19+ भारतीय तिरंगा पर कविता | Poem On Tiranga In Hindi

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Poem On Tiranga In Hindi :- भारतीय ध्वज हमारे देश का प्रतीक है। यह हमारे देश की महानता और गरिमा को दर्शाता है। भारतीय ध्वज के रंगों और उनके महत्वपूर्ण प्रतीकों के माध्यम से यह हमें हमारे भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक परंपराओं की याद दिलाता है।

भारतीय ध्वज की आधिकारिक रंग संयुक्त राष्ट्र ध्वज से प्रभावित हैं। ध्वज की ऊपरी पट्टी सफेद रंग की होती है, जो शानदारता और शुद्धता का प्रतीक है। इसके नीचे की पट्टी भारतीय भूमि को दर्शाने के लिए नारंगी रंग की होती है। नारंगी रंग ब्रह्मा, विष्णु और शिव जैसे हिंदू देवताओं के प्रतीक हैं। भारतीय ध्वज की तीसरी पट्टी हरा रंग की होती है, जो जीवन की प्रकृति, उन्नति और प्रगति को दर्शाता है।

ध्वज में सफेद रंग का चक्र बना हुआ है, जिसे अशोक चक्र कहा जाता है। यह चक्र हमारे देश की संवैधानिक और राष्ट्रीयता को प्रतिष्ठित करता है। चक्र के 24 तटों का मतलब है कि हमारा देश दिन-रात अपनी अधिकारिक कर्तव्यों को पूरा करता है और हमारी जीवन शैली नियमों और मानवीयता पर आधारित है।

भारतीय ध्वज के रंग और प्रतीक हमें हमारी विविधता, एकता और सम्प्रेषणशीलता का संकेत देते हैं। यह हमें याद दिलाता है कि हम एक दिव्यता के साथ एक दूसरे के साथ रहने वाले हैं और हमें मिलकर अपने देश के विकास और समृद्धि में योगदान देना चाहिए।

इस प्रकार, भारतीय ध्वज हमारे देश की शान और गरिमा का प्रतीक है। इसके रंग और प्रतीक हमें हमारी संस्कृति, ऐतिहासिकता और राष्ट्रीय भावना को दर्शाते हैं। हमें हमारे ध्वज के महत्व को समझना चाहिए और हमेशा इसका सम्मान करना चाहिए। हमें भारतीय ध्वज की महिमा और महत्व को सर्वदा याद रखना चाहिए।

आज के पोस्ट में भारतीय तिरंगा ध्वज पर सुंदर और बेहतरीन कविता आपके साथ साझा किया जा रहा हैं। और यह कविता आपको पसंद आएं तो दोस्तों के साथ अवश्य साझा करें। धन्यवाद!!!

अपना वतन

tiranga poem in hindi

मन में महके मिट्टी की खुशबू,

तन में चहके इस धरती का रंग।

इस मातृभूमि की सेवा के लिए,

हर दिल में रहे नया जोश-उमंग।

रहे सुरक्षित अपना वतन,

मिल-जुलकर हम करें जतन।

आँख उठाए जो देश के दुश्मन,

कर दें हम उन सबको खत्म।

जिएँ सदा इस अभिमान से,

बेटे हैं हम हिंदुस्तान के।

बेटे का फर्ज हम निभाएँगे,

इस मिट्टी का कर्ज चुकाएँगे।

सौ बार जन्म लू में,

तेरा ही लाल कहाऊँ।

हर जन्म सैनिक ही बन,

शत्रु को हर बार हराऊँ।

सागर की लहरों-सा लहराए,

ऊँचे आसमान में फहराए।

अपनी भारत माँ का झंडा,

शान से फहराए तिरंगा।

कभी न चाहा हमने,

लड़ाई, दंगा और अशांति।

रहे सलामत देश-दुनिया में,

सत्य, अहिंसा और शांति।

तन-मन क्या यह जान है अर्पित,

वतन पर हर शान समर्पित।

-दिनेश कुमार

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तिरंगा पर कविता

Poem On Tiranga In Hindi

भारत की है जान तिरंगा,

भारत का है सम्मान तिरंगा।

तीन रंगों का प्यारा तिरंगा,

पूरे जहां में लहराए तिरंगा।

शहीदों का कफन है तिरंगा,

सबके मन में लहराए तिरंगा।

हर भारतीय की है जान तिरंगा,

पूरे भारत में लहराए तिरंगा।

-शालिनी यादव

तिरंगा पर कविता

tiranga jhanda poem in hindi

भारती की है आन तिरंगा,

भारत की है शान तिरंगा।

नील गगन में लहराता है –

भारत की मुस्कान तिरंगा।

भारत का सम्मान तिरंगा,

भारत का दिनमान तिरंगा,

भारत को आजाद कराने –

बलिदानों का मान तिरंगा।

दिल्ली दिल में लगा तिरंगा,

काश्मीर में सजा तिरंगा।

काशी-कच्छ और गोहाटी,

लहर रहा हर जगह तिरंगा।

झुके न बच्चों कभी तिरंगा,

रुके न बच्चों कभी तिरंगा।

उसे सदा लहराये रखना –

भारत की पहचान तिरंगा।

-डॉ. विनय कुमार

भारत का ‘तिरंगा प्यारा’

