Top 37+ Best Poem On Nature In Hindi | प्रकृति पर कविताएं

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Poem On Nature In Hindi :- प्रकृति हमारे जीवन का मूल आधार है। हमारे आस-पास जो भी हमें सुंदरता, शांति और उत्साह प्रदान करता है, वह सब प्रकृति ही है। प्रकृति हमारे लिए अनमोल और जीवनदायक है, जो हमें नये ऊर्जा की प्राप्ति, मनोवैज्ञानिक सुख, स्वास्थ्य और मानसिक शांति प्रदान करती है। इस लेख में हम प्रकृति के महत्व, प्रकृति के गुण, हमारे पर्यावरण की संरक्षा, प्रकृति से संबंधित समस्याओं के बारे में चर्चा करेंगे।

प्रकृति एक अद्वितीय और अनंत संसार है, जिसमें हमारा ब्रह्माण्ड स्थित है। यह हमें बेहतर जीने का तरीका सिखाती है, हमें ताजगी, सुख, आनंद और प्रेरणा प्रदान करती है। जब हम प्रकृति में समय बिताते हैं, तो हमारा मन शांत होता है और हम अपने आप को पुनर्जीवित महसूस करते हैं। वृक्ष, पौधे, फूल, नदियाँ, पहाड़, झरने और जंगल इत्यादि प्रकृति के अनुपम रूप हैं जो हमारी आत्मा को शांति और सुख देते हैं।

प्रकृति के गुण अनंत हैं। इसमें समय की अनंतता, सृजनशीलता, सौंदर्य, शक्ति, सद्भावना और सामरस्य होती है। प्रकृति की रचना इतनी सुन्दर है कि हमें हर वक्त चमत्कारी लगती है। धरती पर सूर्य की किरणें झलकती हैं, बादल घूमते हैं, हवाएं चलती हैं, पहाड़ खड़े होते हैं, नदियाँ बहती हैं और पौधों के पत्ते हिलते हैं। यह सब जीवन की नयी ऊर्जा का स्रोत है और हमें संजीवनी की अनुभूति देता है।

प्रकृति की संरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। हमें प्रकृति को संरक्षित रखने की जरूरत है क्योंकि यह हमारी अग्रणी स्रोत है और हमारे जीवन के लिए आवश्यक है। हमें अपने पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए और इसकी रक्षा करनी चाहिए। हमें पेड़ों को लगाना, वन क्षेत्रों को बचाना, प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग करना, जल संरक्षण करना और प्रदूषण कम करने के उपाय अपनाने चाहिए। इसके अलावा, हमें वन बचाओ आंदोलन, जल संरक्षण, जलवायु परिवर्तन से निपटने, प्राकृतिक आपदा से सामरिक रूप से निपटने और वन्यजीवों की संरक्षा के लिए कार्य करने की आवश्यकता है।

प्रकृति से संबंधित समस्याएँ आजकल बड़ी चिंता का विषय हैं। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, जंगलों का कटाव, जलवायु परिवर्तन, औद्योगिकीकरण, वन्यजीवों की हत्या, और जलस्रोतों की प्रतिरक्षा में कमी जैसी समस्याएँ बढ़ रही हैं। ये सभी समस्याएँ हमारे पर्यावरण के नुकसान का कारण हैं और हमें इन समस्याओं का समाधान ढूंढना चाहिए। हमें अपने आस-पास के इस प्रदूषण और संकट के संघर्ष में योगदान करना चाहिए और अपनी संगठनात्मक क्षमता और जागरूकता को बढ़ाना चाहिए।

प्रकृति हमें न केवल उत्साह, शांति और सुख प्रदान करती है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य और विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। हमें स्वच्छ वातावरण, नियमित व्यायाम, प्राकृतिक खाद्य, सूर्य की रोशनी, पेड़-पौधों का समर्पित स्थान, ताजगी भरी हवा और स्वच्छ जल के संपर्क में रहना चाहिए। प्रकृति से जुड़े गतिविधियों में शामिल होना हमारे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास में मदद करता है।

अंत में, हम कह सकते हैं कि प्रकृति हमारी माता है और हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे संरक्षित रखें। हमें प्रकृति की सम्पूर्णता की श्रद्धा करनी चाहिए और इसे नष्ट करने वाली गतिविधियों से बचना चाहिए। हमें वन्यजीवों की संरक्षा करनी चाहिए, प्राकृतिक संसाधनों का उचित उपयोग करना चाहिए और इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना चाहिए। हमें प्रकृति से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान ढूंढ़ना चाहिए और एक सुसंगत और सुरक्षित पर्यावरण निर्माण करने के लिए मिलकर कार्य करना चाहिए।

