कुमारी चौहान

प्यास बुझाए जो सदा,
हर दम आता काम।

जिसके बिन सब सून है,

जीवन होय तमाम।।

उत्तर :- पानी

उस राजा की अनोखी रानी,
दुम के रास्ते पीती पानी।

उत्तर : – दीया की बत्ती

नाक को पकड़कर,
खींचता है कान,

कोई इसे कुछ न कहता

बताओ उसका नाम।

उत्तर :- चश्मा

मेरे नाम के दो हैं मतलब,
दोनों के है अर्थ निराले।

एक अर्थ में सब्जी हूँ मैं,

एक अर्थ में पालने वाले।।

उत्तर :- पालक

आप कभी वह कुछ न खाए,
लेकिन सबको खूब खिलाए।

उत्तर :- चम्मच

चलती है पटरी पर दौड़
गांव शहर को देती जोड़,

छुकछुक है इसकी पहचान

मुनिया क्यों बनती अनजान।

उत्तर :- रेल

काला हूँ मतवाला हूं,
और मधुर रस वाला हूँ।

तीन वर्ण का नाम बना,

मध्य हटा तो जान बना।

उत्तर :- जामुन

बिना पैसों के जीवन देती,
बदले में कुछ भी ना लेती

उसके बिना प्राण मुश्किल जानो,

जल्दी से मुझको पहचानो।

उत्तर :- हवा

रंग-रंगीला रूप है जिसका,
फूलों पर मंडराती।

पंख हिलाती प्यार बांटती,

सब का मन बहलाती॥

उत्तर :- तितली

जल से भरा एक मटका,
देखो कितना ऊंचा है लटका,

पानी पी लो, यह है मीठा,

लगे नहीं जरा भी खट्टा।

उत्तर :- नारियल

30 मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित – Hindi Paheliyan With Answer

पंख नहीं है मेरे बच्चों
ठुमुक-ठुमुक उड़ती नभ में।

रंग अनेक मेरे होते

खुशिया भरती सब में।

उत्तर :- पतंग

तीन अक्षर का मेरा नाम,
हर त्योहार में मुझको खाओ।

प्रथम अक्षर “म”है मेरा,

झटपट मेरा नाम बताओं।

उत्तर :- मिठाई

जनम के बाद आता हूँ।
मरने के पहले जाता हूँ।

क्रोध में रगड़ा जाता हूँ।

भोजन खूब चबाता हूँ।

उत्तर :- दाँत

शुरू कटे तो पानी कहलाऊँ,
आखिर कटे तो काज।

बीच अगर काटोगे मेरा,

बन जाऊँ मैं यमराज।।

उत्तर :- काजल

दिन में सोये,
रात में रोये,

जितना रोये,

उतना खोये।

उत्तर :- मोमबत्ती

हरा डिब्बा पीला मकान,
उसमें बैठे कल्लू राम।

उत्तर :- पपीता

पेट में से निकाली,
कमर में से मारी।

क्षण भर में,

फैली है उजियारी।।

उत्तर :- माचिस

सर्दी की रात में नभ से उतरू,
लोग कहते हैं मुझे मोती।

सूर्य का प्रकाश देखते ही,

मैं गायब हो जाती।

उत्तर :- ओस

उड़ना मुझको भाता है,
दूर गगन से नाता है

बिना हवा के उड़ ना पाता,

मुन्ना मुझको पाकर मुस्काता।

उत्तर :- पतंग

बीच कटूं तो बनूं समय,
पीछे कटूं तो काम।

आँखों में शोभा पाती,

बोलो तो मैं क्या कहलाती?

उत्तर :- काजल

कौन रत्न वो देश का,
कहलाता है बोस।

‘जय हिन्द’ का दे गया,

हम को जो उद्घोष?

