41+ Poem On Women Empowerment In Hindi | नारी सशक्तीकरण पर कविता

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Here I’m sharing with you Top 41+ Best Poem On Women Empowerment In Hindi. There are provide the best articles and poems based on women’s power so keep enjoying and reading.
हमारे समाज और राष्ट्र के विकास की धुरी नारी होती हैं। महिलाओं के विकास के बिना देश का विकास नहीं हो सकता हैं। इसीलिए नारी को जगत जननी कहा जाता हैं। नारी ही माता के रूप में अपने बच्चों को पालन करती हैं, पत्नी और बेटी के रूप में सेविका का कार्य करती हैं और देश की आन-बान शान के लिए वह वीरांगना के रूप में रक्षा भी करती हैं, ऐसी शक्ति होती हैं नारी। भारत देश में महिलाओं को देवी देवता के रूप में पूजा जाता है। वेद पुराणों में कहा गया है किसी देश की संस्कृति को समझना है तो सबसे पहले हमें उस देश की महिलाओं के बारे में जरूर जानना चाहिए।

आज के युग में नारी शक्ति का एक अहम विषय भी बन चुका हैं। जिस देश की महिलाओं का विकास नहीं हुआ, वह देश आगे विकास ही नहीं कर सकता। देश और समाज का उन्नति का एक ही रास्ता है वह है महिलाओं और बेटियों को जागरूक करना।

एक शिक्षित नारी अपने परिवार के साथ सामाज का भी उद्धार करती है। हमारा आज के पोस्ट में जो कि नारी शक्ति पर कविता का लिखने का यही मकसद है कि समाज में नारी को कमज़ोर नही समझना चाहिए और साथ ही साथ बेटी हो या महिला नारी के साथ दुष्कर्म नही करना चाहिए। उन्हें हम कविता के माध्यम से प्रोत्साहित कर सकते हैं। इसीलिए आज यहां पर उनके जीवन पर सुंदर कविता प्रस्तुत किया गया है।

 

Poem On Women Empowerment In Hindi

 

नारी शक्ति

Poem On Women Empowerment In Hindi

 

 

तूने क्यूँ अपनी कीमत ना पहचानी?

तू ही जगत जननी दुर्गा भवानी,

तेरे आँसुओं की वो अविरल धारा

क्या कोई उनका मोल है चुका पाया?

बुंदेले हरबोलो के मुँह हमने,

तेरी सुनी कहानी

क्या खूब लड़ी वो नारी,

जिसने अपनी शक्ति पहचानी।

बड़े-बड़ो को धुल चटाई,

वीरांगना स्वतंत्रता सेनानी

सीखा गई वो सीख,

जो हमें थी सीखानी।

फिर भी नारी,

कैसे तूने अपनी शक्ति ना पहचानी

कित्तुर रानी चेनम्मा हो,

या झाँसी की झलकारी बाई।

घोर जंगल में गरजते बाघ को,

निडरता से मार गिराई।

इनकी तलवारों के आगे,

कोई भी सेना टीक ना पायी।

लहू बहा कर भी,

आजादी की दहाड़ सुनाई।

फिर भी नारी,

कैसे तूने अपनी शक्ति ना पहचानी?

भारत की बुलबुल,

सरोजनी नायडू,

पहली नारी राज्य गवर्नर का पद पायी

उत्पीड़न के विरूद्ध आवाज।

इन्होंने भी उठायी,

भाषण में साहस व

कार्यवाही में ईमानदारी,

इन्होंने ही बताई फिर भी नारी।

कैसे तूने अपनी शक्ति ना पहचानी,

तूने अनेकों महिषासुर का किया संहार।

तूने हर जीव में किया,

जीवन का संचार।

तूने हर स्पंदन को,

अपनी छाती से है सींचा।

फिर इन लक्ष्मण रेखाओं,

को किसने खींचा?

कैसे सबने मिल के,

तेरे करूणमयी शीश।

को शर्म से है झुकाया,

तेरे आँसुओं की वो अविरल धारा।

क्या कोई उनका मोल है चुका पाया?