Tiranga Jhanda Poem In Hindi

सूरज की लालिमा इसमें,

धरती की हरियाली जिसमें,

श्वेत चंद्र की चांदनी पर,

अशोक चक्र की गति लिए,

धर्म चक्र की गति लिए,

ये राष्ट्रीय ध्वज हमारा,

भारत का तिरंगा प्यारा,

भारत का तिरंगा प्यारा।

केसरिया में शक्ति साहस,

सत्य शांति श्वेत रंग में,

पवित्रता उर्वरता धरा की,

वृद्धि विकास है हरे रंग में,

24 तीलियों का धर्म चक्र,

जो सारनाथ से लिया गया,

जीवन है गतिशील निरंतर,

संदेश इसमें है दिया हुआ।

जीवन सरोकार तिरंगा है,

अडिग अभिमान तिरंगा है,

निज स्वाभिमान तिरंगा है,

भारत के प्राण तिरंगा है।

दसों दिशाओं मैं लहराए,

नभ विस्तार तिरंगा है,

राष्ट्रीय ध्वज देश का गौरव,

वतन श्रृंगार तिरंगा है।

भारत मां भी हर्षित होती,

जब नभ में लहराता है,

आजादी के उन्मुक्त गगन में,

हिंद का शीश फहराता है।

राष्ट्र स्वाभिमान तिरंगा है,

अडिग अभिमान तिरंगा है,

शौर्य प्रमाण तिरंगा है,

भारत के प्राण तिरंगा है।

जन-जन भारत के मिलकर,

इसका मान बढ़ाते हैं,

शासन और प्रशासन मिलकर,

नित-नित शीश झुकाते हैं,

तीन रंगों की आभा को,

जब अंबर में लहराते हैं,

शस्यशामलाम धरा वतन,

सब इसमें गौरव पाते हैं।

आरती-अजान तिरंगा है,

गुर बाणी-ध्यान तिरंगा है,

परम विश्वास तिरंगा है,

हर्ष- उल्लास तिरंगा है,

शक्ति परिणाम तिरंगा है,

भारत के प्राण तिरंगा है।

अशोक चक्र की गति लिए,

धर्म चक्र की गति लिए,

ये राष्ट्रीय ध्वज हमारा,

भारत का तिरंगा प्यारा,

भारत का तिरंगा प्यारा।।

-डा. राज सिंह

लहर लहर लहराता झण्डा

hindi poem on tiranga

हमको भारत देश हमारा,

लगता कितना प्यारा है।

लहर-लहर लहराता झण्डा,

इस पर तन-मन वारा है।

भारत माँ के दीवानों की

लगती अजब कहानी है।

माँ की रक्षा करने में ही,

इनकी कटी जवानी है।

चमके सुहाग आजादी का

माँ का इनके द्वारा है।

हमको भारत देश हमारा,

लगता कितना प्यारा है।

होकर सीमा पर चौकन्ने,

पहरा पल-पल ये देते।

पलक झपकते ही दुश्मन के,

प्राणों को भी हर लेते।

भारत के नभ में इनसे ही

चमके अमन-सितारा है।

हमको भारत देश हमारा,

लगता कितना प्यारा है।

बड़े काम जांबाज हिन्द के,

रात और दिन आते हैं।

रौनक ही रौनक चेहरे पर

इसके ये ही लाते हैं।

हिन्दुस्तान इन्हीं के बल पर,

दमके न्यारा – न्यारा है।

हमको भारत देश हमारा,

लगता कितना प्यारा है।

किसान भी अपने खेतों में,

अनाज पैदा करते हैं,

हम सबके हीरा-मोती हैं

हम सब इन पर मरते हैं।

भूख मिटे इनके ही बल पर

इनसे बड़ा सहारा है।

हमको भारत देश हमारा,

लगता कितना प्यारा है।

बली बनाते श्रमिक देश को,

कल-पुर्जों से नित लड़कर।

लोहा – सा तपकर भट्टी में,

पैने हो जाते गलकर।

ऐसा इनसे हिंद दमकता

जैसा दमके तारा है।

हमको भारत देश हमारा,

लगता कितना प्यारा है।

महक रही श्रम के सुमनों से

क्यारी भी ऊसर वाली।

