Poem On Sawan In Hindi :- सावन भारतीय हिंदू पंचांग में हिंदू कैलेंडर का चौथा महीना होता है। यह वर्ष के ग्रीष्म ऋतु के अंत को सूर्योदय से पूर्व और सूर्यास्त से पूर्व वर्षा का समय अनुमानित करता है। इस महीने में बरसात के पानी से पृथ्वी की सुंदरता और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठाया जाता है।
सावन के महीने में बारिश की बूँदें खेतों को हरा-भरा बनाती हैं और प्रकृति को नया जीवन देती हैं। यह महीना किसानों के लिए खास खेती का समय होता है। उन्हें खेतों की तैयारी करनी होती है और फसलों की बुवाई करनी पड़ती है। सावन में खेतों की सुंदरता देखने में आनंद होता है, जब हरियाली से सजे खेत आत्मा को शांति और ताजगी देते हैं।
धार्मिक दृष्टिकोन से भी सावन का विशेष महत्व होता है। इस महीने में कई पारंपरिक त्यौहार मनाए जाते हैं। सावन के सोमवार को “सावन सोमवार” कहते हैं और इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। लोग शिवलिंग के चारों तरफ जल चढ़ाते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं। सावन के इस महीने में कावड़ यात्रा भी आयोजित की जाती है, जिसमें भक्त शिव की पूजा करते हुए तीर्थ यात्रा पर जाते हैं।
इस महीने में रक्षा बंधन भी मनाया जाता है, जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को दर्शाता है। बहन भाई के कलाई पर राखी बांधती है और भाई उसे उपहार देता है। यह त्योहार प्यार और सम्मान की भावना को प्रकट करता है और परिवार के सभी सदस्यों को एकजुट होने का आनंद देता है।
सावन का महीना प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत उत्सव होता है। इस महीने में वर्षा के पानी से प्रकृति का नवरंगीकरण होता है और हर दृश्य एक खूबसूरत पेंटिंग की तरह दिखता है। सावन का यह महीना जीवन में नए उत्साह का संचार करता है और हमें आनंद और प्रसन्नता का अनुभव कराता है। इस महीने में प्रकृति की गोदी में बैठकर अपने प्रियजनों के साथ बिताए गए समय का अनुभव ही वास्तविक सुख का आनंद है।
सावन का महीना भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है और हमारे जीवन में प्रकृति के साथ एक मिलनसार रिश्ते को प्रशस्त करता है। इस महीने में बरसात के पानी से भरी हरी-भरी धरती एक खास तस्वीर बनती है, जिसमें हम अपने जीवन की मुद्दतों से भरे तन मन से आनंद उठा सकते हैं।

आया सावन
Poem On Sawan In Hindi
रिमझिम बूंदें लेकर,
हंसता सावन आया।
जैसे स्वर्ग से होकर,
कोई मनभावन आया।
नील गगन में उड़ती,
काली-काली बदरी।
मस्त स्वच्छंद घूमती,
ज्यों धरी छड़ी परी।
कूप नदी सरोवर,
हुए सब पानी-पानी।
मेढक की टर्र -टर्र,
याद रही जुबानी।
-टीकेश्वर सिन्हा
हर्षित मन मेरा
Sawan Poem In Hindi
सावन की तीज का त्योहार है
झूम रही हैं आज कलियां सारी
बागों में फैली झूलों की बहार हैं,
मंद मंद मुस्कुरा रहा है, बादल।
बारिश की बूंदों की मीठी फूहार है।
सजी हुई है हाथों में मेहंदी
रचा उसमे पिया का प्यार है।
सोलह श्रृंगार से सजी हुई गौरी,
आंखों में खुशियों का संसार है।
लहराकर चुनर हरियाली ओढ़े।
हरियाली तीज का ये दुलार है।
मिलकर गीत सावन के गाएं,
दिल में उनके प्रेम की पुकार है।