उत्तर :- सुभाषचन्द्र बोस

लोहा खींचू ऐसी ताकत है,
पर रबड़ मुझे हराता है।

खोई सूई मैं पा लेता हूँ,

मेरा खेल निराला है।

उत्तर :- चुंबक

बावन सेकंड में गाया जाऊं,
बोलो बच्चो क्या कहलाऊं।

गुरुदेव टेगोर की रचना न्यारी,

गाने में लगती है प्यारी ।

उत्तर :- राष्ट्र गान

फूल-फूल मंडराती हूँ,
तनिक बात उड़ जाती हूँ।

रंग-बिरंगी पंखों वाली,

मैं तो रानी बड़ी सयानी।

उत्तर :- तितली

एक विचित्र ऐसी चीज,
उजली जमीन काला बीज।

जो मनुष्य इससे करते प्यार,

वे बन जाते हैं होशियार।

उत्तर :- पुस्तक

जैसे को तैसा-बताए.
नहीं तनिक भी वह छिपाए।

यदि गिर जाए जमीन पर,

चूर-चूर हो जाए।

उत्तर :- दर्पण

वीटी मेरा उल्टा नाम
बना चहेता हर घर आम।

उत्तर :- टीवी

पानी का एक बड़ा जखीरा,
होता ये गरमी का हीरा,

शीतलता का स्रोत कहाता,

पेट में इसके मीठा शीरा।

उत्तर :- तरबूज

मेरे बिन संसार में,
मानव ठोकर खाता।

जिस मानव के पास में हूं,

चैन करता हूं दिन-रात।

उत्तर :- बुद्धि

छोटे ताल में मछली एक,
बिन उसके तू कुछ न देख ।

जब मछली गुस्से में आए,

ताल का सारा जल पी जाए।

उत्तर :- दीया

एडिसन ने किया खोज
घर-घर दिखता रोज

रोशनी नित फैलाता है,

अंधेरा दूर भगाता है।

उत्तर :- बिजली का बल्ब

लाल डिबिया में हैं,
पीले खाने,

खानों में मोती के दाने।

उत्तर :- अनार

तीन अक्षर का मेरा नाम
प्रथम कटे तो पानी बन जाये,

अंत कटे तो हाथी

बताओ मेरा नाम।

उत्तर :- गजल

बड़े जीव उसमें
घुस सकते हैं,

लेकिन छोटे जीव नहीं।

उत्तर :- बैंगन

टर्र-टर्र की आवाज निराली,
पैरों में हल्की सी जाली

जल-थल में निवास है मेरा,

निकलू बाहर जब हो अंधेरा।

उत्तर :- मेंढ़क

फूल भी हूँ,
फल भी हूँ और हूँ मिठाई,

तो बताओ क्या हूँ मैं भाई।

उत्तर :- गुलाबजामुन

उछल-कूद मैं करता हूँ,
कुतर- कुतर सब खाता हूँ।

बिल्ली मौसी से डरता हूँ,

मैं बिल के अंदर रहता हूँ।

उत्तर :- चूहा

ऐसा त्योहार अनोखा बच्चों,
जग रोशन कर देता।

चहुंदिश चलती फुलझड़ियाँ,

तुम से कुछ न लेता।

उत्तर :- दीपावली

करता नकल व्यक्ति की,
मैं शाखामृग हूँ कहलाता।

पूछो अदरक का जायका अगर,

तो मैं बता नहीं पाता।।

उत्तर :- बंदर

श्वेत तरल द्रव्य,
सादगी की पहचान।

स्वाद होता मीठा,

करें सब रसपान।

उत्तर :- दूध

20 मजेदार पहेलियाँ – Hindi Paheliyan With Answer

सोने-चांदी कि नहीं
उसे तनिक परवाह ।

उसके तन मन में बसी,

बस लोहे की चाह।।

वह लोहे को खींचती,

लाती अपने पास।

बोलो किसके वंश का,

कुतुबनुमा में वास?

उत्तर :- चुंबक

गोल-गोल मुख मेरा होता,
लेकिन मेरे दो-दो हाथ।

नाम बताओ बच्चों मेरा

समय के चलती में तो साथ।

उत्तर :- घड़ी

3.धन-दौलत से बड़ी है यह,

सब चीजों से ऊपर है यह।

जो पाए पंडित बन जाए,

बिन पाए मूर्ख रह जाए।

उत्तर :- विद्या

लकड़ी का एक तख्ता चौकोर
जिसमें खेल होता है इनडोर

खेल सकते हैं चार खिलाड़ी

पंकज नमन कमल किशोर

उत्तर :- कैरमबोर्ड का खेल

महापुरुषों की धरोहर
है देश की शान

तीन रंगों में लहराता

राष्ट्र की पहचान

उत्तर :- तिरंगा झण्डा

चार पैरों पर खड़ी हूँ रहती,
हर घर में मैं पड़ी हूँ रहती,

रोगी-निरोगी को आराम कराती,

बोलो बच्चों क्या कहलाती?