खिले यही हैं फूल देश में

हम सब इनके हैं माली।

ऐसे श्रम रूपी कुसुमों से,

महके देश हमारा है।

हमको भारत देश हमारा,

लगता कितना प्यारा है।

-रमाकांत मिश्र

तिरंगा मेरे देश की शान

poem on national flag in hindi

तीन रंगों से बना तिरंगा,

मेरे देश की शान है।

इसी से तो बनता,

मेरा भारत महान है।

यह तिरंगा न झुके कभी,

लाखों वीरों ने दे दी कुर्बानियां।

अंग्रेजों से लोहा लिया,

लुटा दी अपनी जवानियां।

1962 का युद्ध हो,

या हो कारगिल की,

लड़ाई इस तिरंगे की,

आबरू बचाने को,

वीरों ने अपनी जान,

थी दाव पर लगाई।

धन्य हैं वह वीर बहादुर,

जो देश पर जान लुटाते हैं।

साधारण कपड़ों में,

जाते हैं घर से तिरंगे।

में लिपटकर वापिस आते है,

इस तिरंगे की शान,

कभी न कम हो।

आओ यह प्रण लें,

यह सौगंध खाएं।

इज्जत और मान दें,

इस तिरंगे को हर घर,

इस बार तिरंगा फहराएं।

-रवींद्र कुमार शर्मा

तिरंगा

Poem On Tiranga In Hindi

तीन रंगों का झंडा,

झंडा देश की शान है।

भारत माता की निशानी,

हम सबकी पहचान है।

ऊँचे आसमाँ पे फहरे,

नीचे जमीं पे नहीं ठहरे।

भारत माता की आन-बान,

तिरंगा भारत की जान है।

प्रतीक केसरिया बलिदानी,

सुख-शांति श्वेत रंग निशानी।

हरा रंग दे जाए हरियाली,

भारत माता की बात निराली।

आओ हम सब मिलकर,

तिरंगा फहर-फहर फहराएं।

तिरंगा ऊँचे नील गगन में,

शान से लहर-लहर लहराए।

-महेन्द्र साहू

 

तिरंगा

Poem On Tiranga In Hindi

पूरे भारत देश में,

उड़े तिरंगा आज।

रंग-बिरंगा आसमाँ,

हमको तुम पर नाज।।

हमको तुम पर नाज,

गीत खुशियों के गाते।

धरा हमारी शान,

साथ झंडा फहराते।।

झूमे-नाचे लोग,

खुशी बिन रहे अधूरे।

आता है जब पर्व,

होत है सपने पूरे।।

तिरंगा हाथ में,

फहराते सब साथ।

भारत माँ के सामने,

सभी झुकाते माथ।।

सभी झुकाते माथ,

नमन वीरों को करते।

हुए देश पर बलिदान,

दुश्मन से लड़ते।।

देश हुआ आजाद,

फूल की बहती गंगा।

भारत बने महान,

फहरता आज तिरंगा।।

-प्रिया देवांगन

हमारा तिरंगा

Poem On Tiranga In Hindi

लहर लहर लहराये तिरंगा,

सबके मनको भाये तिरंगा।

मस्त हवाओं के झोकों संग,

प्रेम सुधा बरसाये तिरंगा।

रंग केसरिया है बलिदानी,

दोहराता वीरों की कहानी।

श्वेत रंग है इसका प्यारा,

यह है शान्ति दूत हमारा।

रंग हरे से हरियाली है,

देश मेरे में खुशहाली है।

चक्र अशोक बीच होने से,

शोभा और बढ़ाये तिरंगा।

-मुसाफ़िर देहलवी

 

तिरंगा ध्वज

Poem On Tiranga In Hindi

इन नन्हें-नन्हें हाथों से

तिरंगा थाम चला ऐसे.

या मानो कोई शेर बबर

शिकार झपटता हो जैसे।

सीना ताने वज्र कठोर

पांवों में पवन समाया हो,

देशप्रेम का रग-रग में

लाल खून गरमाया हो

केसरिया कहता कुर्बानी

श्वेत शान्ति का पूजक है.

चक्र हमारा गतिमान

हरा समृद्धि सूचक है।

गौरव से कर सिर ऊँचा

राष्ट्र ध्वज को लहराये.