दहेज के लिए जलाए जाना,

कोख में बेटी की निर्मम हत्याएँ,

तूने कैसे जीना सीखा?

तू क्या भूल गई,

तू ही दुर्गा तू ही भवानी,

फिर कैसे जिंदा है ये दुराचारी?

-श्रीमती इशिता सिंह

 

नारी शक्ति

Poem On Women Empowerment In Hindi

 

Poem On Women Empowerment In Hindi

 

 

हे पुरुष अपमान ना कर नारी का,

समाज इन्हीं के बल पर चलता है।

नारी की कोख से जन्म लेकर भी,

पुरुष तू इतना क्यों अकड़ता है।।

मैं आज की नारी हूँ,

सर्वगुण सम्पन्न कहलाऊंगी।

पढ़ लिख कर इस संसार मे,

अपना नाम कमाऊंगी।।

सहनशील, चुप्पी तोड़कर,

हर क्षेत्र में आगे जाऊंगी।

साहस और शक्ति लेकर,

पुरुषों से आगे बढ़ जाऊंगी।।

मूर्तियों मे कैद नहीं,

खुद कलाकार बन जाऊंगी।

मेहनत से जग में,

सम्मान पाकर दिखलाऊँगी।।

मैं आज की नारी हूँ,

सर्वगुण संपन्न कहलाऊंगी।

डरकर नहीं जियूँगी अब,

निडर होकर दिखलाऊँगी।।

लोगों के अत्याचारों को,

स्वयं ही मैं मिटाऊंगी।

काली, दुर्गा का रूप लेकर,

सबको सबक़ सिखाऊंगी।।

नारी की शक्ति प्रबल है,

इस बात को मैं बतलाऊंगी।

मैं आज की नारी हूँ,

सर्वगुण सम्पन्न कहलाऊंगी।।

-आसिया खातून

 

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मैं हूँ आज की नारी

Poem On Women Empowerment In Hindi

 

Poem On Women Empowerment In Hindi

 

 

मैं हूँ आज की नारी,

अबला नहीं, हूँ चिंगारी।

मेरी चुप्पी की कमजोरी न समझो,

‌‌ मुझे अपने ही समान समझो।

जो मैं बोलूँ तो अर्श-फर्श पर आ जायेे,

परिवार की माला टूटकर बिखर जाये।

पर मेरा स्वभाव नहीं है तोड़ना,

खुद टूटकर अखिल विश्व जोड़ना।

तकलीफें मैं सहती हूँ रोज,

फिर भी बढ़ती हूँ जीवन पथ पर रोज।

मुझे गर्व है मैं नारी हूँ,

हे परमात्मा! तुम्हारी आभारी हूँ।

मैं सबसे सुंदर कृति तुम्हारी,

मैं ही लक्ष्मी-काली अवतारी हूँ।

-सुधा जोशी

 

नारी शक्ति

Poem On Women Empowerment In Hindi

 

Poem On Women Empowerment In Hindi

 

 

मैं नारी हूँ मैं नारी हूँ,

मैं जग–जननी सब पर भारी हूँ।

दुनिया का मुझको डर नहीं,

मैं झाँसी की रानी हूँ।

सरस्वती, लक्ष्मी, शीतला,

‌ मैं दुर्गा भी बन जाऊँ।

‌‌ मनमोहिनी, देवी सी,

मैं काली का रूप दिखलाऊं।

मैं जज्बातों का ढेर हूँ,

मैं ममता की मूरत हूँ।

रोक ना पाये कोई मुझको,

मैं खुद में ही भरपूर हूँ।

अपने अंदर की शक्ति,

मै आज तुम्हे दिखलाऊंगी।

बिना रुके, बिना थके,

हर मंजिल को, मै पार कर जाऊंगी।

-रेनू सिंह 

 

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नारी सशक्तिकरण

Poem On Women Empowerment In Hindi

 

Poem On Women Empowerment In Hindi

 