उत्तर :- चारपाई

ऊँचा-ऊँचा जो उड़े,
न बादल न चील।

कभी डोर उसकी खींचे,

कभी पेंच में ढील।

उत्तर :- पतंग

चार अक्षर का मेरा नाम,
टिमटिम तारे बनाना काम।

शादी, उत्सव या त्योहार,

सब जलाएँ बार-बार।

उत्तर :- फुलझड़ी

जल से भरा एक मटका,
जो है सबसे ऊँच लटका।

पी लो पानी है मीठा,

ज़रा नहीं है खट्टा।

उत्तर :- नारियल

कई रंगों में परिधान मेरा
मैं कलगी से सर सजाऊँ

बादल गरजे पानी बरसे,

मैं परिन्दा नाचूँ-गाऊँ ।

उत्तर :- मोर

जादू के डंडे को देखो
कुछ पिए न खाए।

नाक दबा दो तुरंत

रोशनी चारों ओर फैलाए।

उत्तर :- टार्चं

मैं हूं टमटम बिना तेल की
दो पहिए से चलती हूं।

लोहे की मैं बनी हुई हूं

खूब सवारी करती हूँ।

उत्तर :- साइकिल

धूम धड़ाका खूब करूँ मैं,
तीन अक्षर का मेरा नाम ।

अंतिम अक्षर ‘ख’है मेरा,

नाम बताओ भोलूराम।

उत्तर :- पटाखा

गोल-गोल मुख मेरा होता,
लेकिन मेरे दो-दो हाथ।

नाम बताओ बच्चों मेरा

समय के चलती में तो साथ।

उत्तर :- घड़ी

जल से भरा एक मटका,
जो है सबसे ऊँच लटका।

पी लो पानी है मीठा,

ज़रा नहीं है खट्टा।

उत्तर :- नारियल

कई रंगों में परिधान मेरा
मैं कलगी से सर सजाऊँ

बादल गरजे पानी बरसे,

मैं परिन्दा नाचूँ-गाऊँ ।

उत्तर :- मोर

जादू के डंडे को देखो
कुछ पिए न खाए।

नाक दबा दो तुरंत

रोशनी चारों ओर फैलाए।

उत्तर :- टार्चं

मैं हूं टमटम बिना तेल की
दो पहिए से चलती हूं।

लोहे की मैं बनी हुई हूं

खूब सवारी करती हूँ।

उत्तर :- साइकिल

धूम धड़ाका खूब करूँ मैं,
तीन अक्षर का मेरा नाम ।

अंतिम अक्षर ‘ख’है मेरा,

नाम बताओ भोलूराम।

उत्तर :- पटाखा

50 मजेदार पहेलियां उत्तर सहित – 50 Majedar Paheliyan With Answer

अगर कहीं मुझको पा जाता,
बड़े प्रेम से तोता खाता।

बच्चे, बूढ़े अगर खा जाते,

व्याकुल हो आंखें भर लाते।

उत्तर :- मिर्च

एक काँच की लड़की,
पारा पीकर रहती।

गर्मी में वह चढ़ती,

शीतलता में वह गिरती।।

है पास्कल की पुत्री

प्रेमी डॉक्टरों की।

कहो कौन, जो रखती

खोज खबर गर्मी की ?