प्रकृति हमें समर्पित है, हमें भी उससे समर्पित होना चाहिए। हमें अपने आस-पास की प्रकृति की सुंदरता, सादगी और शांति का आनंद लेना चाहिए और इसे संरक्षित रखने के लिए अपनी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए। हमारा प्राकृतिक धरोहर हमारे अगले पीढ़ियों के लिए एक अनमोल उपहार है, इसलिए हमें इसे महानता से रक्षा करनी चाहिए और सभी को प्रकृति के संरक्षण में सहयोग करना चाहिए। प्रकृति हमारी संपत्ति है, हमारे द्वारा इसकी देखभाल की जानी चाहिए ताकि हम और हमारे आने वाले पीढ़ी सुखी और समृद्ध जीवन जी सकें।

 

प्रकृति

Poem On Nature In Hindi

 

 

प्रकृति है कितनी प्यारी प्यारी,

सूंदर मनमोहक और न्यारी न्यारी।

भोर होते ही चिड़ियों का चहचहाना,

और सूरज की लाली छा जाना।

ठंडी हवा से मन मे ताजगी आना,

और हवा के झोकों से पेड़ो का लहराना।

प्रकृति से सजी है दुनिया सारी,

प्रकृति है कितनी प्यारी प्यारी।

सुंदर मनमोहक और न्यारी न्यारी।

कही ऊँचे ऊँचे पर्वत,

कहीं बहती नदियों का पानी।

वन उपवन से सजी प्रकृति,

सबके मन को भाती।

प्रकृति पल भर में बदल जाती

कभी उजाला तो कभी अंधियारा छा जाती

प्रकृति जब अपना प्रकोप दिखाती

बाढ सुनामी , भूकम्प, महामारी आती।

आओ मिलकर प्रकृति को स्वच्छ बनायें,

पर्यावरण दिवस पर पेड़ लगाए।

हरियाली से सजी रहे दुनिया सारी।

प्रकृति है कितनी प्यारी प्यारी,

सूंदर मनमोहक और न्यारी न्यारी।

-श्रीमती युगेश्वरी साहू

 

प्रकृति शक्ति

Poem On Nature In Hindi

 

 

जब स्वार्थों से भर जाएंगे घर-घर,

मन-धरा भी जब हो जाएगी बंजर।

तब-तब आसमां भी बरसाएगा अग्नि,

मृत्यु-तांडव सा चहुँओर होगा मंजर।।

 

तुम प्रकृति का करते रहोगे अति दोहन,

तो कैसे सुरक्षित रह पाएगी यह दुनिया।

गर न माने तो प्रकृति-शक्ति धर रौद्र रूप,

शमशीरें बन मेघों से बरसेगी बिजलियाँ।।

 

जब-जब मानव ने इसकी हरित देह को,

नोच-नोचकर किया भरपूर अत्याचार।

तब-तब उत्पन्न करने को विभीषिकाएँ,

प्रकृति भी हो गई थी अति लाचार।।

 

त्यागपूर्वक भोग पुरातन संस्कृति हमारी,

धरा-रक्षण है हम सबकी जिम्मेदारी।

स्वार्थ छोड़ अब बन जाएँ परहितकारी,

आओ मिलकर बचाएँ अपनी प्रकृति प्यारी।।

-ओम माली

 

 

प्रकृति के रंग

Poem On Nature In Hindi

 

 

किसने पंखों में चुन-चुन के

भरे रंग तितली के?

पानी में रह के भी क्यों न

घुले रंग मछली के?

 

रंग दी किसने इन्द्रधनुष की

सात पट्टियाँ बोलो?

सुबह सबेरे कौन सूर्य से

कहता आँखे खोलो?

 

धरा गगन के बीच चाँद को

है किसने लटकाया?

नन्हें-नन्हें तारों को क्यों

इतनी दूर बसाया?

 

किसने दिया बिखेर पुष्प के

लिए सुगन्ध खजाना?

कौन सिखा जाता कोयल को

मीठे-मीठे गाना?

 

जरा विचारों इन बातों को

क्या है राज पुराना?