कोयल कूक रही बगिया में,
नाचे मोर सावन की बहार है।
खिलखिला रही सब सखियां
गलबहिया करती बार-बार हैं।
ऐसा महका सावन घर आंगन में,
मिल गई जो खुशी वो स्वीकार हैं।
-सुषमा गुप्ता
सावन की सुहानी बेला
Poem On Sawan In Hindi
सावन की सुहानी बेला,
बरसात की मिठी खुशबू लाई।
धरती ने अंगन सजाया,
आकर्षक रंगों से नवरंग बनाई।
घनी बादलों की छांव में,
खेतों में रंगीन बहार आई।
फुहारें खिलीं, कविताएँ गाईं,
प्रकृति का वीरहार नजर आई।
बूंदों की गुंजार में हंसते,
छाती चारों दिशाएँ भर आईं।
रमज़ान की ढाल ढल जाने को,
एक नयी उमंग से मन भर आई।
बादलों की ढेरी में खो जाने को,
खुशियों का खज़ाना मिला जो।
प्यार और सज़बे की भरमार में,
जीवन को नई राह मिला जो।
धरती की गोदी से बहते जब जल,
खेतों में खिलती खुशियों का मेला।
सावन की सुहानी बेला आई,
सभी को खुशियों से झूमने को मिला।
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सावन की धूप
poem on sawan in hindi
सावन की धूप में झूल रही,
फूलों की खुशबू फैल रही।
बादल छाए छाए जगहें,
सभी को रंगीन बना रही।
देखो आया सावन आया,
हर दिल को खुशियों से भराया।
प्रेम और भक्ति का रंग छाया,
हर दिल को प्यार से भराया।
बरसात की बूँदों से रंगी,
फसलों को सजाया बगीचे।
धरती ने प्रकृति को सजाया,
बिखरे रंगों से नयी दस्तानें लिखीं।
कविताएँ गातीं, प्यार वार्षिकी,
भीगे लहरों में बाँटती खुशियाँ।
मीठे बोलों में घुलती भक्ति,
आत्मा को शांति का मेल मिलाती।
सावन की रिमझिम बूँदें बरसे,
आकर्षक रंगों से जग को सजाये।
प्रेम और मुस्कान का मौसम आया,
सबको आनंद से झूमने को मिलाये।
सावन आया
best poem on sawan in hindi
सावन आया, बरसा रहा है वर्षा,
मन में उमंग, है आनंद अविरल।
प्रकृति को सजाया, हरा-भरा नजारा,
खुशियों का जहां, भरा प्यारा दृश्य विशाल।
बादल छाए, बूंदें बरसे,
धरती खिली, नवरंग भरे।
प्रेम की फुहार, भक्ति का संग,
सावन की धूप, सबको भर दे उत्साह।
कविताएँ लिख रहीं, गीत गाती हैं,
प्रेम की बातें, मन को भाती हैं।
हंसते खेतों में, भटकती फूहारें,
सावन का आगमन, सबको जोश भराता है।
धरती को भिगो रहा, सावन का बादल,
गर्मी की छुट्टी, छटा रहा आलस।
आत्मा को शुद्ध, कर रहा वर्षा,
सावन की मिठी बरसात, है जग में सुखद उत्सव।
सभी के हृदय में, सावन का गीत,
खुशियों का संगम, हर आंचल में बीत।
सावन आया, बरसा रहा है वर्षा,
मन में उमंग, है आनंद अविरल।
सावन की सुगंध
best poem on sawan in hindi
सावन की सुगंध चाँदनी रात,
फूलों की खिलती बाग़ियाँ।
धरती पर बनी रंगीन चादर,
आसमान से आई बरसात।
बादलों की छाँव ने छाया,
धरती पर प्यारा एक सजाना।
प्रकृति को नवरंगी ढांक दिया,
आत्मा को मिली शांति का वरदान।
सज रही हैं खेत और बगीचे,
फूलों से रंग रंगीन भरा।
प्रेम और मित्रता की बौछारें,
बना रहीं हैं मन को प्यारा।
गीतों की मिठी धुन सुनाई,
आँखों में छाया आनंद।
सावन की धरती को सजाकर,
आत्मा को पाया शांति का अनंत।
सावन का वरदान है प्रेम और सौहार्द,
आत्मा में हैं उमंग और भावनाएँ।
हर जीवन को रंगीला बनाता है,
सावन का मौसम, हर्षोल्लास से भरा।
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