 

दें हर पथ में नारी का साथ,

देश का भविष्य नारी के हाथ।

करो न इस पर अत्याचार,

मच जायेगा हाहाकार।

नारी को अबला ना जानो,

नारी की शक्ति को पहचानो।

आओ मिल करे नारी सम्मान,

जिससे हो देश समाज का उत्थान।

आओ स्वच्छ समाज बनाए,

महिला जागरूकता का पाठ पढ़ाए।

धरती हो या आकाश पर,

नारी पहुंची अब चांद पर।

एक नयी आशा के साथ,

आओ सब मिलाकर हाथ।

एक स्वच्छ समृद्ध समाज बनाए,

विश्व में देश का नाम कराये।

-सरल श्रीवास्तव

 

जागृति

Poem On Women Empowerment In Hindi

 

 

तू नारी है नारी का सम्मान रखना

भले जान जाए मगर शान रखना,

दया, प्रेम, ममता की तू है कहानी।

हंसे तू रहे किन्तु आंखों में पानी,

हो मुश्किल कोई अपनी पहचान रखना,

समझना न अपने को औरों से कमतर।

हो कोशिश तो कर सकते हो उनसे बेहतर,

हमेशा मेरी बात का ध्यान रखना,

न तेरी नज़र में हो बेकार कोई।

न हो मन में नफरत की दीवार कोई,

निज हाथों में गीता व कुरान रखना,

करो कर्म ऐसा कि यश पा सको तुम।

बुलंदी के उस पार भी जा स को तुम,

बढ़ो आगे मन में न अरमान रखना,

तुम हो शक्तिशाली जियो सिर उठाकर।

उगो नव किरण सी धरा के क्षितिज पर,

नई सभ्यता है नया ज्ञान रखना

भले जान जाए मगर शान रखना।

-इश्तियाक

 

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नारी जीवन का आधार

Short Poem On Women’s empowerment in Hindi

 

Poem On Women Empowerment In Hindi

 

 

नारी है जीवन का आधार,

मत करो इसका अपमान।

फैलाती है जीवन में प्रकाश,

करो तुम इसका सम्मान।।

वात्सल्य प्रेम से ओतप्रोत,

प्रेम, ममता की मूरत है।

ह्रदय में करूणा निश्छल मन,

दया, त्याग की मूरत है।।

कभी सावित्री तो कभी सीता,

कभी लक्ष्मी बाई बनकर आयी है।

जब सम्मान पर आंच आए,

चंडी का रूप भी लेकर आयी है।।

अबला ना समझो तुम उसे,

हर क्षेत्र में इनकी भागीदारी है।

पुरुषों से कंधा मिलाकर चले,

कभी किसी से ना हारी है।।

-हेमलता यादव

 

नारी

Short Poem On Women’s Empowerment in Hindi

 

 

फूलों की मुस्कान है नारी,

कोमलता का प्रतीक भी नारी।

अपनी ज़िद पर आ जाए जब,

प्रतिज्ञा का भी प्रतीक है नारी।

बिजली की गरज़ भी है नारी,

बादल की आवाज़ भी नारी।

धरती का सम्मान है नारी,

देवी का अवतार है नारी।

यही है चण्डी,यही है काली,

हर रूप सुहाना, हर अदा निराली।

‌‌ काट कर अपना अंग ये,

जन्म देती है नई जिंदगी ये।

ब्रह्माण्ड की शोभा है नारी,

घर की लक्ष्मी है नारी।

इस शोभा की हमें करनी है रखवाली,

बेटी, बहन, माँ हर रूप में खिलती है नारी।

-जिज्ञासा धींगरा

 

शक्ति

Short Poem On Women’s Empowerment in Hindi

 

 