अगर पता चल जायें बच्चों

हमको भी बतलाना।

-अनिल कुमार कश्यप

 

रहें प्रकृति के साथ

Poem On Nature In Hindi

 

 

जो हर एक जीव से जुड़कर,

रहता उसके चारों ओर।

पर्यावरण उसे कहते हैं,

जिसका कोई और ना छोर।

 

हरी-भरी फसलें खेतों में,

नरम-नरम मेड़ों पर दूब।

शुद्ध हवा हो और स्वच्छ जल,

पेड़ और पौधे हों खूब।

 

ना हो गगन में गैस विषैली,

धरती पर हो नहीं कबाड़।

वार्मिंग से बेहाल चोटियां,

गलें ना आए जल की बाढ़।

 

ना हो प्रदूषण का धरती पर,

कोई भी जब नाम-निशान।

रहें प्रकृति के साथ हम सभी,

स्वस्थ रहेगा हर इंसान।

-सूर्यकुमार पांडेय

 

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प्रकृति

Poem On Nature In Hindi

 

 

प्रकृति की गोद में पले-बढ़े

हम पर उसके उपकार बड़े,

देकर जीवन का वरदान हमें

खुद मोल लिए खतरे बड़े।

 

दिनकर ने धरा गरमाई

वृक्षों से प्राण वायु दिलाई,

धरती माँ ने पेट भरा

नदियों ने प्यास बुझाई।।

 

प्रदूषण का करके विस्तार

प्राणियों पर किया अत्याचार,

जल से लेकर धरती-आकाश

मनुष्य ने मचा दिया हाहाकार।

 

काट दिए जंगल हरे-भरे

चिड़ियाँ ना अब कहीं कलरव करें,

जानवरों की नस्लें करके तबाह

बढ़ चले हम इंसानियत से परे।।

 

वादियों में छुट्टियाँ बिताई

समुंदर किनारे नापी गहराई,

जगह-जगह कूड़ा करकट फैला

हमने कहाँ की समझदारी दिखाई।

 

लालच बहुत बुरी बला भाई

बात क्यूँ समझ ना आई?,

वक्त रहते ना सँभले जो

प्रकृति वसूलेगी मोटी भरपाई।।

-शिवम लिल्हौरी

 

प्रकृति

Poem On Nature In Hindi 

 

 

सूरज से सीखा तेज हमने,

चंद्रमा से शीतल छाया।

पेड़ों से सीखा सहना हमने,

मिट्टी कण कण में समाया।।

 

चिड़ियों से है उड़ना सीखा,

फूलों से हम मुस्कुराना।

कोयल की कूक से सीखा,

मधुरतम गीत गाना।।

 

नदियों से है सीखा,

गहरी सोच की धारा।

गगनचुंबी पर्वत से सीखा,

हो ऊँचा लक्ष्य हमारा।।

 

चींटियों से है सीखा हमने,

मेहनत सदा करते रहना।

समय से है सीखा हमने,

सदा चलते रहना।।

 

प्रकृति की कण कण में है,

सुन्दर संदेश समाया।

ईश्वर ने इसके द्वारा,

अपना रूप है दिखाया।।

-लवली यादव

 

प्रकृति

Poem On Nature In Hindi

 

 

उड़ती चिड़िया खुला आसमान,

कितना प्यारा है यह जहान,

सुबह की रौनक, सुनहरी-सी धूप,

चमकाए यह हर एक स्वरूप,

कोयल की मीठी धुन,

पंछियों का चहचहाना सुन,

बारिश का टिप-टिप बरसना,

सभी का खिलखिलाते हुए हँसना,

खेत-खलियान, पेड़, पौधे और नदियाँ,

सागर, फूल, फल, पत्ते और यह वादियां,

प्यारी-सी महक इस प्रकृति से जो मिले,

सबको महसूस कर कर, हम और जी ले,

यूँ हवाओं का चलना,

सागर का बहना,

सुबह सवेरे उठकर, वातावरण से मिलना,

तितलियों को देखना, यूँ कलियों का खिलना,

सोते हुए चांद और सितारों को देखना,

बरसात में भुट्टों का सेखना,

बगीचे में टहलना, पहाड़ों पर चढ़ना,

चलते चलते, वातावरण की

खूबसूरती को देखकर ठहरना,

बरसात में मिट्टी की खुशबू,

पंछियों से गुफ्तगू,

नीला आसमान, कड़कती बिजली, गरजते बादल,

ले आती है बचपन वापस, कर देती है कायल,

पेड़ के नीचे की छाया, और फल फूल की सुगंध,

यह प्रकृति से तो है, हमारा गहरा संबंध।

यह प्रकृति से तो है, हमारा गहरा संबंध।

-डॉ. माध्वी बोरसे

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