Desh Bhakti Poem In Hindi, जोश भर देने वाली देशभक्ति पर कविता Patriotic Poem In Hindi, Desh Bhakti Poetry, Patriotism Poems in Hindi.
देशभक्ति एक उच्च मानसिकता है जो हर भारतीय नागरिक में दृढ़ता से स्थापित होनी चाहिए। देशभक्ति का अर्थ होता है अपने देश के प्रति समर्पण और प्रेम। यह एक ऐसी भावना है जिसमें व्यक्ति अपने देश के लिए सब कुछ करने को तत्पर हो जाता है और उसकी सुरक्षा, उन्नति और गरिमा के लिए समर्पित हो जाता है।
देशभक्ति के लक्षणों में सबसे महत्वपूर्ण लक्षण है निष्ठा और समर्पण। एक सच्चा देशभक्त सदैव अपने देश के हित में कार्य करता है और उसकी रक्षा में अपनी जान देने के लिए तत्पर रहता है। देशभक्ति ने हमारे इतिहास में बहुत सारे महान व्यक्तियों को पैदा किया है जो अपने जीवन को देश की सेवा में समर्पित करने के लिए उदाहरण स्थापित करते हैं।
देशभक्ति का एक और महत्वपूर्ण पहलू है देशप्रेम। देशप्रेम एक ऐसी भावना है जिसमें हम अपने देश के प्रति गहरा प्रेम और सम्मान रखते हैं। हमें गर्व होना चाहिए कि हम भारतवर्ष के निवासी हैं और हमारे देश की महानता, संस्कृति, विरासत और ऐतिहासिकता का सदैव मान रखना चाहिए।
देशभक्ति की एक अन्य महत्वपूर्ण विशेषता है शोषण और अधिकारों की रक्षा करना। एक सच्चा देशभक्त समानता, न्याय और स्वतंत्रता के अधिकार की प्रतिष्ठा करता है और उन्हें हर व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए संघर्ष करता है।
समस्त भारतीय नागरिकों को देशभक्ति की महत्ता को समझना चाहिए और इसे अपने जीवन का अटूट हिस्सा बनाना चाहिए। देशभक्ति न ही केवल एक शब्द है, बल्कि यह हमारे जीवन की एक अहम् भूमिका निभाती है। हमें अपने देश के लिए समर्पित और उदार हृदय के साथ देशभक्ति का आदर्श बनाना चाहिए और अपनी संघर्षों के माध्यम से देश को महान बनाने में योगदान देना चाहिए।
देशभक्ति वह भाव है जो हमें अपने देश के लिए समर्पित और जिम्मेदार बनाता है। एक सच्चा देशभक्त हमेशा अपने देश की सोचता है और सोच के अनुसार कार्रवाई करता है। वह अपने देश के लिए संघर्ष करता है, उसकी विकास और प्रगति के लिए काम करता है और उसके सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक उत्थान में योगदान देता है।
देशभक्ति व्यक्ति को आपातकाल में अपने देश की सेवा करने के लिए तत्पर रखती है। वह अपनी जान की बाजी लगा देता है और सत्य, न्याय और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए संघर्ष करता है। देशभक्ति उस आदमी की पहचान है जो स्वयं को देश से ऊपर नहीं मानता, बल्कि अपने देश की सेवा में अपना समय और योगदान देने के लिए समर्पित होता है।