नारी शक्ति है संसार की

परिवार, देश, समाज की

बाधाओं के बवंडर में

अडिग सुदृढ़ चट्टान सी

आशा पल्लवित आँखों में पोषित

साकार स्वप्न उड़ान की

‌ नारी शक्ति…

हर भाव के प्रारंभ से लेकर

विस्तार सह अंजाम की

ममता लुटाती निश्छल माँ सी

प्रेम के सफल पहचान की

दुराचारियों का संहार करती

तीक्ष्ण, भवानी के कृपाण सी।

नारी शक्ति…

-खुशबू कुमारी

 

नये भारत की नारी

Poem On Women Empowerment In Hindi

 

 

मैं नए भारत की सक्षम नारी हूं,

मैं एक नया सवेरा लाऊंगी।

मैं अपनी बुद्धि और साहस से,

भ्रष्टाचार रूपी अंधकार को मिटाऊंगी।।

अब मैं नहीं झुकूँगी नहीं रुकुंगी,

बढ़कर आगे उनको बताऊंगी।

जो बेटे से कमतर समझते बेटी को,

उनकी आंखों को खोल कर दिख लाऊंगी।।

मैं खुशबू हूं बागों की, मैं रंगों की पहचान,

अपनी क्षमता से सुंदर संसार बनाऊंगी।

मैं नवनिर्माण का सवेरा लाऊंगी,

मैं सक्षम, सुदृढ़ नया भारत बनाऊंगी।।

-तलत जहाँ

 

नारी

Poem On Women Empowerment In Hindi

 

 

मैं हूं नारी, अबला कहती है दुनिया सारी,

न है साहस, ऐसा समझती है दुनिया सारी।

इज्ज़त को सदा दागदार करती है,

ऐसी ही है मरहूम दुनियाँ हमारी।

माँ काली दुर्गा की अभिव्यक्ति हूँ,

नाश असुरों का मैं करती हूँ।

सृष्टि का सृजन भी मैं करती हूँ,

ऐसा जतन नित-नित करती हूँ।

है मूर्ख जो ये कहता कि

तू है अबला नारी,

है मर्द कहता खुद को तू,

‌ तो सुन ले व्यथा हमारी।

झेल जा बस एक बार

प्रसव पीड़ा हमारी

नानी तेरी याद आ जाएगी,

थर-थर कांपेंगी भुजा सारी।

यह देख सब तू समझेगा कि,

क्या होती है एक नारी,

तब पुरुष कहेगा

गलती ही थी हमारी।

समझ बैठा जो इस सशक्त

स्त्री को मैं अबला नारी,

जहां सम्मान हो नारी का,

वहां आयें खुशियाँ सारी।

-आशुतोष कुमार

 

नारी तू हार मत मान

Poem On Women Empowerment In Hindi

 

 

हे नारी! तू नारायणी है,

तू शक्तिदायनि है।

तू ही शक्ति का रूप,

तू ही देवी स्वरूप है।

जब-जब, मानव-दानव बन

तुझ पर टूटता है, तुझे रौंदता है।

तू उठ, तू बढ़,

तू प्रचंड वेग से कर प्रहार।

तू कर उनका संघार,

पहचान तू अपने उस रूप को।

नाश कर उन पापियों के स्वरूप को।

क्योंकि तू नारी! नारायणी रूप है।

तू शक्ति दायिनी है।

तू चाहे जो वो सब कर सकती हो।

अपने अनुसार इस दुनिया में जी सकती हो।

नए सपने नए विचार,

अपने अब रख सकती हो।

हे नारी! तू लड़, तू बढ़,

तू हिम्मत न हार

तुझमें है हौशला,

तुझ में है अटल विश्वास।

समाज के लोगों के विचार,

हमें ही खुद बदलना होगा।

जिन्हें वह देवी कहते हैं,

उनके विचारों में देवी रूप भरना होगा।

ऐसा हम कर दिखलाएंगे,

अपने हौसलों के पंख से आसमान छू जाएंगे।

हे नारी! तू हार मत मान, तू हार मत मान।

तुझमें है अनुपम शक्ति,

तू खुद की शक्ति को पहचान।

हे नारी! तू हार मत मान,

तू हार मत मान।

-नीतू सिंह

 

