Poem On Train In Hindi :- रेलगाड़ी भारतीय यातायात का एक महत्वपूर्ण साधन है जो देशवासियों को दूरदराज के स्थानों तक पहुंचाता है। भारतीय रेलवे को विश्व में एक अग्रणी रेलवे के रूप में माना जाता है जो लाखों लोगों को रोज़गार प्रदान करता है और अनेकों परिवारों को रोज़गार और उत्थान का मौका देता है।
रेलगाड़ी का इतिहास बहुत प्राचीन है और इसके आगमन से मानव जीवन को बदलने में बड़ा योगदान हुआ है। यह आधुनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है जो लोगों को तेज़ और सुरक्षित रास्ते से जुड़ता है।
रेलगाड़ी द्वारा यात्रा करने में कई लाभ हैं। यह यात्रियों को तेजी से और सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य स्थानों तक पहुंचाती है। रेलगाड़ी में यात्रा करने से यात्रियों को प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद मिलता है। इसमें उच्चतम स्थानों से गुजरने का मौका मिलता है जिससे यात्रा का अनुभव और भी यादगार बन जाता है।
भारतीय रेलगाड़ी का महत्व इसलिए है क्योंकि यह देश के लोगों को एक साथ जोड़ता है और विभिन्न स्थानों तक पहुंचाता है। इसके माध्यम से लोग अपने परिवारों से मिल सकते हैं और नए रोज़गार के अवसरों की खोज कर सकते हैं। रेलगाड़ी द्वारा यात्रा करना अनुभव और ज्ञान का साधन भी है जो लोगों के मनोभाव को बदल सकता है और उन्हें विभिन्न संस्कृतियों से परिचय करवा सकता है।
अब तक का समय रेलगाड़ी का एक गौरवशाली इतिहास है और भविष्य में भी यह देश के लिए महत्वपूर्ण रहेगी। भारतीय रेलवे के सुधार और विकास के साथ-साथ, लोगों को रेलगाड़ी के माध्यम से यात्रा करने के लाभ का भी उचित उपयोग करना चाहिए।
रेलगाड़ी हमारे समय का एक महत्वपूर्ण और अनमोल साधन है जो हमें आगे बढ़ने में सहायक है। आज यहां पर 15+ रेलगाड़ी पर सुंदर कविता (Train Par Kavita) साझा किया गया है।
रेल का खेल
Poem On Train In Hindi
लंबी टेढ़ी-मेढ़ी रेल,
आओ हम मिलकर खेलें खेल।
जुड़कर हम सब डिब्बा बन जाएँ,
आज रेल का खेल खिलाएँ।।
मुँह से छुक-छुक की आवाज,
मजे करेंगे मिलकर आज।
एक-दूजे का कंधा पकड़ें,
रेल के डिब्बे जैसे जकड़े।।
ऐसे मिलकर बन जाएँ रेल,
आओ मिलकर खेलें खेल।
चलते रहने का संदेश,
रेल दे रही है उपदेश।।
इक-दूजे से जुड़े रहेंगे,
आगे बढ़ेंगे मज़े करेंगे।।
-रीता मंडल

छुक-छुक
Poem On Train In Hindi
अपना मुंह जब भी खोलूं,
छुक-छुक, छुक-छुक बोलूं।
पटरी पर चलती जाऊं,
नागिन सी ढलती जाऊं।
गांव, शहर सब में डोलूं,
छुक-छुक, छुक-छुक बोलूं।
ठीक समय पर आती हूँ,
लेट हुई पछताती हूँ।
मंजिल पाकर खुश होलूं,