देशभक्ति एक ऐसी शक्ति है जो लोगों को एकजुट करती है और उन्हें एक साथ काम करने की प्रेरणा प्रदान करती है। यह एक ऐसी भावना है जो हमें एक राष्ट्रभक्ति के साथ जीने की प्रेरणा देती है और हमारी निजी और सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति सच्ची उत्साह उत्पन्न करती है।
इस प्रकार, देशभक्ति हमारे जीवन का अटूट हिस्सा होनी चाहिए। हमें अपने देश की महानता, स्वतंत्रता, एकता और सामरिक भावना को सर्वदा समझना चाहिए और देशभक्ति के माध्यम से उसकी सेवा करने का संकल्प लेना चाहिए। यही हमारी वास्तविक गरिमा है और यही हमें आगे बढ़ने और देश को महान बनाने में सफलता प्रदान करेगी।
देशभक्ति
Desh Bhakti Poem In Hindi
मन में महके इस मिट्टी की खुशबू,
तन में चहके इस धरती का रंग।
मातृ भूमि सेवा समर्पण के लिए,
हर दिल में रहें नयी उमंग।
आँच न आवे अपने वतन पर,
मिलजुल कर जो करें जतन।
आँख उठाये जो देश के दुश्मन,
कर दे हम उन, सबको खत्म।
जिये तो सदा इस अभिमान से,
बेटे हैं हम हिंदुस्तान के।
बेटे का फर्ज हम निभाएंगे,
इस मिट्टी का कर्ज चुकाएंगे।
तन- मन क्या ये जान है अर्पित,
वतन के लिए हम पूर्ण समर्पित।
सौ बार जन्म लूँ,
तेरा ही लाल रहूँ माँ।
हर जन्म में सैनिक बन,
दुश्मन का काल रहूँ माँ।
सागर की लहरों में लहराये,
ऊंचे आसमान में फहराये।
अपनी भारत माता का झन्डा,
शान से फहराये प्यारा तिरंगा।
बापू ने दिया यही नारा,
मातृभूमि हो जान से प्यारा।
कभी नहीं चाहे हम,
लड़ाई, दंगा और क्रांति।
रहे सलामत देश दुनिया,
सत्य, अहिंसा और शान्ति।
-दिनेश कुमार
भारत के लाल हैं हम
Desh Bhakti Poem In Hindi
भारत के लाल हैं हम खेलेंगे जान पे,
पीछे हटेंगें नहीं आँधी और तूफान से।
हाथों में लेके तिरंगा निकलेंगें शान से,
वीर भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु।
हम हैं नेताजी सुभाष से सेनानी,
वतन के वास्ते देंगे अपनी कुर्बानी।
फांसी झूले हम झूला समझकर,
अपनी ऐसी तूफानी है कहानी।
पीछे हटेंगें नहीं कभी भी हम,
किसी भी फांसी के डर से।
झांसी की रानी, इन्दिरा गांधी, किरण बेदी,
मदर टेरेसा, कल्पना चावला हम बनकर।
काम करेंगे हम सब मन से तनकर,
देश की खातिर अर्पण कर देंगें हम सब।
तन मन धन न्योछावर इस पर अपना,
शीश कटा देंगें खामोशी से हम अपना।
भारत माता की आन-बान और शान पे,
भारत के लाल हैं हम खेलेंगे जान पे।
पीछे हटेंगे नहीं आँधी और तूफान से,
हाथों में लेके तिरंगा निकलेंगे शान से।
-अलका शर्मा
माथे का चंदन
Desh Bhakti Poem In Hindi
रज-कण है माथे का चंदन,
ये भूमि है रत्नों की खान।
जन-जन करते माँ का वंदन,
चेहरे पर रखते हैं मुस्कान।
मिलजुल कर बढ़ाना है हमें,
अपनी मातृभूमि का मान।
इसके सम्मान के खातिर,