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नारी तेरे रूप अनेक

Women Empowerment Poem In Hindi

 

जाने कितने ही रूपों में नारी

जीवन को तुमने ढाला है।

कभी बनी मूर्ति सौम्यता की

तो कभी रणचंडी बन मोर्चा संभाला है।

माँ, बहन, बेटी या पत्नी

हर रूप में कर्तव्य निभाया है।

कभी बन प्रेयसी भी तुमने

लड़खड़ाते कदमों को संभाला है।

जन्म लिया एक आलय में

दूजे घर को अपनाया है।

एक नहीं दोनों आंगन को

प्रेम की बगिया से महकाया है।

ममता के अपने आँचल से

बच्चों का जीवन सजाया है।

सदमार्ग में चलने का उनको

जीवन में मार्ग बताया है।

अंतस में अपने दर्द समेटे,

मुस्कान से होठों को सजाया है।

नैनों में दुख के नीर भरे

पर कोरों में ढलने से बचाया है।

अपनी उड़ानें, अपने सपने,

परिवार की खुशियों पर वारा है।

जज़्बा है छू लेने का नभ भी

पर जमी को ही माना आकाश सारा है।

तुम ही भक्ति, तुम ही शक्ति,

दुनिया में खेल निराला है।

पग-पग पर बिखरे शूलों से

छलनी हुए बिन अपने

कदमों को निकाला है।

समझ सका ना कोई अब तक

कितना नारी का मन गहरा है।

समझ सका है क्या अब तक कोई

समंदर में पानी कितना ठहरा है।

आज के दौर की माँग यही है,

होकर श्रृंगारित शस्त्र भी चलाना है।

अपनी गरिमा और सम्मान की खातिर

अब खुद ही रणचंडी बन जाना है।

-भारती यादव

 

नारी

Women Empowerment Poem In Hindi

 

 

औरत नारी रुपसी वाला

ओढ़ी नहीं सिर्फ मर्यादा छाला।

जीवन उसका धार कटार

बढ़ती वह पग-पग संभार।

सतीत्व त्याग में सावित्री-सीता

कर्म क्षेत्र की पावन गीता।

वहीं विराट विश्व की जननी

शोषण अन्याय कदाचार की हननी।

कण-कण की पीयूष प्रवाहिनी

बन जाती भीषण ज्वाला वाहिनी।

वही कुल शीला कोमलांगी बाला

अमर होती बन रणचंडी ज्वाला।

आँचल उसका जीवन-रस बरसाता

और क्षिति-अंबर नदीश कहलाता।

दया माया मधुरिमा की मूर्ति साकार

अकारण न लाए मन में विकार।

पी नित हर-विष प्याला

बिखराती नूतन मणि उजाला।

हेतु वही पौरुष की पहचान

पीयूष-वर्षिणी प्रकृति महान।

-मिथिलेश तिवारी

 

हां मैं नारी हूँ

Women Empowerment Poem In Hindi

 

 

शक्ति हूं, स्वरूपा हूं, ऊर्जा हूं,

चंचल हूं, कोमल हूं,ममता हूं।

सब पर भारी, हां मैं नारी हूं,

कभी रौद्र रूप तो कभी ममताधारी हूं।।

रानी की वीरता, मदर टेरेसा की

निर्मलता की पहचान मैं।

कल्पना चावला और

सुनीता विलियम की उड़ान मैं।।

शोषण के विरुद्ध आवाज बुलंद हूं,

घर बाहर निर्णय लेने में स्वतंत्र हूं।

इसलिए देश की पहली पसंद हूं,

हां मैं नारी हूं, हां मैं नारी हूं।।

सम्मान और प्यार की हकदार मैं,

आंच न आए घर पर ऐसी ढाल मैं।

आत्मविश्वास, करुणा की पहचान मैं

एक नहीं दो-दो कुलों की शान मैं ।।

हां मैं नारी हूं, हां मैं नारी हूं।

एक नहीं सौ-सौ अवतारधारी हूं।।

-नीलम जैन

 

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