छुक-छुक, छुक-छुक बोलूं।
भीड़ देख ना घबराऊं,
खूब सवारी ले आऊं।
रंग प्रेम के मैं घोलू,
छुक-छुक, छुक-छुक बोलूं।
-हर प्रसाद रोशन
रेलगाड़ी
Poem On Train In Hindi
कब दौड़ेगी रेलगाड़ी,
हाथ हिलाकर छोड़ आऊंगा।
कब दौड़ेगी रेलगाड़ी,
मैं खिड़की से खेतों को देखूगा।
कब दौड़ेगी रेलगाड़ी,
नदी में पैसे अर्पण करूंगा।
कब दौड़ेगी रेलगाड़ी,
गर्म चाय की आवाज सुनूंगा।
कब दौड़ेगी रेलगाड़ी,
स्टेशन पर डिब्बा पहुंचाऊंगा।
कब दौड़ेगी रेलगाड़ी,
किसी अपने को लेने जाऊंगा।
कब दौड़ेगी रेलगाड़ी,
दूर देश घूम-घूम आऊंगा।
कब दौड़ेगी रेलगाड़ी,
उसकी सीटी से मेरा मन डोलेगा।
सूनी-सूनी पटरी, सूना-सूना स्टेशन,
कब दौड़ेगी रेलगाड़ी।
-पुरुषोत्तम व्यास
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सफ़र रेल गाड़ी का
Poem On Train In Hindi
मैं पटरी पर चलती रोज,
लगता मुझे कभी ना बोझ।
जो बैठे सबको ले जाती,
मंजिल पर उनको पहुंचाती।
मेरा सफ़र सुहाना लगता,
आना-जाना प्यारा लगता।
मेरी यात्रा सुरक्षित होती,
प्यार के मणियां मैं पिरोती।
बच्चों को सुहाती हूँ मैं,
जंगल शहर घुमाती हूँ मैं।
समय बचत करती हूँ मैं,
राज-कोश भरती हूँ मैं।
-व्यग्र पाण्डे
रेल
Hindi Poem On Train
छुक-छुक आती-जाती रेल,
पों-पों हॉर्न बजाती रेल।
इस डिब्बे से उस डिब्बे में,
आपाधापी ठेलमठेल रेल।।
दो पटरी पर चलती रेल,
सरपट दौड़ लगाती रेल।
गेट पर बैठा टाइमकीपर,
लाल, हरी झंडी दिखाती रेल।।
खानों से कारखानों तक,
झटपट आती-जाती रेल।
माल ढोकर आती रेल,
ढोकर माल जाती रेल।।
बच्चे मन के होते सच्चे,
खेल रेल का खेलमखेल।
मुन्नी बिटिया बड़े मजे से,
सफर करती रेलमरेल।।
सामान ढोना हुआ आसान,
आसान हुआ आवागमन।
आय के हैं प्रमुख साधन,
देश की आय बढ़ाती रेल।।
-महेन्द्र साहू
छोटी-छोटी गाड़ी
Tain Par Kavita
छोटी-छोटी गाड़ी,
बच्चों की रेलगाड़ी,
चाबी भरो।।
दौड़ लगाती किसी,
स्टेशन पर,
नही रूकती।।
बच्चों की मीठी बोली-सी,
बड़ी प्यारी रेलगाड़ी।।
रूठ कर फिर मान जाता,
फिर दौड़ पड़ती,
रेलगाड़ी।।
-पुरुषोत्तम व्यास
रेल
Poem On Train In Hindi
तेज गति से प्यारी रेल,
पटरी पर दौड़ लगाती।
भारत के कोने-कोने की,
सबको सैर कराती।
गाँव शहर जंगल खेतों का,
चक्कर रोज लगाती।
दिल्ली हो या कोलकाता,
सबको घर तक पहुँचाती।
सर्दी गर्मी और बरसात,
हँस कर समय बिताती।
आंधी तूफानों से देखो,
जरा न ये घबराती।
स्टेशन आने पर रुक कर,
थोड़ा सा सुस्ताती।
फिर चल पड़ती अपने पथ पर,
बस चलती ही जाती।
-बद्री प्रसाद वर्मा
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बच्चों की गाड़ी
Train Par Poem