चाहे चली जाए जान।
आँच न आने देंगे कभी,
बढ़ाएँगे सदा इसकी शान।
निज सुख का त्याग करें,
देश है स्वर्ग से भी महान।
देश सेवा सबसे बड़ा धर्म,
बढ़ती रहे इसकी आन-बान।
विश्व में इसका परचम लहराए,
गाए सभी गौरव गान।
-अनिता चन्द्राकर
चलो हम अपना कर्तव्य निभायें
Desh Bhakti Poem In Hindi
आज चलो हम,
देशभक्ति का पाठ पढ़ायें।
सोए हुए हृदयों में,
स्नेह और करूणा का जल भर आये।
कोई ना लूटे किसी का सुख चैन,
आपस में भाईचारे का,
बांध इतना मजबूत बनाये।
चलो हम अपना कर्तव्य निभाये।
कोई भ्रष्टाचारी ना पैदा हो,
ऐसा बीज नन्हे मुन्नों के मन में रोप आयें।
वसुंधरा की पवित्रता को,
कायम रखने के लिये।
हम अपने नवनिहालो को,
स्वच्छता का अर्थ समझायें।
चलो हम अपना कर्तव्य निभायें,
देश की बाहरी सीमा हो या भीतरी मैदान।
हर जगह देशभक्ति का दीप जलायें,
अपने विद्यार्थियों को,
सेना का त्याग समझायें।
सब बच्चो के मन में ऐसी लहर बहायें,
हर कोई लेकर दौड़े शमशीर।
जब देश पर संकट आये,
चलो हम अपना कर्तव्य निभायें।
-तृप्ति शर्मा
वीर जवान
Desh Bhakti Poem In Hindi
भारत के हम वीर जवान,
आगे कदम बढाएँगे।
आ जाये अगर कोई तुफान,
हम उससे टकराएँगे।
लक्ष्य न ओझल होने देंगे,
सदा कर्तव्य निभाएँगे।
प्राणों को न्यौछावर कर हम,
माँ की लाज बचाएँगे।
सीमा पर तैनात रहेंगे,
बनकर वीर सिपाही हम।
बुरी नजर जिसने डाली,
कर देगे सीना छलनी हम।
मातृभूमि हमको है प्यारी,
शीश नवाती दुनिया सारी।
इस माटी में शौर्य भरा है,
ऐसी पावन हिंद धरा है।
-आशा उमेश पान्डेय
अपना वतन
Desh Bhakti Poem In Hindi
मन में महके मिट्टी की खुशबू,
तन में चहके इस धरती का रंग।
इस मातृभूमि की सेवा के लिए,
हर दिल में रहे नया जोश-उमंग।
रहे सुरक्षित अपना वतन,
मिल-जुलकर हम करें जतन।
आँख उठाए जो देश के दुश्मन,
कर दें हम उन सबको खत्म।
जिएँ सदा इस अभिमान से,
बेटे हैं हम हिंदुस्तान के।
बेटे का फर्ज हम निभाएँगे,
इस मिट्टी का कर्ज चुकाएँगे।
सौ बार जन्म लू में,
तेरा ही लाल कहाऊँ।
हर जन्म सैनिक ही बन,
शत्रु को हर बार हराऊँ।
सागर की लहरों-सा लहराए,
ऊँचे आसमान में फहराए।
अपनी भारत माँ का झंडा,
शान से फहराए तिरंगा।
कभी न चाहा हमने,
लड़ाई, दंगा और अशांति।
रहे सलामत देश-दुनिया में,
सत्य, अहिंसा और शांति।
तन-मन क्या यह जान है अर्पित,
वतन पर हर शान समर्पित।
-दिनेश कुमार
तब मिली आजादी
Desh Bhakti Poem In Hindi
आबाद होने को जब हुई बर्बादी,
देेश को तब मिली आजादी।
दो सौ वर्षो तक,
देश रहा गुलाम।।
छिनी शांति लोगों की,
जीना हुआ हराम।
सन् सतावन ने जब आग लगा दी,
देश को तब मिली आजादी।
माथे से पसीना टपका,
खुन गिरा सीने से।
मौत तो बेहतर है,
घुट-घुट के जीने से।
यह बात जब सबने फैला दी,