उत्तर :- थर्मामीटर

एक अनोखा डिब्बा वो.
जो बोले और दिखाए।

करे मनोरंजन सबका,

हर घर में पाया जाए।

उत्तर :- टीवी

पैर नहीं पर चलती हूं,
कभी ना राह बदलती हूं।

नाप-नाप कर चलती हूं,

तो फिर भी घर में चलती हूं।

उत्तर :- घड़ी

खिड़की में बैठा रहता हूं,
पानी पीकर जीता।

घास लगी है मेरे अंदर

उसको तर कर देता।

हवा मेरी है सबसे व्यारी,

नाम बताओ गुड़िया प्यारी।

उत्तर :- कूलर

दो सुंदर लड़के,
दोनों एक रंग के,

एक बिछड़ जाये तो

दूसरा काम न आए।

उत्तर :- जूते

ऐसी कौन-सी चीज है
जिसे लोग खाते हैं,

पीते हैं और जलाते भी हैं?

उत्तर :- नारियल

हरी-हरी पोशाक हमारी
हरा- भरा है, सबका रूप

पौधों को भोजन हम देते

जब भी मिलती हमको धूप

उत्तर :- पत्ती

एक फूलवारी ऐसी,
जिसमें पत्ता न डाली

दिन में छिपे, रात में निकले,

करे न कोई रखवाली

उत्तर :- चांदनी

हरा ताज वह पहने आई,
फिरती फूली-फूली।

गोरा रंग है उसका,

बताओ नाम बड़ी मामूली।

उत्तर :- मूली

रंग-बिरंगी ठंडी-ठंडी,
फ्रिज में जमा रहती।

बर्फ जमा है साथ मेरे,

गर्मी में राहत देती।।

उत्तर :- आइसक्रीम

देखने में हूँ गाठ-गठीला,
खाने में हूँ खूब रसीला।

उत्तर :- गन्ना

झुके तो भारी उठे तो हल्का
एक वस्तु के दो हैं पांव

गली गली और शहर शहर

जो मिलती है गाँव गाँव

उत्तर – तराजू

छायावादी किसका साहित्य
किसने तोड़ा छन्द विधान

दीन-हीन दलितों को किसने

अपना कर दिया सम्मान?

उत्तर :- सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’

नाक में रखी चीज,
दोनों कान में लटके.

जमीन पर गिरकर,

आँखों के सामने चटके.

उत्तर :- चश्मा

पगड़ी ओढ़े पगड़ी छोड़े,
कैसा मुर्दा आया।

पड़ा धरा पर नाच दिखाए,

अजब है इसकी काया।

उत्तर :- लट्टू

लाल हूँ, खाती हूँ,
मैं सूखी घास।

पानी पीकर मर जाऊँ,

जल जाए जो आए मेरे पास।

उत्तर :- आग

रंग-बिरंगा रूप हमारा
तितली को लगता है प्यारा

भौरे हम पर गुंजन करते

खुशबू फैलाना काम हमारा

उत्तर :- फूल

चिल्लाता है बड़े जोर से,
आनंद आता पर शोर से।

खाली-खाली लगता अंदर,

नाम बताओ जरा गौर से।

उत्तर :- ढोल

शक्तिवान संसार में,
करूं मनुज के काम।

पानी पीते ही तुरंत,

जाऊ मैं सुरधाम।

उत्तर :- अग्नि

हमको जगह-जगह घुमाती,
लौहपथ पर चलती जाती।

सामने जो आ जाए कोई,

सीटी मार उसे भगाती।

उत्तर :- रेल

खुद कभी वह
कुछ ना खाए।

लेकिन सबको

खूब खिलाए।।

उत्तर :- चम्मच

पौधों को मैं जकड़े रहती,
मिट्टी के अन्दर घर मेरा

लवण और जल पहुंचाती,

बताओ क्या नाम मेरा?