पांच डिब्बों की रेलगाड़ी,
आओ मिलकर साथ खेलो।
छूक-छूक, छूक-छूक बढ़ती जाये,
पों-पों, पों-पों आठ बोलों।
बिना डीजल की रेलगाड़ी,
यह है सब पर बिल्कुल भारी।
राजू, सलीम की मेहनत से,
परेशान है दुनिया सारी।
आओ जल्दी बैठ जाओ,
चलो स्कूल बच्चों की रेल।
लोग देखकर बोल पड़ेंगे,
देखो बच्चों में अद्भुत मेल।
-मो जमील
चलती जाती है
Train Par Kavita
मंजिल तक पहुँचाती है,
रेल समय पर जाती है।
चुन्नू, मुन्नू सब बैठो,
सब में मेल बढ़ाती है।
हरदम चलती जाती है,
छुक-छुक गीत सुनाती है।
समय गँवाना ठीक नहीं,
सब को पाठ पढ़ाती है।
सब नगरों में आती है,
चीजें नई दिखाती हैं।
ज्ञान हमारा बढ़ता है,
इसीलिए यह भाती है।
-राजेंद्र निशेश
रेलगाड़ी
Poem On Train In Hindi
चलो रेलगाड़ी की यात्रा करें,
खुशियों से भरी एक सैर करें।
रेल की धड़कन से बनी लहर,
आगे जाने को आतुर मन हमार।
धुंधले सफर की वो दरारें,
पार करना है हमें तैयार।
बिता देंगे जीवन के किस्से,
रेलगाड़ी की यात्रा में अभिष्ट।
सफर के रंग बिखरते जाएं,
सपनों को हम साथ ले जाएं।
देखते हैं जब विभिन्न नजारे,
दिल में जब उमंगें छा जाएं।
विदेशी इलाके या देश हमारा,
रेलगाड़ी रहे सदा प्यारा।
यात्रा की भीड़ में मिलेंगे दोस्त,
साथ जीवन के सुखद सफर कोस्ट।
चलो रेलगाड़ी की यात्रा करें,
खुशियों से भरी एक सैर करें।
रेलगाड़ी की यात्रा
Poem On Train In Hindi
रेलगाड़ी चली चारों दिशाओं को,
रूखी-सूखी, नदी-नाले को।
धुंधले सफर की वो दरारें,
जो अलग कर दे लम्हों को।
यात्रा की धूप-छाँव का खेल,
मिलता जीवन को रंग नया।
कभी तीव्र तूफ़ानी रफ़्तार,
तो कभी सुलगती शाम धुला।
सफर के रंग भरे मोमेंट्स,
जो अनमोल, जो विशेष।
विदेशी नज़ारे या देश के ताज,
रेलगाड़ी है एक मोहनीयता विशेष।
रेलगाड़ी आई, रेलगाड़ी जाए,
छोड़ती न कभी किसी को विराम।
विविधता का बोझ उठाती है,
रेलगाड़ी नायिका है निराम।
साथ बैठकर यात्रा का खुशियों सफर,
भीड़-भाड़ में मिलते हैं दोस्त।
रेलगाड़ी के संग यह जीवन का मार्ग,
धुंधले सफर को बनाता नया रोशन जोस्त।
रेलगाड़ी की छाप सभी दिलों में,
बनी रहे सदा प्रिय और राजनीति।
रेलगाड़ी, तुम अमर रहो हमेशा,
जीवन का यह खुबसूरत संगीती।
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रेलगाड़ी
Poem On Train In Hindi
चलती गति, थामी न जाने रेलगाड़ी,
यात्रा का सफर, बहुत है खासी।
रेल छुटती है खेतों और दरिया को,
माँ बाप के बिना जाए बच्चा तन्हा।
दिखाती है नजारे रेलगाड़ी की खिड़की से,
सुंदर सपने और आशाओं की चादर खिंची।
विभिन्न संस्कृतियों का मिलन है रेल में,
यात्री बने अपनी रंगीन पहचान के।