देश को, तब मिली आजादी।
कश्मीर से कन्याकुमारी,
बंगाल से राजस्थान।
जंग छिड़ा देश भर,
संकट में पड़ा सम्मान।
बहनों ने जब अपनी मांग मिटा दी,
देश को तब मिली आजादी।
सोने की चिड़ियां को बचाने,
गांधी-तिलक मिट गये।
विजयपथ के माला खातिर,
कई जीवन धागे टूट गये।
इंकलाब का स्वर हुआ उन्मादी,
देश को तब मिली आजादी।
-टीकेश्वर सिन्हा
भारत का ‘तिरंगा प्यारा’
Desh Bhakti Poem In Hindi
सूरज की लालिमा इसमें,
धरती की हरियाली जिसमें,
श्वेत चंद्र की चांदनी पर,
अशोक चक्र की गति लिए,
धर्म चक्र की गति लिए,
ये राष्ट्रीय ध्वज हमारा,
भारत का तिरंगा प्यारा,
भारत का तिरंगा प्यारा।
केसरिया में शक्ति साहस,
सत्य शांति श्वेत रंग में,
पवित्रता उर्वरता धरा की,
वृद्धि विकास है हरे रंग में,
24 तीलियों का धर्म चक्र,
जो सारनाथ से लिया गया,
जीवन है गतिशील निरंतर,
संदेश इसमें है दिया हुआ।
जीवन सरोकार तिरंगा है,
अडिग अभिमान तिरंगा है,
निज स्वाभिमान तिरंगा है,
भारत के प्राण तिरंगा है।
दसों दिशाओं मैं लहराए,
नभ विस्तार तिरंगा है,
राष्ट्रीय ध्वज देश का गौरव,
वतन श्रृंगार तिरंगा है।
भारत मां भी हर्षित होती,
जब नभ में लहराता है,
आजादी के उन्मुक्त गगन में,
हिंद का शीश फहराता है।
राष्ट्र स्वाभिमान तिरंगा है,
अडिग अभिमान तिरंगा है,
शौर्य प्रमाण तिरंगा है,
भारत के प्राण तिरंगा है।
जन-जन भारत के मिलकर,
इसका मान बढ़ाते हैं,
शासन और प्रशासन मिलकर,
नित-नित शीश झुकाते हैं,
तीन रंगों की आभा को,
जब अंबर में लहराते हैं,
शस्यशामलाम धरा वतन,
सब इसमें गौरव पाते हैं।
आरती-अजान तिरंगा है,
गुर बाणी-ध्यान तिरंगा है,
परम विश्वास तिरंगा है,
हर्ष- उल्लास तिरंगा है,
शक्ति परिणाम तिरंगा है,
भारत के प्राण तिरंगा है।
अशोक चक्र की गति लिए,
धर्म चक्र की गति लिए,
ये राष्ट्रीय ध्वज हमारा,
भारत का तिरंगा प्यारा,
भारत का तिरंगा प्यारा।।
-डा. राज सिंह
तिरंगा मेरे देश की शान
Short Desh Bhakti Poem In Hindi
तीन रंगों से बना तिरंगा,
मेरे देश की शान है।
इसी से तो बनता,
मेरा भारत महान है।
यह तिरंगा न झुके कभी,
लाखों वीरों ने दे दी कुर्बानियां।
अंग्रेजों से लोहा लिया,
लुटा दी अपनी जवानियां।
1962 का युद्ध हो,
या हो कारगिल की,
लड़ाई इस तिरंगे की,
आबरू बचाने को,
वीरों ने अपनी जान,
थी दाव पर लगाई।
धन्य हैं वह वीर बहादुर,
जो देश पर जान लुटाते हैं।
साधारण कपड़ों में,
जाते हैं घर से तिरंगे।
में लिपटकर वापिस आते है,
इस तिरंगे की शान,
कभी न कम हो।
आओ यह प्रण लें,
यह सौगंध खाएं।
इज्जत और मान दें,
इस तिरंगे को हर घर,
इस बार तिरंगा फहराएं।
-रवींद्र कुमार शर्मा
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