उत्तर :- जड़

सुबह सुबह ही आता हूं.
दुनिया की खबरें लाता हूं।

सबको रहता मेरा इंतजार,

हर कोई करता मुझसे प्यार।।

उत्तर :- अखबार

ऊपर से कुछ हरा-भरा,
अंदर से है भरा-भरा।

छिलके दूर हटा लो जी,

बीज नहीं है खा लो जी।

उत्तर :- केला

चले सुंदर,घूमे फिरे,
तुम बिन चला जाए।

और जो तुम बिन चले,

वो दिन दिए गँवाए।

उत्तर :- घड़ी

बिना सहारे लटक रहे हैं
बिन बिजली के चमक रहे हैं

उत्तर – तारे

खुला-खुला सा मेरा आंगन,
नीली-नीली सी मेरी काया।

सूरज, चांद, सितारे मिलकर,

बदले जग की अनुपम माया।

उत्तर :- आकाश

दो दलों का खेल,
एक दल में खिलाड़ी सात।

उठा-पटक, कर-धकेल,

हाथ चले, चले लात।

उत्तर :- कबड्डी

नहीं चाहिए इंजन मुझको,
नहीं चाहिए खाना।

मुझ पर चढ़कर आसपास का,

कर लो सफर सुहाना।

उत्तर :- साइकिल

कूद-कूदकर मैं चलता हूं,
टर्र टर्र करके बोलूं।

हरे रंग की चादर ओढ़े,

मैं पानी में डोलू।।

उत्तर :- मेंढक

32 शहर का जो नाम है,

प्रसिद्ध वहां का नमकीन।

चार अक्षरों का नाम है,

नगर बड़ा प्राचीन।

उत्तर :- रतलाम

दिन में सोये,
रात में रोये।

जितना रोये,

उतना खोये?

उत्तर :- मोमबत्ती

खाते नहीं चबाते लोग,
काठ में कड़वा रस संयोग।

दांत जीभ की करे सफाई

बोलो बात समझ में आई?

उत्तर :- दातून

पर-पकवान बनाने में,
मेरा उपयोग बड़ा ही हैं।

दो कानों से पकड़ी जाऊं,

बोलों मैं क्या कहलाऊं?

उत्तर :- कड़ाही

36.फल देता है,जल देता है,

देता गहरी सबको छाया।

एक नन्हे बीज से बनती,

हरी-भरी सी इसकी काया।

उत्तर :- पेड़

किस जंतु की आकृति
पैर की चप्पल के,

समान होती है?

उत्तर :- पैरामीशियम

दुनिया का कौन-सा जीव है,
जिसकी पांच आंखें होती हैं?

उत्तर :- मधुमक्खी (दो बड़ी आंखें और

इसके बीच

माथे के ऊपर तीन आंखें)

चार पैर दो मेरे हाथ,
एक कमर है मेरे पास।

हर आदमी की मैं आस,

मेरी गोद बड़ी बिंदास।

उत्तर :- कुर्सी

पैर नहीं हैं उसके लेकिन,
दूर-दूर तक जाता।

कभी हँसाता कभी रुलाता,

लेकिन बोल न पाता।

उत्तर :- पत्र

बचपन तो होता है हरा-भरा,
और बुढ़ापा है पीला।

सारे फलों का राजा है यह,

सचमुच है बड़ा रसीला।।

उत्तर :- आम

है पर्वत से सागर,
तट तक काया।

अनाज और धन,

जन-मन सभी समाया।।

उत्तर :- नदी

वह तेज पुंज, भू उसका
चक्कर सदा लगाये।

कहो कौन चंदा को

चांदी-सा चमकाये ?

उत्तर :- सूर्य

खट्टा – मीठा स्वाद हमारा
रोग नहीं हम होने देते

पोषक तत्व हमारे अन्दर

बताओ हमको क्या कहते

उत्तर :- फल

एक पेड़ का अंग्रेजी नाम,
वह है हथेली मेरी।

खुशी ओमी एकता रानी,

अरे बूझ पहेली मेरी।

उत्तर :- पाम ट्री

चलना है बस मेरा काम
समय बताती आठों धाम।

उत्तर :- घड़ी

पवन सवारी लेकर उडूं,
धरती से आकाश।

जीवों को जीवन देने,

लाऊं मैं प्रकाश।

उत्तर :- वाष्प

उतर हिमालय की गोदी से,
धरती के आंचल में बहती।

पावन नाम सकल जग जाने,

शिव जटाओं में सदा रहती।

उत्तर :- गंगा नदी

मम्मी जी का मीठा गाना।
मुझे जी को लगे सुहाना।

उत्तर :- लोरी

मैं तो हूं हरी-भरी,
पर मेरे बच्चे काले।

मुझको छोड़ कर पगले,

मेरे बच्चे खा ले।

उत्तर :- इलायची

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