भारतीय रेल के रंग बिखरते हैं चारों ओर,
बंदिशों के बावजूद बिताते हैं अपने अबोध सफर।
धुंधले सफर की वो दरारें जो छोड़ जाए,
नए सफलता के मार्ग पर चल पड़े।
रेल की चुट्टी बिताते लोग, मिलते हैं दोस्त,
मायूसी भरी आँखों को बचाकर लौटते हैं पीड़ित अस्तित्व।
चलती गति, थामी न जाने रेलगाड़ी,
यात्रा का सफर, बहुत है खासी।
रेल गलियों में चलती है, बनती है कहानी,
हर घर को जोड़ती है, जीवन की अनमोल यात्री।
धड़कते हृदय से रेल की ध्वनि की गहराई को,
सुनते हैं राहगीर ज़िन्दगी की माँगों को।
कितने यात्रा से गुजरते हैं अनजान सफर,
सपनों को बुनते हैं जज्बातों के श्रृंगार।
चलती गति, थामी न जाने रेलगाड़ी,
यात्रा का सफर, बहुत है खासी।
समय के साथ बदले, रेल के मुकाबले,
प्रगति के जहाज में जगमगाए यात्रियों के संग।
उड़न भरी रेल और आधुनिकता के सङ्गम,
सफर का मनोरंजन, बढ़ाते हैं जीवन की रफ़्तार।
रेलगाड़ी की महिमा अनगिनत है,
यात्रा के रंग में सजती है आसमान।
चलती गति, थामी न जाने रेलगाड़ी,
यात्रा का सफर, बहुत है खासी।
रेलगाड़ी की यात्रा
Poem On Train In Hindi
धुंधली तरंगों में बहती रेलगाड़ी,
चलती है गति से, जैसे वायुमंडली।
पटरी के ऊपर यात्रा की राह,
भूल जाती है ज़मीन की छाँव।
सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक,
भटकती रहती है रेल की राह।
गाँवों के बीच और शहरों के घेरे, यात्रा कराती है रेलगाड़ी चले।
धूल जाते हैं रेलगाड़ी के छक्के,
पर यात्रा का जोश बढ़ाती जाए।
विभिन्न संस्कृतियों के भेष में बाँधी,
यात्रा कराती है रेलगाड़ी बाँध।
आवाज़ बजती है धुन लेकर मिलनी,
रेलगाड़ी को भर देती है खुशियों से खलबल।
यात्रा का सफर बन जाता है यादगार,
बिताए हुए पलों को सजाती है रेलगाड़ी की मिसाल।
धुंधली तरंगों में बहती रेलगाड़ी,
चलती है गति से, जैसे वायुमंडली।
रेलगाड़ी की यात्रा
Poem On Train In Hindi
रेलगाड़ी चलती रेलगाड़ी आती,
यात्रा की रौंगते भर देती।
पटरी की दौड़, धूल उड़ान,
मिलाती ज़िंदगी के सवालों का जवाब।
छू जाती आकाश की बुलंदियाँ,
पहुँचाती दूर ख्वाबों की मंजिल को।
भीड़ भरी रेलगाड़ी खुशियों की सवारी,
बनती सफलता के सपनों की रौनक।
मिलते बांध में रिश्तों की दोर,
यात्रा के गीत सुनते हैं हम हर घड़ी।
भागीरथी नदी की तरह,
बहती रेलगाड़ी नये सपनों की बहार।
रेलगाड़ी की यात्रा में,
हर पल है सफलता का एहसास।
ज़िन्दगी के दौड़ में, दुनिया के भाग में,
चलती रेलगाड़ी भर देती है सम्मान।
रेलगाड़ी चलती रेलगाड़ी आती,
यात्रा की रौंगते भर देती।
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