याद शहीदों की कर के

हर वर्ष तिरंगा फहराये।

-मोती विमल

वतन हमारा

Poem On Tiranga In Hindi

रिश्ता वतन से है,

मजबूत हमारा।

प्राणों से अतिप्रिय है,

वतन हमारा।।

तीन रंगों का ध्वज है तिरंगा,

सबसे प्यारा।

त्याग, शांति और हरियाली देता,

तिरंगा हमारा।।

जल, थल और नभ से तैयार है,

वतन हमारा।

वीर जवानों की रक्षा से,

मुस्कुराएँ वतन हमारा।।

रिश्ता वतन से है,

मजबूत हमारा।

प्राणों से अतिप्रिय है,

वतन हमारा।।

भिन्न-भिन्न धर्मो का है,

वतन हमारा।

भिन्न-भिन्न त्योहारों का है,

वतन हमारा।

संस्कृति से परिपूर्ण है,

वतन हमारा।

रिश्ता वतन से है,

मजबूत हमारा।

प्राणों से अतिप्रिय है,

वतन हमारा।।

भिन्न-भिन्न भाषाओं का हैं,

वतन हमारा।

सुमधुर भाषाओं से प्रिय है,

वतन हमारा।

भिन्न-भिन्न नदियों का है,

वतन हमारा।

जल की धाराओं से गूंजे,

वतन हमारा।

रिश्ता वतन से है,

मजबूत हमारा।

प्राणों से अतिप्रिय है,

वतन हमारा।

-जितेन्द्र कुमार

आज तिरंगे को फहरायें

Poem On Tiranga In Hindi

कुटिया से महलों तक आओ,

आज तिरंगे को फहरायें।

आज तिरंगे के नीचे हम,

राष्ट्रगीत मिल-जुल कर गायें।

बापू-नेहरू के सपनों को,

आओ हम पूरा करवायें।

आँच न आये आजादी पर,

आज तिरंगे को फहरायें।

तोड़ फोड़ है बात बुरी,

चलकर सबको हम समझायें।

निर्माणों की बात करें हम,

आज तिरंगे को फहरायें।

मानवता हो धर्म हमारा,

मजहब कभी न आड़े आये।

रोशन नाम करें भारत का,

आज तिरंगे को फहरायें।

-शिवनारायण सिंह

हमारी शान तिरंगा

Poem On Tiranga In Hindi

तिरंगा हमारे देश की,

आन बान और शान है।

यही हमारी आजादी,

की पहचान है।

तिरंगे में बसता,

हमारा स्वाभिमान है।

इसी तिरंगे के लिए,

कितने वीरों ने अपने।

जान गवाएं हैं, और इस देश को,

दुश्मनों से बचाया है।

तिरंगे के आगे हम,

शीश झुकाते।

जन गण मन का गीत हैं गाते,

स्वतंत्रता दिवस या।

गणतंत्र दिवस का,

दिन जब आता है।

हम सबमें,

जोश भर जाता है।

चारों ओर,

उमंग छा जाता है।

तिरंगे का हम,

करते मान।

उनको देते हम सम्मान,

तिरंगे में बसता।

हमारा स्वाभिमान।

-ममता रानी

तिरंगे को सलाम

Poem On National Flag In Hindi

हर छात्र सजा धजा है।

ढमढम बैंड बजा है।।

बिगुल भी अविराम

तिरंगे को फहराया है।।

उसको करें प्रणाम।

अदब से करें सलाम।।

यह कैसा है संयोग।

देख रहे सारे लोग।।

इन्द्रधनुष भी निकला

सतरंगा लिए ललाम।।

उसको करें प्रणाम।

अदब से करें सलाम।।

आजादी के गूंजे तराने।

हम सुन के सीना ताने।।

जोश उमंग उत्साह की

लहरें उठती उद्दाम।।

उसको करें प्रणाम।

अदब से करें सलाम।।

-गफूर ‘स्नेही’

तिरंगा

Poem On National Flag In Hindi

भारत की पहिचान तिरंगा,

जन-गण-मन की शान तिरंगा।

केसरिया, सफेद, हरा है

जग में है द्युतिमान तिरंगा।

विद्यमान है जल-थल-नभ में,

गाता है जयगान तिरंगा।

सीमाओं पर रक्षा करते,

वीरों का अभिमान तिरंगा।

त्याग-समर्पण भाव जगाता,

सिखलाता बलिदान तिरंगा।

कभी देश को आंच न आए,

देता है वरदान तिरंगा।

देश-धर्म पर बलि -बलि जाएँ,

करता है आह्लान तिरंगा।

व्रती और कर्मठ जन-जन से,

चाह रहा सम्मान तिरंगा।

-गौरीशंकर वैश्य विनम्र

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