आया सावन
Poem On Sawan In Hindi
रिमझिम बूंदें लेकर,
हंसता सावन आया।
जैसे स्वर्ग से होकर,
कोई मनभावन आया।
नील गगन में उड़ती,
काली-काली बदरी।
मस्त स्वच्छंद घूमती,
ज्यों धरी छड़ी परी।
कूप नदी सरोवर,
हुए सब पानी-पानी।
मेढक की टर्र -टर्र,
याद रही जुबानी।
-टीकेश्वर सिन्हा
हर्षित मन मेरा
Sawan Poem In Hindi
सावन की तीज का त्योहार है
झूम रही हैं आज कलियां सारी
बागों में फैली झूलों की बहार हैं,
मंद मंद मुस्कुरा रहा है, बादल।
बारिश की बूंदों की मीठी फूहार है।
सजी हुई है हाथों में मेहंदी
रचा उसमे पिया का प्यार है।
सोलह श्रृंगार से सजी हुई गौरी,
आंखों में खुशियों का संसार है।
लहराकर चुनर हरियाली ओढ़े।
हरियाली तीज का ये दुलार है।
मिलकर गीत सावन के गाएं,
दिल में उनके प्रेम की पुकार है।
कोयल कूक रही बगिया में,
नाचे मोर सावन की बहार है।
खिलखिला रही सब सखियां
गलबहिया करती बार-बार हैं।
ऐसा महका सावन घर आंगन में,
मिल गई जो खुशी वो स्वीकार हैं।
-सुषमा गुप्ता